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विप्रेषण (धन अंतरण सेवा योजना (एमटीएसएस) तथा रुपया आहरण व्यवस्था (आरडीए))

रुपया आहरण व्यवस्था(आरडीए)

आरडीए के अंतर्गत विप्रेषणों के नकद संवितरण की अनुमति नहीं है। विप्रेषणों को अनिवार्यतः हिताधिकारी के बैंक खाते में जमा किया जाना चाहिए।

देशी जमा

I . देशी जमा

मीयादी जमाराशि, बैंक और ग्राहक के बीच एक निश्चित अवधि की संविदा है तथा बैंक अपनी इच्छा से इसका समयपूर्व भुगतान नहीं कर सकते। मीयादी जमाराशियों का समयपूर्व भुगतान ग्राहक के अनुरोध पर किया जा सकता है ।

रिटेल डायरेक्ट योजना

योजना संबन्धित प्रश्न

पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाले किसी अन्य खुदरा निवेशक के साथ आरडीजी खाता अकेले या संयुक्त रूप से खोला जा सकता है।

दिनांक 31 जनवरी 2024 और 16 फरवरी 2024 की प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड पर लगाए गए कारोबारी प्रतिबंध

पेटीएम पेमेंट्स बैंक में बैंक खाते

नहीं। 15 मार्च 2024 के बाद, आप पेटीएम पेमेंट्स बैंक के अपने खाते में ऐसी कोई राशि प्राप्त नहीं कर पाएंगे। किसी भी असुविधा या व्यवधान से बचने के लिए कृपया अपने लिंक किए गए खाते को 15 मार्च 2024 से पहले बदलकर अन्य बैंक में करने की व्यवस्था करें।

भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका

चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) अनुसूचित वाणिज्य बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) को और प्राथमिक व्यापारियों को दी जाने वाली एक ऐसी सुविधा है जिसमें वे आवश्यकता पड़ने पर चलनिधि का उपयोग कर सकते हैं अथवा अधिक चलनिधि होने पर भारतीय रिज़र्व बैंक के पास राज्य सरकार की प्रतिभूतियों सहित सरकारी प्रतिभूतियों को संपाश्दिवक के रूप में एक दिन के लिए रख सकते हैं । मूल रूप से चलनिधि समायोजन सुविधा दैनंदिन आधार पर चलनिधि प्रबंधन उपलब्ध कराता है । एलएएफ का परिचालन बैंक के साथ पुनर्खरीद (रिपो और रिवर्स रिपो - कृपया प्रश्न सं.30 के अंतर्गत ब्योरे के लिए 30.4 से 30.8 देखें) करके, सभी लेन-देनों में भारतीय रिज़र्व बैंक के साथ प्रति-पार्टी बन कर किए जा सकते हैं । एलएएफ के अंतर्गत रिज़र्व बैंक द्वारा ब्याज दरें समय-समय पर निर्धारित की जाती हैं । वर्तमान में, एलएएफ के अंतर्गत रिपो पर ब्याज दर (भागीदारों द्वारा उधार लिए जाने पर) 4.75% है और रिवर्स रिपो (भारतीय रिज़र्व बैंक के पास निधि रखने के लिए) 3.25% है । एलएएफ मौद्रिक नीति का एक महत्वपूर्ण उपकरण है तथा बाजार को ब्याज दर संकेत भेजने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक को समर्थ बनाता है ।

बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण

सी. ईसीबी की मुद्रा

उत्तर: भारतीय रुपये में मूल्यवर्गित ईसीबी को जुटाने वाली किसी भी एंटीटी को आईएनआर ईसीबी से उभरने वाली देयता को किसी भी प्रकार से विदेशी मुद्रा देयता में परिवर्तित करने अथवा डेरिवेटिव कांट्रैक्ट अथवा अन्यथा रूप में शामिल होकर किसी भी प्रकार से विदेशी मुद्रा जोखिम लेने की अनुमति नहीं है।

एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी

A. परिभाषाएं

आवेदक कंपनी के लिये यह जरूरी है कि ऑनलाइन आवेदन करे और भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय को आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन की एक भौतिक प्रतिलिपि प्रस्तुत करे। आवेदन को रिजर्व बैंक की सुरक्षित वेबसाइट https://cosmos.rbi.org.in के द्वारा ऑनलाइन प्रस्तुत किया जा सकता। इस स्तर पर, आवेदक कंपनी को कॉसमॉस application पर लॉग ऑन करने की जरूरत नहीं और अत: इसके यूजर आईडी की आवश्यकता नहीं होगी। कंपनी कॉसमॉस अनुप्रयोग के लॉगिन पृष्ठ पर कंपनी पंजीकरण के लिए "क्लिक" पर क्लिक कर सकते हैं। एक्सेल आवेदन फार्म डाउनलोड के लिए उपलब्ध "दर्शाने वाला एक विंडो प्रदर्शित किया जाएगा इस प्रकार कंपनी, उपरोक्त वेबसाइट से उपयुक्त आवेदन फार्म (अर्थात एनबीएफसी या एससी / आरसी), डाउनलोड करके, डेटा दर्ज और आवेदन फार्म अपलोड कर सकती हैं। कंपनी को, एक्सेल आवेदन पत्र में "ब्यौरे अनुबंध-पहचान" में क्षेत्र "सी-8" में क्षेत्रीय कार्यालय का सही नाम इंगित करने के लिए नोट करना है। उसके बाद कंपनी को पंजीकरण प्रमाणपत्र आवेदन ऑन लाइन करने के लिए एक आवेदन संदर्भ संख्या मिलेगी। इसके बाद कंपनी को, संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को आवेदन पत्र की हार्ड कॉपी (कंपनी का ऑनलाइन आवेदन संदर्भ संख्या दर्शाते हुए पुष्टिकारक दस्तावेजों के साथ) प्रस्तुत करना होगी। बाद में कंपनी, ऊपर उल्लेखित सुरक्षित वेबसाइट से, पावती संख्या दर्ज कर के, आवेदन की स्थिति की जाँच कर सकती है।

