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भारतीय रिज़र्व बैंक की आधिकारिक वेबसाइट

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आवास ऋण

यह एक तालिका है जो ऋण पर आवधिक मूलधन और ब्याज भुगतान और किसी भी समय बकाया राशि का विवरण देती यह शून्य तक पहुंचने तक ऋण शेष की क्रमिक कमी को भी दर्शाता है। (अनुबंध देखें)

प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार संबंधी दिशानिर्देशों के मास्टर निदेशों पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

ट. पीएसएलसी

उत्तर: पीएसएलसी की अवधि उसके जारी होने की तारीख पर निर्भर करेगी। सभी पीएसएलसी वित्तीय वर्ष के अंत तक यानी 31 मार्च तक वैध रहेंगे और अगले दिन यानी 1 अप्रैल को समाप्त हो जाएंगे।

भारतीय मुद्रा

क) भारतीय मुद्रा/मुद्रा प्रबंधन से जुड़ी आधारभूत जानकारी

भारतीय रिज़र्व बैंक पुराने बैंकनोटों और सिक्कों की खरीद/बिक्री में लेन-देन नहीं करता है।  भारतीय रिज़र्व बैंक ने 04 अगस्त 2021 को  ” रिज़र्व बैंक ने जनता को पुराने बैंक नोटों और सिक्कों की खरीद-बिक्री के फर्जी प्रस्तावों का शिकार न के लिए आगाह किया” इस विषय पर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी । यह प्रेस विज्ञप्ति हमारे वेबसाइट पर मुद्रा प्रबंधन >प्रेस विज्ञप्ति के अंतर्गत  निम्नलिखित लिंक पर उपलब्ध है।

https://rbi.org.in/hi/web/rbi/-/press-releases/rbi-cautions-the-public-not-to-fall-prey-to-fictitious-offers-of-buying-selling-of-old-banknotes-and-coins-51999

प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार संबंधी दिशानिर्देशों के मास्टर निदेशों पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

उत्तर: मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार, ई-कुबेर पोर्टल पर पीएसएलसी मॉड्यूल के उपयोग के लिए कोई लेनदेन शुल्क लागू नहीं है। पीएसएलसी में ट्रेडिंग के कारण कर निहितार्थ बैंकों द्वारा लागू कर कानूनों के अनुसार निर्धारित किया जा सकता है।

उत्तर: मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार, ई-कुबेर पोर्टल पर पीएसएलसी मॉड्यूल के उपयोग के लिए कोई लेनदेन शुल्क लागू नहीं है। पीएसएलसी में ट्रेडिंग के कारण कर निहितार्थ बैंकों द्वारा लागू कर कानूनों के अनुसार निर्धारित किया जा सकता है।

ट. पीएसएलसी

उत्तर: 'निर्यात ऋण' पीएसएलसी - सामान्य के बदले अंतर्निहित आस्तियों का एक भाग बन सकता है। हालाँकि, 'निर्यात ऋण' के बदले पीएसएलसी-सामान्य जारी करने वाला कोई भी बैंक यह सुनिश्चित करेगा कि अंतर्निहित 'निर्यात ऋण' पोर्टफोलियो घरेलू बैंकों के लिए निर्धारित मानदंडों के अनुसार प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र वर्गीकरण के लिए भी पात्र है।

आवास ऋण

आवास परियोजना के पूरा होने के चरणों के आधार पर कभी-कभी ऋण किश्तों में वितरित किया जाता है। अंतिम संवितरण लंबित होने पर, आपको केवल संवितरित ऋण के हिस्से पर ही ब्याज का भुगतान करना पड़ सकता है। इस ब्याज को प्री-ईएमआई ब्याज कहा जाता है। प्री-ईएमआई ब्याज हर महीने प्रत्येक संवितरण की तारीख से ईएमआई शुरू होने की तारीख तक देय होता है।

