अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न - आरबीआई - Reserve Bank of India
समझौता निपटान और तकनीकी रूप से बट्टे खाते डालने (राइट-ऑफ) के लिए रूपरेखा
बी. तकनीकी रूप से बट्टे खाते डालना
नहीं। जैसा कि परिपत्र में परिभाषित किया गया है, तकनीकी रूप से बट्टे खाते डालना उन मामलों को संदर्भित करता है जहां एनपीए उधारकर्ताओं के ऋण खाते के स्तर पर बकाया रहता है, लेकिन ऋणदाताओं द्वारा केवल लेखांकन उद्देश्यों के लिए अमान्य कर दिया जाता है। तकनीकी रूप से बट्टे खाते एक सामान्य बैंकिंग प्रथा है जो ऋणदाताओं द्वारा अशोध्य ऋणों की बैलेंस शीट को साफ करने के लिए की जाती है, जिन्हें या तो अप्राप्य माना जाता है या जिनकी वसूली में ऋणदाताओं के अनुपातहीन संसाधनों का उपभोग होने की संभावना होती है। हालाँकि, इस तरह के तकनीकी रूप से बट्टे खाते में उधारकर्ता के खिलाफ दावों की कोई छूट नहीं होती है और इस प्रकार उधारदाताओं के वसूली के अधिकार को किसी भी तरह से कम नहीं किया जाता है। इसलिए, डिफॉल्ट करने वाले उधारकर्ताओं को किसी भी तरह से लाभ नहीं होता है और उनके कानूनी दायित्व के साथ-साथ उनके लिए ऐसे डिफॉल्ट की लागत तकनीकी रूप से बट्टे खाते से पहले की स्थिति के मुकाबले अपरिवर्तित रहती है।
यह परिपत्र केवल तकनीकी रूप से बट्टे खाते की परिभाषा पर स्पष्टता प्रदान करता है और तकनीकी रूप से बट्टे खाते के लिए ऋणदाताओं द्वारा अपनाई जाने वाली प्रक्रिया पर एक व्यापक मार्गदर्शन प्रदान करता है, जो विभिन्न उधारदाताओं द्वारा अपनाए जाने वाले दृष्टिकोण में स्थिरता सुनिश्चित करेगा।
विप्रेषण (धन अंतरण सेवा योजना (एमटीएसएस) तथा रुपया आहरण व्यवस्था (आरडीए))
रुपया आहरण व्यवस्था(आरडीए)
फेमा 1999 के तहत विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों (एफएलए) पर वार्षिक रिटर्न
एफएलए रिटर्न जमा करने के लिए पात्र संस्थाएं और आवश्यकताएं
उत्तर: हां, इकाईयां आरबीआई से मंजूरी लेकर, नियत तारीख के बाद भी एफएलए रिटर्न भर सकती हैं। लेकिन उस मामले में, देर से जमा करने के लिए इकाई पर जुर्माना खंड लागू किया जा सकता है।
रिटेल डायरेक्ट योजना
योजना संबन्धित प्रश्न
दिनांक 31 जनवरी 2024 और 16 फरवरी 2024 की प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड पर लगाए गए कारोबारी प्रतिबंध
पेटीएम पेमेंट्स बैंक में बैंक खाते
भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका
बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण
डी. मान्यताप्राप्त उधारदाता/ निवेशक
उत्तर: ईसीबी तथा टीसी संबंधी मौजूदा ढांचे पर मार्गदर्शन के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधार, व्यापार ऋण तथा संरचित प्रतिबद्धताएं विषय पर दिनांक 26 मार्च 2019 को जारी मास्टर निदेश सं.5 (एमडी) के पैराग्राफ 1.11 में परिभाषित किए गए अनुसार विदेशी इक्विटि धारक उक्त मास्टर निदेश के पैराग्राफ 2.1.viii(डी), 2.1.viii (ई) तथा 2.1.वी(एफ़) में दिए गए अंतिम उपयोग के लिए उधार देने के लिए पात्र हैं। नकारात्मक सूची में दिए गए अंतिम उपयोगों से भिन्न अन्य अंतिम उपयोगों के लिए मान्यताप्राप्त उधारदाताओं को उल्लिखित मास्टर निदेश के पैराग्राफ 2.1.iv में निर्दिष्ट किया गया है।
एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी
A. परिभाषाएं
आवेदन पत्र के साथ प्रस्तुत की जाने वाले दस्तावेजों की निर्देशात्मक जांच सूची तथा आवेदन पत्र www.rbi.org.in → site map → NBFC List → Forms/Returns पर उपलब्ध है।
भारत में विदेशी निवेश
उत्तर: पूर्णतः डाइल्यूटेड आधार पर का अर्थ है परिवर्तन के सभी संभाव्य स्रोतों को निष्पादित करने की स्थिति में बकाया रहने वाले शेयरों की कुल संख्या।
कोर निवेश कंपनियां
कोर निवेश कंपनियां (सीआईसी)
उत्तर: जो कुछ भी पुनर्भुगतान करना होगा वह बाहरी दायित्व होगा।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 10, 2022