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फेमा 1999 के तहत विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों (एफएलए) पर वार्षिक रिटर्न

कुछ उपयोगी परिभाषाएँ

उत्तर: एफएलए रिटर्न के तहत गैर-सूचीबद्ध कंपनियों के लिए इक्विटी पूंजी के बाजार मूल्य की गणना किसी देश के सीडीआईएस डेटा के संकलन के तहत आईएमएफ के दिशानिर्देशों के अनुसार बुक वैल्यू पर ओन फंड्स (ओएफवीबी) पद्धति का उपयोग करके की जाती है। इसकी गणना इस प्रकार की जाती है:

चालू वर्ष/पिछले वर्ष के लिए ओएफवीबी में अनिवासी द्वारा धारित इक्विटी पूंजी का बाजार मूल्य

= (चालू वर्ष/पिछले वर्ष के लिए कंपनी का निवल मूल्य) * (चालू वर्ष/पिछले वर्ष के लिए अनिवासी इक्विटी होल्डिंग %)

जहां, कंपनी की कुल संपत्ति

= (कंपनी की चुकता इक्विटी और सहभागी वरीयता शेयर पूंजी + आरक्षित और अधिशेष - संचित हानि)

रिटेल डायरेक्ट योजना

निवेश और खाता धारिता से संबंधित प्रश्न

क्र.सं. सरकारी प्रतिभूति न्यूनतम निवेश राशि/मात्रा (12 नवंबर 2021 को)
1 सरकारी ट्रेजरी बिल (टी-बिल) 10,000
2 सरकारी दिनांकित प्रतिभूतियाँ (दिनांकित जी-सेक) 10,000
3 राज्य विकास ऋण (एसडीएल) 10,000
4 राजकीय स्वर्ण बॉन्ड (एसजीबी) एक ग्राम स्वर्ण

दिनांक 31 जनवरी 2024 और 16 फरवरी 2024 की प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड पर लगाए गए कारोबारी प्रतिबंध

जमा राशि की निकासी पर रोक, ग्रहणाधिकार अंकित (मार्क) खाते आदि।

बैंक को निदेश दिया गया है कि वह ग्राहक के खाते/वॉलेट में उपलब्ध शेष राशि तक निकासी या किसी अन्य बैंक खाते में ट्रान्सफर की अनुमति दे।

भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका

सामान्य रूप से सरकारी प्रतिभूतियों को जोखिम रहित लिखतें माना जाता है क्योंकि सरकार से अपने भुगतान में चूक अपेक्षित नहीं हैं । तथापि, जैसा कि किसी भी वित्तीय लिखत के मामले में होता है वैसा ही जोखिम सरकारी प्रतिभूतियों के साथ भी होता है । अत: इस प्रकार के जोखिमों की पहचान करना और उन्हें समझना और उनको दूर करने के लिए उचित उपाय करना आवश्यक है । सरकारी प्रतिभूतियों की धारिता के साथ निम्नलिखित प्रमुख जोखिम जुड़े होते हैं -29.1. बाजार जोखिम - ब्याज दरों में परिवर्तन होने के कारण किसी निवेशक द्वारा धारित प्रतिभूतियों के मूल्यों में विपरीत परिचालन होने से बाजार जोखिम उत्पन्न होता है । इसके परिणाम स्वरूप बाजार मूल्यों पर इसे बही में अंकित करने पर हानि उठानी पड़ेगी या प्रतिभूतियों को विपरीत मूल्या पर बेचने से घाटा उठाना पड़ सकता है । कुछ हद तक छोटे निवेशक बाण्ड की परिपक्वता तक उसे धारण कर बाजार जोखिम को कम कर सकते हैं ताकि वे वह प्रतिफल प्राप्त कर सकें जिस पर उन्होनें प्रतिभूतियां वास्तव में खरीदी थी ।29.2. पुनर्निवेश जोखिम - सरकारी प्रतिभूति के नकदी-प्रवाह में प्रत्येक छमाही में मीयादी कूपन और परिपक्वता पर मूलधन की वापसी शामिल होती है । इन नकदी प्रवाहों को नकद प्राप्ति के पश्चात पुनर्निवेश करना होता है । अत: यह जोखिम होता है ब्याज दर परिदृश्यों में बदलाव के कारण निवेशक इन प्राप्त राशियों को लाभकारी दरों पर पुनर्निवेश न कर पाए ।29.3. चलनिधि जोखिम : चलनिधि जोखिम का आशय होता है कि जब निवेशक किसी प्रतिभूति के लिए खरीददार की अनुपलब्धता के कारण अपनी प्रतिभूति को बेच नहीं पाता है, अर्थात् उस विशेष प्रतिभूति में किसी भी प्रकार की खरीद बिक्री का न होना । सामान्यत:, जब नियत परिपक्वता का अर्थसुलभ बांड खरीदा जाता है, तो समय के साथ इसके परिपक्वता की अवधि में कमी आती है । उदाहरण के लिए, 10 वर्षीय एक प्रतिभूति 2 वर्षो के बाद 8 वर्ष क ा प्रतिभूति रह जाती है जिसके कारण उसे उस समय विशेष पर तरलता में कमी हो सकती है । उस समय विशेष पर तरलता में कमी के कारण, निवेशक को निधियों की तत्काल आवश्यकता होने पर कम मूल्य पर प्रतिभूतियों बेचना पड़ सकता है । हालांकि, ऐसे मामलों में, पात्र निवेशक बाजार रेपो में भाग ले सकता है और प्रतिभूतियों को संपार्श्विक के रूप में रखकर नकदी उधार ले सकता है ।29.4. जोखिम कम करना : परिपक्वता तक प्रतिभूति को नहीं बेचना एक रणनीति हो सकती है जिसके द्वारा बाज़ार जोखिम से बचा जा सकता है । जब प्रतिभूतियां अल्पावधि हो जाती हैं तो उन्हें बेच कर और दीर्घावधि की नई प्रतिभूतियां खरीद कर पोर्टफोलियो जोखिम को कम करने के लिए पोर्टफोलियो को पुन:प्रबंधित कर सकते हैं । हालांकि पुन:प्रबंधन में लेन-देन से संबंधित तथा अन्य लागत शामिल होती हैं अत: विवेकपूर्ण ढंग से इसका प्रयोग किया जाना चाहिए। बाज़ार जोखिम और पुनर्निवेश जोखिम को नकदी प्रवाहों के साथ देयताओं का मिलान कर परिसंपत्ति और देयता प्रबंधन (एएलएम) के माध्यम से कम किया जा सकता है । एएलएम को नकदी प्रवाह के अंतराल का मिलान कर भी किया जा सकता है ।उन्नत जोखिम प्रबंधन तकनीकों में ब्याज दर स्वॉप (आइआरएस) जैसे व्युत्पन्नियों का प्रयोग शामिल है जहाँ नकदी प्रवाह की प्रकृति में बदलाव किया जा सकता है । हालांकि, ये जटिल साधन हैं जिसे समझने के लिए उच्च स्तर की विशेषज्ञता की आवश्यकता पड़ती है । अत: व्युत्पन्नी लेन-देन के वक्त पर्याप्त सावधानी बरतनी चाहिए और ऐसे लेन-देन इससे संबंधित जोखिमों और जटिलताओं की पूरी जानकारी के बाद ही किया जाना चाहिए ।

बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण

जी. अंतिम उपयोग

उत्तर: हां।

एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी

B. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाएं

मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार 1,000 करोड़ रुपये तथा उससे अधिक राशि की आस्तियों वाले एनबीएफसी को आईआरएफ में ट्रेडिंग सदस्य के रूप में सहभागी होने की अनुमति है। जहां स्टॉक एक्सचेंजेस के ट्रेडिंग सदस्यों को उनके अपने खाते तथा उनके ग्राहकों के खातों पर क्रय-विक्रय निष्पादित करने की अनुमति दी गई है, वहीं बैंकों तथा प्रायमरी डीलर्स को हेजिंग तथा क्रय-विक्रय, दोनों के लिए केवल अपने खाते पर आईआरएफ में लेन-देन करने के लिए अनुमति दी गई है। उन्हें ग्राहक के खाते से ऐसा करने की अनुमति नहीं है। उसी तरह एनबीएफसी को ट्रेडिंग सदस्य के रूप में केवल अपने स्वामित्व वाले व्यापार को निष्पादित करने की अनुमति है। वे अपने ग्राहकों की ओर से ऐसे लेन-देन नहीं कर सकते।

भारत में विदेशी निवेश

उत्तर: डाउन स्ट्रीम निवेश का अर्थ है किसी भारतीय कंपनी जिसमें पूर्ण विदेशी निवेश है अथवा किसी निवेश माध्यम द्वारा किसी अन्य भारतीय संस्था के पूंजीगत लिखतों अथवा पूंजी, जैसी स्थिति हो में किया गया निवेश।

यदि निवेशक कंपनी में कुल विदेशी निवेश है तथा निवासी भारतीय नागरिकों के पास जिसका स्वामित्व तथा नियंत्रण नहीं है अथवा उसका स्वामित्व तथा नियंत्रण भारत के बाहर निवास करने वाले व्यक्तियों के पास है तो, निवेश प्राप्तकर्ता कंपनी के लिए ऐसे निवेश “अप्रत्यक्ष विदेशी निवेश” होंगे।

भारतीय मुद्रा

ग. विभिन्न प्रकार के बैंकनोट तथा बैंकनोटों की सुरक्षा विशेषताएँ

मोबाइल एडेड नोट आइडेंटिफ़ायर (मणि) भारतीय बैंकनोट्स के मूल्यवर्ग की पहचान करने में दृष्टिबाधित व्यक्तियों की सहायता हेतु रिज़र्व बैंक द्वारा शुरू किया गया एक मोबाइल एप्लीकेशन है । इस नि:शुल्क एप्लीकेशन को एक बार इंस्टॉल करने के बाद इन्‍टरनेट की आवश्यकता नहीं होती है । यह एप्‍लीकेशन नोट के अग्र अथवा पश्च - भाग/हिस्से की जांच करके महात्मा गांधी शृंखला तथा महात्मा गांधी (नई) शृंखला के बैंक नोटों के मूल्यवर्ग की पहचान करने में सक्षम है । इससे प्रकाश की विभिन्‍न परिस्थितियों (सामान्य प्रकाश/दिन का प्रकाश/कम प्रकाश आदि) के अंतर्गत अलग-अलग कोणों से पकड़े गए आधे मुड़े हुए नोटों की पहचान भी की जा सकती है ।

नोट: यह मोबाइल एप्लीकेशन किसी नोट के असली अथवा जाली होने को प्रमाणित नहीं करता है ।

कोर निवेश कंपनियां

कोर निवेश कंपनियां (सीआईसी)

उत्तर: कंपनी को एक वर्ष की निर्धारित समयावधि के भीतर एक व्यवसाय योजना देते हुए आरबीआई को सीओआर के लिए आवेदन करना होगा जिसमें वह सीआईसी-एनडी-एसआई का दर्जा हासिल करेगी। यदि कंपनी ऐसा करने में असमर्थ है, तो छूट लागू नहीं होगी और कंपनी को एनबीएफसी पूंजी पर्याप्तता और एक्सपोजर मानदंडों का पालन करना होगा।

FAQs on Non-Banking Financial Companies

Credit Rating

An NBFC that has been rated by two agencies, is free to use the rating beneficial to it. In case of wide variation between the two Ratings, RBI can take up the matter with both the Credit Rating Agencies to review and rationalise their opinion about the company’s Rating.

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 10, 2022

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