अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न - आरबीआई - Reserve Bank of India
बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण
जी. अंतिम उपयोग
उत्तर: पूर्व में किए गए व्यय की प्रतिपूर्ति ईसीबी ढांचे के अंतर्गत अनुमत अंतिम-उपयोग नहीं है।
भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका
दिनांक 31 जनवरी 2024 और 16 फरवरी 2024 की प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड पर लगाए गए कारोबारी प्रतिबंध
भारत बिल भुगतान प्रणाली (बीबीपीएस)
रिटेल डायरेक्ट योजना
नामांकन से संबंधित प्रश्न
देशी जमा
II. अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) की जमाराशियाँ
भारतीय मुद्रा
ग. विभिन्न प्रकार के बैंकनोट तथा बैंकनोटों की सुरक्षा विशेषताएँ
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 2005 से पहले जारी किए गए सभी बैंकनोटों को संचलन से बाहर करने का निर्णय लिया था, क्योंकि उनमें 2005 के पश्चात मुद्रित बैंकनोटों की तुलना में कम सुरक्षा विशेषताएँ थीं । पुरानी शृंखला के नोटों को वापस लेना एक मानक अंतरराष्ट्रीय प्रथा है । भारतीय रिज़र्व बैंक पहले ही इन नोटों को नियमित रूप से बैंकों के माध्यम से वापस लेता रहा है । ऐसा अनुमान है कि संचलनगत ऐसे बैंकनोटों (2005 से पहले के) की मात्रा इतनी अधिक नहीं है कि आम जनता पर कोई बड़ा प्रभाव पड़े । 2005 से पहले के नोटों को बदलने की सुविधा भारतीय रिज़र्व बैंक के केवल इन कार्यालयों में उपलब्ध है : अहमदाबाद, बेंगलुरू, बेलापुर, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नई, गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, जम्मू, कानपुर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, नई दिल्ली, पटना, तिरूवनंतपुरम तथा कोच्चि । हालांकि, इसका तात्पर्य यह नहीं था कि बैंक अपने ग्राहकों के खातों में जमा करने के लिए 2005 से पहले के नोटों को जमा करने हेतु स्वीकार नहीं कर सकते । इस संबंध में कृपया दिनांक 19 दिसंबर 2016 की प्रेस प्रकाशनी का संदर्भ लें जिसे निम्न लिंक पर देखा जा सकता है : /en/web/rbi/-/press-releases/banks-should-accept-pre-2005-banknotes-in-deposit-rbi-clarifies-38951
समन्वित पोर्टफोलियो निवेश सर्वेक्षण - भारत
सीपीआईएस से संबंधित पूछताछ के लिए संपर्क विवरण
उत्तरः सीपीआईएस पर प्रश्न/स्पष्टीकरण आरबीआई से निम्नलिखित पते पर मांगे जा सकते हैं:
अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति प्रभाग (आईआईपीडी)
सांख्यिकी और सूचना प्रबंधन विभाग (डीएसआईएम)
भारतीय रिज़र्व बैंक
सी-9/5वीं मंजिल, बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स, बांद्रा पूर्व
मुंबई, महाराष्ट्र - 400 051
ईमेल : cpis@rbi.org.in
कोर निवेश कंपनियां
कोर निवेश कंपनियां (सीआईसी)
उत्तर: बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध सीआईसी-एनडी-एसआई के लिए आवेदन पत्र डाउनलोड किया जा सकता है और भरा जा सकता है और डीएनबीएस के क्षेत्रीय कार्यालय में जमा किया जा सकता है, जिसके अधिकार क्षेत्र में कंपनी आवेदन पत्र में उल्लिखित आवश्यक सहायक दस्तावेजों के साथ पंजीकृत है।
एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी
B. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाएं
भारत में विदेशी निवेश
उत्तर: निम्नलिखित व्यक्ति स्टॉक एक्स्चेंज पर पूंजीगत लिखत अर्जित कर सकते हैं:
ए. सेबी में पंजीकृत एफ़पीआई।
बी. अनिवासी भारतीय
सी. उपर्युक्त (ए) तथा (बी) को छोड़कर , भारत के बाहर का निवासी व्यक्ति स्टॉक एक्स्चेंज पर पूंजीगत लिखत इस शर्त के अधीन अर्जित कर सकता है कि उक्त निवेशक ने पहले ही सेबी (शेयरों का पर्याप्त अर्जन और अधिग्रहण) विनियमावली, 2011 के अनुसार ऐसी कंपनी का नियंत्रण हासिल कर लिया है और ऐसे नियंत्रण को बनाए रखा है; ऐसा करना भारत में विदेशी निवेश पर मास्टर निदेश के अनुबंध I में विनिर्दिष्ट शर्तों के अधीन भी होगा।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 10, 2022