RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S2

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

FAQ DetailPage Breadcrumb

RbiFaqsSearchFilter

सामग्री प्रकार:

खोज परिणाम

देशी जमा

III. अग्रिम

हां : बैंक निम्नलिखित ऋणों के मामले में आधारभूत मूल उधार दर के संदर्भ के बगैर ब्याज दर का निर्धारण कर सकते हैं चाहे ऋण की राशि कितनी भी क्यों न हों :

(i) क. टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं की खरीद के लिए ऋण
ख. शेयरों और डिबेंचरों / बांडों की जमानत पर व्यक्तियों को ऋण
ग. प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र से इतर अन्य वैयक्तिक ऋण
घ. बैंक के पास रखी देशी / अनिवासी /विदेशी मुद्रा अनिवासी रुपया (बैंक) जमाराशियों की जमानत पर अग्रिम / ओवर ड्राफ्ट, बशर्ते उक्त जमाराशि (याँ) या तो उधारकर्ता / उधारकर्ताओं के अपने नाम (मों) पर हो /हों अथवा अन्य व्यक्ति के साथ संयुक्त रूप से उधारकर्ता के नामों पर हो /हों।
ड मध्यवर्ती एजेन्सियों (आवास संबंधी एजेन्सियों को छोड़कर)को दिया गया वित्त जो आगे अंतिम लाभार्थियों तथा निविष्टि आधार प्रदान करने वाली एजेन्सियों को उधार देती हैं।
च. अंतिम लाभार्थी को उधार देने के लिए आवास वित्त मध्यवर्ती एजेन्सियों को दिया गया वित्त

छ. बिलों की बट्टे पर भुनाई
ज. चयनात्मक ऋण नियंत्रण के अधीन पण्यों की जमानत पर ऋण /अग्रिम /नकदी ऋण/ ओवर ड्राफ्ट

(ii)

मीयादी उधार देनेवाली संस्थाओं की ब्याज पुनर्वित्त पोषण योजनाओं में सहभागिता के अंतर्गत आनेवाले ऋण

बैंक आधारभूत मूल उधार दर के संदर्भ के बगैर पुनर्वित्त पोषण करनेवाली एजेन्सियों की शर्तों के अनुसार दरें लगाने के लिए स्वंतत्र हैं।

दिनांक 31 जनवरी 2024 और 16 फरवरी 2024 की प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड पर लगाए गए कारोबारी प्रतिबंध

जमा राशि की निकासी पर रोक, ग्रहणाधिकार अंकित (मार्क) खाते आदि।

पेटीएम पेमेंट्स बैंक के किसी ग्राहक के खाते/वॉलेट पर किसी भी कानून प्रवर्तन या न्यायिक अधिकारियों के निर्देशों के अनुसार अंकित कोई भी ग्रहणाधिकार या जमा राशि के निकासी पर कोई रोक (पूर्ण या आंशिक) ऐसे अधिकारियों द्वारा ग्रहणाधिकार अंकित (मार्क) करने या निकासी पर रोक लगाने के लिए पारित आदेशों द्वारा शासित होता रहेगा।

भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका

28.1.

सहकारी बैंकों के लिए "परिपक्वता तक धारणीय" के तहत वर्गीकृत निवेशों के बाजार मूल्यों को बही में अंकित करना आवश्यक नहीं है और उन्हें अधिग्रहण लागत पर अग्रेषित करना चाहिए जब तक कि यह अंकित मूल्य से अधिक न हो यदि ऐसा है तो प्रीमियम को परिपक्वता की शेष समयावधि के लिए परिशोधित करना चाहिए । सहकारी बैंकों की बहियों में "बिक्री के लिए उपलब्ध" श्रेणी में व्यक्तिगत क्रिप के बाजार मूल्यों को वर्ष के अंत में या और कम अंतरालों पर अंकित करना चाहिए । "व्यापार के लिए धारणीय" श्रेणी में उपलब्ध व्यक्तिगत क्रिप के बाजार मूल्यों को माह के अंत में या और कम अंतरालों पर बहियों में अंकित करना चाहिए । "बिक्री के लिए उपलब्ध" और "व्यापार के लिए उपलब्ध" श्रेणियों में व्यक्तिगत प्रतिभूतियों को बाजार मूल्यों पर बही में अंकित करने के बाद उनके बही मूल्यों के कोई परिवर्तन नहीं होगा ।

