बैंक ऋण का क्षेत्रवार नियोजन - अप्रैल 2011
31 मई 2011 बैंक ऋण का क्षेत्रवार नियोजन - अप्रैल 2011 चयनित 47 अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों से मासिक आधार पर संग्रह किए गए अप्रैल 2011 महीने के लिए सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा नियोजित कुल गैर-खाद्य ऋण के लगभग 95 प्रतिशत की गणना वाले ऋण के क्षेत्रवार नियोजन पर ऑंकड़े विवरण I और II में दिए गए हैं। ये ऑंकड़े भारतीय अर्थव्यवस्था पर सांख्यिकी की तत्काल पुस्तिका (http://dbie.rbi.org.in). पर भी उपलब्ध हैं। इन ऑंकड़ों की मुख्य-मुख्य बातें नीचे प्रस्तुत हैं : -
वर्ष-दर-वर्ष आधार पर (वाइओवाइ) गैर-खाद्य बैंक ऋण में पिछले वर्ष की तदनुरूपी अवधि में 17.1 प्रतिशत की तुलना में अप्रैल 2011 में 22.1 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई। -
कृषि को छोड़कर सभी प्रमुख क्षेत्रों में अप्रैल 2011 में वर्ष दर वर्ष आधार पर ऋण वृद्धि में बढ़ोतरी हुई। -
वर्ष-दर-वर्ष आधार पर (वाइओवाइ) कृषि के लिए ऋण में अप्रैल 2011 में 12.0 प्रतिशत की निम्नतर दर की वृद्धि हुई जो पूर्ववर्ती वर्ष में 21.9 प्रतिशत थी। -
उद्योग के लिए ऋण में पूर्ववर्ती वर्ष में 24.4 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में मूलभूत सुविधा, धातुओं, खाद्य संसाधन, अभियंत्रण, खनन और उत्खनन, रबड़, प्लास्टिक और उनके उत्पादों के कारण अप्रैल 2011 में 25.9 प्रतिशत (वर्ष-दर-वर्ष) तक वृद्धि हुई। -
सेवा क्षेत्र के लिए ऋण में अप्रैल 2011 में 24.1 प्रतिशत (वर्ष-दर-वर्ष) तक वृद्धि हुई जो पूर्ववर्ती वर्ष में 13.7 प्रतिशत थी। -
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए ऋण वृद्धि में अप्रैल 2011 में 55.7 प्रतिशत (वर्ष-दर-वर्ष) तक वृद्धि हुई जो पूर्ववर्ती वर्ष की तदनुरूपी अवधि के दौरान 15.1 प्रतिशत की वृद्धि से उल्लेखनीय रूप से अधिक थी। -
वाणिज्यिक भूसंपदा (सीआरइ) क्षेत्र द्वारा ऋण लेने में अप्रैल 2011 में वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 21.9 प्रतिशत तक वृद्धि हुई जो पूर्ववर्ती वर्ष की तदनुरूपी अवधि के दौरान 0.4 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में कम थी। -
वर्ष-दर-वर्ष आधार पर वैयक्तिक ऋणों में अप्रैल 2011 में 18.4 प्रतिशत तक वृद्धि हुई जो पूर्ववर्ती वर्ष की तदनुरूपी अवधि के दौरान 4.4 प्रति की वृद्धि की अपेक्षा आवश्यक रूप से अधिक थी। अजीत प्रसाद सहायक महाप्रबंधक प्रेस प्रकाशनी : 2010-2011/1745 |