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भारतीय मुद्रा

ग. विभिन्न प्रकार के बैंकनोट तथा बैंकनोटों की सुरक्षा विशेषताएँ

विश्व के सभी केंद्रीय बैंक प्राथमिक रूप से जालसाजी को कठिन बनाने तथा जालसाजों से दो कदम आगे रहने के लिए अपने बैंकनोटों की रूपरेखा को परिवर्तित करते हैं तथा नई सुरक्षा विशेषताओं को समाविष्ट करते हैं । भारत भी इसी नीति का अनुसरण करता है ।

कोर निवेश कंपनियां

कोर निवेश कंपनियां (सीआईसी)

उत्तर: एनबीएफसी को योजना के पूर्ण विवरण के साथ आरबीआई को आवेदन करना होगा और मामले के गुण-दोष के आधार पर छूट पर विचार किया जा सकता है।

समन्वित संविभागीय निवेश सर्वेक्षण - भारत

अपडेट हो गया है: दिस॰ 01, 2023

बैंकों के लिए विशेष निर्देश

उत्तर: नहीं, भारत के बाहर स्थित आपके बैंक की शाखाओं द्वारा किए गए निवेश को सीपीआईएस में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।

FAQs on Non-Banking Financial Companies

Classification of NBFCs into sub-groups

The NBFCs in the category of equipment leasing and hire purchase finance companies are allowed higher leveraging of their NOF for accepting public deposits as compared to the loan and investment companies. As a result, the classification into sub-groups of the NBFCs is relevant only for the purpose of ceiling on public deposits.

रिटेल डायरेक्ट योजना

निवेश और खाता धारिता से संबंधित प्रश्न

जबकि प्राथमिक नीलामी आमतौर पर सप्ताह के निर्दिष्ट दिनों पर आयोजित की जाती है जैसा कि नीचे दी गई तालिका में दिया गया है, ये दिन छुट्टियों या अन्य कारणों के कारण अलग हो सकते हैं। भारत सरकार की दिनांकित प्रतिभूतियों और राजकीय स्वर्ण बांड के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर छमाही सूचक कैलेंडर प्रकाशित किए जाते हैं जबकि त्रैमासिक सूचक कैलेंडर ट्रेजरी बिल और राज्य विकास ऋणों के लिए प्रकाशित किए जाते हैं। विवरण के लिए निम्न लिंक पर जाएँ /en/web/rbi

क्र.सं. सरकारी प्रतिभूति प्राथमिक नीलामी समान्यता की जाती है
1 सरकारी ट्रेजरी बिल (टी-बिल) बुधवार
2 सरकारी दिनांकित प्रतिभूतियाँ (दिनांकित जी-सेक) शुक्रवार
3 राज्य विकास ऋण (एसडीएल) मंगलवार
4 राजकीय स्वर्ण बॉन्ड (एसजीबी) आरबीआई अपनी प्रेस विज्ञप्ति में साप्ताहिक विंडो की घोषणा करता है।

फेमा 1999 के तहत विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों (एफएलए) पर वार्षिक रिटर्न

कुछ उपयोगी परिभाषाएँ

उत्तर: विदेशी सहायक कंपनी: एक भारतीय इकाई को विदेशी सहायक कंपनी कहा जाता है यदि एक अनिवासी निवेशक के पास 50% से अधिक वोटिंग पावर/इक्विटी पूंजी है या जहां एक अनिवासी निवेशक और उसकी अनुषंगी (ओं) ने एक भारतीय उद्यम की वोटिंग पावर/इक्विटी पूंजी के 50% से अधिक का संयुक्त स्वामित्व किया है।

विदेशी सहयोगी: एक भारतीय इकाई को विदेशी सहयोगी कहा जाता है यदि अनिवासी निवेशक के पास एक भारतीय उद्यम की वोटिंग पावर/इक्विटी पूंजी का कम से कम 10% और 50% से अधिक नहीं है या जहां अनिवासी निवेशक और उसकी सहायक कंपनी के पास एक भारतीय उद्यम की वोटिंग पावर/इक्विटी पूंजी का कम से कम 10% लेकिन 50% से अधिक न हो।

