अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार संबंधी दिशानिर्देशों के मास्टर निदेशों पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
ख. समायोजित निवल बैंक ऋण की गणना (एएनबीसी)
उत्तर: निवल पीएसएलसी बकाया (खरीदी गई पीएसएलसी घटाव(-) बेची गई पीएसएलसी) को निवल बैंक ऋण में जोड़ा जाता है, जैसा कि प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार, 2025 पर मास्टर निदेश के पैरा 6 (समय-समय पर अद्यतन) में उल्लिखित है। इसके अलावा, एक पीएसएलसी अपनी समाप्ति तक बकाया रहता है (दिनांक 07 अप्रैल 2016 प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार प्रमाणपत्र पर परिपत्र के अनुबंध की क्रम सं. ix) सभी पीएसएलसी 31 मार्च तक समाप्त हो जाएंगे और रिपोर्टिंग तिथि (अर्थात 31 मार्च) से आगे मान्य नहीं होंगे, भले ही पूर्व में उसके खरीद / बेचने की तिथि कुछ भी हो। तदनुसार, एएनबीसी में पीएसएलसी खरीद संबंधी प्रभाव में वृद्धि होती है और इसके विपरीत पीएसएलसी की बिक्री का प्रभाव एएनबीसी में कम होता है तथा पीएसएलसी की खरीद/बिक्री का निवल प्रत्येक तिमाही के लिए एएनबीसी में समायोजित किया जाता है। अतः किसी भी तिमाही में खरीदे या बेचे गए पीएसएलसी को वित्त वर्ष के अंत तक सभी बाद की तिमाहियों में ध्यान में रखना होगा, जिससे वह संबंधित है।
उत्तर: (i) पी.एस.एल. में कमी के कारण नाबार्ड के पास बकाया जमाराशियां कृषि उप-लक्ष्य के लिए गणना योग्य हैं तथा समग्र पी.एस.एल. के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए भी गणना योग्य हैं।
(ii) सिडबी और मुद्रा के पास बकाया जमाराशियां एमएसएमई उधार के अंतर्गत गिनी जाने योग्य हैं तथा समग्र पीएसएल लक्ष्य की प्राप्ति के लिए गिनी जाती हैं।
(iii) एनएचबी के पास बकाया जमाराशियां आवास के अंतर्गत गिनी जाने योग्य हैं तथा समग्र पीएसएल लक्ष्य की प्राप्ति के लिए गिनी जाएंगी।
(iv) उपरोक्त सभी बकाया जमाराशियों को एएनबीसी की गणना के लिए नेट बैंक क्रेडिट (एनबीसी) में जोड़ा जाएगा।
उत्तर: (i) उपर्युक्त परिपत्र के अनुसार, एएनबीसी से अपवर्जन के लिए पात्र राशि, पात्र वृद्धिशील एफसीएनआर (बी)/ एनआरई जमाराशियों से उत्पन्न संसाधनों से दिए गए वृद्धिशील अग्रिम हैं। वृद्धिशील अग्रिम की गणना 7 मार्च 2014 को भारत में बकाया अग्रिमों और आधार तिथि (26 जुलाई 2013) के बीच के अंतर के रूप में की जाती है।
(ii) उपर्युक्त परिपत्रों के अनुसार, प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र के लक्ष्य की गणना के लिए एएनबीसी से बाहर की जाने वाली राशि सीआरआर/एसएलआर के रखरखाव से छूट के लिए पात्र वृद्धिशील एफसीएनआर (बी)/ एनआरई जमाराशियों से अधिक नहीं होगी।
(iii) यदि 7 मार्च 2014 और आधार तिथि के बीच बकाया अग्रिमों की राशि में अंतर शून्य या ऋणात्मक है, तो कोई भी राशि प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार देने के लक्ष्यों को प्राप्त करने के उद्देश्य से एएनबीसी से कटौती के लिए पात्र नहीं होगी।
