भारतीय रिज़र्व बैंक ने केईबी हाना बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने केईबी हाना बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया
13 मई 2022 भारतीय रिज़र्व बैंक ने केईबी हाना बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 12 मई 2022 के आदेश द्वारा केईबी हाना बैंक (बैंक) पर आरबीआई द्वारा जारी ‘भारतीय रिज़र्व बैंक (जमाराशियों पर ब्याज दर) निदेश, 2016’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹59 लाख (उनसठ लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2020 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में आरबीआई द्वारा उनके पर्यवेक्षी मूल्यांकन के लिए किए गए सांविधिक निरीक्षण, जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट और सभी संबंधित पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला है कि निम्नलिखित सीमा तक उपर्युक्त निदेशों का अननुपालन किया गया है (i) जमाराशियों पर दी जाने वाली ब्याज दरें सुसंगत और पारदर्शी नहीं थीं, (ii) पर्यवेक्षी समीक्षा के लिए ब्याज दरों का विवरण कोर बैंकिंग प्रणाली में उपलब्ध नहीं था और (iii) प्रस्तावित ब्याज दरें सभी ग्राहकों के लिए समान नहीं थीं और प्रकृति में विभेदकारी थीं। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि आरबीआई द्वारा जारी निदेशों, जैसा कि उसमें कहा गया है, का अनुपालन नहीं करने के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों के अननुपालन के आरोप सिद्ध हुए हैं और ऐसे निदेशों के अननुपालन की सीमा तक मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/210 |