विशेष प्रयोजन माध्यम: एक विशेष प्रयोजन माध्यम (एसपीवी) संकीर्ण, विशिष्ट या अस्थायी उद्देश्यों को पूरा करने के लिए बनाई गई एक कानूनी इकाई (आमतौर पर किसी प्रकार की सीमित कंपनी या कभी-कभी, एक सीमित भागीदारी) है। एसपीवी के पास बहुत कम या कोई रोजगार नहीं है, या संचालन, या उस क्षेत्राधिकार में भौतिक उपस्थिति है जिसमें वे अपने मूल उद्यमों द्वारा बनाए जाते हैं, जो आमतौर पर अन्य न्यायालयों (अर्थव्यवस्थाओं) में स्थित होते हैं। वे अक्सर पूंजी जुटाने या संपत्ति और देनदारियों को रखने के लिए उपकरणों के रूप में उपयोग किए जाते हैं और आमतौर पर महत्वपूर्ण उत्पादन नहीं करते हैं।

देशी जमा

III. अग्रिम

बैंक अपने-अपने संबंधित बोर्डों के अनुमोदन से 2 लाख रुपये से अधिक ऋण सीमा के लिए आधारभूत मूल उधार दर (बीपीएलआर) निर्धारित करने के लिए स्वतंत्र हैं। बीपीएलआर घोषित की जानी चाहिए तथा सभी शाखाओं के लिए इसे समान रूप में लागू किया जाना चाहिए। जमा तथा अग्रिमों पर ब्याज दर निर्धारित करने के लिए बैंक अपनी आस्ति-देयता प्रबंधन समिति (एएलसीओ) को प्राधिकृत कर सकते हैं, बशर्ते वे इसके बाद तुंत अपने बोर्ड को सूचित करें। बैंकों को एएलसीओ/बोर्ड के अनुमोदन से सभी अग्रिमों के लिए बीपीएलआर के ऊपर अधिकतम स्प्रेड भी घोषित करना चाहिए।

दिनांक 31 जनवरी 2024 और 16 फरवरी 2024 की प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड पर लगाए गए कारोबारी प्रतिबंध

यूपीआई/आईएमपीएस के माध्यम से धनराशि ट्रान्सफर

हाँ। आप अपने खाते में उपलब्ध शेष राशि तक यूपीआई/आईएमपीएस के माध्यम से पेटीएम पेमेंट्स बैंक खाते से अपना पैसा निकाल सकते हैं।

भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका

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उल्लेखनीय है कि खज़ाना बिल की शेष परिपक्वता समयावधि 50 दिन की है (91-41)।

बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण

जी. अंतिम उपयोग

उत्तर: रुपये में मूल्यवर्गीकृत ईसीबी के विदेशी मुद्रा में मूल्यवर्गीकृत ईसीबी से पुनर्वित्तपोषण की अनुमति नहीं है।

एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी

B. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाएं

हाँ, एनबीएफसी की प्रदत्त इक्विटी पूंजी के 26 प्रतिशत या अधिक से, अधिग्रहण/हिस्सेदारी के स्थानांतरण के सभी मामलों में बैंक के पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता है। इंट्रा-समूह तबादलों के मामले में, एनबीएफसी, कंपनी के पत्र-शीर्ष (लेटर हेड) पर बैंक से पूर्व अनुमोदन प्राप्त करने के लिए एक आवेदन पत्र प्रस्तुत करेगी। एनबीएफसी के आवेदन तथा मामले के आधार पर, मामले पर यह निर्णय लिया जाएगा कि क्या कंपनी के आवेदन के प्रसंस्करण के लिए, एनबीएफसी को दिनांक 9 जुलाई 2015 के गैबैंविवि (नीप्र)कंपरि.सं.065/03.10.001/2015-16 के पैरा 3 में निर्धारित दस्तावेज प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। उन मामलों में जहां, दस्तावेजों के बिना अनुमोदन प्रदान किया जाता है, हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी होने बाद, एनबीएफसी को ही दस्तावेज प्रस्तुत करना आवश्यक होगा।

भारत में विदेशी निवेश

उत्तर: यदि भारतीय कंपनी द्वारा प्रतिफल की प्राप्ति की तारीख से साठ दिन के भीतर पूंजीगत लिखत का निर्गम नहीं किया जाता है तो इस प्रकार से प्राप्त राशि को साठ दिन पूर्ण होने की तारीख से पंद्रह दिन के भीतर संबंधित व्यक्ति को बैंकिंग चैनल के माध्यम से बाहरी विप्रेषण द्वारा अथवा उसके एनआरई/ एफ़सीएनआर(बी) खाते, जैसी स्थिति हो, में जमा कर के वापस किया जाना चाहिए।

