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दिनांक 31 जनवरी 2024 और 16 फरवरी 2024 की प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड पर लगाए गए कारोबारी प्रतिबंध

पेटीएम पेमेंट्स बैंक में बैंक खाते

स्वचालित यूपीआई अधिदेशों के माध्यम से आहरण/डेबिट संबंधी अधिदेश आपके खाते में उपलब्ध शेष राशि तक जारी रहेंगे। हालाँकि, 15 मार्च 2024 के बाद आपके खातों में क्रेडिट या जमा की अनुमति नहीं होगी। इसलिए, असुविधा या व्यवधान से बचने के लिए यह सलाह दी जाती है कि आप 15 मार्च 2024 से पहले किसी अन्य बैंक के माध्यम से वैकल्पिक व्यवस्था कर लें।

भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका

8.1. सरकारी प्रतिभूतियों में एक सक्रिय द्वितीयक बाजार है । द्वितीय बाजार में प्रतिभूतियों की खरीद/बिक्री (i) काउंटर पर (ओटीसी) अथवा (ii) तयशुदा लेन-देन प्रणाली (एनडीएस) अथवा (iii) तयशुदा लेन-देन प्रणाली - आदेश मैंचिंग (एनडीएस-ओएम) पर की जा सकती है ।(i) काउंटर पर (ओटीसी)/टेलीफोन बाजार8.2. इस बाजार में, कोई सहभागी, जो सरकारी प्रतिभूति खरीदने अथवा बेचने का इच्छुक है, किसी बैंक/प्राथमिक व्यापारी/वित्तीय संस्थान से सीधे ही अथवा सेबी के पास पंजीकृत किसी ब्रोकर से संपर्क करके किसी मूल्य पर एक विशेष प्रतिभूति की किसी राशि तक मोल-भाव कर सकता है । ये मोलभाव अधिकांशत: फोन पर होते हैं और किसी दर पर दोनों पक्षों के तैयार होने पर सौदा तय हो जाता है । क्रेता के मामले में, यथा एक शहरी सहकारी बैंक प्रतिभूति खरीदना चाहता है तो बैंक का व्यापारी (जे बैंक द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों के लेन-देन के लिए प्राधिकृत है) अन्य बाजार सहभागियों से फोन पर संपर्क करेगा तथा दरें प्राप्त करेगा । यदि कोई सौदा तय होता हे तो बैंक इस व्यापार का ब्योरा सौदा पर्ची में दर्ज करेगा (नमूना परिशिष्ट 3 में दिया गया है ।) तथा प्रतिपक्ष को व्यापार की पुष्टि करेगा । व्यापारी को उद्धृत मूल्य के संबंध में उपलब्ध स्रोतों से मूल्य की पुष्टि करनी चाहिए (सरकारी प्रतिभूतियों का मूल्य सुनिश्चित करने के संबंध में प्रश्न सं.14 देखें) । ओटीसी बाजार में किए गए सभी कारोबार एनडीएस के द्वितीयक बाजार मॉड्यूल में रिपोर्ट किए जाते हैं जिनका ब्योरा प्रश्न सं.15 में दिया गया है ।(ii) तयशुदा लेन-देन प्रणाली8.3. इलैक्ट्रॉनिक कारोबार तथा सरकारी प्रतिभूतियों में लेन-देन की रिपोर्टिंग के लिए तयशुदा लेन-देन प्रणाली (एनडीएस) फरवरी 2002 में लागू हुई थी । नीलामी होने पर इससे सदस्यों को अपनी बोली इलैक्ट्रानिक रूप से प्रस्तुत करने अथवा सरकारी प्रतिभूतियों के प्राथमिक निर्गम के लिए बोलियाँ अथवा आवेदन करने में सुविधा होती है । एनडीएस से लोक ऋण कार्यालय, भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई की प्रतिभूति समायोजन प्रणाली के समक्ष आकर द्वितीयक बाजार में आयोजित सरकारी प्रतिभूतियों (दोनों सीधे और रिपो) में लेन-देन के समायोजन को सुविधाजनक बनाता है । एनडीएस की सदस्यता केवल उन सदस्यों तक सीमित है जिनके एसजीएल तथा/अथवा चालू खाते भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई में हैं ।8.4. अगस्त 2005 में भारतीय रिज़र्व बैंक ने एनडीएस मॉड्यूल में "ऑर्डर मैचिंग" आधारित नामरहित क्रीन लागू की जिसका नाम एनडीएस-ओएम है । यह एक आदेश से चलने वाली इलैक्ट्रॉनिक प्रणाली है जहाँ सहभागी बिना नाम बताए सिस्टम पर आदेश दे सकते हैं अथवा अन्य सहभागियों के आदेश स्वीकार कर सकते हैं । एनडीएस-ओएम का परिचालन भारतीय रिज़र्व बैंक की ओर से भारतीय समाशोधन निगम लिमि. (सीसीआइएल) द्वारा किया जाता है (कृपया सीसीआइएल के बारे में प्रश्न सं.19 का उत्तर देखें) । वर्तमान में एनडीएस-ओएम प्रणाली तक केवल चयनित वित्तीय संस्थाओं की पहुँच है, यथा वाणिज्य बैंक, प्राथमिक व्यापारी, बीमा कंपनियाँ, पारस्परिक निधियाँ इत्यादि । अन्य सहभागी अपने अभिरक्षक, अर्थात जिसके पास उनका गिल्ट खाता है, के माध्यम से इस प्रणाली तक पहुँच सकते हैं । अभिरक्षक अपने ग्राहकों, जैसे शहरी सहकारी बैंकों की ओर से आदेश दे सकते हैं । एनडीएस-ओएम का लाभ मूल्य पारदर्शिता के साथ-साथ बेहतर मूल्य मिलना है ।8.5. गिल्ट खाता धारकों को अपने अभिरक्षक संस्थान के माध्यम से एनडीएस तक अप्रत्यक्ष पहुँच प्रदान की गई है । कोई सदस्य (जिसकी सीधी पहुँच है) एनडीएस पर सरकारी प्रतिभूतियों में गिल्ट खाताधारक के लेन-देन रिपोर्ट कर सकता है । इसी प्रकार, गिल्ट खाताधारकों को एनडीएस-ओएम तक अप्रत्यक्ष रूप से पहुँच उनके अभिरक्षकों के माध्यम से दी गई है । तथापि, एक ही अभिरक्षक के दो गिल्ट खाताधारकों को आपस में रिपो लेन-देन की अनुमति नहीं हैं ।(iii) स्टॉक एक्सचेंज8.6. सरकारी प्रतिभूतियों में कारोबार की सुविधा स्टॉक एक्सचेंजों (एनएसई और बीएसई) में भी उपलब्ध है जो खुदरा निवेशकों की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं ।

बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण

डी. मान्यताप्राप्त उधारदाता/ निवेशक

उत्तर: नहीं, ईसीबी संबंधी सभी दिशानिर्देशों, जिनमें न्यूनतम इक्विटि धारिता से संबंधित दिशानिर्देश शामिल हैं, को केवल ईसीबी का कांट्रैक्ट बनाते समय ही नहीं बल्कि ईसीबी की पूर्ण अवधि के दौरान पूर्ण करना अपेक्षित है ।

लक्षित दीर्घकालिक रिपो परिचालन (टीएलटीआरओ)

अपडेट हो गया है: मई 28, 2021

उत्तर: बैंक टीएलटीआरओ योजना के तहत प्राप्त राशि के लिए पुनर्खरीद मार्ग के माध्यम से बेची जाने वाली प्रतिभूति को किसी अन्य निर्दिष्ट प्रतिभूति के साथ बदल सकते हैं। बैंकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि टीएलटीआरओ की परिपक्वता तक उनके टीएलटीआरओ वित्तपोषण को हमेशा निर्दिष्ट प्रतिभूति द्वारा समर्थित किया जाये।

आवास ऋण

यह एक तालिका है जो ऋण पर आवधिक मूलधन और ब्याज भुगतान और किसी भी समय बकाया राशि का विवरण देती यह शून्य तक पहुंचने तक ऋण शेष की क्रमिक कमी को भी दर्शाता है। (अनुबंध देखें)

एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी

A. परिभाषाएं

जिन गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की परिसंपत्तियों का आकार पिछले लेखापरीक्षा किए गए तुलनपत्र के अनुसार रू 500 करोड़ या उससे अधिक हो उन्हें प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां माना जाता है। इस प्रकार से वर्गीकरण किए जाने के लिए तर्काधार यह है कि इन गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की गतिविधियों का पूरे अर्थव्यवस्था की वित्तीय स्थिरता पर प्रभाव पड़ेगा।

भारत में विदेशी निवेश

उत्तर: एफ़डीआई तथा एफ़पीआई जिस अनुसूची के अंतर्गत निवेश किया गया है उसकी दृष्टि से agnostic है। निवेश प्रत्यक्ष है अथवा पोर्टफोलियो, को निवेश के प्रतिशत के अनुसार तय किया जाता है।

कोर निवेश कंपनियां

कोर निवेश कंपनियां (सीआईसी)

उत्तर: चूंकि सीआईसी-एनडी-एसआई के लिए एक अलग आवेदन पत्र होगा, उन्हें नए सिरे से आवेदन करना होगा।

भारतीय उद्योग में विदेशी सहयोग (एफसीएस) पर द्विवार्षिक सर्वेक्षण

सर्वेक्षण लॉन्च का विवरण

उत्तर: यदि खाता बंद मार्च के अंत से अलग है, तो कंपनी अपने खाता बंद करने की अवधि के अनुसार सूचना की रिपोर्ट नहीं कर सकती है। ऐसे मामलों में, कंपनी के आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर केवल संदर्भ अवधि, यानी पिछले मार्च और नवीनतम मार्च के लिए सूचना दी जानी चाहिए। यदि लेखा परीक्षित डेटा उपलब्ध नहीं है तो कंपनियां एफसीएस सर्वेक्षण प्रश्नावली में अनंतिम आंकड़े प्रस्तुत कर सकती हैं।

समन्वित संविभागीय निवेश सर्वेक्षण - भारत

सर्वेक्षण शुरू करने का विवरण

उत्तर: यदि रिपोर्टिंग इकाई को सर्वेक्षण प्रश्नावली का सॉफ्ट-फॉर्म प्राप्त नहीं होता है, तो वे इसे आरबीआई की वेबसाइट (https://rbi.org.in/hi/web/rbi) पर ‘विनियामक रिपोर्टिंग’- → ‘रिटर्न्स की सूची’- → ‘CPIS – Survey Schedule’ [या 'फॉर्म' (होम पेज के नीचे उपलब्ध है) और उप-शीर्ष 'सर्वेक्षण'] से डाउनलोड कर सकते हैं या ईमेल: cpis@rbi.org.in पर अनुरोध भेज सकते हैं।    

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 10, 2022

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