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भारतीय उद्योग में विदेशी सहयोग पर सर्वेक्षणः 2007-2010

11 जुलाई 2013

भारतीय उद्योग में विदेशी सहयोग पर सर्वेक्षणः 2007-2010

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर भारतीय उद्योग में विदेशी सहयोग पर सर्वेक्षणः 2007-2010 से संबंधित आंकड़े जारी किए।

यह सर्वेक्षण अप्रैल 2007 से मार्च 2010 या उसके भाग के दौरान विदेशी कंपनियों के साथ तकनीकी सहयोग वाली भारतीय कंपनियों के स्वरूप, शैली और परिचालनों से संबंधित वैध व्यापक सूचना का संग्रह करता है। तकनीकी सहयोग करार से संबंधित सूचना के अलावा इस सर्वेक्षण में मार्च 2007-2010 के अंत में इक्विटी सहभागिता पर सूचना भी एकत्र की गई।

अनुसूची के अनुसार सर्वेक्षण की प्रतिक्रिया में शामिल 836 भारतीय कंपनियों में से 158 कंपनियों ने 160 विदेशी तकनीकी सहयोग करारों की रिपोर्ट की।

ऐसे विदेशी तकनीकी सहयोग पर आधारित सर्वेक्षण के परिणामों की मुख्य-मुख्य बातें खंड I और विदेशी इक्विटी सहभागिता और/अथवा तकनीकी सहयोग की रिपोर्ट करने वाली सभी 836 कंपनियों पर आधारित परिणाम नीचे खंड II में दिए गए हैं:

मुख्य-मुख्य बातें: 8वां दौर

I. विदेशी तकनीकी सहयोग वाली कंपनियां

  • क्षेत्र: वर्ष 2007-08 से 2009-10 की अवधि के दौरान विदेशी तकनीकी सहयोग करार करने वाली 158 कंपनियों में से 129 सहायक कंपनियां, 19 इक्विटी सहभागिता वाली सहयोगी कंपनियां थी और 10 कंपनियों को विशुद्ध तकनीकि सहयोग (पीटीसीसी) प्राप्त था (तालिका 1)।

  • करारों का उद्योग वार वितरण: विदेशी सहयोग वाली कंपनियों ने दर्शाया कि कुल विदेशी तकनीकी सहयोग करारों में विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी सर्वेक्षण के सातवें दौर अवधि से सर्वेक्षण के वर्तमान आठवें में कम हो गई जबकि सेवा क्षेत्र की हिस्सेदारी में वृद्धि हुई (तालिका 2)।

  • करारों का देशवार वितरण: प्रौद्योगिकी अंतरण के मामले में शीर्ष चार देश अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन थे और सर्वेक्षण के पहले दौर में जापान था (तालिका 3)।

  • अंतरित आस्तियों का प्रकार: अंतरण की जानकारी प्रदान करने वाले करारों की विदेशी तकनीकी सहयोग करारों में बड़ी हिस्सेदारी थी। तथापि, केवल अंतरण की जानकारी प्रदान करने वाले करारों की हिस्सेदारी सर्वेक्षण के सातवें दौर से वर्तमान सर्वेक्षण में कम हो गई (तालिका 4)।

  • भुगतान की पद्यतियां:  सर्वेक्षण के अनुसार रॉयल्टी, एकमुश्त तकनीकी शुल्क और दोनों रॉयल्टी और एकमुश्त तकनीकी शुल्क वाले करारों की हिस्सेदारी क्रमशः 26.3 प्रतिशत, 28.7 प्रतिशत और 45.0 प्रतिशत (तालिका 5)।

  • निर्यात प्रतिबंधात्मक खंड: वर्तमान सर्वेक्षण के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र में निर्यात प्रतिबंधात्मक खंडों के साथ विदेशी तकनीकी सहयोग के अनुपात में काफी कमी आई। सर्वेक्षण में इस पर भी प्रकाश डाला गया कि निर्यात प्रतिबंधात्मक खंडों के साथ करारों की हिस्सेदारी में अधिकांश देशों में कमी आई (तालिका 6 और 7)।

  • विशिष्ट अधिकारों का प्रावधान:  सर्वेक्षण के अनुसार वस्त्र और विद्युत उपस्कर क्षेत्र को छोड़कर करारों के तहत अंतरित आस्तियों पर विशिष्ट अधिकार प्रदान कराने वाले करारों के अनुपात में कमी आई। किसी भारतीय कंपनी के लिए विदेशी सहयोग करार में उपलब्ध कराए गए विशिष्ट अधिकारों का प्रावधान विदेशी सहयोगी पर भारत में परिचालित किसी अन्य पार्टियों को ऐसी आस्तियां अंतरित करने पर प्रतिबंध लगाता है (तालिका 8)।

  • उत्पादन मूल्य: वर्तमान सर्वेक्षण में शामिल की गई विदेशी सहयोग कंपनियों द्वारा रिपोर्ट किया गया कुल उत्पादन मूल्य वर्ष 2007-08 में रु. 604.8 बिलियन से बढ़कर वर्ष 2009-10 में रु.822.4 बिलियन हो गया। कुल उत्पादन में विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी में कमी आई परंतु कुल उत्पादन में सेवा क्षेत्र की हिस्सेदारी में मुख्य रूप से कंप्यूटर और संबंधित सेवाओं में वृद्धि के कारण सुधार हुआ (तालिका 9 और 10)।

  • रोजगार: प्रत्युत्तर विदेशी सहयोग कंपनियों में कमर्चारियों की संख्या वर्ष 2007-08 में 62166 से बढ़कर वर्ष 2010 में 71268 हो गई (तालिका 11)।

