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भारतीय मुद्रा

घ) गंदे, कटे-फटे तथा अपूर्ण बैंकनोट

हाँ, इस प्रकार के बैंकनोटों को मूल्य के लिए बदला जा सकता है ।

रिटेल डायरेक्ट योजना

निवेश और खाता धारिता से संबंधित प्रश्न

i. प्राथमिक बाजार रिटेल डायरेक्ट प्लेटफॉर्म में लोग इन करने के बाद, पृष्ठ के शीर्ष पर डैशबोर्ड के बगल में 'प्राथमिक बाजार' विकल्प का चयन करें।

ii. 'नीलामी वॉच' से बोली लगाने और 'बिड एंट्री' विंडो में बोली राशि दर्ज करने के लिए प्रतिभूति का चयन करें।

iii. व्यक्ति बोली के समय या बाद में अपनी बोली का वित्तपोषण कर सकते हैं, लेकिन बोली/सदस्यता विंडो के बंद होने से पहले। आरबीआई को बोलियां प्रस्तुत करने की तारीख के अनुसार वित्त पोषित नहीं की जाने वाली बोलियां रद्द कर दी जाएंगी।

iv. बोलियों के लिए भुगतान करने के लिए, खुदरा ग्राहक ऑनलाइन पोर्टल से जुड़े भुगतान गेटवे का उपयोग करके नामित चालू खाते में धन स्थानांतरित करने के लिए यूपीआई (ट्रांसफर या ब्लॉक) और नेट बैंकिंग जैसी सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं।

v. नीलामी परिणाम के एक भाग के रूप में प्राप्त आवंटन सूचना के आधार पर, आवंटन व्यक्तिगत निवेशकों को किया जाएगा।

vi. पूर्ण आवंटन के मामले में, प्रत्येक बोलीदाता को पूरे अंकित मूल्य का आवंटन किया जाएगा जिसके लिए बोलियां प्रस्तुत की गई थीं। आंशिक आवंटन के मामले में नीलामी में निर्धारित आंशिक आवंटन प्रतिशत के आधार पर बोलीदाता को आनुपातिक आवंटन किया जाएगा।

बिडिंग प्रक्रिया के बारे में अधिक जानकारी के लिए, आप रिटेल डायरेक्ट पोर्टल के सहायता खंड में उपयोगकर्ता मैनुअल का संदर्भ ले सकते हैं।

FAQs on Non-Banking Financial Companies

Credit Rating

Reserve Bank of India has specified the minimum level of investment grade Rating for eligibility for acceptance of deposits from public by Equipment Leasing/Hire Purchase Finance Companies. However, the Rating Agencies have been advised to bring about uniformity in their Rating Levels for the common man to understand the meaning of a particular Rating.

फेमा 1999 के तहत विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों (एफएलए) पर वार्षिक रिटर्न

कुछ उपयोगी परिभाषाएँ

उत्तर: यदि रिपोर्टिंग भारतीय कंपनी भारत के विदेशी प्रत्यक्ष निवेश योजना के तहत विदेशी कंपनी के इक्विटी और/या भाग लेने वाले वरीयता शेयरों में, अर्थात संयुक्त उद्यम या विदेश में पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों में निवेश करती है तो इसे भारतीय कंपनी का विदेश में प्रत्यक्ष निवेश माना जाता है।

नोट: एफएलए रिटर्न दाखिल करने के लिए आगे के मार्गदर्शन के लिए पंजीकरण दिशानिर्देश और अनुभाग-वार अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न फ्लेयर पोर्टल (https://flair.rbi.org.in/fla/faces/pages/login.xhtml) के एफएक्यू अनुभाग में उपलब्ध है।

देशी जमा

III. अग्रिम

नहीं। बैंकों को सहायता संघीय व्यवस्था के अधीन भी एक समान ब्याज दर लगाने की आवश्यकता नहीं है। प्रत्येक सदस्य बैंक को चाहिए कि वह उधारकर्ताओं को जो ऋण सीमा प्रदान करता है उसके संबंधित हिस्से पर अपनी आधारभूत मूल उधार दर के अधीन ब्याज दर लगाए।

बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण

आई. ईसीबी ढांचे के अंतर्गत हेजिंग

उत्तर: कोई भी एंटीटी जो भारतीय रुपये में ईसीबी (विदेश में रुपया में मूल्यवर्गित बॉन्डों का निर्गम करने सहित) जुटती है, को इस प्रकार से उठाने वाली देयता को किसी भी प्रकार से विदेशी मुद्रा देयता में परिवर्तित करने अथवा डेरिवेटिव कांट्रैक्ट अथवा अन्यथा में शामिल होकर किसी प्रकार का विदेशी मुद्रा जोखिम भी उठाने की अनुमति नहीं है।

भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका

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एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी

C. अवशिष्ट गैर-बैंकिंग कंपनियाँ (आरएनबीसी)

एक आरएनबीसी को एकमुश्त में या मासिक अथवा लंबे अंतरालों पर जमा की गई जमाराशियों पर न्यूनतम 5% ब्याज (वार्षिक रूप से चक्रवृद्धि) का भुगतान करना चाहिए; तथा दैनिक जमा योजना के अंतर्गत जमा की गई राशियों पर न्यूनतम 3.5% ब्याज का भुगतान करना चाहिए। ब्याज में प्रीमियम, बोनस या अन्य कोई लाभ शामिल है, जोकि आरएनबीसी जमाकर्ताओं को रिटर्न के रूप में चुकाने का वादा करती है। आरएनबीसी ऐसी जमाराशियों की प्राप्ति की तिथि कम से कम 12 महीनों तथा अधिकतम 84 महीनों की अवधि हेतु जमाराशियाँ स्वीकार कर सकती हैं। वे मांग पर चुकौती योग्य जमाराशियां स्वीकार नहीं कर सकतीं। हालांकि, वर्तमान में, मौजूदा केवल एक आरएनबीसी (पियरलेस) को रिज़र्व बैंक द्वारा यह निर्देश दिया गया है कि वे जमाराशियां लेना बंद कर दें, जमाकर्ताओं को जमाराशियों की चुकौती करें और अपने आरएनबीसी व्यवसाय को समाप्त करें क्योंकि उनका व्यवसाय मॉडल स्वाभाविक रूप से अव्यवहार्य है।

भारत में विदेशी निवेश

उत्तर: हां। भारतीय कंपनी के लिए एफ़सी-टीआरएस भी भरना आवश्यक है।

भारतीय मुद्रा

घ) गंदे, कटे-फटे तथा अपूर्ण बैंकनोट

सभी बैंकों को पूर्ण मूल्य हेतु गंदे बैंकनोटों को बदलने तथा स्वीकार करने के लिए प्राधिकृत किया गया है । उन्‍हें गंदे/कटे-फटे नोटों के बदलने की सुविधा अपने ग्राहकों से इतर व्‍यक्तियों के लिए भी विस्तारित करना है।

वाणिज्यिक बैंकों की सभी शाखाओं को, भारतीय रिज़र्व बैंक (नोट वापसी) संशोधित नियमावली, 2009 [भारतीय रिज़र्व बैंक (नोट वापसी) संशोधित नियमावली, 2018, यथा संशोधित] के अनुसार, कटे-फटे बैंकनोटों (जो वैध मुद्रा हैं) का अधिनिर्णय करने तथा इसके लिए मूल्य का भुगतान करने हेतु प्राधिकृत किया गया है ।

छोटे वित्त बैंक (अपने बैंकिंग व्यवसाय के प्रारम्भ से दो वर्ष तक) तथा भुगतान बैंक अपने विकल्प पर कटे-फटे तथा अपूर्ण/दोषपूर्ण नोटों को बदल सकते हैं।

FAQs on Non-Banking Financial Companies

Credit Rating

The Reserve Bank has stipulated that the Credit Rating should be obtained by the NBFCs once in a year. Normally, the Credit Rrating of a company is valid till it is reviewed by the concerned Rating Agency.

रिटेल डायरेक्ट योजना

निवेश और खाता धारिता से संबंधित प्रश्न

आप दिनांकित जी-सेक, टी-बिल और एसडीएल की प्रत्येक प्राथमिक नीलामी में प्रति प्रतिभूति केवल एक अंतिम बोली जमा कर सकते हैं।

