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भारतीय रिज़र्व बैंक ने पांच भुगतान प्रणाली ऑपरेटरों पर मौद्रिक दंड लगाया

27 अगस्त 2021

भारतीय रिज़र्व बैंक ने पांच भुगतान प्रणाली ऑपरेटरों पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने ट्रांजेक्शन एनालिस्ट्स (इंडिया) प्रा.लिमिटेड पर भारत में पीपीआई जारी करने और उनके संचालन पर दिनांक 11 अक्टूबर 2017 (17 नवंबर 2020 को अद्यतन) और दिनांक 25 फरवरी 2016 (20 अप्रैल 2020 को अद्यतन) के मास्टर निदेश- अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) निदेश, 2016 में निहित आरबीआई द्वारा जारी निदेशों के कुछ प्रावधानों के उल्लंघन / अननुपालन के लिए 3 करोड़ रुपये (तीन करोड़ रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।

20 जून 2012 को 'भारत में व्हाइट लेबल एटीएम - दिशानिर्देश' में निहित निदेशों के कुछ प्रावधानों के उल्लंघन/ अननुपालन के लिए नीचे दिए गए विवरण के अनुसार चार व्हाइट लेबल एटीएम (डब्ल्यूएलए) ऑपरेटरों पर मौद्रिक दंड भी लगाया गया है।

क्रम संख्या संस्था का नाम सकारण आदेश दिनांकित दंड राशि
( करोड़)
1. बीटीआई पेमेंट्स प्रा. लिमिटेड 13-08-2021 2
2. हिताची पेमेंट सर्विसेज प्रा. लिमिटेड 13-08-2021 2
3. टाटा कम्युनिकेशंस पेमेंट सॉल्यूशंस लिमिटेड 13-08-2021 1
4. वक्रांगी लिमिटेड 13-08-2021 1

भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 की धारा 30 के प्रावधानों के तहत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए दंड लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

ट्रांजेक्शन एनालिस्ट्स (इंडिया) प्रा. लिमिटेड के ऑन-साइट निरीक्षण में, अन्य बातों के साथ साथ यह पता चला कि, एस्क्रो अकाउंट बैलेंस, कुछ लेनदेन के लिए निर्धारित सीमा और केवाईसी पर आरबीआई द्वारा जारी निदेशों का अनुपालन नहीं किया गया।

डब्लूएलए ऑपरेटरों के संचालन की ऑफ-साइट समीक्षा से पता चला था कि एटीएम के नियोजन और नेट-वर्थ के रखरखाव पर आरबीआई द्वारा जारी निदेशों का अनुपालन नहीं किया गया था। तदनुसार, संस्थाओं को नोटिस जारी की गई थीं । नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई में किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई द्वारा जारी निदेशों का अनुपालन न करने के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/768

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