हालांकि, कई बैंक एक विशेष सुविधा प्रदान करते हैं जिससे ग्राहक उस समय तक किस्तों का चयन कर सकते हैं जो वे निर्माणाधीन संपत्तियों के लिए भुगतान करना चाहते हैं जब तक कि संपत्ति कब्जे के लिए तैयार न हो जाए। ग्राहक द्वारा ब्याज से अधिक भुगतान किया गया कुछ भी मूलधन पुनर्भुगतान की ओर जाता है। ईएमआई भुगतान जल्दी शुरू करने से ग्राहक को लाभ होता है और इसलिए वह तेजी से ऋण चुकाता है। कृपया ऋण लेने से पहले अपने बैंकर से जांच लें कि यह सुविधा उपलब्ध है या नहीं।

FAQs on Non-Banking Financial Companies

Definition of public deposits

An NRI can be an Indian national or a foreign national of Indian origin. If the depositor is an NRI holding a foreign passport, he is to be treated as foreign national despite the fact he is of Indian origin. It is for the depositor to disclose to the company that he is a foreign citizen and for the company to keep on its record an evidence that it had received deposit from a foreign citizen to claim the exemption from the Non-Banking Financial Companies (Reserve Bank) Directions, 1998 on Acceptance of Public Deposits.

विप्रेषण (धन अंतरण सेवा योजना (एमटीएसएस) तथा रुपया आहरण व्यवस्था (आरडीए))

धन अंतरण सेवा योजना(एमटीएसएस)

समुद्रपारीय प्रिन्सिपल एक रजिस्टर्ड एंटीटी होना चाहिए जिसे धन अंतरण का कार्य करने के लिए संबंधित देश के केंद्रीय बैंक/ सरकार अथवा वित्तीय विनियमन प्राधिकरण का लाइसेन्स प्राप्त है। समुद्रपारीय प्रिन्सिपल के रजिस्ट्रेशन का देश एएमएल मानदंडों को पूरा करने वाला होना चाहिए। समुद्रपारीय प्रिन्सिपल को भुगतान प्रणाली प्रारम्भ/ परिचालित करने के लिए भुगतान तथा निपटान प्रणाली अधिनियम (PSS एक्ट) 2007 के प्रावधानों के अंतर्गत भुगतान और निपटान प्रणाली विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक से आवश्यक ऑथोराइजेशन प्राप्त करना होगा।

फेमा 1999 के तहत विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों (एफएलए) पर वार्षिक रिटर्न

एफएलए रिटर्न जमा करने के लिए पात्र संस्थाएं और आवश्यकताएं

उत्तर: यदि भारतीय इकाई के पास रिपोर्टिंग वर्ष के मार्च अंत तक आवक और जावक एफडीआई के संबंध में कोई बकाया निवेश नहीं है तो उन्हें एफएलए रिटर्न जमा करने की आवश्यकता नहीं है।

देशी जमा

I . देशी जमा

यदि किसी जमाराशि की विनिर्दिष्ट अवधि की समाप्ति की तारीख और परवर्ती कार्य दिवस को जमाराशि के भुगतान की तारीख के बीच कोई छुट्टी/रविवार/गैर-कारोबारी दिन आ जाए तो जमाराशि की मूल रूप से निश्चित ब्याज दर पर उक्त छुट्टी/रविवार/गैर-कारोबारी दिन की अवधि के लिए भी बैंक को ब्याज का भुगतान करना चाहिए ।

रिटेल डायरेक्ट योजना

खाता खोलने से संबंधित प्रश्न

आरडीजी खाता खोलने के लिए निम्न दस्तावेज़ आवश्यक है

  1. पैन

  2. मोबाइल नं.

