मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (जमाराशियों पर ब्याज दर) निदेश, 2016 (07 जून 2024 को यथासंशोधित) - आरबीआई - Reserve Bank of India
मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (जमाराशियों पर ब्याज दर) निदेश, 2016 (07 जून 2024 को यथासंशोधित)
इस तिथि के अनुसार अपडेट किया गया:
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आरबीआई/2015-16/19 03 मार्च 2016 मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (जमाराशियों पर ब्याज दर) निदेश, 2016 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 21 तथा 35 क के अधीन प्रदत्त शक्तिर्यों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक, इस बात से आश्वस्त होने पर कि ऐसा करना लोकहित में आवश्यक और लाभकारक है, एतद्वारा इसमें इसके बाद विनिर्दिष्ट निदेश जारी करता है। (a) इन निदेशों को भारतीय रिज़र्व बैंक (जमाराशियों पर ब्याज दर) निदेश, 2016 कहा जाएगा। (b) ये निदेश उस दिन से लागू होंगे, जिस दिन इन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर रखा जाएगा| इन निदेशों के प्रावधान प्रत्येक अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक {क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) सहित}, लघु वित्त बैंक, भुगतान बैंक और स्थानीय क्षेत्र बैंक पर लागू होंगे1। ये निदेश भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं के परिचालन पर लागू नहीं होंगे। (A) इन निदेशों में, जब तक कि संदर्भ में अन्यथा अपेक्षित न हो, शब्दों का अर्थ वही होगा, जो उन्हें नीचे प्रदान किया गया है: (i) “थोक जमाराशि” का आशय है: 1. अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) और लघु वित्त बैंकों के लिए रुपये तीन करोड़ और उससे अधिक की एकल रुपया सावधि जमाराशियां। 2. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और स्थानीय क्षेत्र बैंकों के लिए रुपये एक करोड़ और उससे अधिक की एकल रुपया सावधि जमाराशियां। (ii) “संमिश्र नकदी ऋण” का आशय है किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया ऋण उत्पाद का एक प्रकार, जिसमें एक पूर्ण बचत मॉड्यूल के साथ नकदी ऋण सीमा भी हो। (iii) “चालू खाता” का आशय ऐसी ब्याज रहित मांग जमाराशि है जिसमें से, खाते में शेष राशि के आधार पर अथवा किसी विशिष्ट सहमत राशि तक के आहरण, चाहे जितनी बार किये जा सकते हों तथा उसमें ऐसे अन्य जमा खाते भी शामिल माने जायेंगे जो न तो बचत खाते हैं और न ही मीयादी खाते; (iv) “दैनिक गुणनफल” का आशय है दैनिक शेष पर लगाया गया ब्याज। (v) “मांग जमाराशि’’ का आशय है बैंक द्वारा प्राप्त जमाराशि जिसे मांग पर आहरित किया जा सकता है। (vi) “देशी रुपया जमाराशि’ का आशय है भारत में चालू खाता, बचत खाता या मीयादी जमा के रूप में रुपए में रखी गई जमाराशि (vii) “परिवार” में बैंक की सेवा/ स्टाफ विनियमावली में उल्लिखित सदस्य शामिल हैं। (viii) “एफसीएनआर(बी) खाते’ का आशय है विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खाता जैसा कि समय-समय पर संशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमाराशि) अधिनियम, 2000 में दिया गया है। (ix) “व्यक्ति’ का आशय है प्राकृतिक व्यक्ति। (x) ‘बैंक के स्टाफ सदस्य’ का आशय है नियमित रूप से नियोजित व्यक्ति, पूर्णकालिक या अंशकालिक; और इसमें परिवीक्षा पर भर्ती या विनिर्दिष्ट अवधि की संविदा या प्रतिनियुक्ति पर नियोजित और समामेलन स्कीम के परिणामस्वरूप लिए गए कर्मचारी शामिल हैं, किन्तु इसमें कैजुअल आधार पर नियोजित व्यक्ति शामिल नहीं हैं। (xi) “नोटिस जमाराशि’’ का आशय है निर्दिष्ट अवधि के लिए जमा की गयी ऐसी मीयादी जमाराशि जिसे एक पूरे बैंकिंग दिन का नोटिस देकर निकाला जा सकता हो। (xii) “एनआरई खाते” का आशय है ऐसा अनिवासी बाह्य खाता जिसका उल्लेख समय-समय पर संशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमाराशि) अधिनियम, 2000 में किया गया है। (xiii) “एनआरओ खाते” का आशय है ऐसा अनिवासी सामान्य जमा खाता जिसका उल्लेख समय-समय पर संशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमाराशि) अधिनियम, 2000 में किया गया है। (xiv) “बैंक के सेवानिवृत्त स्टाफ सदस्य’’ का आशय है बैंक की सेवा/ स्टाफ विनियमावली के प्रावधानों के अनुसार अधिवर्षिता पर या अन्य प्रकार से सेवामुक्त होने वाले कर्मचारी। (xv) “आरएफसी खाते” का आशय है ऐसा निवासी विदेशी मुद्रा खाता जिसका उल्लेख समय-समय पर संशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति का विदेशी मुद्रा खाता) अधिनियम, 2000 में किया गया है। (xvi) "बचत जमा राशि" का आशय ब्याज सहित मांग