भारत में विदेशी निवेश

उत्तर: “विदेशी निवेश” अर्थात भारत के बाहर के निवासी व्यक्तियों द्वारा भारतीय कंपनियों की पूंजीगत लिखतों में तथा किसी एलएलपी की पूंजी में प्रत्यावर्तनीय आधार पर किया गया निवेश ।

“प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफ़डीआई)” अर्थात भारत के बाहर के निवासी व्यक्तियों द्वारा गैर-सूचीबद्ध भारतीय कंपनियों की पूंजीगत लिखतों के माध्यम से किया गया निवेश; अथवा सूचीबद्ध भारतीय कंपनी की पूर्णतः डाइल्यूटेड आधार पर जारी प्रदत्त इक्विटि के 10 प्रतिशत तक अथवा उससे अधिक किया गया निवेश;

“विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI)” अर्थात भारत के बाहर के निवासी व्यक्तियों द्वारा सूचीबद्ध भारतीय कंपनियों की पूर्णतः डाइल्यूटेड आधार पर जारी प्रदत्त इक्विटि के जरिए पूंजीगत लिखतों में 10 प्रतिशत से अनधिक किया गया निवेश अथवा किसी सूचीबद्ध भारतीय कंपनी द्वारा जारी पूंजीगत लिखतों की प्रत्येक शृंखला में 10 प्रतिशत से अनधिक मात्रा तक किया गया निवेश ।

भारतीय मुद्रा

क) भारतीय मुद्रा/मुद्रा प्रबंधन से जुड़ी आधारभूत जानकारी

भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम १९३४ की धारा 22 के अनुसार, भारत में नोट निर्गमित करने का एकमात्र अधिकार रिज़र्व बैंक के पास है । भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम १९३४ की धारा 25 में उल्‍लेख है कि बैंकनोट की रूपरेखा (डिजाइन), स्‍वरूप और सामग्री भारतीय रिज़र्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड की अनुसंशा पर विचार करने के उपरांत केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदन के अनुसार होगी ।

रिज़र्व बैंक, केंद्र सरकार तथा अन्य साझेदारों के परामर्श से, एक वर्ष में मूल्यवर्ग-वार  मांग को ध्यान में रखते हुए अनुमानित आवश्‍यक बैंक नोटों की मात्रा का आकलन करता है और बैंक नोटों की आपूर्ति हेतु विभिन्न बैंक नोट मुद्रण प्रेसों को माँगपत्र (इंडेंट) सौंपता है । रिज़र्व बैंक अपनी स्वच्छ नोट नीति के अनुसार, आम जनता को अच्छी गुणवत्ता के बैंकनोट उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है । इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए संचलन से वापस लिए गए बैंक नोटों की जांच की जाती है तथा जो संचलन के योग्य हैं उन्हें पुन: जारी किया जाता है, जबकि अन्य (गंदे तथा कटे-फटे) को नष्ट कर दिया जाता है ताकि संचलन में बैंक नोटों की गुणवत्ता को बनाए रखा जा सके ।

सिक्कों के संबंध में, भारतीय रिज़र्व बैंक की भूमिका भारत सरकार द्वारा आपूर्ति किए जाने वाले सिक्कों के वितरण करने तक सीमित है । सिक्‍का निर्माण अधिनियम, 2011 के अनुसार विभिन्न मूल्यवर्ग के सिक्कों की रूपरेखा तैयार करने (डिजाइनिंग) तथा ढलाई की जिम्‍मेदारी भारत सरकार की है ।

कोर निवेश कंपनियां

कोर निवेश कंपनियां (सीआईसी)

उत्तर: समूह कंपनियों में सभी प्रत्यक्ष निवेश, जैसा कि सीआईसी के तुलनपत्र में दिखाया गया है, इस उद्देश्य के लिए ध्यान में रखा जाएगा। सहायक कंपनियों द्वारा स्टेप डाउन सहायक कंपनियों या अन्य संस्थाओं में किए गए निवेश को निवल आस्ति के 90 प्रतिशत की गणना के लिए ध्यान में नहीं रखा जाएगा।

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 10, 2022

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