भारतीय मुद्रा

ग. विभिन्न प्रकार के बैंकनोट तथा बैंकनोटों की सुरक्षा विशेषताएँ

एमजी शृंखला 2005 तथा एमजी (नई) शृंखला के बैंकनोटों में निम्नलिखित सुरक्षा विशेषताएँ हैं :

i. सुरक्षा धागा : ₹10, ₹20 तथा ₹50 मूल्यवर्ग के बैंकनोट के अग्रभाग में गूँथा हुआ (विंडोड) तथा पश्चभाग में पूर्णत: अंत:स्थापित चांदी के रंग का सुरक्षा धागा होता है, जिसकी पहचान मशीन से की जा सकती है । यह धागा पराबैंगनी प्रकाश में दोनों ओर से पीले रंग में प्रतिदीप्त होता है । जब इसे प्रकाश के सामने लाया जाता है तो यह धागा पीछे से एक निरंतर रेखा के रूप में प्रतीत होता है । ₹100 तथा इससे अधिक मूल्यवर्ग के बैंकनोटों में विभिन्न कोणों से देखने पर हरे से नीले रंग में परिवर्तित होने वाला गूँथा हुआ (विंडोड) रंग परिवर्तन सुरक्षा धागा होता है, जिसकी पहचान मशीन से की जा सकती है । पश्चभाग में यह पीले रंग में प्रतिदीप्त होता है तथा पराबैंगनी प्रकाश में अग्रभाग में अक्षर प्रतिदीप्त होते हैं ।

ii. उत्कीर्ण (इंटेग्लियो) मुद्रण: ₹100 तथा इससे अधिक मूल्यवर्ग पर महात्मा गांधी का चित्र, रिज़र्व बैंक की मुहर, गारंटी तथा वचन खंड, अशोक स्‍तंभ का प्रतीक, भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर के हस्ताक्षर तथा दृष्टिबाधितों के लिए पहचान चिह्न उत्कीर्ण (इंटेग्लियो) रूप में मुद्रित होते हैं ।

iii. आर-पार मिलान (सी थ्रू रजिस्टर): नोट के बायीं ओर, प्रत्येक मूल्यवर्ग अंक का एक हिस्‍सा अग्रभाग (सामने) तथा दूसरा हिस्‍सा पश्चभाग में मुद्रित होता है । इसे प्रकाश के सामने रखकर देखे जाने पर एक के पीछे एक (बैक टू बैक रजिस्‍ट्रेशन) यह अंक सटीक ढंग से पूरा होता है ।

iv. वाटरमार्क तथा इलैक्ट्रोटाइप वाटरमार्क: बैंकनोटों में वाटरमार्क विंडो में प्रकाश तथा छाया रंजित (शेड) प्रभाव और बहु-दिशात्मक रेखाओं के साथ महात्मा गांधी का चित्र होता है । प्रत्येक मूल्यवर्ग के नोट में वाटरमार्क विंडो में मूल्यवर्ग के अंक को दर्शाने वाला इलैक्ट्रोटाइप मार्क भी प्रदर्शित होता है, जिसे प्रकाश के सामने रखकर बेहतर तरीके से देखा जा सकता है ।

v. रंग-परिवर्तक स्याही: ₹200, ₹500 तथा ₹2000 के बैंकनोटों पर 200, 500 एवं 2000* के अंक रंग-परिवर्तक स्याही में मुद्रित होते हैं । जब बैंकनोटों को सीधा (फ्लैट) रखा जाता है तो इन अंकों का रंग हरा प्रतीत होता है लेकिन जब इनको किसी कोण से देखने पर है यह नीले में परिवर्तित हो जाएंगे।

vi. प्रतिदीप्ति (फ़्लोरोसेंस): बैंकनोटों की अंक पट्टिका (नंबर पैनल) प्रतिदीप्त (फ़्लोरोसेंट) स्याही से मुद्रित होते हैं । बैंकनोट में दोहरे रंग के ऑप्टिकल फाइबर भी होते हैं । बैंकनोट को पराबैगनी लैंप के समक्ष रखकर इन दोनों को देखा जा सकता है ।