जमाराशि है जो जमा खाता हो, भले ही उसका नाम "बचत खाता", "बचत बैंक खाता", "बचत जमा खाता" “बुनियादी बचत बैंक जमा खाता” या कोई ऐसा अन्य खाता हो जिसका नाम चाहे कुछ भी हो, और जो किसी निर्दिष्ट अवधि के दौरान बैंक द्वारा अनुमत आहरणों की संख्या और साथ ही आहरणों की राशि के प्रतिबंधों के अधीन हो। (xvii) “अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक” का आशय है सहकारी बैंकों को छोड़कर वे सभी बैंक जो भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची में शामिल हैं। (xviii) "मीयादी जमा राशि" का अर्थ ऐसी ब्याज सहित जमा राशि है, जो बैंक द्वारा किसी निश्चित अवधि के लिए प्राप्त की गयी हो और इसमें आवर्ती /संचयी / वार्षिकी /पुनर्निवेश जमाराशियां, नकदी प्रमाणपत्र जैसी जमाराशियां भी शामिल होंगी। (B) यदि अन्यथा परिभाषित न किया गया हो, तो अन्य सभी अभिव्यक्तियों के अर्थ वही होंगे, जो बैंककारी विनियमन अधिनियम या भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934, अन्य किसी सांविधिक संशोधन या पुनर्अधिनियमन, जो भी लागू हो, में दिए गए हों, अथवा जैसा वाणिज्यिक वार्तालाप में प्रयुक्त होता हो। अध्याय - II अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक देशी, साधारण अनिवासी (एनआरओ), अनिवासी (बाह्य) (एनआरई) खातों और विदेशी मुद्रा (अनिवासी) खातों (बैंक) [एफसीएनआर (बी)] (चालू खाता जमाराशियों को छोड़कर) में अपने द्वारा स्वीकार अथवा नवीकृत की गई जमाराशियों पर इन निदेशों में विनिर्दिष्ट नियम एवं शर्तों पर ब्याज अदा करेंगे: (a) जमाराशि पर ब्याज दरों के लिए निदेशक बोर्ड या बोर्ड की कोई अन्य समिति, जिसे शक्तियां प्रत्यायोजित की गई हों, द्वारा विधिवत अनुमोदित व्यापक नीति होगी। (b) सभी शाखाओं और सभी ग्राहकों के लिए ये दरें समान होंगी तथा बैंक के किसी भी कार्यालय में एक ही दिन स्वीकार की गई एक ही राशि के लिए दो जमाराशियों पर अदा ब्याज के मामले में कोई भेदभाव नहीं होगा। (c) जमाराशियों पर अदा किए जाने वाले ब्याज की दरें पूर्णतः पहले से प्रकट की गई ब्याज दर अनुसूची के अनुसार होंगी। बैंक पर्यवेक्षी समीक्षा में सुविधा के लिए थोक जमाराशि ब्याज दर कार्ड अपने कोर बैंकिंग सिस्टम में बनाए रखेंगे। (d) ब्याज दरें जमाकर्ता और बैंक के बीच किसी मोल-भाव के अधीन नहीं होंगी। (e) प्रस्तावित ब्याज दरें उपयुक्त, एक समान, पारदर्शी और जब-जैसे अपेक्षित हो, पर्यवेक्षी समीक्षा/ जांच के लिए उपलब्ध होंगी। (f) जमाराशि पर ब्याज के भुगतान से संबंधित सभी लेनदेन रुपया जमाराशि के लिए निकटतम रुपए तक और एफसीएनआर(बी) जमाराशि में दो दशमलव अंकों तक पूर्णांकित किए जाएंगे। (g) गैर कारोबारी कार्य दिवस को परिपक्व होनेवाली जमाराशि पर ब्याज का भुगतान (i) यदि कोई मीयादी जमाराशि गैर कारोबारी कार्यदिवस को भुगतान के लिए परिपक्व होती है तो अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक को जमाराशि की विनिर्दिष्ट मीयाद के समाप्त होने की तारीख और जिस कार्यदिवस को जमाराशि का भुगतान किया जाना है, बीच में पड़ने वाले गैर कारोबारी कार्यदिवस के लिए आरंभिक मूलधन जमाराशि पर मूल संविदा दर पर ब्याज अदा करना होगा। (ii) पुनर्निवेश जमाराशियों तथा आवर्ती जमाराशियों के मामले में बैंकों को बीच में पड़ने वाले गैरकारोबारी कार्य दिवस के लिए परिपक्वता मूल्य पर ब्याज अदा करना होगा। (h) एक बैंक की शाखा के दूसरे बैंक में स्थानांतरित होने के परिणाम ग्रामीण और अर्ध-शहरी केन्द्रों में बैंक शाखाओं के अधिग्रहण के परिणामस्वरूप जमाखातों के एक बैंक शाखा से दूसरी बैंक शाखा में अंतरण की स्थिति में निम्नलिखित शर्तों का पालन करना होगा: i. जमाखाता नए बैंक में अंतरित माना जाएगा और अधिग्रहित होने वाली बैंक शाखा तथा ग्राहक के बीच हुई संविदा की शर्तों के अधीन ही शासित होना जारी रहेगा। ii. ऐसी अंतरित जमाराशि पर परिपक्वता तक वही ब्याज दर दी जाती रहेगी, जो शाखा के अधिग्रहण के समय देय थी। अध्याय - III चालू खाते में रखी गई जमाराशियों पर कोई ब्याज देय नहीं होगा। बशर्ते कि किसी मृत जमाकर्ता व्यक्ति या एकल स्वामित्व वाले प्रतिष्ठान के नाम पर चालू खाते में शेष राशि पर ब्याज जमाकर्ता की मृत्यु की तिथि से दावेदार/रों को चुकौती करने की तिथि तक भुगतान तिथि को बचत खाते पर लागू ब्याज दर के हिसाब से देय होगा। 6. देशी बचत जमाराशि पर ब्याज दर इन निदेशों की धारा 4 में दी गई शर्तों के अतिरिक्त, देशी रुपया बचत जमाराशियों पर ब्याज निम्नलिखित के अधीन होगा: (a) देशी रुपया बचत जमाराशि पर ब्याज अदायगी की गणना दैनिक गुणन फल के आधार पर निम्नलिखित रूप में की जाएगी: i. एक लाख रुपये तक के शेष पर एक समान ब्याज दर निर्धारित की जाएगी चाहे इस सीमा के भीतर खाते में राशि कुछ भी हो। ii. दिन-की-समाप्ति के समय एक लाख रुपये से अधिक बचत बैंक शेष के लिए विभेदक ब्याज दरें प्रदान की जा सकती हैं। 