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बैंक ऋण वितरण सर्वेक्षण - Q3:2020-21 - तीसरी तिमाही के लिए

आज रिज़र्व बैंक ने अपने तिमाही बैंक ऋण वितरण सर्वेक्षण (BLS)1 के 14 वें चक्र का परिणाम प्रकाशित किया। यह सर्वेक्षण वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही से किया जा रहा है, जिसमें बड़े आर्थिक क्षेत्रों के लिए ऋण मानदंडों (जैसे-ऋण की मांग, ऋण के नियम और शर्तें) के संबंध में बड़े अनुसूचित वाणिज्य बैंकों (एससीबी) के गुणात्मक मूल्यांकन तथा उनकी प्रत्याशाओं को संग्रहित किया जाता है। सर्वेक्षण प्रश्नावली को भारत में प्रमुख 30 एससीबी बैंको के बीच वितरित किया गया जाता है जो कुल ऋण के 90 प्रतिशत से अधिक हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं। सर्वेक्षण के अद्यतन चक्र का संचालन वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही में किया गया था, जिसमें 2020-21 की तीसरी तिमाही Q3:2020-21 के लिए ऋण के मानदंडों और 2020-21 की चौथी तिमाही Q4:2020-212 के लिए अपेक्षाओं के संबंध में वरिष्ठ ऋण अधिकारियों का मूल्यांकन एकत्रित किया गया। कोविद-19 महामारी के कारण व्याप्त अनिश्चितता के चलते आगे की दो और तीन तिमाहियों के लिए परिदृश्य का मूल्यांकन करने के लिए सर्वेक्षण के इस चक्र में अतिरिक्त एक ब्लॉक सम्मिलित किया गया ।

विशेष:

क. 2020-21 की तीसरी तिमाही के लिए मूल्यांकन

  • 2020-21 की तीसरी तिमाही में ऋण की मांग स्थितियाँ पुनर्जीवित हो गईं, जैसा कि सभी बड़े क्षेत्रों के लिए आशावादिता के बढ़े हुए स्तर से प्रदर्शित हो रहा है (चार्ट 1 और सारणी 1)।

  • बैंकों ने आधआरभूत संरचना के क्षेत्र को छोड़कर शेष सभी क्षेत्रों को दिए जानेवाले ऋणों की शर्तों को शिथिल करने का मूल्यांकन किया (सारणी 2)।

ख. 2020-21 की चौथी तिमाही के लिए अपेक्षाएं

  • बैंकों को उम्मीद है कि 2020-21 की चौथी तिमाही में ऋण मांग में वृद्धि होगी; विनिर्माण, आधारभूत संरचना, सेवा और व्यक्तिगत ऋण क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से उच्च आशावादिता रिपोर्ट की गई है।

  • बैंकों को उम्मीद है कि आसान ऋण की शर्तें निरंतर रहेंगी और व्यक्तिगत ऋण क्षेत्र के लिए और भी नरमी आने की उम्मीद है।

ग. 2021-22 की प्रथम तिमाही और दूसरी तिमाही के लिए अपेक्षाएं

  • बैंकों ने 2021-22 की दूसरी तिमाही तक सभी क्षेत्रों में ऋण की मांग की स्थितियों में आगे परिणामी सुधार होने की प्रत्याशा जाहिर की है (सारणी 3)।

  • 2021-22 की प्रथम छमाही में ऋण की आसान शर्तें जारी रहेंगी, ऐसी प्रत्याशा की गई है।

CH1

Table 1: Sector-wise Loan Demand - Summary of Net responses3
(per cent)
Sectors Assessment Period Expectations Period
Q2:2020-21 Q3:2020-21 Q3:2020-21 Q4:2020-21
All Sectors 10.9 33.9 32.6 44.6
Agriculture 31.3 35.0 39.6 33.3
Mining and Quarrying Sector 2.1 16.1 18.8 19.6
Manufacturing 12.5 31.0 39.6 46.6
Infrastructure 0.0 19.6 22.9 30.4
Services 21.7 31.0 28.3 41.4
Retail/Personal 25.0 45.8 30.0 47.9

Table 2: Sector-wise Loan Terms and Conditions - Summary of Net responses
(per cent)
Sectors Assessment Period Expectations Period
Q2:2020-21 Q3:2020-21 Q3:2020-21 Q4:2020-21
All Sectors 0.0 14.3 17.4 21.4
Agriculture 19.6 15.5 19.6 17.2
Mining and Quarrying Sector 4.3 3.6 17.4 14.3
Manufacturing 12.0 10.0 20.0 13.3
Infrastructure 0.0 -3.4 10.9 5.2
Services 14.6 15.5 18.8 17.2
Retail/Personal 15.0 24.0 17.5 26.0

Table 3: Sector-wise Expectations for extended period - Summary of Net responses
(per cent)
Sectors Loan Demand Loan Terms and Conditions
Q1:2021-22 Q2:2021-22 Q1:2021-22 Q2:2021-22
All Sectors 53.6 57.1 22.4 31.0
Agriculture 37.9 41.4 19.0 24.1
Mining and Quarrying Sector 19.6 25.0 7.1 14.3
Manufacturing 51.7 55.2 17.2 27.6
Infrastructure 41.1 48.2 12.5 19.6
Services 55.4 60.7 19.6 26.8
Retail/Personal 50.0 63.8 22.4 29.3

Note: Please see the excel file for time series data


1 सर्वेक्षण की पृष्ठभूमि और उसकी विधियों का प्रकाशन भारतीय रिज़र्व बैंक बुलेटिन के दिसंबर 2020 अंक में ‘बैंक लेंडिंग सर्वे-रीसेंट ट्रेंड्स’ लेख में किया गया है (वेब लिंक: /en/web/rbi/-/publications/rbi-bulletin/bank-lending-survey-recent-trends-19963).

2 सर्वेक्षण के परिणाम उत्तरदाताओं के अभिमतों का प्रदर्शन करते हैं, जिन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक साझा करे इसकी कोई अनिवार्यता नहीं है।.

3 Net Response (NR) is computed as the difference of percentage of banks reporting increase/optimism and those reporting decrease/pessimism in respective parameter. The weights of +1.0, 0.5, 0, -0.5 and -1.0 are assigned for computing NR from aggregate per cent responses on 5-point scale i.e. substantial increase/ considerable easing, moderate increase/ somewhat easing, no change, moderate decrease/ somewhat tightening, substantial decrease/ considerable tightening for loan demand/loan terms and conditions parameters respectively. NR ranges between -100 to 100. Any value greater than zero indicates expansion/optimism and any value less than zero indicates contraction/pessimism. Increase in loan demand is considered optimism (Tables 1), while for loan terms and conditions, a positive value of net response indicates easy terms and conditions (Table 2). Percentage share of responses may not add up to 100 due to rounding off.

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