भारतीय रिज़र्व बैंक ने नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, रायपुर (छ.ग.) पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, रायपुर (छ.ग.) पर मौद्रिक दंड लगाया
28 फरवरी 2022 भारतीय रिज़र्व बैंक ने नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, रायपुर (छ.ग.) पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने, दिनांक 24 फरवरी 2022 के आदेश द्वारा नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, रायपुर, छत्तीसगढ़ (बैंक) पर एक्सपोजर मानदंड और सांविधिक/अन्य प्रतिबंध-यूसीबी और अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) पर शहरी सहकारी बैंकों को आरबीआई द्वारा जारी निदेशों के उल्लंघन/ अननुपालन के लिए ₹4.50 लाख (चार लाख पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड आरबीआई द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2020 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर इसकी निरीक्षण रिपोर्ट से अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला कि बैंक द्वारा (i) विवेकपूर्ण अंतर-बैंक (सकल) एक्सपोजर सीमा का पालन नहीं किया, (ii) विवेकपूर्ण अंतर-बैंक काउंटर पार्टी सीमा का अनुपालन नहीं किया और (iii) एक्सपोजर मानदंड और सांविधिक /अन्य प्रतिबंध-यूसीबी और अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) पर आरबीआई द्वारा जारी निदेशों के उल्लंघन/ अननुपालन करते हुए अलर्ट जारी करने और संदिग्ध लेनदेन की पहचान करने के लिए कोई प्रणाली स्थापित नहीं की गई। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि निदेशों का अनुपालन नहीं करने के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए। बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान मौखिक प्रस्तुतीकरण पर विचार करने के बाद आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई के निदेशों के अननुपालन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी : 2021-2022/1793 |