7. देशी मीयादी जमाराशियों पर ब्याज दर (a) इन निदेशों की धारा 4 में दी गई शर्तों के अतिरिक्त, मीयादी जमाराशियों पर ब्याज दर में विभेद केवल निम्नलिखित में से एक या एकाधिक कारणों से होंगे। i. जमाराशियों की अवधि बैंकों को जमाराशियों की परिपक्वता/अवधि तय करने की स्वतंत्रता होगी। बशर्ते कि जमाराशि की न्यूनतम अवधि सात दिन होगी। ii. जमाराशि का आकार विभेदक ब्याज दर सिर्फ थोक जमाराशियों पर दी जा सकेगी। बशर्ते कि विभेदक ब्याज दरें बैंक मीयादी जमाराशि स्कीम, 2006 के आधार पर बनाई गई जमाराशि स्कीमों या पूंजी लाभ खाता स्कीम, 1988 के अंतर्गत प्राप्त जमाराशियों पर लागू नहीं होंगी। iii. अवधिपूर्व आहरण के विकल्प की अनुपलब्धता बैंक अवधिपूर्व आहरण के विकल्प के बिना भी मीयादी जमाराशियां प्रस्तावित करने के लिए स्वतन्त्र होंगे। बशर्ते कि व्यक्तियों (एकल अथवा संयुक्त रूप से धारित) से रुपये एक करोड़ और उससे कम राशि लिए स्वीकार की गई सभी सावधि जमाराशियों में समयपूर्व आहरण की सुविधा होगी। (b) अवधिपूर्व आहरण पर ब्याज का भुगतान अवधि से पहले आहरित की गई मीयादी जमाराशियों पर लागू ब्याज दर निम्नानुसार होंगी: i. ब्याज उसी दर पर दिया जाएगा, जो जमाखाते की राशि और बैंक द्वारा उसे रखे जाने की अवधि के अनुसार उस पर लागू होती हो, न कि संविदा दर पर। ii. जहां जमाराशि का अवधिपूर्व आहरण धारा 7(क)(i) में विनिर्दिष्ट न्यूनतम अवधि पूर्ण होने से पहले कर लिया गया हो, वहां कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा। 8. देशी जमाराशियों पर अतिरिक्त ब्याज का भुगतान (A) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक अपने विवेकानुसार, बैंक के स्टाफ और उनके अपने असोशिएशन के साथ-साथ अध्यक्ष, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, कार्यपालक निदेशक अथवा ऐसे ही अन्य कार्यपालक जो निश्चित अवधि के लिए नियुक्त किए गए हों, की बचत या मीयादी जमाराशि पर अपनी ब्याज दरों की अनुसूची में उल्लिखित ब्याज दर से एक प्रतिशत प्रतिवर्ष का अतिरिक्त ब्याज निम्नलिखित शर्तों के अधीन दे सकते हैं: i. अतिरिक्त ब्याज केवल उस समय तक देय होगा जब तक व्यक्ति उसके लिए पात्र हो तथा उसके इस प्रकार पात्र न रहने की स्थिति में, मीयादी जमाखाते की परिपक्वता तक ही अतिरिक्त ब्याज देय होगा। ii. समामेलन की योजना के अनुसरण में लिये गये कर्मचारियों के मामले में अतिरिक्त ब्याज तभी देय होगा जब अतिरिक्त ब्याज सहित संविदा दर पर ब्याज उस दर से अधिक न हो जो बैंक द्वारा ऐसे कर्मचारियों को मूलत: नियोजित किये जाने पर दिया जा सकता था। iii. दूसरे बैंक से प्रतिनियुक्ति पर लिये गये कर्मचारियों के मामले में, जिस बैंक द्वारा उन्हें प्रतिनियुक्त किया गया है वह बैंक प्रतिनियुक्ति की अवधि के दौरान उसके पास खोले गये बचत अथवा मीयादी जमाखाते पर अतिरिक्त ब्याज दे सकता है। iv. निश्चित अवधि के लिए प्रतिनियुक्ति पर या निश्चित अवधि की संविदा पर लिये गये व्यक्तियों के मामले में उक्त लाभ प्रतिनियुक्ति अथवा संविदा, जैसी भी स्थिति हो, की अवधि समाप्त होने पर मिलना बंद हो जायेगा। v. जिन बैंक कर्मचारी संघों में बैंक के कर्मचारी प्रत्यक्ष सदस्य न हों, वे अतिरिक्त ब्याज के लिए पात्र नहीं होंगे। vi. निम्नलिखित जमाराशियों पर अतिरिक्त ब्याज संबंधित जमाकर्ता से यह घोषणापत्र लेने के बाद दिया जा सकता है कि ऐसे खाते में जमा की गयी अथवा समय-समय पर जमा की जाने वाली धनराशि जमाकर्ता की ही है: (a) बैंक के स्टाफ-सदस्य या सेवानिवृत्त स्टाफ सदस्य के नाम पर एकल या उसके परिवार के किसी सदस्य अथवा सदस्यों के साथ संयुक्त रूप से खोले गये खाते; या (b) बैंक के मृत स्टाफ सदस्य अथवा मृत सेवानिवृत्त स्टाफ सदस्य की पत्नी /पति के नाम पर खोले गये खाते; और (c) किसी ऐसे संघ अथवा निधि के नाम पर खोले गये खाते, जिनके सदस्य बैंक के स्टाफ-सदस्य हों। (B) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक अपने विवेकानुसार विशिष्ट रूप से निवासी भारतीय वरिष्ठ नागरिकों के लिए मीयादी जमा योजनाएं बनायेंगे, जिनमें किसी भी राशि की सामान्य जमाराशियों के मुकाबले उच्चतर और निश्चित ब्याज दरें दी जाएं। बशर्ते कि यह सुविधा हिंदू अविभक्त परिवार (एचयूएफ़) या एचयूएफ़ के कर्ता के नाम पर खुले मीयादी जमाखाते पर नहीं दी जाएगी, भले ही कर्ता निवासी भारतीय वरिष्ठ नागरिक हो। (C) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक अपने विवेकानुसार अपने सेवानिवृत्त स्टाफ सदस्यों को, जो कि वरिष्ठ नागरिक हैं, बैंक के स्टाफ सदस्य होने के नाते उनको देय अतिरिक्त ब्याज के अतिरिक्त वरिष्ठ नागरिकों को स्वीकार्य उच्चतर ब्याज दरों का लाभ देंगे। 