उप गवर्नर | श्री स्वामीनाथन जे - आरबीआई - Reserve Bank of India
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संगठन और कार्य
श्री स्वामीनाथन जे
उप गवर्नर

श्री स्वामीनाथन जे
श्री स्वामीनाथन जे ने आज भारतीय रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर के रूप में कार्यभार संभाला। भारत सरकार ने 21 जून 2023 को उन्हें पद ग्रहण की तारीख से तीन वर्ष की अवधि के लिए या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, भारतीय रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर के पद पर नियुक्त किया है।
श्री स्वामीनाथन उप गवर्नर के रूप में नियुक्त होने से पहले भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के प्रबंध निदेशक (कॉर्पोरेट बैंकिंग और अनुषंगी) थे।
उप गवर्नर के रूप में श्री स्वामीनाथन, उपभोक्ता शिक्षण और संरक्षण विभाग, पर्यवेक्षण विभाग, वित्तीय समावेशन और विकास विभाग, निरीक्षण विभाग, परिसर विभाग और राजभाषा विभाग का कामकाज देखेंगे।
एसबीआई के साथ अपने 34 वर्षों से अधिक के कार्यकाल में, श्री स्वामीनाथन ने कॉर्पोरेट और अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग, खुदरा और डिजिटल बैंकिंग, वित्त और आश्वासन कार्यों से संबंधित विभिन्न पदों पर कार्य किया है। एमडी (कॉर्पोरेट बैंकिंग और अनुषंगी) के रूप में, उन्होंने एसबीआई और आरआरबी की गैर-बैंकिंग सहायक कंपनियों के साथ-साथ बैंक के बड़े कॉर्पोरेट और वाणिज्यिक क्रेडिट कारोबार का कामकाज देखा। इससे पहले, एमडी (जोखिम, अनुपालन और तनावग्रस्त आस्ति समाधान समूह) के रूप में, वह एसबीआई के लिए जोखिम प्रबंधन कार्यों के साथ-साथ विनियामक अनुपालन ढांचे का कामकाज देख रहे थे।
इससे पूर्व, उप प्रबंध निदेशक-वित्त के रूप में, उन्होंने बजटीय कार्य, पूंजी नियोजन, वित्तीय रिपोर्टिंग, निवेशक संबंध और सचिवीय अनुपालन का कार्यभार संभाला। एसबीआई के मुख्य डिजिटल अधिकारी के रूप में, श्री स्वामीनाथन ने बैंक के डिजिटल और लेनदेन बैंकिंग क्षेत्रों का प्रबंधन किया। मुमप्र के रूप में श्री स्वामीनाथन, एसबीआई के हैदराबाद सर्कल के प्रमुख थे।
एसबीआई के नामित व्यक्ति के रूप में, श्री स्वामीनाथन यस बैंक, एनपीसीआई, एनपीसीआई इंटरनेशनल, जियो पेमेंट्स बैंक के बोर्ड और एसबीआई की गैर-बैंकिंग सहायक कंपनियों के बोर्ड में निदेशक थे। श्री स्वामीनाथन ने 2021-22 के दौरान भारतीय रिज़र्व बैंक के विनियम समीक्षा प्राधिकारी (आरआरए 2.0) के सलाहकार समूह के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।
श्री स्वामीनाथन ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट, चेन्नई से एक्जिक्यूटिव एमबीए किया है। वे सर्टिफाइड एसोसिएट ऑफ इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकर्स (सीएआईआईबी), सर्टिफाइड डॉक्यूमेंट्री क्रेडिट स्पेशलिस्ट (सीएससीएस) और सर्टिफाइड एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग स्पेशलिस्ट (सीएएमएस) हैं।
श्री एम.के. जैन
संपर्क विवरण
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भारतीय रिज़र्व बैंक
19वीं मंजिल, केंद्रीय कार्यालय भवन शहीद भगत सिंह मार्ग
मुंबई-400 001 -
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22675277
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श्री स्वामीनाथन जे, उप गवर्नर के विभाग
श्री स्वामीनाथन जे, उप गवर्नर के विभाग
असेट प्रकाशक
पिछले उप गवर्नरों की सूची

डॉ. एम. डी. पात्र
14 जनवरी 2020 की भारत सरकार की अधिसूचना के अनुपालन में डॉ माइकल देवव्रत पात्र ने आज तीन साल या अगले आदेश, जो भी पहले हो, तक की अवधि के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक के उप-गवर्नर के रूप में पदभार संभाला।
