बैंक ऋण का क्षेत्रवार नियोजन – मई 2013
28 जून 2013 बैंक ऋण का क्षेत्रवार नियोजन – मई 2013 चयनित 47 अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों से संग्रह किए गए मई 2013 माह के लिए सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा विनियोजित कुल गैर-खाद्य ऋण के लगभग 95 प्रतिशत की गणना वाले बैंक ऋण के क्षेत्रवार विनियोजन पर आंकड़े विवरण I और II में दिए गए हैं। ये आंकड़े भारतीय अर्थव्यवस्था पर सांख्यिकी की तत्काल पुस्तिका (http://dbie.rbi.org.in) पर भी उपलब्ध हैं। इन आंकड़ों की मुख्य-मुख्य बातें नीचे प्रस्तुत हैं : -
वर्ष-दर-वर्ष (वाई-ओ-वाई) आधार पर, गैर-खाद्य बैंक ऋण में मई 2012 के 16.7 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में मई 2013 में 14.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई। -
कृषि के लिए दिए गए ऋण में मई 2012 में दर्ज 14.2 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में मई 2013 में 11.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। -
उद्योग के लिए दिए गए ऋण में मई 2012 में दर्ज 19.4 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में मई 2013 में 15.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। उद्योग के लिए दिए गए ऋण की गति में कमी खाद्य प्रसंस्करण ,कपड़ा, चमड़ा और चमड़ा के उत्पाद, लकड़ी और लकड़ी के उत्पाद , सीमेंट उर सीमेंट के उत्पाद, जेम्स और ज्यूलेरी तथा मूलभूत सुविधा क्षेत्रों को छोड़कर अन्य प्रमुख उप क्षेत्रों में देखी गई। -
सेवा क्षेत्र के लिए दिए गए ऋण में मई 2012 में दर्ज 15.8 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में मई 2013 में 14.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई। -
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए ऋण में मई 2012 में दर्ज 35.6 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में मई 2013 में 2.8 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई। -
वैयक्तिक ऋणों में मई 2012 में हुई 13.0 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में मई 2013 में 16.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई। अजीत प्रसाद सहायक महाप्रबंधक प्रेस प्रकाशनी : 2012-2013/2208 |