9. अतिदेय देशी जमाराशियों पर ब्याज (a) अतिदेय मीयादी जमाराशियों के नवीकरण पर अदा की जाने वाली ब्याज दर इन निदेशों की धारा 4 में निर्धारित व्यवस्था के अधीन होगी। (b) यदि मीयादी जमाराशि परिपक्व हो जाती है और उसकी राशि अदत्त रहती है तो बैंक के पास अदावी राशि पर बचत बैंक खाता या संविदागत ब्याज दर, जो भी कम हो के अनुसार लागू ब्याज देय होगा। 10. अस्थिर दर वाली देशी मीयादी जमाराशियां अस्थिर दर वाली देशी मीयादी जमाराशियों को प्रत्यक्ष निगरानी योग्य और पारदर्शी बाजार-आधारित बाह्य बेंचमार्क से जोड़ा जाएगा। 11. देशी बचत जमाराशियों पर ब्याज भुगतान की आवधिकता (a) बचत जमाराशि पर ब्याज तिमाही या इससे कम अंतराल पर जमा किया जाएगा। (b) प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा फ्रीज़ किए खातों सहित बचत बैंक खातों पर ब्याज नियमित आधार पर जमा किया जाएगा, चाहे खाते के परिचालन की स्थिति कुछ भी हो। 12. मृत जमाकर्ता के देशी/ घरेलू जमाखाते पर देय ब्याज किसी मृत एकल जमाकर्ता अथवा दो या अधिक संयुक्त जमाकर्ताओं, जिनमें से एक जमाकर्ता की मृत्यु हो गई हो, की परिपक्व जमाराशियों पर ब्याज दर इन निदेशों की धारा 4 में विनिर्दिष्ट शर्तों के अधीन होगी। 13. किसान के संमिश्र नकदी ऋण खाते में न्यूनतम जमाशेष पर ब्याज की अदायगी का विवेकाधिकार किसी किसान के संमिश्र नकदी ऋण खाते में प्रत्येक कैलेंडर महीने की 10 तारीख से लेकर महीने के अंतिम दिन तक की अवधि के दौरान न्यूनतम जमाशेष पर ब्याज इन निदेशों की धारा 4 में विनिर्दिष्ट शर्तों के अधीन अदा किया जाएगा। 14. देशी मीयादी जमाराशियों के अवधिपूर्व आहरण पर दंड (a) मीयादी जमाराशियों के अवधिपूर्व आहरण पर दंड के लिए निदेशक बोर्ड या बोर्ड की कोई अन्य समिति, जिसे शक्तियां प्रत्यायोजित की गई हों, के द्वारा अनुमोदित व्यापक नीति होगी। (b) बैंक जमाराशि स्वीकार करते समय ही दंड के घटकों के बारे में ग्राहकों को स्पष्ट रूप से सूचित करेंगे। सूचित न किए जाने पर कोई दंड नहीं लिया जाएगा। (c) मृत जमाकर्ताओं के मीयादी जमाखाते के दावेदारों या संयुक्त जमाकर्ताओं के अनुरोध पर मीयादी जमाखाते की राशि को बांटने पर, मीयादी जमाखाते के अवधिपूर्व आहरण पर कोई दंड नहीं लिया जाएगा, यदि जमाखाते की समग्र राशि और अवधि में कोई परिवर्तन न आया हो। (d) जैसा कि इन निदेशों की धारा 4(ज) में उल्लिखित है, यदि किसी शाखा के व्यवसाय के दूसरे बैंक में स्थानांतरण के कारण जमाकर्ता अवधिपूर्व आहरण करते हैं, तो दंड नहीं लिया जाएगा। अध्याय – IV 15. रुपया जमाराशियों - अनिवासी पर ब्याज दर अनिवासी बाह्य(एनआरई)/ सामान्य अनिवासी(एनआरओ) जमाराशि स्कीम के अंतर्गत स्वीकृत या नवीकृत जमाराशि पर ब्याज अगले निम्नलिखित पैराग्राफों में विनिर्दिष्ट नियम और शर्तों के अधीन होंगे। (a) ब्याज दर इन निदेशों की धारा 4 में निर्दिष्ट शर्तों के अधीन होगी। (b) अनिवासी बाह्य(एनआरई)/ सामान्य अनिवासी(एनआरओ) जमाराशि के अंतर्गत बचत जमाराशि पर ब्याज दर इन निदेशों की धारा 6 के अनुसार होगी। (c) अनिवासी बाह्य(एनआरई)/ सामान्य अनिवासी(एनआरओ) मीयादी जमाराशियों पर ब्याज दर में परिवर्तन केवल निम्नलिखित में से एक या एकाधिक कारणों से होंगे। i. जमाराशियों की अवधि बैंकों को जमाराशियों की परिपक्वता/अवधि तय करने की स्वतंत्रता होगी। बशर्ते कि अनिवासी बाह्य(एनआरई) मीयादी जमाराशि की न्यूनतम अवधि एक वर्ष और सामान्य अनिवासी(एनआरओ) मीयादी जमाराशि की न्यूनतम अवधि सात दिन होगी। ii. जमाराशि का आकार विभेदक ब्याज दर का प्रस्ताव सिर्फ थोक जमाराशियों पर किया जाएगा । iii. समयपूर्व आहरण विकल्प की अनुपलब्धता बैंकों को समय से पहले आहरण के विकल्प के बिना एनआरई / एनआरओ सावधि जमाराशियों की पेशकश करने की स्वतंत्रता होगी, बशर्ते कि व्यक्तियों से स्वीकार किए गए सभी एनआरई / एनआरओ सावधि जमाराशियों के संबंध में (अकेले या संयुक्त रूप से) रुपये एक करोड़ और उससे कम की राशि के लिए समय से पहले आहरण की सुविधा होगी। (d) एनआरई और एनआरओ जमाराशियों पर दी जाने वाली ब्याज दरें उन ब्याज दरों से अधिक नहीं होंगी जो बैंकों द्वारा तुलनीय देशी रुपया जमाराशियों पर दी जाती हैं। (e) बैंक के स्टाफ सदस्यों या वरिष्ठ नागरिक होने के कारण जमाराशियों पर दी जाने वाली अतिरिक्त ब्याज दर का लाभ एनआरई और एनआरओ जमाराशियों पर नहीं दिया जाएगा। (f) बचत राशियों पर ब्याज तिमाही अथवा उससे कम अंतराल पर जमा किया जाएगा। (g) यदि कोई एनआरई खाता धारक, भारत वापस आने के तुरंत बाद, एनआरई मीयादी जमाराशि को निवासी विदेशी मुद्रा खाते (आरएफसी) में बदलने का अनुरोध करता है तो ब्याज निम्नानुसार अदा किया जाएगा: (i) यदि एनआरई जमाखाता न्यूनतम एक वर्ष तक नहीं चला है, तो दी जाने वाली ब्याज दर उस ब्याज दर से अधिक नहीं होगी जो आरएफसी खाते में रखी गई बचत जमाराशि पर दी जाती है। (ii) अन्य सभी मामलों में, ब्याज संविदा दर पर देय होगा। 