  3. ई-मेल पता

  4. आपके हस्ताक्षर की स्कैन प्रति

  5. बैंक खाता विवरण (रद्द चेक अपलोड करके या मैन्युअल रूप से पोर्टल पर विवरण दर्ज करके)

  6. मोबाइल नंबर के साथ लिंक आधार नंबर

इसके अलावा, आपको अपने ग्राहक को जाने (केवाईसी) प्रक्रिया को पूरा करने के लिए एक पता प्रमाणपत्र प्रदान करना पड़ सकता है। निम्नलिखित दस्तावेजों को पता प्रमाणपत्र के रूप में स्वीकार किया जाता है - पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी, आधार, नरेगा जॉब कार्ड राज्य सरकार द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर द्वारा जारी पत्र जिसमें आपका नाम और पता हो।

दिनांक 31 जनवरी 2024 और 16 फरवरी 2024 की प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड पर लगाए गए कारोबारी प्रतिबंध

पेटीएम पेमेंट्स बैंक में बैंक खाते

आपके खाते में उपलब्ध शेषराशि तक ऑटो डेबिट अधिदेश जारी रहेंगे। हालाँकि, 15 मार्च 2024 के बाद आपके खातों में क्रेडिट या जमा की अनुमति नहीं होगी। इसलिए, असुविधा से बचने के लिए, यह सुझाव दिया जाता है कि आप 15 मार्च 2024 से पहले किसी अन्य बैंक के माध्यम से ईएमआई भुगतान शुरू करने की वैकल्पिक व्यवस्था कर लें।

भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका

सरकारी प्रतिभूति बाजार के प्रमुख सहभागी वाणिज्य बैंक और प्राथमिक व्यापारियों के साथ-साथ संस्थागत निवेशक यथा बीमा कंपनियाँ हैं । सरकारी प्रतिभूति बाजार में प्राथमिक व्यापारियों की भूमिका बाजार को संतुलित करने की है । अन्य सहभागियों में सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, पारस्परिक निधियाँ, भविष्य और पेंशन निधियाँ शामिल हैं । विदेशी संस्थागत निवेशकों को समय-समय पर निर्धारित मात्रात्मक सीमाओं में सरकारी प्रतिभूति बाजार में भाग लेने की अनुमति है । कंपनियाँ भी अपने समग्र संविभाग जोखिम के प्रबंधन के लिए सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद/बिक्री करती हैं ।

बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण

डी. मान्यताप्राप्त उधारदाता/ निवेशक

उत्तर: भारतीय बैंक प्राथमिक बाज़ार में विदेशों में निर्गमित आरडीबी में अभिदान नहीं कर सकते लेकिन विवेकपूर्ण मानदंडों के अनुपालन की शर्त के अधीन अरैंजर/ हामीदार/ बाज़ार निर्माता/ व्यापारी हो सकते हैं।

लक्षित दीर्घकालिक रिपो परिचालन (टीएलटीआरओ)

उत्तर: टीएलटीआरओ योजना के तहत अधिग्रहीत निर्दिष्ट प्रतिभूतियों के संबंध में जारीकर्ताओं द्वारा पुनर्खरीद के कारण एचटीएम से बिक्री को आरबीआई मास्टर परिपत्र डीबीआर सं.बीपी.बीसी.6/21.04.141/2015-16, दिनांक 1 जुलाई, 2015 के पैरा 2 में निर्धारित प्रकटीकरण सीमा से छूट दी गई है।

भारतीय मुद्रा

ख) बैंकनोट

भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 की धारा 26 के अनुसार, बैंकनोट के मूल्य का भुगतान करने हेतु बैंक उत्तरदायी है । जारीकर्ता होने के कारण, मांग किए जाने पर यह भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा देय है ।

बैंकनोट पर मुद्रित वचन खंड, अर्थात “मैं धारक को ... रुपये अदा करने का वचन देता हूँ”, बैंक की ओर से बैंकनोट धारक के प्रति देयता को दर्शाता है ।

भारत में विदेशी निवेश

उत्तर: एक बार एफ़डीआई बन जाने पर वह सदा के लिए एफ़डीआई बनी रहेगी।

एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी

B. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाएं

नहीं। आवास वित्त कंपनियां, मर्चेंट बैंकिंग कंपनियां, स्टॉक एक्सचेंजेस, स्टॉक ब्रोकिंग/सब ब्रोकिंग का कारोबार करने वाली कंपनियां, वेंचर कैपिटल कंपनियां, निधि कंपनियां, बीमा कंपनियां तथा चिट फंड कंपनियां एनबीएफसीज है परंतु कुछ शर्तों के अधीन इन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-झ(क) के तहत पंजीकरण से छूट प्राप्त है।