vii. अदृश्‍य प्रतिबिंब (लेटेंट इमेज): एमजी-2005 शृंखला में ₹20 तथा इससे अधिक मूल्‍यवर्ग के बैंकनोटों में, महात्मा गांधी के चित्र के आगे (दायीं ओर) एक लंबवत पट्टे (बैंड) में एक अदृश्‍य प्रतिबिंब होती है जो अंकित मूल्य को दर्शाती है । यह अंकित मूल्य को बैंकनोट को क्षैतिज रूप में रखकर उसके ऊपर प्रकाश डाले जाने पर ही दिखाई देता है, अन्यथा यह विशेषता केवल लंबवत पट्टे (बैंड) के रूप में ही प्रदर्शित होती है । एमजी (नई) शृंखला के बैंक नोटों में ₹100 तथा इससे अधिक मूल्यवर्ग के नोटों में अदृश्‍य प्रतिबिंब मौजूद है।

viii. सूक्ष्‍म अक्षरांकन (माइक्रो लेटरिंग): यह विशेषता बैंकनोट में विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शित होता है तथा इसे आवर्धक लैंस के साथ बेहतर ढंग से देखा जा सकता है।

ix. 2015 से प्रारम्भ की गई अतिरिक्त विशेषताएँ

  • अंकनकानयाढंग

बैंकनोट की दोनों अंक पट्टियों (नंबर पैनल) में अंकों का आकार बाएँ से दाएँ बढ़ते क्रम में है, जबकि पहले तीन वर्ण सह अंकीय प्रतीकों (अल्‍फान्‍यूमेरिक कैरेक्‍टर) (पूर्व में लगने वाले) का आकार स्थिर होगा ।

  • कोणीयब्लीडरेखाएँतथापहचानचिह्नोंकेआकारमेंवृद्धि

बैंकनोटों में कोणीय ब्लीड रेखाओं को समाविष्‍ट किया गया - ₹100 में 2 ब्लॉक में 4 रेखाएँ, ₹200 में बीच में 2 वृत्‍तों के साथ 4 कोणीय ब्लीड रेखाएँ , ₹500 में 3 ब्लॉक में 5 रेखाएँ, ₹2000* में 7 रेखाएँ । इसके अतिरिक्त, ₹100 तथा इससे अधिक मूल्यवर्ग में पहचान चिह्न के आकार में 50 प्रतिशत की वृद्धि की गई है ।

भारतीय बैंकनोटों में मौजूद उक्‍त सुरक्षा विशेषताओं के बारे में मूल्यवर्ग-वार जानकारी हमारी वेबसाइट www.rbi.org.in >>प्रेस विज्ञप्ति पर भी उपलब्ध है । वैकल्पिक रूप से, यह सूचना इस लिंक में भी उपलब्‍ध है : https://rbi.org.in/hi/web/rbi/-/notifications/master-circular-detection-and-impounding-of-counterfeit-notes-11610

कोर निवेश कंपनियां

कोर निवेश कंपनियां (सीआईसी)

उत्तर: सीआईसी को एनबीएफसी के लिए प्रमुख व्यावसायिक मानदंडों को पूरा करने की आवश्यकता नहीं है।