उप गवर्नर के पद पर पदोन्नति से पहले डॉ. पात्र रिज़र्व बैंक के कार्यपालक निदेशक के रूप में कार्यरत थे।
उप गवर्नर के रूप में डॉ. पात्र पूर्वानुमान और मॉडलिंग इकाई सहित मौद्रिक नीति विभाग (एमपीडी / एमयू), वित्तीय बाजार परिचालन विभाग (एफ़एमओडी), बाजार आसूचना सहित वित्तीय बाजार विनियमन विभाग (एफ़एमआरडी/एमआई), अंतर्राष्ट्रीय विभाग (आईएनटीएल डी), आर्थिक और नीति अनुसंधान विभाग (डीईपीआर), सांख्यिकी और सूचना प्रबंध विभाग (आंकड़े और सूचना प्रबंध इकाई सहित) (डीएसआईएम/ डीआईएमयू), कॉर्पोरेट कार्यनीति और बजट विभाग (सीएसबीडी), वित्तीय स्थिरता विभाग का कार्यभार संभालेंगे।
1985 से एक करियर केन्द्रित बैंकर डॉ. पात्र ने भारतीय रिजर्व बैंक में विभिन्न पदों पर काम किया है। कार्यपालक निदेशक के रूप में वे भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के सदस्य रहे हैं, जिन्हें भारत में मौद्रिक नीति निर्णयन का दायित्व सौंपा जाता है। उप गवर्नर के रूप में वे एमपीसी के पदेन सदस्य बने रहेंगे।
इससे पहले, वे जुलाई 2012 और अक्टूबर 2014 के बीच भारतीय रिज़र्व बैंक के मौद्रिक नीति विभाग के प्रधान परामर्शदाता रहें। उन्होंने दिसंबर 2008 से जून 2012 के दौरान अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में कार्यपालक निदेशक (भारत) के वरिष्ठ सलाहकार के रूप में काम किया है और वैश्विक वित्तीय संकट तथा यूरो क्षेत्र में सॉवरेन ऋण संकट की अवधि के दौरान आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड के काम में उन्होंने सक्रिय रूप से कार्य किया है। उनकी किताब "द ग्लोबल इकोनॉमिक क्राइसिस फ्रॉम ए इंडियन लुकिंग ग्लास" इस अनुभव को बखूबी चित्रित करती है। उन्होंने विनिमय दरों और भुगतान संतुलन सहित, मुद्रास्फीति, मौद्रिक नीति, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और वित्त जैसे कार्यक्षेत्रों में शोधपत्र भी प्रकाशित किए हैं। हार्वर्ड विश्वविद्यालय के सदस्य के रूप में उन्होंने वित्तीय स्थिरता क्षेत्र में पोस्ट-डॉक्टरल स्तरीय अनुसंधान किया है, उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे से अर्थशास्त्र में पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की है।
केंद्र सरकार ने डॉ. माइकल देवब्रत पात्र को 15 जनवरी 2023 से एक वर्ष की अवधि के लिए अथवा अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, भारतीय रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर के रूप में पुनः नियुक्त किया है।
केंद्र सरकार ने डॉ. माइकल देबब्रत पात्र को 15 जनवरी 2024 से एक वर्ष की अवधि के लिए या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, भारतीय रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर के रूप में पुनः नियुक्त किया है।

श्री एम.के. जैन
श्री महेश कुमार जैन ने आज भारतीय रिजर्व बैंक के उप गवर्नर के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। भारत सरकार ने उन्हें 4 जून 2018 को भारतीय रिजर्व बैंक के उप-गवर्नर के रूप में पदभार ग्रहण करने की तारीख से तीन साल की अवधि या अगला आदेश जो भी पहले हो, तक नियुक्त किया है।
श्री जैन उप गवर्नर के रूप में नियुक्ती से पहले आईडीबीआई बैंक के एमडी और सीईओ थे।
श्री जैन, उप गवर्नर के रूप में बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग, सहकारी बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग,गैर बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग,केंद्रीय सुरक्षा कक्ष,दस्तावेज़ प्रबंधन प्रणाली सहित कॉर्पोरेट सेवा विभाग,राजभाषा विभाग,उपभोक्ता शिक्षण और संरक्षण विभाग,वित्तीय समावेशन और विकास विभाग और परिसर विभाग का कार्यभार संभालेगें।