  • लाभप्रदता: विदेशी सहयोग कंपनियों की सकला लाभ से लगाई गई पूंची के अनुपात में मापी गई लाभप्रदता वर्ष 2007-08 में 14.1 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2008-09 में 6.9 प्रतिशत हो गई, तथापि यह वर्ष 2009-10 में सुधर कर 12.8 प्रतिशत हो गई (तालिका 12)।

  • निर्यात: वर्तमान सर्वेक्षण में शामिल विदेशी सहयोग कंपनियों का निर्यात वर्ष 2007-08 में रु. 120.7 बिलियन से बढ़कर वर्ष 2009-10 में रु. 156.7 बिलियन हो गया। विनिर्माण क्षेत्र की निर्यात में प्रभावी हिस्सेदारी रही। (तालिका 13)।

  • आयात: वर्तमान सर्वेक्षण में शामिल विदेशी सहयोग कंपनियों द्वारा किया गया कुल निर्यात वर्ष 2007-08 में रु. 275.0 बिलियन से बढ़कर वर्ष 2008-09 में रु. 342.3 बिलियन हो गया किंतु वर्ष 2009-10 में कम होकर रु. 299.0 बिलियन हो गया। विदेशी सहयोग कंपनियों के बीच विनिर्माण क्षेत्र में प्रभावी रूप से आयात भुगतान किए गए (तालिका 14)।

  • अनुसंधान और विकास व्यय: उत्पादन मूल्य की तुलना में अनुसंधान और विकास  व्यय के अनुपात के रूप में मापे गए अनुसंधान और विकास घनत्व में वर्ष 2007-08 से वर्ष 2009-10 तक विनिर्माण और सेवा दोनों क्षेत्रों में गिरावट आई (तालिका 15)।

II. सभी कंपनियां (तकनीकी और/अथवा गैर-तकनीकी सहयोग वाली)

  • क्षेत्र: मार्च 2007-2010 की स्थित के अनुसार इक्विटी भागीदारी के मामले में विदेशी तकनीकी सहयोग और/अथवा गैर-तकनीकी सहयोग करने वाली 836 कंपनियों में से 672 सहायक कंपनियां, 111 सहयोगी कंपनियां और 53 अन्य श्रेणी कंपनियां थी। सहायक कंपनियों की कुल कंपनियों में 80.4 प्रतिशत की प्रभावी हिस्सेदारी थी (तालिका 16)।

  • विदेशी इक्विटी:  836 रिपोर्टिंग कंपनियों में कुल चुकता पूंजी के प्रतिशत के रूप में विदेशी इक्विटी मार्च 2008 के अंत में 70.1 प्रतिशत से बढ़कर मार्च 2010 के अंत में 78.4 प्रतिशत हो गई। कंपनियों के कुल विदेशी इक्विटी स्टॉक में सहायक कंपनियों की तुलनात्मक हिस्सेदारी मार्च 2008 के अंत में 90.2 प्रतिशत से बढ़कर मार्च 2010 के अंत में 93.0 प्रतिशत हो गई (तालिका 17)।

  • उद्योग वार विदेशी इक्विटी: वर्तमान सर्वेक्षण में शामिल की गई कंपनियों के आंकड़ों ने सेवा क्षेत्र में विदेशी इक्विटी सहभागिता की हिस्सेदारी में वृद्धि दर्शाई। सेवा क्षेत्र और निर्माण क्षेत्र ने विदेशी इक्विटी सहभागिता में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की। सहायक कंपनियों ने वर्ष 2007-2010 के दौरान ऐसी ही प्रवृत्ति दर्शाई (तालिका 18 और तालिका 19)।

  • आंतरिक एफडीआई का देशवार वितरण: सर्वेक्षण के अनुसार मॉरिशस भारतीय सहायक कंपनियों में एफडीआई का सबसे बड़ा स्रोत रहा और इसके बाद ब्रिटेन का स्थान रहा (तालिका 20)।

  • आयात: वर्तमान सर्वेक्षण में शामिल की गई सहायक कंपनियों का कुल आयात वर्ष 2007-08 में रु. 243.6 बिलियन से बढ़कर वर्ष 2009-10 में रु. 374.7 बिलियन हो गया। सहायक कंपनियों में विनिर्माण क्षेत्र द्वारा अधिक आयात भुगतान किए गए (तालिका 21)।

  • निर्यात: वर्तमान सर्वेक्षण में शामिल सहायक कंपनियों द्वारा किया गया कुल निर्यात वर्ष 2007-08 में रु. 296.2 बिलियन से बढ़कर वर्ष 2009-10 में रु. 404.4 बिलियन हो गया। निर्यात में सेवा क्षेत्र का प्रभाव रहा (तालिका 22)।

  • उत्पादन मूल्य: वर्तमान सर्वेक्षण में शामिल की गई विदेशी सहायक कंपनियों द्वारा रिपोर्ट की गया कुल उत्पादन मूल्य वर्ष 2007-08 में रु. 589.0 बिलियन से बढ़कर वर्ष 2009-10 में रु. 954.2 बिलियन हो गया। विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी में वर्ष 2007-08 से 2009-10 तक कमी आई और सेवा क्षेत्र की हिस्सेदारी में मुख्य रूप से कंप्यूटर और संबंधित सेवाओं में वृद्धि के कारण सुधार हुआ (तालिका 23)।

  • लाभ मार्जिन: कुल उत्पादन मूल्य की तुलना में निवल लाभ के अनुपात द्वारा मापा गया विदेशी सहायक कंपनियों का लाभ मार्जिन वर्ष 2007-08 में 19.8 प्रतिशत से घटकर वर्ष वैश्विक संकट के बाद 2009-10 में 7.1 प्रतिशत हो गया (तालिका 24)।

अजीत प्रसाद
सहायक महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2013-2014/76

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