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FAQs on Non-Banking Financial Companies

Credit Rating

The Rating Agencies have incorporated a clause in their agreements with the NBFCs that they can disclose the Rating to the regulatory authorities viz. RBI. The RBI has started getting the information from the Agencies.

फेमा 1999 के तहत विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों (एफएलए) पर वार्षिक रिटर्न

कुछ उपयोगी परिभाषाएँ

उत्तर: एक संबंधित पार्टी एक व्यक्ति या इकाई है जो उस इकाई से संबंधित है जो अपने वित्तीय विवरण तैयार कर रही है (जिसे 'रिपोर्टिंग इकाई' कहा जाता है)।

एक व्यक्ति या उस व्यक्ति के परिवार का कोई करीबी सदस्य रिपोर्टिंग इकाई से संबंधित है यदि उस व्यक्ति का :

(i) रिपोर्टिंग इकाई पर नियंत्रण या संयुक्त नियंत्रण है।

(ii) रिपोर्टिंग इकाई पर महत्वपूर्ण प्रभाव है; या

(iii) रिपोर्टिंग इकाई या मूल रिपोर्टिंग इकाई के प्रमुख प्रबंधन कर्मियों का सदस्य है।

एक संबंधित पार्टी की परिभाषा में एक सहयोगी में सहयोगी की सहायक कंपनियां शामिल होती हैं और एक संयुक्त उद्यम में संयुक्त उद्यम की सहायक कंपनियां शामिल होती हैं। अतः उदाहरण के लिए एक सहयोगी की सहायक कंपनी और सहयोगी पर महत्वपूर्ण प्रभाव रखने वाले निवेशक एक दूसरे से संबंधित हैं।

रिटेल डायरेक्ट योजना

निवेश और खाता धारिता से संबंधित प्रश्न

रिटेल डायरेक्ट प्लेटफॉर्म के माध्यम से सरकारी प्रतिभूतियों को खरीदने के दो तरीके हैं:

i. दिनांकित जी-सेक, टी-बिल और एसडीएल (केवल गैर-प्रतिस्पर्धी खंड, यानी, केवल प्रतिभूतियों की वांछित राशि में प्रवेश करके, कीमत दर्ज किए बिना) की प्राथमिक नीलामियों में बोली लगाकर। राजकीय स्वर्ण बॉन्ड (एसजीबी) के लिए, आप आरबीआई द्वारा अपनी वेबसाइट पर घोषित सदस्यता विंडो के दौरान बोली लगा सकते हैं। नीलामी में बोली लगाने पर प्रत्येक विवरण के लिए, आप रिटेल डायरेक्ट पोर्टल पर उपयोगकर्ता मैनुअल का संदर्भ ले सकते हैं।

ii. माध्यमिक बाजार पोर्टल में एक खरीद उद्धरण लगाकर।

देशी जमा

III. अग्रिम

हां ? बैंकों से अनुरोध है कि वे मीयादी ऋणों सहित सभी अग्रिमों के मामले में संबंधित ऋण करारों में निम्नलिखित परंतुक अनिवार्यत: शामिल करें ताकि बैंक, निर्धारित दर वाले ऋणों के मामले को छोड़कर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के अनरूप लागू ब्याज दर लगा सकें।"बशर्ते उधारकर्ता द्वारा दिया जानेवाला ब्याज, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में समय-समय पर किए गए परिवर्तनों के अधीन होगा।"

भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका

31.1. द फिक्स्ड इन्कम मनी मार्किट एंड डेरिवेटिव्ज़ असोसिएशन ऑफ इंडिया (फमिडा), जोकि अधिसूचित वाणिज्य बैंकों, सार्वजनिक वित्तीय संस्थाओं, प्राथमिक व्यापारियों और बीमा कंपनियों का एक संघ है, को 3 जून 1998 को कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 25 के तहत एक कंपनी के रूप में निगमित किया गया । फमिडा बांड, मुद्रा और डेरिवेटिव बाज़ारों का एक स्वैच्छिक बाज़ार निकाय है । फमिडा के ऐसे सदस्य हैं, जो बाज़ार के समूचे प्रमुख संस्थागत खंडों का प्रतिनिधित्व करते हैं । इसकी सदस्यता के अंतर्गत राष्ट्रीयकृत बैंक जैसे भारतीय स्टेट बैंक, उसके सहयोगी बैंक और अन्य राष्ट्रीयकृत बैंक; निजी क्षेत्र के बैंक जैसे आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईडीबीआई बैंक; विदेशी बैंक जैसे बैंक ऑफ अमेरिका, एबीएन एम्रो, सिटी बैंक; वित्तीय संस्थाएं जैसे आईडीएफसी, एक्ज़िम बैंक, नाबार्ड; बीमा कंपनियां जैसे भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी), आईसीआईसीआई प्रूडेन्शियल लाइफ इन्श्यूरेंस कंपनी, बिड़ला सन लाइफ इन्श्यूरेंस कंपनी और अन्य सभी प्राथमिक व्यापारी शामिल हैं ।31.2. फमिडा बाज़ार के सहभागियों का प्रतिनिधित्व करता है तथा बांड, मुद्रा और डेरिवेटिव बाज़ारों के विकासार्थ सहायता प्रदान करता है । यह इन बाज़ारों के कार्य-संचालन को प्रभावित करने वाले विभिन्न मुद्दों के संबंध में विनियामकों के साथ विचारों का आदान-प्रदान कराके एक सेतु का कार्य करता है । विकास की दिशा में भी यह कई कार्य करता है, जैसे बेंचमार्क दरों और नई डेरिवेटिव लिखतों आदि की पहल करना । फमिडा मूल्यांकन की दृष्टि से बाज़ार के सहभागियों द्वारा प्रयुक्त विभिन्न सरकारी प्रतिभूतियों की दरें जारी करता है । फमिडा अपने सदस्यों के लिए सर्वोत्तम बाज़ार प्रथा के विकास में भी एक सकारात्मक भूमिका अदा करता है ताकि बाज़ार का संचालन पूर्णत: पारदर्शी रूप से हो, साथ ही साथ प्रभावशाली हो ।

बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण

एच. ईसीबी का पुनर्वित्त

उत्तर: हां।

एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी

C. अवशिष्ट गैर-बैंकिंग कंपनियाँ (आरएनबीसी)

यह सच है कि आरएनबीसी द्वारा जमाराशियाँ जुटाने की कोई उच्चतम सीमा नहीं है। फिर भी, प्रत्येक आरएनबीसी को यह सुनिश्चित करना है कि उसके पास जमा की गई राशियों का निवेश पूरी तरह से अनुमोदित निवेशों में किया जाए। दूसरे शब्दों में, जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करने के लिए, ऐसी कंपनियों से यह अपेक्षित है कि वे अपनी जमा देयता का 100 प्रतिशत अत्यधिक तरल और सुरक्षित लिखतों उदाहरणार्थ केंद्रीय/राज्य सरकार की प्रतिभूतियों, अनुसूचित वाणिज्यक बैंकों (SCB) की सावधि जमाओं, अनुसूचित वाणिज्यक बैंकों/वित्तीय संस्थानों के जमा प्रमाणपत्रों, म्युचुअल फण्ड की यूनिटों इत्यादि में निवेश करें।

भारत में विदेशी निवेश

उत्तर: 13 फरवरी 2009 से पूर्व विद्यमान दिशानिर्देशों के अनुसार किए गए डाउन स्ट्रीम निवेश को इन विनियमों के अनुसार होने के लिए कोई आशोधन आवश्यक नहीं होगा। उक्त तारीख के बाद किए गए सभी अन्य निवेश फेमा 20(आर) की परिधि में आएंगे। 13 फरवरी 2009 तथा 21 जून 2013 के बीच किए गए डाउनस्ट्रीम निवेश जो इन विनियमों का अनुपालन नहीं करते हैं, को ऐसे मामलों को इन विनियमों के अनुसार समझने के लिए रिज़र्व बैंक को 3 अक्तूबर 2013 तक रिपोर्ट किए जाने चाहिए थे।

