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फेमा 1999 के तहत विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों (एफएलए) पर वार्षिक रिटर्न

कुछ उपयोगी परिभाषाएँ

उत्तर: प्रत्यक्ष निवेश के अन्य पूंजी घटक (प्राप्तियां और देय, इक्विटी और सहभागी वरीयता शेयरों के निवेश को छोड़कर) प्रत्यक्ष निवेशकों और डीआईई के बीच और दो डीआईई के बीच जो समान प्रत्यक्ष निवेशक साझा करते हैं, में उधार लेने और उधार देने, ऋण प्रतिभूतियों में निवेश, व्यापार क्रेडिट, वित्तीय पट्टे, शेयर आवेदन शुल्क आदि के कारण उत्पन्न होने वाली बकाया देनदारियों या दावों को शामिल किया गया है । प्रत्यक्ष निवेशक के स्वामित्व वाले गैर-भाग लेने वाले वरीयता शेयरों को ऋण प्रतिभूतियों के रूप में माना जाता है और उन्हें 'अन्य पूंजी' में शामिल किया जाना चाहिए।

देशी जमा

II. अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) की जमाराशियाँ

नहीं, किसी भी जमाराशि को ब्याज अर्जित करने के लिए पात्र होने के लिए न्यूनतम निर्धारित अवधि तक रखना होता है जो वर्तमान में एफ सी एन आर (बी) और एन आर ई जमाराशियों के लिए एक वर्ष है।

रिटेल डायरेक्ट योजना

नामांकन से संबंधित प्रश्न

हाँ। एक सरकारी प्रतिभूति धारक किसी भी व्यक्ति को नामांकित व्यक्ति के रूप में नामित कर सकता है बशर्ते कि नामांकित व्यक्ति विशिष्ट सरकारी ऋण अधिसूचना के अनुसार विशेष ऋण में निवेश करने के लिए पात्र होना चाहिए।

दिनांक 31 जनवरी 2024 और 16 फरवरी 2024 की प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड पर लगाए गए कारोबारी प्रतिबंध

आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (एईपीएस)

हाँ। आप अपने खाते में उपलब्ध शेष राशि तक, एईपीएस प्रमाणीकरण का उपयोग करके आहरण जारी रख सकते हैं।

भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका

24.1. बॉण्ड खरीदनेवाला निवेशक निम्नलिखित एक या उससे अधिक स्रोतों से प्रतिलाभ पा सकता है ।● जारीकर्ता द्वारा किए जानेवाला कूपन ब्याज भुगतान;● बॉण्ड बेचे जाने पर मिलनेवाला किसी प्रकार का पूंजीगत लाभ (या पूंजी हानि); और● उक्त ब्याज भुगतानों के पुनर्निवेश से होनेवाली आय अर्थात् ब्याज-पर-ब्याज ।निवेशकों द्वारा किसी बांड में निवेश करने पर मिलनेवाले संभाव्य प्रतिलाभ को नापने के लिए आम तौर पर प्रयुक्त उक्त तीन आय मापनों को संक्षेप में निम्नानुसार वर्णित किया जाता है(i) कूपन आय24.2 कूपन आय अंकित मूल्य के प्रतिशत के रूप में कूपन भुगतान होता है । कूपन आय से तात्पर्य सरकारी प्रतिभूति जैसी किसी निर्धारित आय प्रतिभूति पर देय सांकेतिक ब्याज है । यह निवेशक को सरकार (अर्थात् जारीकर्ता) का एक निश्चित प्रतिलाभ अदा करने का वायदा है । इस प्रकार, कूपन आय से सरकार द्वारा अदा किये जानेवाले सांकेतिक ब्याज पर ब्याज दर घट-बढ या मुद्रा स्फातिक होने वाले प्रभाव का पता नहीं चलता है ।कूपन आय = कूपन भुगतान/अंकित मूल्यउदाहरण:कूपन भुगतान : 8.24अंकित मूल्य : रु.100बाजार मूल्य : रु.103.00कूपन आय : 8.24/100 = 8.24%(ii) चालू आय24.3. चालू आय बांड के खरीद मूल्य के प्रतिशत के रूप में मात्र एक कूपन भुगतान होता है; दूसरे शब्दों में, यह बांडधारक को उसके खरीद मूल्य पर मिलनेवाला प्रतिलाभ है जो कमोबेश अंकित मूल्य या सममूल्य होता है । चालू आय में आवधिक रूप से प्राप्त होनेवाली ब्याज आय के पुनर्निवेश को हिसाब में नहीं लिया जाता है ।चालू आय = (वार्षिक कूपन दर/खरीद मूल्य) X 100उदाहरण :प्रति रु.100 के सम मूल्य पर रु.103.00 के लिए बेचे जानेवाले 10 वर्षीय 8.24% कूपन बांड के लिए चालू आय का हिसाब नीचे दिया गया हैवार्षिक कूपन ब्याज = 8.24% X रु.100=रु.8.24चालू आय = (8.24/103)X100=8.00% चालू आय में केवल कूपन ब्याज पर विचार किया जाता है और निवेशक के प्रतिलाभ को प्रभावित करनेवाले प्रतिलाभ के अन्य स्रोतों को अनदेखा किया जाता है।(iii) परिपक्वता पर आय24.4. परिपक्वता पर आय किसी बांड को उसकी परिपक्वता तक धारित रखने पर मिलनेवाले प्रतिलाभ की प्रत्याशित दर होती है । बॉण्ड का मूल्य उसके शेष समस्त नकदी प्रवाहों के वर्तमान मूल्य का जोड़ मात्र होता है । वर्तमान मूल्य की गणना हर नकदी प्रवाह को किसी दर पर बट्टा देते हुए की जाती है; यह दर होती है वाइटीएम । इस प्रकार, वाइटीएम वह बट्टा दर होती है जो किसी बांड से मिलनवाले भावी नकदी प्रवाहों के वर्तमान मूल्य को उसके चालू बाजार मूल्य तक समीकृत कर देती है । दूसरे शब्दों में यह बांड पर मिलनेवाली आंतरिक प्रतिलाभ दर होती है । वाइटीएम की गणना में परख तथा चूक विधि शामिल है । किसी बांड की परिपक्वता आय आसानी से प्राप्त करने के लिए एक कैलक्यूलेटर या सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया जा सकता है ( कृपया बॉक्स III देखें)।

बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण

जी. अंतिम उपयोग

उत्तर: नहीं। प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष (सुनाम की खरीद के माध्यम से) रूप में इक्विटि निवेश अनुमत नहीं है।

एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी

B. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाएं

हाँ, परिपत्र लागू होगा और ऋणभार का प्रकार कोई मायने नही रखता।

भारत में विदेशी निवेश

उत्तर: निम्नलिखित व्यक्ति स्टॉक एक्स्चेंज पर पूंजीगत लिखत अर्जित कर सकते हैं:

ए. सेबी में पंजीकृत एफ़पीआई।

बी. अनिवासी भारतीय

सी. उपर्युक्त (ए) तथा (बी) को छोड़कर , भारत के बाहर का निवासी व्यक्ति स्टॉक एक्स्चेंज पर पूंजीगत लिखत इस शर्त के अधीन अर्जित कर सकता है कि उक्त निवेशक ने पहले ही सेबी (शेयरों का पर्याप्त अर्जन और अधिग्रहण) विनियमावली, 2011 के अनुसार ऐसी कंपनी का नियंत्रण हासिल कर लिया है और ऐसे नियंत्रण को बनाए रखा है; ऐसा करना भारत में विदेशी निवेश पर मास्टर निदेश के अनुबंध I में विनिर्दिष्ट शर्तों के अधीन भी होगा।

भारतीय मुद्रा

ग. विभिन्न प्रकार के बैंकनोट तथा बैंकनोटों की सुरक्षा विशेषताएँ

आम तौर पर कुछ समय के लिए नई तथा पुरानी –दोनों रूपरेखा (डिजाइन) वाले नोटों का एक साथ संचलन किया जाता है । पुरानी रूपरेखा वाले नोटों के पुन:जारी करने के योग्य नहीं रह जाने पर उन्‍हें धीरे-धीरे संचलन से बाहर कर दिया जाता है ।

कोर निवेश कंपनियां

कोर निवेश कंपनियां (सीआईसी)

उत्तर: बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध सीआईसी-एनडी-एसआई के लिए आवेदन पत्र डाउनलोड किया जा सकता है और भरा जा सकता है और डीएनबीएस के क्षेत्रीय कार्यालय में जमा किया जा सकता है, जिसके अधिकार क्षेत्र में कंपनी आवेदन पत्र में उल्लिखित आवश्यक सहायक दस्तावेजों के साथ पंजीकृत है।

समन्वित संविभागीय निवेश सर्वेक्षण - भारत

सीपीआईएस से संबंधित पूछताछ के लिए संपर्क विवरण

उत्तरः सीपीआईएस पर प्रश्न/स्पष्टीकरण आरबीआई से निम्नलिखित पते पर मांगे जा सकते हैं:

अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति प्रभाग (आईआईपीडी)
सांख्यिकी और सूचना प्रबंधन विभाग (डीएसआईएम)
भारतीय रिज़र्व बैंक
सी-9/5वीं मंजिल, बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स, बांद्रा पूर्व
मुंबई, महाराष्ट्र - 400 051
ईमेल: cpis@rbi.org.in

FAQs on Non-Banking Financial Companies

Classification of NBFCs into sub-groups

The NBFCs are entitled to depreciation benefits as a lessor on the assets leased out by them. The Guidance Note on Accounting for Leases issued by ICAI may entail creation of lease equalisation account/lease adjustment account. As per accounting practice, the entire amount of lease rentals is shown as gross lease income on the credit side of the profit and loss account. The income from equipment leasing, therefore, has to be computed on the basis of gross lease income net of depreciation on assets leased out and the lease equalisation account, if any. In the case of hire purchase finance, only the component of finance charges is taken to the Profit and Loss Account and therefore, such finance charges will be taken as hire purchase finance income. The composition of assets in the equipment leasing and hire purchase finance activities has to be worked out as a percentage of the total assets net of depreciation and net of lease adjustment account, if any, as disclosed in the audited Balance Sheet of the company. Hire purchase assets should be taken as stock on hire less unmatured finance charges. The sum total of debit balance in Profit and Loss Account, deferred revenue expenditure and intangible assets like Goodwill will also be excluded from the total assets.

