विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य - आरबीआई - Reserve Bank of India
विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य
यह वक्तव्य (i) विनियमन; (ii) वित्तीय बाजारों से संबंधित विकासात्मक और विनियामक नीतिगत उपायों को निर्धारित करता है। I. विनियमन 1. बैंकों के मृत ग्राहकों के जमा खातों के संबंध में दावों के निपटान हेतु प्रक्रिया का मानकीकरण बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 के प्रावधानों के अंतर्गत, जमा खातों, सुरक्षित अभिरक्षा में रखी वस्तुओं या सुरक्षित जमा लॉकरों के संबंध में नामांकन सुविधा उपलब्ध है। इसका उद्देश्य ग्राहक की मृत्यु होने पर दावों का शीघ्र निपटान, वस्तुओं की वापसी या सुरक्षित जमा लॉकर की सामग्री की रिलीज करने के कार्य को सुगम बनाना और परिवार के सदस्यों को होने वाली कठिनाइयों को कम करना है। मौजूदा अनुदेशों के अनुसार, बैंकों को उत्तरजीवियों/ नामित व्यक्तियों/ कानूनी उत्तराधिकारियों द्वारा किए गए दावों के शीघ्र और झंझट-रहित निपटान हेतु एक सरलीकृत प्रक्रिया अपनानी होगी। ये प्रक्रियाएँ अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग होती हैं। ग्राहक सेवा मानकों को बेहतर बनाने के उद्देश्य से, प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और बैंकों को प्रस्तुत किए जाने वाले दस्तावेज़ों को मानकीकृत करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में जनता से परामर्श के लिए एक परिपत्र का मसौदा शीघ्र ही जारी किया जाएगा। II. वित्तीय बाजार 2. ख़जाना-बिलों में निवेश और पुनर्निवेश के लिए आरबीआई रिटेल डायरेक्ट में स्वचालित बोली प्रक्रिया सुविधाओं की शुरूआत रिटेल डायरेक्ट योजना के अंतर्गत खुदरा निवेशकों को रिज़र्व बैंक में अपने गिल्ट खाते खोलने में सुविधा प्रदान करने के लिए नवंबर 2021 में रिटेल डायरेक्ट पोर्टल का लोकार्पण किया गया था। यह योजना खुदरा निवेशकों को प्राथमिक नीलामी में सरकारी प्रतिभूतियाँ (जी-सेक) खरीदने के साथ-साथ द्वितीयक बाजार में जी-सेक खरीदने और बेचने की सुविधा प्रदान करता है। योजना के शुभारंभ के बाद से, उत्पाद और भुगतान विकल्पों के संदर्भ में कई नई सुविधाएँ शुरू की गई हैं, जिनमें मई 2024 में एक मोबाइल ऐप का शुभारंभ भी शामिल है। निवेशकों को अपने निवेश की व्यवस्थित योजना बनाने में सक्षम बनाने के लिए, रिटेल डायरेक्ट में ख़जाना बिलों (टी-बिल) के लिए एक स्वचालित बोली-प्रक्रिया सुविधा शुरू की गई है, जिसमें निवेश और पुनर्निवेश दोनों विकल्प शामिल हैं। यह नई सुविधा निवेशकों को ख़जाना बिलों की प्राथमिक नीलामी में बोलियों को स्वचालित रूप से लगाने में मदद करती है।
(पुनीत पंचोली) प्रेस प्रकाशनी: 2025-2026/843 |