आवास वित्त कंपनियां राष्ट्रीय आवास बैंक से विनियमित होती है, मर्चेंट बैंक/वेंचर कैपिटल फंड कंपनी/स्टॉक–एक्सचेंज़/स्टॉक ब्रोकर/सब-ब्रोकर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) से विनियमित होती है तथा बीमा कंपनियां भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आइआरडीए) द्वारा विनियमित होती है। इसी प्रकार, निधि कंपनियां, चिट फंड कंपनियां कार्पोरेट कार्य मंत्रालय, भारत सरकार से विनियमित होती है। ऐसी कंपनियां जो वित्तीय कारोबार करती है तथा अन्य विनियामकों से विनियमित होती है ऐसी कंपनियों अनुसार भारतीय रिज़र्व बैंक से उसकी विनियामक आवश्यकताएं पर विशिष्ठ छूट प्राप्त है ताकि दोहरे विनियमन को टाला जा सके।

यह भी उल्लेख किया जाता है कि बंधक (मार्गेज) गारंटी कंपनियों को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45झ(च)(iii) के तहत गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी के रूप में अधिसूचित किया गया है। रू 100 से कम परिसंपत्ति आकार वाली कोर निवेश कंपनी तथा रू 100 करोड़ तथा उससे अधिक परिसंपत्ति आकार वाली कंपनियां परंतु जो सार्वजनिक निधि नही लेती है, उन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक से पंजीकरण से छूट प्राप्त है।

भारतीय उद्योग में विदेशी सहयोग (एफसीएस) पर द्विवार्षिक सर्वेक्षण

सर्वेक्षण लॉन्च का विवरण

उत्तर: जिन कंपनियों के पास विदेशी तकनीकी सहयोग (FTC) समझौतों के साथ-साथ आंतरिक FDI है, वे इस सर्वेक्षण में भाग ले सकती हैं।

समन्वित संविभागीय निवेश सर्वेक्षण - भारत

सीपीआईएस में भाग लेते समय याद रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें

उत्तर: रिपोर्टिंग संस्थाओं को सर्वेक्षण प्रश्नावली भरने और जमा करने के लिए नीचे दिए गए बिंदुओं का पालन करना चाहिए:

i. कंपनी को नवीनतम सर्वेक्षण प्रश्नावली का उपयोग करना चाहिए, जो किसी भी मैक्रो को शामिल किए बिना .xls प्रारूप में है।

ii. कंपनी को नीचे दिए गए चरणों का पालन करके Excel 97-2003 वर्कबुक अर्थात, .xls प्रारूप में में सर्वेक्षण प्रश्नावली को सेव करना चाहिए:

  1. Office Button / File पर जाए → Save As → Save As type

  2. Excel 97-2003 Workbook” चुने और Save the survey schedule in .xls प्रारूप में सर्वेक्षण प्रश्नावली को सेव करें।

iii. कंपनी से अनुरोध है कि सर्वेक्षण प्रश्नावली प्रस्तुत करते समय किसी Macro को शामिल न करें।

iv. किसी अन्य प्रारूप (.xls प्रारूप के अलावा) में प्रस्तुत सर्वेक्षण कार्यक्रम को सिस्टम द्वारा अस्वीकार कर दिया जाएगा।

v. सुनिश्चित करें कि सर्वेक्षण प्रश्नावली में दी गई सभी सूचनाएं पूर्ण हैं और कोई सूचना छूटी नहीं है।

vi. आवश्यक विवरण भरने के बाद, उत्तरदाता संस्थाओं को सर्वेक्षण प्रश्नावली में मौजूद घोषणा को भरना होता है, जो यह सत्यापित करने में मदद करता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रस्तुत करने से पहले इकाई द्वारा दर्ज की गई जानकारी की पुन: पुष्टि की जाती है। यह डेटा प्रविष्टि त्रुटियों, छूटे हुए डेटा और अन्य त्रुटियों से बचने में मदद करता है।

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 10, 2022

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