16. ग्रहणाधिकार (लीन) पर प्रतिबंध अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक एनआरई बचत खातों पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष, कोई ग्रहणाधिकार नहीं रखेंगे। 17. एनआरई जमाराशि के अवधिपूर्व आहरण पर दंड एनआरई मीयादी जमाराशियों के अवधिपूर्व आहरण पर दंड के लिए निदेशक बोर्ड या बोर्ड की कोई अन्य समिति, जिसे शक्तियां प्रत्यायोजित की गई हों, के द्वारा अनुमोदित व्यापक नीति होगी, जो निम्नलिखित के अधीन होगी: (a) जमाराशियां स्वीकार करते समय ही दंड के घटकों के बारे में ग्राहकों को स्पष्ट रूप से सूचित किया जाएगा। (b) एनआरई मीयादी जमाराशि को निवासी विदेशी मुद्रा खाते (आरएफसी) में बदलने के लिए किए गए अवधिपूर्व आहरण पर कोई दंड नहीं लगाया जाएगा। (c) एनआरई जमाराशि को एफसीएनआर (बी) में और एफसीएनआर (बी) जमाराशि को एनआरई में बदलने के लिए किए गए अवधिपूर्व आहरण पर दंड लगाया जाएगा। (d) यदि इन निदेशों की धारा 4(ज) में यथा ल्लिखित शाखा के जमाकर्ता कारोबार के दूसरे बैंक में अंतरण के परिणामस्वरूप अवधिपूर्व आहरण करते हैं, तो दंड नहीं लगाया जाएगा। 18. मृत जमाकर्ता के एनआरई मीयादी जमाखाते पर देय ब्याज यदि मृत जमाकर्ता के एनआरई मीयादी जमाखाते के दावाकर्ता निवासी भारतीय हों तो अवधिपूर्णता पर जमाराशि को देशी रुपया मीयादी जमाराशि माना जाएगा और आगे की अवधि के लिए समान परिपक्वता अवधि वाली देशी जमाराशि पर लागू दर से ब्याज दिया जाएगा। अध्याय – V 19. विदेशी मुद्रा (अनिवासी) खाता (बैंक) स्कीम विदेशी मुद्रा (अनिवासी) खाता (बैंक) स्कीम के अंतर्गत स्वीकृत या नवीकृत जमाराशियों पर ब्याज निम्नलिखित पैराग्राफों में विनिर्दिष्ट किए गए नियमों और शर्तों के अनुसार होंगे: (a) ब्याज दरें इन निदेशों की धारा 4 में निर्दिष्ट शर्तों के अधीन होगी। (b) एफसीएनआर (बी) स्कीम के अंतर्गत मीयादी जमाराशियों पर ब्याज दरों में अंतर केवल निम्नलिखित में से एक या एकाधिक कारणों से होंगे: i. जमाराशि की अवधि एफसीएनआर (बी) स्कीम के अंतर्गत मीयादी जमाराशियों की परिपक्वता अवधि निम्नानुसार होगी:
बशर्ते कि कोई भी बैंक पाँच वर्ष से अधिक अवधि के लिए एफसीएनआर (बी) जमाराशियों को स्वीकार या नवीकृत नहीं करेगा, तथा एफसीएनआर (बी) स्कीम के अंतर्गत आवर्ती जमाराशियां स्वीकार नहीं की जाएंगी। ii. जमाराशि का आकार अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक अपने विवेकानुसार ऐसी मुद्रा-वार न्यूनतम राशि निश्चित करेंगे, जिसपर विभेदक ब्याज दरें दी जा सकती है। (c) जहां विभेदक ब्याज दरों का प्रस्ताव किया गया है, सभी जमाराशियों पर ब्याज दरें नीचे 19(छ) में निर्धारित समग्र अधिकतम सीमा के अधीन होंगी। (d) अस्थिर दर वाली जमाराशियों पर ब्याज संबंधित मुद्रा/ परिपक्वता के लिए स्वैप दर की सीलिंग के भीतर अदा किया जाएगा और स्थिर दर वाली जमाराशियों पर ब्याज संबंधित मुद्रा के लिए एक दिवसीय वैकल्पिक संदर्भ दर2 / परिपक्वता की सीलिंग के भीतर अदा किया जाएगा। (e) सभी अस्थिर दर वाली जमाराशियों के लिए ब्याज पुनर्निर्धारण अवधि छः महीने होगी। (f) पिछले महीने के अंतिम कार्यदिवस पर संबंधित मुद्रा के लिए एक दिवसीय वैकल्पिक संदर्भ दर2 / स्वैप दरों के आधार पर अगले महीने में प्रभावी ब्याज दरों की सीलिंग दर निर्धारित की जाएगी। (g) एफसीएनआर(बी) जमाराशियों पर ब्याज दरों की अधिकतम सीमा इस प्रकार होगी:
(h) फाइनेंशियल बेंचमार्क इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एफबीआईएल) द्वारा कोट की गई/ प्रदर्शित संबंधित मुद्रा के लिए एक दिवसीय वैकल्पिक संदर्भ दर2 / स्वैप दरें एफसीएनआर(बी) जमाखातों पर ब्याज दरों की गणना के लिए संदर्भ के तौर पर प्रयोग की जाएंगी। 20. एफसीएनआर(बी) जमाराशियों पर ब्याज की गणना की विधि (a) योजना के अंतर्गत स्वीकार की गयी जमाराशियों पर ब्याज की अदायगी वर्ष में 360 दिन के आधार पर की जाएगी। (b) विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियों पर ब्याज की गणना और भुगतान प्रत्येक 180 दिन के अंतराल पर तथा उसके बाद शेष वास्तविक दिनों की संख्या लिए किया जाएगा। बशर्ते कि, चक्रवृद्धि प्रभाव सहित अवधिपूर्णता पर ब्याज प्राप्त करने का विकल्प जमाकर्ता के पास होगा। 