भारतीय मुद्रा

घ) गंदे, कटे-फटे तथा अपूर्ण बैंकनोट

(i) “गंदे नोट” का तात्पर्य उन नोटों से है जो अधिक उपयोग से गंदा हो गया हो, कटा फटा हो या एक साथ चिपका हुआ दो टुकड़ों का पूरा नोट हो, जिसमें प्रस्तुत किए गए दोनों टुकड़े एक ही नोट के हैं तथा इसमें सभी सुरक्षा विशेषताएँ मौजूद हों ।

(ii)“कटा-फटा बैंकनोट” वह बैंकनोट होता है जिसका एक हिस्‍सा गायब हो अथवा जिसे दो से अधिक टुकड़ों से मिलाकर बनाया गया है ।

(iii)“अपूर्ण बैंकनोट” का तात्‍पर्य किसी ऐसे बैंकनोट से है जो पूर्ण अथवा आंशिक रूप से विरूपित, सिकुड़ा हुआ, धो दिया गया, परिवर्तित अथवा अपाठ्य है, लेकिन इसमें कटा-फटा बैंकनोट शामिल नहीं होता है ।

कोर निवेश कंपनियां

कोर निवेश कंपनियां (सीआईसी)

उत्तर: नहीं, यह छूट विशेष रूप से केवल सीआईसी को ही दी जाती है। सीआईसी के अलावा अन्य एनबीएफसी इस या सीआईसी निर्देशों के किसी अन्य पहलू से आच्छादित नहीं हैं और उन्हें बैंक के साथ पंजीकरण करना होगा और समय-समय पर जारी बैंक के सभी लागू निर्देशों का पालन करना होगा।

भारतीय मुद्रा

घ) गंदे, कटे-फटे तथा अपूर्ण बैंकनोट

भारतीय रिज़र्व बैंक आम जनता को अच्छी गुणवत्ता वाले बैंकनोट उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयासरत है । भारतीय रिज़र्व बैंक तथा बैंकिंग प्रणाली के इस उद्देश्य को पूरा करने में मदद हेतु आम जनता से निम्‍नलिखित व्यवहारों को अंगीकार करने का अनुरोध किया जाता है :

  • बैंकनोटों को नत्थी न करें ।

  • बैंकनोटों पर कुछ लिखें नहीं / कोई रबर स्टैम्प अथवा अन्य कोई निशान न लगाएँ।

  • बैंकनोटों का उपयोग माला/खिलौने बनाने, पंडाल तथा पूजास्थल को सजाने के लिए अथवा सामाजिक आयोजनों में व्यक्तियों पर बरसाने आदि के लिए न करें ।

भारतीय रिजर्व बैंक ने 12 मार्च, 2008 को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जनता से अपील की है कि वे माला बनाने, पंडालों और पूजा स्थलों को सजाने या सामाजिक समारोहों में हस्तियों पर नोट बरसाने आदि के लिए बैंक नोटों का उपयोग न करें। इस संबंध में जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति निम्नलिखित लिंक पर उपलब्ध है
अपने बैंक नोटों का सम्मान करें : भारतीय रिज़र्व बैंक की आम जनता से अपील - आरबीआई

FAQs on Non-Banking Financial Companies

Credit Rating

If Rating of an NBFC is downgraded, it has to bring down deposits to the level to which it is entitled to as per the new Credit Rating within a period of one year.

एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी

C. अवशिष्ट गैर-बैंकिंग कंपनियाँ (आरएनबीसी)

नहीं, अवशिष्ट गैर-बैंकिंग कंपनी जमाकर्ताओं द्वारा जमा की गई कोई राशि या कोई ब्याज, प्रीमियम, बोनस या उस पर अर्जित किसी भी लाभ को ज़ब्त नहीं कर सकती।

रिटेल डायरेक्ट योजना

निवेश और खाता धारिता से संबंधित प्रश्न

आप माध्यमिक बाजार पोर्टल में एक प्रस्ताव (बिक्री) आदेश लगाकर प्रतिभूतियों को बेच सकते हैं। उस प्रतिभूति को बेचने से पहले आपके खाते में प्रतिभूति होनी चाहिए।

फेमा 1999 के तहत विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों (एफएलए) पर वार्षिक रिटर्न