28.2 केंद्रीय सरकार की प्रतिभूतियों की कीमतों का निर्धारण निर्धारित आय मुद्रा बाजार और डेरिवेटिव्ज संघ (फमिडा) और भारतीय प्राथमिक व्यापारी संघ द्वारा संयुक्त रूप से फमिडा की वेबसाइट पर दी गई कीमतों/प्रतिफलों को ध्यान में रखकर ही करना चाहिए । केंद्रीय सरकारी की सभी प्रतिभूतियों की कीमत प्रतिदिन दी जाती है जबकि मूल्यांकन के लिए कीमतों और प्रतिफलों का वक्र प्रत्येक माह के अंत में दिया जाता है । उदाहरण के लिए केंद्रीय सरकार की एक प्रतिभूति 7.46% 2007 का फमिडा मूल्यांकन 31 मार्च 2009 को 101.69 रु. था । यदि कोई सहकारी बैंक इसी प्रतिभूति को "बिक्री के लिए उपलब्ध" या "व्यापार के लिए उपलब्ध" श्रेणी के तहत 102 रु. के बही मूल्य पर रख रहा था तो बैंक के लिए यह अपेक्षित होगा कि प्रत्येक 100 रु. के अंकित मूल्य के लिए 0.31 रु. का बही में मूल्यहास नोट करे । यदि कुल धारिता 1 करोड़ रु. की थी तो अंकित किया जाने वाला मुल मूल्यहास 31,000/- रु. होगा ।

28.3 राज्य सरकार और अन्य प्रतिभूतियों का मूल्यांन केंद्रीय सरकार की प्रतिभूति की तदनुरूपी शेष परिपक्वता समयावधि के प्रतिफल पर कीमत-लागत अंतर को जोड़कर करना चाहिए । इस समय राज्य सरकार की प्रतिभूतियों का मूल्यांकन करते समय 25 आधार अंकों (0.25%) का कीमत-लागत अंतर जोड़ा जाता है । जबकि विशेष प्रतिभूतियों (तेल बाण्ड, उर्वरक बाण्ड, एसबीआई बाण्डों आदि) के कार्पोरेट बाण्डों के लिए फमिडा द्वारा दिया गया कीमत-लागत अंतर जोड़ा जाता है । राज्य सरकार के एक बाण्ड को ध्यान में रखते हुए मूल्यांकन का एक उदाहरण नीचे बॉक्स V में दिया गया है ।

बॉक्स V

प्रतिभूतियों का मूल्यांकन

राज्य सरकार के बाण्डों के लिए मूल्याकन

प्रतिभूति - 7.32% एपीएसडीएल 2014

जारी करने की तारीख - 10 दिसंबर 2004

परिपक्वता तिथि - 14 दिसंबर 2014

कूपन - 7.32%

मूल्यांकन की तारीख - 31 मार्च 2008

प्रक्रिया

उक्त बाण्ड के मूल्यांकन में निम्नलिखित स्तर शामिल हैं -

(1) मूल्यांकित बाण्ड की शेष परिपक्वता का पता लगाना

(2) उक्त शेष परिपक्वता के लिए केंद्रीय सरकार प्रतिभूति के प्रतिफल का पता लगाना

(3) प्रतिभूति के प्रतिफल का पता लगाने के लिए उक्त प्रतिफल में उचित कीमत-लागत अंतर जोड़ना

(4) उपर्युक्त प्राप्त प्रतिफल का प्रयोग करते हुए प्रतिभूति की कीमत की गणना करना

स्तर - 1

चूंकि मूल्यांकन 31 मार्च 2008 को किया जा रहा है अत: हमें इस तारीख से प्रतिभूति की परिपक्वता का तारीख अर्थात् 10 दिसंबर 2014 तक के बीच के वर्षों की संख्या का पता लगाना है ताकि प्रतिभूति की शेष परिपक्वता का पता लगाया जा सके । इसे मानवीय रूप से वर्ष, महीने और दिन की गणना कर निकाला जा सकता है । तथापि, इसके लिए का आसान तरीका एमएस एक्सेल में "इअरप्रैक" ("Yearfrac") प्रणाली से निकाला जा सकता है जिसमें दो तारीखे और आधार प्रदान करना होता है (अधिक जानकारी के लिए एक्सल फंक्शन पर अनुबंध 4 का संदर्भ लें) । इस प्रतिभूति के लिए, यह 6.69 वर्षों की अवशेष परिपक्वता देता है ।

स्तर - 2

6.69 वर्षों के लिए केंद्रीय सरकारी प्रतिभूति प्रतिफल का पता लगाने के लिए हम 6 वर्ष और 7 वर्ष के बीच के प्रतिफलों को आपस में संबद्ध करेंगे, ये प्रतिफल फ्मिडा द्वारा दिए गये हैं । 31 मार्च 2008 की स्थिति के अनुसार, 6 और 7 वर्षों के लिए फ्मिडा द्वारा दिए गये प्रतिफल क्रमश: 7.73% और 7.77% हैं । निम्नलिखित सूत्र का प्रयोग करते हुए 6.69 वर्षों के लिए प्रतिफल निकाला गया है ।