21. एफसीएनआर(बी) जमाराशियों के नवीकरण पर ब्याज की गणना एफसीएनआर(बी) जमाराशियों के नवीकरण पर ब्याज की गणना निम्नानुसार की जाएगी: (a) यदि परिपक्वता की तारीख से नवीकरण की तारीख तक (दोनों दिन शामिल करते हुए) अवधि 14 दिनों से अधिक न हो, तो इस प्रकार नवीकृत जमाराशि पर देय ब्याज दर नवीकरण की अवधि के लिए वह उपयुक्त दर होनी चाहिए जो परिपक्वता की तारीख को अथवा जमाकर्ता द्वारा नवीकरण की मांग की तारीख को, जो भी कम हो, लागू हो। (b) नवीकरण के अन्य सभी मामलों में अतिदेय अवधि के लिए नवीकृत राशि पर ब्याजदरों का निर्धारण इसे नया मीयादी जमाखाता मानते हुए की जाएगी। (c) यदि नवीकरण के बाद जमाराशि का आहरण योजना के अंतर्गत निर्धारित न्यूनतम अवधि पूरी होने के पहले कर लिया जाता है, तो अनुसूचित वाणिज्यिक बैंको अपने विवेकानुसार अतिदेय अवधि अर्थात परिपक्वता की मूल तिथि के बाद की अवधि के लिए अदा किये गये ब्याज की वसूली कर सकते हैं। 22. मृत एफसीएनआर(बी) जमाकर्ता की जमाराशि पर देय ब्याज अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक किसी मृत एकल जमाकर्ता, अथवा दो या दो से अधिक संयुक्त जमाकर्ताओं, जिनमें से एक जमाकर्ता की मृत्यु हो गई हो, के नाम पर रखी मीयादी जमाराशियों पर निम्नानुसार ब्याज देंगे: (a) यदि ब्याज जमाराशि की परिपक्वता पर दिया जा रहा है तो संविदागत दर से दिया जाएगा; (b) यदि परिपक्वता से पहले जमाराशि की अदायगी का दावा किया, तो ब्याज संविदागत दर से नहीं, बल्कि उस दर से लगाया जाएगा, जो बैंक के पास जमाराशि रखने की अवधि के लिए लागू होगा, तथा पूर्व- भुगतान के लिए कोई दंड नहीं लगाया जाएगा; (c) यदि जमाराशि की परिपक्वता की तारीख के पहले जमाकर्ता की मृत्यु हो जाती है, किन्तु परिपक्वता की तारीख के बाद जमाराशि का दावा किया जाता है तो बैंक परिपक्वता की तारीख तक संविदागत दर पर ब्याज अदा करेगा तथा इसके बाद परिपक्वता की तारीख के बाद अदायगी की तारीख तक की अवधि के लिए परिपक्वता की तारीख को लागू दर पर साधारण ब्याज अदा किया जाएगा; (d) जमाराशि की परिपक्वता की तारीख के बाद जमाकर्ता की मृत्यु होने की स्थिति में बैंक को परिपक्वता की तारीख से अदायगी की तारीख तक परिपक्वता की तारीख को निवासी विदेशी मुद्रा (आर एफ सी) खाता योजना के अधीन धारित बचत जमाराशियों पर लागू ब्याज अदा करना होगा। (e) दावेदारों के निवासी होने की स्थिति में, परिपक्वता पर देय राशि परिपक्वता की तिथि को भारतीय रुपयों में परिवर्तित की जाएगी और बाद की अवधि के लिए ब्याज इसी परिपक्वता अवधि की देशी मीयादी जमाराशि पर लागू दर पर अदा किया जाएगा। 23. भारत लौटने पर अनिवासी भारतीयों की एफसीएनआर (बी) जमाराशियों पर ब्याज की अदायगी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक अपने विवेकानुसार, भारत में स्थायी रूप से बसने के लिए लौटने वाले भारतीय राष्ट्रीयता/ मूल के व्यक्तियों के आवेदन पर उनकी एफसीएनआर (बी) जमाराशि को संविदागत ब्याज दर पर परिपक्वता तक जारी रखने की अनुमति दे सकते हैं, बशर्ते: (a) एफसीएनआर (बी) खाते पर लागू ब्याज दर जारी रहेगी। (b) ऐसी जमाराशियों को खाता धारक के भारत लौटने की तारीख से निवासी जमाराशियों के रूप में माना जाएगा। (c) खाताधारक के विकल्प पर विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियों को परिपक्व होने पर निवासी रुपया जमाराशि खाते या आरएफसी खाते में (यदि पात्र हो तो) परिवर्तित किया जाएगा। (d) नयी जमाराशि (रुपया खाता या आरएफसी खाता) पर ब्याज की दर ऐसे जमा खाते के लिए लागू संबंधित दर होगी। 24. भारत लौटने पर अनिवासी भारतीयों की एफसीएनआर (बी) जमाराशियों का आरएफसी खातों/ निवासी रूपया खातों में परिवर्तन- ब्याज की अदायगी इन निदेशों की धारा 4 में दी गई शर्तों के अधीन, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक एफसीएनआर (बी) खाते के आरएफसी/ निवासी रुपया खाते में परिवर्तन के समय ब्याज अदा करेंगे, भले ही उस खाते ने धारा 19(ख)(i) में उल्लिखित न्यूनतम परिपक्वता अवधि पूरी न की हो। बशर्ते, यह ब्याज दर आरएफसी खाता स्कीम के अंतर्गत धारित बचत बैंक जमाराशियों पर देय दर से अधिक न हो। 25. जमाराशियों का अवधिपूर्व आहरण (a) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक जमाकर्ता के अनुरोध पर एफसीएनआर योजना के अंतर्गत जमाराशियों के अवधिपूर्व आहरण की अनुमति देंगे। (b) यदि एफसीएनआर(बी) खातों का अवधिपूर्व आहरण ऊपर 19(ख)(i) में उल्लिखित न्यूनतम परिपक्वता अवधि से पहले कर लिया जाता है तो कोई ब्याज देय नहीं होगा। 