श्री जैन एक पेशेवर बैंकर हैं जिनके पास 32 साल से अधिक सेवा का अनुभव है। आईडीबीआई बैंक में अपने कार्यकाल से पहले, वह इंडियन बैंक का नेतृत्व कर रहे थे। उन्होंने पंजाब नेशनल बैंक और सिंडिकेट बैंक में विभिन्न पदों पर कई क्षेत्रों में कार्य किया है जिसमें कॉरपोरेट और रिटेल क्रेडिट, जोखिम प्रबंधन, कॉर्पोरेट ऋण पुनर्गठन सहित क्रेडिट मॉनिटरिंग, बिजनेस प्रोसेस री-इंजीनियरिंग, ट्रेजरी और इंटरनेशनल बैंकिंग शामिल है।
05 मई 1961 को जन्में श्री जैन ने वाणिज्य और व्यापार प्रशासन में स्नातकोत्तर उपाधि के साथ एफएआईआईबी, सीएफए और एफआरएम भी किया है। वे आईआईबीएफ के फैलो सदस्य भी हैं।

श्री बी.पी. कानूनगो
श्री बी.पी. कानुनगो ने आज, भारतीय रिजर्व बैंक के उप-गवर्नर के रूप में पदभार संभाला। भारत सरकार ने उन्हें 11 मार्च, 2017 को भारतीय रिजर्व बैंक के उप गवर्नर के रूप में 3 अप्रैल 2017 को या उसके बाद उनके द्वारा पदभार ग्रहण किये जाने की तारीख से तीन वर्ष की अवधि अथवा अगला आदेश, जो भी पहले हो तक के लिए नियुक्त किया है।
उप-गवर्नर के पद पर पदोन्नति के पहले श्री कानुनगो, रिजर्व बैंक के कार्यपालक निदेशक थे।
उप-गवर्नर के रूप में, श्री कानुनगो, मुद्रा प्रबंध विभाग (डीसीएम), बाह्य निवेश एवं परिचालन विभाग (डीईआईओ), सरकारी और बैंक लेखा विभाग (डीजीबीए), सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डीआईटी), भुगतान और निपटान प्रणाली विभाग (डीपीएसएस), विदेशी मुद्रा विभाग (एफईडी), आंतरिक ऋण प्रबंधन विभाग (आईडीएमडी), विधि विभाग (एलडी) और परिसर विभाग (पीडी) का कामकाज देखेंगे।
श्री कानुनगो, व्यवसायी केंद्रीय बैंकर सितंबर 1982 में भारतीय रिजर्व बैंक में शामिल हुए। उन्होंने बैंकों के विदेशी मुद्रा प्रबंध, बैंकिंग और गैर-बैंकिंग पर्यवेक्षण, मुद्रा प्रबंध, सरकारी और बैंक लेखा और लोक ऋण जैसे कई कार्यात्मक क्षेत्रों में काम किया है। उन्होंने जयपुर और कोलकाता क्षेत्रीय कार्यालयों के प्रमुख के रूप में बैंक में सेवा की है और इसके अलावा वे मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ के बैंकिंग ओम्बड्समैन भी रह चुके हैं। कार्यपालक निदेशक के रूप में, उन्होंने विदेशी मुद्रा प्रबंध, आंतरिक ऋण प्रबंध और सरकारी और बैंक लेखों का कार्य सम्भाला है।
5 मई 1959 को जन्मे श्री कानुनगो, ने विधि क्षेत्र में स्नातक डिग्री के अलावा उत्कल विश्वविद्यालय से मानविकी में मास्टर डिग्री प्राप्त की हैं।

श्री एन.एस. विश्वनाथन
श्री एन.एस. विश्वनाथन ने आज भारतीय रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। भारत सरकार ने उन्हें 29 जून 2016 को उक्त पद पर 4 जुलाई 2016 को या इसके बाद उनके द्वारा कार्यभार ग्रहण करने की तारीख से तीन वर्ष की अवधि या अगले आदेश आने तक, जो भी पहले हो, भारतीय रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर के पद पर नियुक्त किया है।
श्री विश्वनाथन उप गवर्नर के पद पर जाने से पहले रिज़र्व बैंक के कार्यपालक निदेशक थे।
उप गवर्नर के रूप में श्री विश्वनाथन बैंकिंग विनियमन विभाग (डीबीआर), सहकारी बैंकिंग विनियमन विभाग (डीसीबीआर), गैर-बैंकिंग विनियमन विभाग (डीएनबीआर), निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआईसीजीसी), वित्तीय स्थिरता इकाई (एफएसयू), निरीक्षण विभाग, जोखिम निगरानी विभाग (आरएमडी) तथा सचिव विभाग का कार्य देखेंगे।