कुछ उपयोगी परिभाषाएँ

उत्तर: किसी भी घरेलू देनदारी या संपत्ति (भले ही वह विदेशी मुद्रा में हो) को एफ़एलए रिटर्न में रिपोर्ट नहीं किया जाना चाहिए।

देशी जमा

III. अग्रिम

जी हां। फिलहाल, 2 लाख रुपये तक के ऋण आधारभूत मूल उधार दर से अनधिक की शर्त के अधीन हैं और 2 लाख रुपये से अधिक के ऋणों के मामले में बैंक आधारभूत मूल उधार दर और लगाई गई दर के बीच के अंतर संबंधी दिशानिर्देशों के तहत ब्याज दर निर्धारित करने के लिए स्वतंत्र हैं। अंतर्राष्ट्रीय प्रथा को ध्यान में रखते हुए और वाणिज्य बैंकों को अपनी उधार दर निर्धारित करने में परिचालनगत लचीलापन प्रदान करने हेतु बैंक निर्यातकों अथवा अन्य अच्छी साख वाले उधारकर्ताओं, जिनमें सार्वजनिक उद्यम शामिल हैं, को संबंधित बोर्डों द्वारा अनुमोदित पारदर्शी एवं वस्तुनिष्ठ नीति के आधार पर आधारभूत मूल उधार दर से कम दर पर ऋण दे सकते हैं।

भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका

32.1. भारतीय रिज़र्व बैंक वित्तीय बाज़ार निगरानी - http://www.rbi.org.in/Scripts/ financialmarketswatch.aspx

इस साइट में एनडीएस (ओटीसी बाज़ार) में सरकारी प्रतिभूतियों के मूल्य, एनडीएस-ओएम, मुद्रा बाज़ार संबंधी कई लिंक और सरकारी प्रतिभूतियों से संबंधित अन्य जानकारी जैसे अशोधित स्टाक आदि, उपलब्ध कराई गई है ।

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32.2. एनडीएस-ओएम बाज़ार निगरानी http://www.ccilindia.com/OMHome.aspx

इस साइट में सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद-फरोख्त का मूल्य और साथ ही निर्दिष्ट मूल्य के संबंध में तात्कालिक जानकारी उपलब्ध कराई जाती है ।  इसके अलावा, यदा जारी (डब्ल्यूआई) (जब भी सौदा होता हो) वाला खंड भी मुहैया कराया जाता है ।

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32.3. एनडीएस बाज़ार निगरानी - http://www.rbi.org.in/Scripts/NdsUserXsl.aspx

इस साइट में ओटीसी बाज़ार में सरकारी प्रतिभूतियों के मूल्यों संबंधी जानकारी उपलब्ध कराई जाती है । इसमें निश्चित तारीखों के बीच की अवधि में विशिष्टि प्रतिभूतियों के मूल्यों की खोज करने की भी सुविधा है ।

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32.4. फमिडा - http://www.fimmda.org/

इस साइट में सरकारी प्रतिभूतियों सहित सभी नियत आय वाली प्रतिभूतियों संबंधी बाज़ार प्रथा की ढेर सारी जानकारी मुहैया कराई जाती है । इस साइट में फमिडा द्वारा अंगीकृत विभिन्न मूल्य-निर्धारण मॉडलों के ब्योरे दिए जाते हैं । साथ ही, इस साइट के माध्यम से फमिडा सरकारी प्रतिभूतियों, कार्पोरेट बांड स्प्रेडों आद के दैनिक, मासिक और वार्षिक के बंद भाव के ब्योरे मुहैया कराता है । इस साइट में प्रवेश करके जानकारी प्राप्त करने के लिए वैध लॉग-इन और पासवर्ड ज़रूरी है, जिन्हें फमिडा पात्र संस्थाओं को उपलब्ध कराता है ।

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बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण

एच. ईसीबी का पुनर्वित्त

उत्तर: हां। तथापि ईसीबी के नए उधारदाताओं को भी ईसीबी ढांचे में परिभाषित किए गए अनुसार विदेशी इक्विटि धारक होना चाहिए तथा यह पुनर्वित्त पोषण संबंधी यथालागू दिशानिर्देशों के अधीन होना चाहिए।

भारत में विदेशी निवेश

उत्तर: नहीं

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 10, 2022

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