उत्तर: एलसी के तहत खरीदे गए/ भुनाए गए/ परक्रामित बिलों (लाभार्थी को भुगतान जो रिज़र्व के तहत नहीं है) को केवल एक्सपोजर और पूंजी आवश्यकताओं की गणना के सीमित उद्देश्य के लिए अंतर बैंक एक्सपोजर के रूप में मानने की अनुमति है। इसे 'भारत में बैंक ऋण' की गणना से बाहर नहीं किया जाना चाहिए [जैसा कि आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 42(2) के तहत फॉर्म 'ए' के मद सं. VI में निर्धारित है] जो अंतर बैंक अग्रिम को बाहर रखने की अनुमति देता है। एक्सपोजर, एलसी जारी करने वाले बैंक के लिए हो सकता है, जबकि खरीदे गए बिल/ भुनाई गई राशि को उधारकर्ता को दिए गए बैंक ऋण के रूप में देखा जाना चाहिए। यदि यह अग्रिम प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र वर्गीकरण के लिए पात्र है, तो बैंक इसे पीएसएल के रूप में दावा कर सकता है। बैंकों को भारत में निवल बैंक ऋण को रिपोर्ट करने के साथ-साथ पीएसएल लक्ष्यों और उपलब्धि के लिए समायोजित निवल बैंक ऋण की गणना करते समय उपरोक्त पहलू पर ध्यान देना चाहिए।
आवास ऋण
बैंक द्वारा आपके आवास ऋण की पात्रता तय करते समय आपकी भुगतान क्षमता का आकलन किया जाएगा। चुकौती क्षमता आपकी मासिक प्रयोज्य (डिस्पोजेबल) / अधिशेष आय पर आधारित है, (जो बदले में कुल मासिक आय / अधिशेष घटा मासिक व्यय जैसे कारकों पर आधारित है) और अन्य कारक जैसे पति या पत्नी की आय, संपत्ति, देनदारियां, आय की स्थिरता इत्यादि। बैंक की मुख्य चिंता यह सुनिश्चित करना है कि आप आराम से समय पर ऋण का भुगतान करें और अंतिम उपयोग सुनिश्चित करें। मासिक प्रयोज्य आय जितनी अधिक होगी, उतनी ही अधिक राशि आप ऋण के लिए पात्र होंगे। आमतौर पर एक बैंक यह मानता है कि आपकी मासिक प्रयोज्य/अतिरिक्त आय का लगभग 55-60% ऋण चुकाने के लिए उपलब्ध है। हालांकि, कुछ बैंक किसी व्यक्ति की सकल आय के आधार पर ईएमआई भुगतान के लिए उपलब्ध आय की गणना करते हैं, न कि उसकी प्रयोज्य आय पर।
ऋण की राशि ऋण की अवधि और ब्याज की दर पर भी निर्भर करती है क्योंकि ये चर (प्रभावित करने वाली वस्तुएँ)आपके मासिक व्यय/बहिर्प्रवाह को निर्धारित करते हैं जो बदले में आपकी प्रयोज्य आय पर निर्भर करता है। बैंक आम तौर पर आवास ऋण आवेदकों के लिए ऊपरी आयु सीमा तय करते हैं।
लक्षित दीर्घकालिक रिपो परिचालन (टीएलटीआरओ)
FAQs on Non-Banking Financial Companies
Registration
विप्रेषण (धन अंतरण सेवा योजना (एमटीएसएस) तथा रुपया आहरण व्यवस्था (आरडीए))
रुपया आहरण व्यवस्था(आरडीए)
देशी जमा
I . देशी जमा
फेमा 1999 के तहत विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों (एफएलए) पर वार्षिक रिटर्न
एफएलए रिटर्न जमा करने के लिए पात्र संस्थाएं और आवश्यकताएं
उत्तर: प्रश्न 1 में उल्लिखित मानदंड का अनुपालन करने वाली इकाईयों को अनिवार्य रूप से प्रत्येक वर्ष 15 जुलाई तक इकाई के लेखापरीक्षित/अलेखा-परीक्षित खातों के आधार पर फेमा 1999 के तहत एफ़एलए रिटर्न जमा करना आवश्यक है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 10, 2022