देशी जमा

II. अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) की जमाराशियाँ

हां, जब कभी देय तारीख शनिवार/रविवार/गैर-कारोबारी कार्य दिवस/अवकाश के दिनों में आती है तब बैंकों को देय तारीख और भुगतान की तारीख के बीच की अवधि के लिए मूल संविदाकृत दर से एन आर ई/ एफ सी एन आर (बी) जमाराशियों पर ब्याज का भुगतान करने की अनुमति है ताकि जमाकर्ताओं को ब्याज के संबंध में कोई हानि न हो।

फेमा 1999 के तहत विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों (एफएलए) पर वार्षिक रिटर्न

कुछ उपयोगी परिभाषाएँ

उत्तर: एक उद्यम को आर्थिक हित का केंद्र और किसी देश (आर्थिक क्षेत्र) की निवासी इकाई कहा जाता है, जब उद्यम उस केंद्र में माल और/या सेवाओं के उत्पादन की एक महत्वपूर्ण मात्रा में लगा होता है या जब वह उस केंद्र में स्थित भूमि या भवनों का स्वामी हो। उद्यम को देश में कम से कम एक उत्पादन प्रतिष्ठान बनाए रखना चाहिए और स्थापना को अनिश्चित काल तक या लंबी अवधि में संचालित करने की योजना बनानी चाहिए।

रिटेल डायरेक्ट योजना

नामांकन से संबंधित प्रश्न

ऐसे मामलों में जहां सरकारी प्रतिभूति के संबंध में नामांकन दो के पक्ष में किया गया है और किसी भी एक प्रत्याशी की मृत्यु हो जाती है, जीवित नामांकित व्यक्ति सरकारी प्रतिभूति और उस पर भुगतान का हकदार होगा।

दिनांक 31 जनवरी 2024 और 16 फरवरी 2024 की प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड पर लगाए गए कारोबारी प्रतिबंध

यूपीआई/आईएमपीएस के माध्यम से धनराशि ट्रान्सफर

नहीं। आप 15 मार्च 2024 के बाद अपने पेटीएम पेमेंट्स बैंक खाते में पैसा अंतरित नहीं कर सकते।

बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण

जी. अंतिम उपयोग

उत्तर: नहीं, इसके लिए अनुमति नहीं है।

भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका

दैनिक गणना परिपाटी का तात्पर्य उपचित ब्याज की गणना करने के लिए किसी बाण्ड की धारण समयावधि (दिनों की संख्या) प्राप्त करने के लिए अपनाई गई विधि से है । चूंकि भिन्न-भिन्न प्रकार की दैनिक गणना परिपाटी के प्रयोग से उपचित ब्याज की राशि में अंतर हो सकता है अत: यह उचित होता है कि बाजार के सभी प्रतिभागी एक समान दैनिक गणना परिपाटी का अनुसरण करें ।उदाहरण के लिए - भारतीय बाजारों में अपनायी जाने वाली परिपाटी निम्नानुसार है :बाण्ड बाजर - इसमें 30/360 की परिपाटी अपनायी जाती है, जिसका अर्थ यह है कि महीने वास्तविक दिनों की संख्या को ध्यान में न लेते हुए महीने में 30 दिनों की ही गणना की जाती है और एक वर्ष में 360 दिन ही गिने जाते हैं ।मुद्रा बाजार - इसमें वास्तविक/365 की परिपाटी अपनायी जाती है अर्थात् दिनों की संख्या के लिए वास्तविक दिनों की संख्या (अंश के रूप में) ली जाती है जबकि वर्ष में दिनों की संख्या के रूप में 365 दिनों की गणना की जाती है । इस प्रकार, खज़ाना बिलों के मामले में, जो मुद्रा बाजार की लिखत हैं, मुद्रा बाजार में प्रचलित परिपाटी अपनायी जाती है ।

एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी

B. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाएं

नहीं, "एक समूह की कंपनियां" की परिभाषा केवल एक समूह में कई गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों पर विवेकपूर्ण मानदंडों को लागू करने के उद्देश्य के लिए है।

भारत में विदेशी निवेश

उत्तर: भारतीय कंपनी द्वारा प्रतिफल की प्राप्ति की तारीख से साठ दिन के भीतर पूंजीगत लिखत का निर्गम किया जाना चाहिए।

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 10, 2022

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