26. जमाराशियों के अवधिपूर्व आहरण पर दंड एफसीएनआर(बी) मीयादी जमाराशियों के अवधिपूर्व आहरण पर दंड के लिए निदेशक बोर्ड या बोर्ड की कोई अन्य समिति, जिसे शक्तियां प्रत्यायोजित की गई हों, द्वारा अनुमोदित व्यापक नीति होगी, जो निम्नलिखित के अधीन होगी: (a) जमाराशि स्वीकार करते समय ही दंड के घटकों के बारे में ग्राहकों को स्पष्ट रूप से सूचित किया जाएगा। यदि यह जानकारी नहीं दी गयी है तो अवधिपूर्व आहरण के फलस्वरूप होनेवाली विनिमय संबंधी हानि का वहन अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों को करना होगा। (b) एफसीएनआर(बी) जमाराशियों के अवधिपूर्व आहरण पर दंड लगाया जाएगा i) जब जमाकर्ता भारत में स्थाई निवास के लिए वापस लौटा हो। ii) एफसीएनआर (बी) जमाराशियों के एनआरई जमाराशियों में परिवर्तन या इसके उलट परिवर्तन पर। (c) मीयादी जमाखाते के दावेदार/रों के अनुरोध पर मीयादी जमाखाते की राशि को बांटने पर, मीयादी जमाखाते के अवधिपूर्व आहरण का दंड नहीं लिया जाएगा, यदि जमाखाते की समग्र राशि और अवधि में कोई परिवर्तन न आया हो। (d) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक स्वविवेक से एफसीएनआर(बी) जमाराशियों के अवधिपूर्व आहरण के मामले में अदला-बदली (स्वैप) संबंधी लागत की वसूली के लिए भी दंड लगाएंगे। (e) अनिवासी भारतीयों के भारत वापस आने पर एफसीएनआर(बी) मीयादी जमाराशि के निवासी विदेशी मुद्रा खाते (आरएफसी) में अवधिपूर्व परिवर्तन पर दंड नहीं लगाया जाएगा। (f) जहां इन निदेशों के धारा 4(ज) में उल्लिखित शाखा के जमाकर्ता कारोबार के दूसरे बैंक में स्थानांतरण के कारण अवधिपूर्व आहरण करते हैं, वहां कोई दंड नहीं लगाया जाएगा। 27. निवासी विदेशी मुद्रा खाता स्कीम अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों को निवासी विदेशी मुद्रा खाता स्कीम के अंतर्गत उनके द्वारा स्वीकृत या नवीकृत जमाराशियों पर ब्याज दर तय करने की स्वतन्त्रता होगी, जो निदेशक बोर्ड या बोर्ड की कोई अन्य समिति, जिसे शक्तियां प्रत्यायोजित की गई हों, द्वारा अनुमोदित व्यापक नीति के अनुरूप होगी। अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक निम्नलिखित कार्य नहीं करेंगे: (a) निम्नलिखित के अतिरिक्त और किसी व्यक्ति, फर्म, कंपनी, संघ, संस्था या अन्य किसी व्यक्ति को किसी भी रूप में विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) योजना के अंतर्गत जुटायी गयी जमाराशियों पर दलाली, कमीशन या प्रोत्साहन अदा नहीं करेंगे: i) किसी विशेष स्कीम के अंतर्गत घर-घर जाकर जमाराशि संग्रह करने वाले एजेंटों को दिया जाने वाला कमीशन ii) आउटसोर्सिंग व्यवस्था के एक भाग के रूप में प्रत्यक्ष बिक्री/ प्रत्यक्ष मार्केटिंग एजेंटों को दिया जाने वाला कमीशन iii) व्यवसाय सुविधा-प्रदाता या व्यवसाय प्रतिनिधि को दिया जाने वाला पारिश्रमिक (b) कोई बैंक जमाराशियां जुटाने के लिए पुरस्कार /लॉटरी /मुफ्त यात्राएं (भारत और /या विदेश की) आयोजित नहीं करेगा। हालांकि, जमाराशि स्वीकार करते समय जमाकर्ताओं को सस्ते उपहार दिए जा सकते हैं, जिनकी कीमत 250/- रुपए से अधिक न हो, जो भारतीय बैंक संघ(आईबीए) के आधार नियम और आचार संहिता के अनुसार निर्धारित राशि है। (c) कोई बैंक मौज़ूदा/ संभावित ऋणकर्ताओं की ऋण आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु एजेंटों/ तीसरी पार्टी के माध्यम से संसाधन जुटाने या जमाराशियां जुटाने के लिए बिचौलियों को ऋण प्रदान करने की अनैतिक प्रथाएं नहीं अपनायेगा। (d) कोई बैंक मीयादी जमाराशियों पर किसी अवधि विशेष के लिए बैंक द्वारा दिये जाने वाले वास्तविक साधारण ब्याज दर का उल्लेख किये बिना केवल चक्रवृद्धि प्रतिफल को ही रेखांकित कर जनता से जमाराशियां मांगने के लिए विज्ञापन /साहित्य प्रकाशित नहीं करेगा। जमाराशि की अवधि के लिए वार्षिक साधारण ब्याज दर अनिवार्यतः बतायी जानी चाहिए। (e) कोई बैंक चालू खाते को छोड़कर अन्य किसी खाते में ब्याजमुक्त जमाराशि स्वीकार नहीं करेगा या परोक्ष रूप से प्रतिफल अदा नहीं करेगा। (f) कोई बैंक निजी वित्तपोषकों अथवा अनिगमित निकायों से या उनके कहने पर उनसे किसी ऐसी व्यवस्था के अंतर्गत जमाराशियां स्वीकार नहीं करेगा, जिनसे निजी वित्तपोषकों के ग्राहक/कों के पक्ष में जमारसीद /रसीदें जारी होती हों अथवा जमाराशि की अवधि पूरी होने पर ऐसी जमाराशियां प्राप्त करने के लिए मुख्तारनामे, नामन या अन्य किसी तरीके से प्राधिकार दिया जाये। (g) कोई बैंक अन्य बैंकों के पास रखी मीयादी जमाखाते के आधार पर अग्रिम नहीं देगा। (h) कोई बैंक व्यक्तियों, अविभक्त हिन्दू परिवार के कर्ता और अनुसूची-I में दी गई संस्थाओं/ एजेंसियों के अलावा अपने कार्यों के निष्पादन के लिए बजटीय आवंटन के आधार पर सरकारी विभागों/निकायों/नगर निगमों या नगर समितियों/पंचायत समितियों/राज्य