श्री विश्वनाथन, करियर केंद्रीय बैंकर ने 1981 में भारतीय रिज़र्व बैंक में कार्यभार संभाला था। उनकी विशेषज्ञता के क्षेत्रों में बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और सहकारी बैंकों का विनियमन और पर्यवेक्षण, मुद्रा प्रबंध, विदेशी मुद्रा और मानव संसाधन प्रबंध शामिल हैं। वे बैंक ऑफ मॉरिशस में निदेशक, पर्यवेक्षण के रूप में तीन वर्ष के लिए विशेष अन्यत्र नियुक्ति पर रहे। वे रिज़र्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय चेन्नै के प्रमुख भी रहे हैं।
श्री विश्वनाथन तीन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निदेशक बोर्ड में भिन्न-भिन्न समय पर रिज़र्व बैंक के नामिती थे। वे मुख्य सतर्कता अधिकारी और आंतरिक लेखापरीक्षा, आईएफसीआई के प्रमुख भी थे। वे विभिन्न समितियों, कार्य समूहों और कार्यदलों के साथ भी जुड़े रहे हैं। उन्होंने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय समितियों में रिज़र्व बैंक का प्रतिनिधित्व किया है। इनमें शामिल हैं – नीति विकास समूह, बीआईएस, बासेल के सदस्य और अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट यूनियन विनियामक नेटवर्क के कार्यपालक समिति सदस्य।
27 जून 1958 को जन्मे श्री विश्वनाथन ने बेंगलूरु विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की है।
केंद्र सरकार ने श्री एन.एस. विश्वनाथन को 3 जुलाई 2019 को समाप्त होने वाली उनकी वर्तमान नियुक्ति की तीन वर्ष की अधिसूचित अवधि से आगे एक और वर्ष अर्थात् 3 जुलाई 2020 अथवा अगले आदेश, जो भी पहले हो तक, के लिए उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक के रूप में पुनः नियुक्त किया है।

डॉ. विरल वी. आचार्य
केंद्रीय सरकार ने 28 दिसंबर 2016 की अधिसूचना एफ सं. 7/1/2012-बीओ-I (पीटी.) के माध्यम से डॉ. विरल वी. आचार्य जो वर्तमान में सी.वी. स्टार प्रोफेसर ऑफ इकॉनोमिक्स, वित्त विभाग, न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी – स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनस के रूप में कार्यरत हैं, को उनके कार्यभार ग्रहण करने की तारीख से तीन वर्ष की अवधि के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर के रूप में नियुक्त किया है। डॉ. आचार्य 20 जनवरी 2017 को कार्यभार ग्रहण करेंगे।
उप गवर्नर के रूप में डॉ. आचार्य मौद्रिक नीति और अनुसंधान क्लस्टर का कार्य देखेंगे।
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भाषण
The Karur Vysya Bank family - represented here by the Chairperson, the Directors on the Board, the shareholders, MD CEO, the staff, officials and the customers of the bank and their families, ladies and gentlemen, Anaivarukkum Vanakkam. Namaskaram. A warm good afternoon.
Principal, NIBM, Dr Partha Ray, Members of Faculty, my colleagues from the Reserve Bank of India, and most importantly, our promising future bankers from the PGDM Batch of 2025-27. A very good evening to all of you.
Chairmen and Directors of Urban Cooperative Banks; Shri Jaikish, Principal of the College of Agricultural Banking; my colleagues from the Reserve Bank of India; ladies and gentlemen - a very good afternoon to all of you.
Regional Director for Mumbai Regional Office, Shri Suman Ray; Regional Director for Nagpur Regional Office, Shri Sachin Shende; Chief General Manager, National Bank for Agriculture and Rural Development, Ms. Rashmi Darad; senior officials from Bank of Maharashtra, Convenor Bank, SLBC Maharashtra, senior executives from banks, Lead District Managers (LDMs), Lead District Officers (LDOs) and my colleagues from Reserve Bank of India, present here.