समन्वित संविभागीय निवेश सर्वेक्षण - भारत

अपडेट हो गया है: दिस॰ 01, 2023

बैंकों के लिए विशेष निर्देश

उत्तर: हाँ, इसे शामिल किया जाना चाहिए।

देशी जमा

III. अग्रिम

मध्यवर्ती एजेंसियों की निदर्शी सूची निम्नानुसार है ;1. कमजोर वर्गों@ को आगे उधार देने के लिए सरकार द्वारा प्रायोजित संगठन2. कृषि निविष्टियां/उपकरणों के वितरक3. कमजोर वर्गों को ऋण प्रदान करने का कार्य करने की सीमा तक राज्य वित्तीय निगम (एसएफसी)/राज्य औद्योगिक विकास निगम (एसआइडीसी)4. राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआइसी)5. खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआइसी)6. विकेंद्रित क्षेत्र को सहायता देने में लगी एजेंसियां7. आवास और शहरी विकास निगम लि. (हुडको)8. पुनर्वित्त के लिए राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) द्वारा अनुमोदित आवास वित्त कंपनियां9. अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए सरकार द्वारा प्रायोजित संगठन (इन संगठनों के लाभार्थियों की निविष्टियों की खरीद तथा आपूर्ति और उत्पाद के विपणन के लिए)10. स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) को उधार देने के लिए माइक्रो वित्त संस्थाएं/गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ)@प्राथमिकता क्षेत्र में ‘कमजोर वर्ग’ में निम्नलिखित शामिल हैं :i. 5 एकड़ तथा उससे कम जोत वाले छोटे तथा सीमांत किसान, भूमिहीन मजदूर, काश्तकार और बंटाईदारii. कारीगर, ग्राम और कुटीर उद्योग जहां व्यक्तिगत ऋण आवश्यकता रु. 25000/- से अधिक न हो ;iii. छोटे और सीमांत किसान, बंटाईदार, कृषि तथा गैर-कृषि मजदूर, ग्रामीण कारीगर और गरीबी रेखा के नीचे रहनेवाले परिवार लाभार्थी हैं । पारिवारिक आय वार्षिक रु. 11,000/- से अधिक नहीं होनी चाहिए ।iv. अनुसूचित जातियां और अनुसूचित जनजातियांv. लाभार्थी वे व्यक्ति हैं जिनकी सभी स्रोतों से पारिवारिक आय शहरी और अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों में वार्षिक रु.7200/- अथवा ग्रामीण क्षेत्रों में वार्षिक रु.6400/- से अधिक नहीं है। उनके पास भू-स्वामित्व नहीं होना चाहिए अथवा उनके भूखंड का आकार सिंचित भूमि के मामले में एक एकड़ से अधिक नहीं होना चाहिए और असिंचित भूमि के मामले में 2.5 एकड़ से अधिक नहीं होना चाहिए (अनुसूचित जाति / जनजाति के लिए भूमि धारिता संबंधी मानदंड लागू नहीं होंगे)।vi. सफाई कर्मचारी मुक्ति और पुनर्वास योजना (एसएलआरएस) के तहत लाभार्थीvii. ग्रामीण गरीबों तक पहुंचने के लिए स्व-सहायता समूहों को मंजूर अग्रिम।

FAQs on Non-Banking Financial Companies

Time frame for compliance of regulations

The NBFCs have been permitted to regularise their excess public deposits by 1/3rd every year so as to pay off/regularise by obtaining/improving their Credit Rating or by augmenting NOF or by substituting public deposits by other form of debt the entire excess by 31st December, 2000. While the companies having the prescribed minimum level of Rating can accept fresh public deposit and renew such maturing deposit, the NBFCs which are unrated or rated below the minimum grade can only renew the maturing deposits. Within this period, the NBFCs are expected to augment their NOF, obtain or improve their Credit Rating, substitute public deposits by borrowings from other avenues. RBI does not intend to order the NBFCs to prematurely repay their deposits. The NBFCs may repay their deposits only on maturity. If the deposits accepted before January 2, 1998 are maturing after December 31, 2000 and the concerned NBFC holds these deposits in excess of its entitlements, this would not tantamount to violation of the RBI directions. It should, however, report the matter to the concerned Regional Office of Reserve Bank of India.

रिटेल डायरेक्ट योजना

निवेश और खाता धारिता से संबंधित प्रश्न

जी-सेक घरेलू मुद्रा में क्रेडिट रिस्क फ्री इंस्ट्रूमेंट्स हैं। हालांकि, यदि आप परिपक्वता से पहले बेचते हैं तो बाजार जोखिम हैं। आप सरकारी प्रतिभूतियों से जुड़े विभिन्न जोखिमों को समझने के लिए आरबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित 'गवर्नमेंट सिक्योरिटीज मार्केट- ए प्राइमर' का संदर्भ ले सकते हैं।

फेमा 1999 के तहत विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों (एफएलए) पर वार्षिक रिटर्न

कुछ उपयोगी परिभाषाएँ

उत्तर: सहभागी वरीयता शेयर वे शेयर होते हैं जिनके पास निम्नलिखित में से एक या अधिक अधिकार होते हैं:

(अ) इक्विटी शेयरधारकों को लाभांश का भुगतान करने के बाद अधिशेष लाभ में से लाभांश प्राप्त करने के लिए।

(ब) कंपनी के समापन के मामले में पूरी पूंजी का भुगतान करने के बाद अधिशेष संपत्ति में हिस्सेदारी रखने के लिए।

दूसरी ओर गैर-सहभागी वरीयता शेयर वे शेयर हैं जिनके पास उपरोक्त में से कोई भी अधिकार नहीं है।

दिनांक 31 जनवरी 2024 और 16 फरवरी 2024 की प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड पर लगाए गए कारोबारी प्रतिबंध

पेटीएम पेमेंट्स बैंक व्यवसाय प्रतिनिधि

हाँ। पेटीएम पेमेंट्स बैंक व्यवसाय प्रतिनिधि (बैंक एजेंट) आपके खाते में उपलब्ध शेष राशि तक आपके बैंक खाते से पैसे निकालने में आपकी मदद कर सकता है।

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 10, 2022

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