आवास बोर्ड/जल और सीवरेज/ड्रेनेज बोर्ड/राज्य पाठ्य पुस्तक प्रकाशन निगम/सोसायटियां/महानगर विकास प्राधिकरण/राज्य/जिला स्तरीय आवास सहकारी समितियां, आदि या कोई राजनीतिक दल या कोई व्यापार/व्यवसाय या पेशेवर संस्था, चाहे ऐसी संस्था मालिकाना हो या साझेदारी फर्म या कंपनी या एसोसिएशन अथवा किसी इकाई के नाम बचत खाता नहीं खोलेगा। स्पष्टीकरण इस खंड के प्रयोजनों के लिए, 'राजनीतिक दल' का अर्थ है, ‘भारत के नागरिकों का एक संघ या निकाय, जो चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 के तहत एक राजनीतिक दल के रूप में भारत के चुनाव आयोग के साथ पंजीकृत माना जाता है, जो फिलहाल लागू है। (i) कोई बैंक जमाकर्ताओं के परामर्श से धर्मार्थ प्रयोजनों में उपयोग किए जाने हेतु किसी निधि का निर्माण नहीं करेगा। उपर्युक्त पैरा में दिए गए प्रावधान निम्नलिखित पर लागू नहीं होंगे: (a) बैंक द्वारा स्वीकृत की गई ऐसी जमाराशि: i. जो उधारदाता और उधारकर्ता दोनों के रूप में कॉल/ नोटिस/ मीयादी मुद्रा बाजार में सहभागी होने के लिए अनुमति प्राप्त संस्थाओं से प्राप्त हो। ii. जिसके लिए बैंक ने सहभागिता प्रमाणपत्र जारी किया हो। iii. आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 54 की उपधारा (2), धारा 54 ख की उपधारा (2), धारा 54 घ की उपधारा (2), धारा 54 च की उपधारा (4) और धारा 54 छ की उपधारा (2) के अनुसरण में भारत सरकार द्वारा बनायी गयी पूँजीगत लाभ खाता योजना, 1988 के अंतर्गत प्राप्त जमाराशि। iv. जमा प्रमाणपत्र योजना के अंतर्गत प्राप्त जमाराशि (b) बाह्य केन्द्रों के लिखतों यथा चेकों, ड्राफ्टों, बिलों, टेलीग्राफिक/ मेल अंतरणों आदि की विलंबित वसूली पर ब्याज का भुगतान। (1) प्राथमिक सहकारी ऋण समिति जिसका वित्तपोषण बैंक द्वारा किया जा रहा हो। (2) खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड। (3) कृषि उत्पाद विपणन समितियां। (4) राज्य सहकारी समिति अधिनियमों तथा भूमिबंधक बैंक का निर्माण करने वाले राज्य के विनिर्दिष्ट अधिनियमनों के अंतर्गत पंजीकृत समितियों को छोड़कर समिति पंजीकरण अधिनियम, 1860 अथवा किसी राज्य या संघ शासित क्षेत्र में लागू तदनुरूपी किसी विधि के अंतर्गत पंजीकृत समितियां। (5) कंपनी अधिनियम, 1956 द्वारा नियंत्रित ऐसी कंपनियां, जिन्हें उक्त अधिनियम की धारा 25 के अंतर्गत अथवा भारतीय कंपनी अधिनियम, 1913 के तदनुरूपी उपबंध के अंतर्गत केन्द्र सरकार द्वारा लाइसेंस दिया गया है और जिन्हें उनके नामों में "लिमिटेड" अथवा "प्राइवेट लिमिटेड" शब्द न जोड़ने की अनुमति दी गयी है। (6) उपर्युक्त धारा 28 (एच) में उल्लिखित संस्थाओं को छोड़कर अन्य संस्थाएं और जिनकी पूरी आय को आयकर अधिनियम, 1961 के अंतर्गत आयकर चुकाने से छूट दी गई है। (7) केंद्र सरकार/ राज्य सरकारों द्वारा प्रायोजित विभिन्न कार्यक्रमों /योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए जारी अनुदानों /सब्सिडी के मामले में सरकारी विभाग /निकाय / एजेंसियां, बशर्ते वे बचत बैंक खाता खोलने के लिए संबंधित केन्द्र /राज्य सरकार के विभागों से प्राधिकार-पत्र प्रस्तुत करें। (8) ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं और बच्चों का विकास (डीडब्ल्यूसीआरए) । (9) पंजीकृत या गैर-पंजीकृत ऐसे स्वयं-सहायता समूह (एसएचजी) जो अपने सदस्यों में बचत की आदत को बढ़ावा देने के काम में लगे हैं। (10) कृषकों के क्लब- विकास वालंटियर वाहिनी - वीवीवी। अध्याय – VII 30. इन निदेशों को जारी करने के साथ ही रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निम्नलिखित परिपत्रों में निहित अनुदेश/ दिशानिर्देश निरस्त किए जाते हैं: (A) देशी/ एनआरई/ एनआरओ खातों में धारित रुपया जमाराशियों पर ब्याज दरें विषय पर परिपत्रों की सूची
(B) विदेशी मुद्रा (अनिवासी) खाता (बैंक) पर ब्याज दर विषय पर परिपत्रों की सूची
31. उपर्युक्त परिपत्रों के तहत दिए गए सभी अनुमोदनों/ अभिस्वीकृतियों को इन निदेशों के तहत दिया गया माना जाएगा। 32. बैंकों द्वारा उपर्युक्त परिपत्रों में दिए गए दिशानिर्देशों के आधार पर, इन निदेशों के जारी होने की तारीख से पहले स्वीकृत की गई जमाराशियों को इन निदेशों के तहत कवर माना जाएगा। 1 वाक्य में दर्शाए गए शब्दों “जिसे भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा भारत में परिचालन करने का लाइसेन्स प्रदान किया गया है” को हटाया गया है। 2 वैकल्पिक संदर्भ दर (एआरआर) संबंधित मुद्रा के लिए व्यापक रूप से स्वीकृत एआरआर को संदर्भित करता है (संदर्भ: ‘लाइबोर(LIBOR) अंतरण के लिए रोडमैप’ पर दिनांक 08 जुलाई 2021 के आरबीआई परिपत्र केंका.एफ़एमआरडी. डीआईआरडी.एस39/14.02.001/2021-22) |