प्रेस प्रकाशनियां - प्रवर्तन - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 8 अगस्त 2024 के आदेश द्वारा सीएसबी बैंक लिमिटेड (बैंक) पर बीआर अधिनियम की धारा 10(1)(बी)(ii) के उल्लंघन और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘बैंकों द्वारा वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग में जोखिम प्रबंधन और आचार संहिता संबंधी दिशानिर्देश’ तथा ‘शाखा प्राधिकरण पर मास्टर परिपत्र’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1,86,80,000 (एक करोड़ छियासी लाख अस्सी हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 8 अगस्त 2024 के आदेश द्वारा सीएसबी बैंक लिमिटेड (बैंक) पर बीआर अधिनियम की धारा 10(1)(बी)(ii) के उल्लंघन और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘बैंकों द्वारा वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग में जोखिम प्रबंधन और आचार संहिता संबंधी दिशानिर्देश’ तथा ‘शाखा प्राधिकरण पर मास्टर परिपत्र’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1,86,80,000 (एक करोड़ छियासी लाख अस्सी हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 8 अगस्त 2024 के आदेश द्वारा निडो होम फाइनेंस लिमिटेड (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को बैंकों और एनबीएफसी द्वारा सह-उधार' संबंधी निदेश के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹5,00,000/- (पाँच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 की धारा 52ए के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 8 अगस्त 2024 के आदेश द्वारा निडो होम फाइनेंस लिमिटेड (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को बैंकों और एनबीएफसी द्वारा सह-उधार' संबंधी निदेश के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹5,00,000/- (पाँच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 की धारा 52ए के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 5 अगस्त 2024 के आदेश द्वारा सुवर्णयुग सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 5 अगस्त 2024 के आदेश द्वारा सुवर्णयुग सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 5 अगस्त 2024 के आदेश द्वारा निधि को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों, रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं, जिनमें उनके हित हों, को ऋण और अग्रिम’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 5 अगस्त 2024 के आदेश द्वारा निधि को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों, रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं, जिनमें उनके हित हों, को ऋण और अग्रिम’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: जुलाई 29, 2025