0.0773+ड (6.69-6)X(0.0777-0.0773)   =  0.077577=7.7577% या 7.76%
        (7-6)

यहा हम 0.69 वर्षों के लिए प्रतिफल के अंतर का पता लगाकर और उसे 6 वर्षों के लिए लागू प्रतिफल में जोडते हैं ताकि 6.69 वर्षों के लिए प्रतिफल का पता लगाया जा सकें । यह भी नोट करना हैं कि प्रतिफल का उपयोग दशमलव रूप में करना है (उदाहरण के लिए 7.73 प्रतिशत, 7.73/100 के बराबर है जिसका अर्थ है 0.0773)

स्तर - 3

विशिष्ठ अवशेष परिपक्वता के लिए केंद्रीय सरकार प्रतिफल का पता लगाने के बाद हमें उचित स्प्रेड को लोड करना है ताकि मूल्यांकन की जाने वाली प्रतिभूति के लिए प्रतिफल प्राप्त किया जा सके । चूंकि प्रतिभूति राज्य सरकार की प्रतिभूति है अत: लागू स्प्रेड 25 आधार बिंदु है (0.25 प्रतिशत) ।  अत: प्रतिफल 7.76%+0.25%=8.01% होगा ।

स्तर - 4

प्रतिभूति की कीमत गणना एमएस एक्सेल "कीमत" ("PRICE") का उपयोग करके की जाएगी (विवरण के लिए कृपया अनुबंध 4 देखें) ।  यहां हम मूल्यांकन की तारीख 31 मार्च 2008 डालेंगे, परिपक्वता की तारीख 10 दिसंबर 2014 है, दर 7.32% है जो की कूपन दर है, प्रतिफल के रूप में 8.01% है और परिपक्वता के रूप में 100 जो की अंकित मूल्य है, कूपन भुगतान की फ्रीक्वेन्सी के रूप में 2 और आधार के रूप में 4 उपयोग करेंगे (कृपया अनुबंध 4 में दिया गया उदाहरण 3 देखें) । सूत्र के द्वारा हमें 96.47 रुपये की कीमत प्राप्त होती है जो प्रतिभूति की कीमत है ।

यदि बैंक अपने पोर्टफाटलियों में 10 करोड रुपये की इस प्रकार की प्रतिभूति भारीत करता है तो कुल कीमत 10*(96.47/100)=9.647 करोड रुपये होगी ।

28.4. कार्पोरेट बाण्डों के मामले में, मूल्यांकन की प्रक्रिया उपर्युक्त बॉक्स 5 में दिए गए उदाहरण के समान ही है । इसमें केवल केंद्रीय सरकार की प्रतिभूति पर आने वाले तदनुरूपी प्रतिफल में जोड़े जाने वाले स्प्रेड का भेद राज्य सरकार की प्रतिभूतियों के लिए निश्चित 25 आधार अंको के बजाय है जो समय-समय पर फमिडा द्वारा प्रकाशित स्प्रेड से अधिक होगी । फमिडा विभिन्न प्रकार की रेटिंग वाले कार्पोरेट बाण्डों के लिए स्प्रेड पर सूचना देता रहता है । बाण्ड का मूल्यांकन करते समय केंद्रीय सरकार की प्रतिभूति के तदनुरूपी प्रतिफल में उचित स्प्रेड जोड़ी जानी चाहिए और बाण्ड का मूल्यांकन मानक "कीमत" सूत्र का प्रयोग करते हुए करना चाहिए ।

उदाहरण के लिए, यह मानते हुए कि "एएए" रेटिंग के किसी कार्पोरेट बाण्ड की परिपक्वता उतनी ही है जितनी कि बॉक्स 5 में दिए गए राज्य सरकार के बाण्ड की, इस स्थिति में मूल्यांकन के लिए लागू प्रतिफल 7.73+2.09% (फमिडा द्वारा दिया गया स्प्रेड) होगा जो 9.82% है । बॉक्स 5 में दिए गए मानदंडों को ही लागू करते हुए बाण्ड की कीमत 87.92 रु. बैठती है ।

बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण

जी. अंतिम उपयोग

उत्तर: ईसीबी के प्रयोजन के लिए आगे-उधार देने के कारोबार में लिप्त उधारकर्ताओं के लिए आगे-उधार देने को कार्यशील पूंजी नहीं समझा जाता है। इसके अतिरिक्त उधारकर्ताओं को इस संबंध में संबंधित क्षेत्र विशेष अथवा विवेकपूर्ण विनियामक द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा।

एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी

B. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाएं

आईआरएफ को एकल आस्ति/देयता अथवा आस्तियों/देयताओं के समूह से संबद्ध ब्याज दर जोखिम को हेज करने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। अत: एनबीएफसी को ब्याज दर जोखिम के प्रबंधन के लिए अवधि आधारित हेजिंग का उपयोग करने की अनुमति है।

भारत में विदेशी निवेश

उत्तर: भुगतान की प्रत्येक शृंखला की प्राप्ति पर एडी बैंक में फॉर्म एफ़सी-टीआरएस भरना है। रिपोर्टिंग का दायित्व निवासी अंतरंकर्ता/ अंतरिती का होगा।

भारतीय मुद्रा

ग. विभिन्न प्रकार के बैंकनोट तथा बैंकनोटों की सुरक्षा विशेषताएँ

आंशिक दृष्टिबाधित व्यक्तियों द्वारा नोट की पहचान करने को सुगम बनाने के लिए महात्मा गांधी (नई) शृंखला के बैंकनोटों को चटक एवं सुस्‍पष्‍ट (शार्प कलर कॉन्‍ट्रास्‍ट स्‍कीम) बनाया गया है । दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लाभ के लिए ₹100 से अधिक मूल्यवर्ग में कोणीय ब्लीड रेखाएँ( ₹100 में 2 ब्लॉक में 4 रेखाएँ, ₹200 में बीच में 2 वृत्‍तों के साथ 4 कोणीय ब्लीड रेखाएँ , ₹500 में 3 ब्लॉक में 5 रेखाएँ, ₹2000 में 7 रेखाएँ) तथा पहचान चिन्ह हैं । प्रत्येक नोट के अग्रभाग में एक पहचान चिह्न होता है, जिसका मुद्रण उभारदार (इंटेग्लियो) होता है तथा यह अलग-अलग मूल्यवर्ग में अलग-अलग आकार का होता है । उदाहरण के लिए ₹2000 के लिए क्षैतिज आयात, ₹500 के लिए वृत्‍त, ₹200 के लिए उभरा हुआ एच (H) का पहचान चिह्न, ₹100 के लिए त्रिभुज । इसके अतिरिक्त, इन मूल्यवर्गों में अंकों को नोट के मध्य भाग में उभारदार मुद्रण प्रमुखता से किया गया है ।

*₹2000 मूल्यवर्ग के बैंकनोट अभी भी वैध मुद्रा हैं। अधिक विवरण के लिए 01 सितंबर 2023 के प्रेस विज्ञप्ति 2023-2024/851 का संदर्भ लें

(https://rbi.org.in/hi/web/rbi/-/press-releases/withdrawal-of-%E2%82%B92000-denomination-banknotes-status-56301)

कोर निवेश कंपनियां

कोर निवेश कंपनियां (सीआईसी)

उत्तर: नहीं, चूंकि कंपनी एनबीएफसी के मुख्य व्यवसाय मानदंड (आस्ति-आय पैटर्न) को पूरा नहीं कर रही है, यानी इसकी कुल आस्ति का 50% से अधिक वित्तीय आस्ति होना चाहिए और इन आस्तियों से प्राप्त आय 50% से अधिक होनी चाहिए। सकल आय, आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 45 आईए के तहत एक एनबीएफसी के रूप में पंजीकृत होने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, जैसे ही यह एनबीएफसी के पात्रता मानदंडों को पूरा करता है और एनबीएफसी मानदंडों का अनुपालन करता है, वैसे ही इसे खुद को एनबीएफसी के रूप में पंजीकृत करना चाहिए।

FAQs on Non-Banking Financial Companies

Credit Rating

No. If any NBFC has not obtained the minimum prescribed Credit Rating, it is not entitled to raise public deposits

देशी जमा

III. अग्रिम

नहीं। चूंकि सभी उधार दरें मीयादी प्रीमियमों और/अथवा जोखिम प्रीमियमों को ध्यान में रखते हुए आधारभूत मूल उधार दर के संदर्भ में निर्धारित की जा सकती हैं, अत: बहुविध आधारभूत मूल उधार दरों की आवश्यकता नहीं है। ये प्रीमियम संबंधित आधारभूत मूल उधार दर से अधिक अथवा कम के अंतर (स्प्रेड) के रूप में रखे जा सकते हैं।

श्रेणी पहलू

केटेगरी

कस्टम पहलू

ddm__keyword__19506552__FaqDetailPage1Title_en_US

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 10, 2022

क्या यह पेज उपयोगी था?