बैंक ऋण का क्षेत्रवार नियोजन – अप्रैल 2014
3 जून 2014 बैंक ऋण का क्षेत्रवार नियोजन – अप्रैल 2014 चयनित 47 अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों से संग्रह किए गए अप्रैल 2014 के महीने के लिए सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा नियोजित कुल गैर-खाद्य ऋण के लगभग 95 प्रतिशत की गणना वाले ऋण के क्षेत्रवार नियोजन पर आंकड़े विवरण I और II में दिए गए हैं। ये आंकड़े भारतीय अर्थव्यवस्था पर सांख्यिकी की तत्काल पुस्तिका (http://dbie.rbi.org.in) पर भी उपलब्ध हैं। इन आंकड़ों की मुख्य-मुख्य बातें नीचे प्रस्तुत हैं : -
वर्ष-दर-वर्ष (वाई-ओ-वाई) आधार पर, गैर-खाद्य बैंक ऋण में अप्रैल 2013 के 14.0 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में अप्रैल 2014 में 14.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। -
कृषि तथा संबंधित कार्यकलापों के लिए ऋण में अप्रैल 2013 में 10.6 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में अप्रैल 2014 में 14.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई। -
उद्योग के लिए ऋण में अप्रैल 2013 में 15.6 प्रतिशत की तुलना में अप्रैल 2014 में 12.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई। ऋण वृद्धि में गिरावट खान तथा खनन, पेय पदार्थों और तम्बाकू, रबड़, प्लास्टिक और उनके उत्पादों, पेट्रोलियम, कोयला उत्पादों परमाणू ईंधन, चमड़ा और चमड़ा उत्पादों, काँच और काँच के उत्पादों, वाहनों और निर्माण को छोड़कर सभी प्रमुख उप-क्षेत्रों में देखी गई। -
सेवा क्षेत्र के लिए ऋण में अप्रैल 2013 में 11.3 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में अप्रैल 2014 में 17.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई। -
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए ऋण में वृद्धि अप्रैल 2013 में 3.9 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में अप्रैल 2014 में 19.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई। -
वैयक्तिक ऋण में अप्रैल 2013 में 15.6 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में अप्रैल 2014 में 14.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। अजीत प्रसाद सहायक महाप्रबंधक प्रेस प्रकाशनी : 2013-2014/2346 |