देशी जमा

III. अग्रिम

10 अक्तूबर 2000 से, बैंकों को यह स्वतंत्रता दी गई है कि वे अपने निदेशक मंडलों के अनुमोदन से दंडात्मक ब्याज लगाने के लिए पारदर्शी नीति तैयार करें। तथापि, प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र के तहत उधारकर्ताओं को दिए गए ऋणों के मामले में, रु 25,000/- तक के ऋणों के लिए कोई दंडात्मक ब्याज नहीं लगाया जा सकता। चुकौती में चूक, वित्तीय विवरणों को प्रस्तुत न करना आदि जैसे कारणों के लिए दंडात्मक ब्याज लगाया जा सकता है। तथापि, दंडात्मक ब्याज संबंधी नीति को पारदर्शिता, औचित्य, ऋणशोधन हेतु प्रोत्साहन, और ग्राहकों की वास्तविक कठिनाइयों के स्वीकृत सिद्धांतों द्वारा नियंत्रित किया जाना चाहिए।

बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण

आई. ईसीबी ढांचे के अंतर्गत हेजिंग

उत्तर: हां। न्यूनतम अनिवार्य हेज की शर्त है।

भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका

प्राथमिक व्यापारियों की सूची

(क)

बैंक पीडी

  फन नं.

1.

सिटि बैंक एनए., मुंबई शाखा

(022) 40015453/40015378

2.

स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक

(022) 622303/22652875/22683695

3.

बैंक ऑफ अमरीका एन.ए.

(022) 66323040/3140/3192

4.

जे.पी. मॉरगन चेज़ बैंक एन.ए.

(022) 6639 3084/66392944

5.

एचएसबीसी बैंक

(022) 22623329/22681031/34/33

6.

बैंक ऑफ बड़ौदा

(022) 66363682/83

7.

केनरा बैंक

(022) 22800101-105/22661348

8.

कोटक महिद्रा बैंक लिमि.

(022) 67836107 & 66596235/ 6454

9.

कार्पोरेशन बैंक

(022) 22832429/22022796/ 22871054

10.

एचडीएफसी बैंक

(022) 66521372/9892975232

11.

एबीएन अमरो बैंक एन.वी.

(022) 66386132/128

(ख)

स्वतंत्र पीडी

 

1.

आडीबीआइ गिल्ट्स

(022) 66177900/911

2.

आसीआसीआइ सिक्यू. पीडी लिमि.

(022) 66377421/22882460/70

3.

पीएनबी गिल्ट्स लिमि.

(022) 22693315/17

4.

एसबीआइ डीएफएचआइ लिमि.

(022) 22610490/66364696

5.

एसटीसीआइपीडी लिमि.

(022) 66202261/2200

6.

ड्यूश सिक्यूरिटीज़ (इं.) प्रा. लिमि.

(022) 67063068/3066/67063115

7.

मॉरगन स्टेनले प्राइमरी डीलर प्रा. लिमि.

(022) 22096600

8.

नोमुरा फिक्स्ड इंकम सिक्यूरिटीज़ प्रा. लिमि.

(022) 67855111/ 67855118

*

बैंक पीडी वे हैं जो बैंक के भाग के रूप में पीडी कारोबार विभागीय रूप से करते हैं ।

**

स्वतंत्र पीडी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (एनबीएफसी) हैं जो केवल पीडी करोबार ही करते हैं ।

भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट
http://www.rbi.org.in/commonman/English/Scripts/PrimaryDealers.aspx पर प्राथमिक व्यापारियें की अद्यतनसूची उपलब्ध है ।

एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी

D. जमाराशियों की परिभाषा, जमाराशियां स्वीकार करने योग्य/अयोग्य संस्थाएं और उनसे संबंधित मामले

भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45झ(खख) में ‘जमाराशि’ शब्द की परिभाषा दी गई है। जमाराशि में जमा या ऋण या किसी अन्य प्रकार से किसी धन की प्राप्ति सम्मिलित है और सदैव मानी जाएगी परंतु इसमें निम्नलिखित शामिल नहीं होगी:

i. शेयर पूंजी के रूप में जुटाई गई रकम, अथवा फर्म के साझेदारों द्वारा पंजी के लिए किया गया अंशदान;

ii. अनुसूचित बैंक, सहकारी बैंक, बैंकिंग कंपनी, राज्य वित्त निगम, भारतीय औद्योगिक विकास बैंक और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनिर्दिष्ट किसी अन्य संस्था से प्राप्त राशि;

iii. सामान्य कारोबार के दौरान जमानत जमाराशि, डीलरशीप जमा, बयाना माल, संपत्ति और सेवाओं के आदेशों पर अग्रिम के रूप में प्राप्त हुई अग्रिम राशि;

iv. निगमित निकाय से इतर पंजीकृत धन उधार देने वाले से प्राप्त रकम;

v. ‘चिट’ के संबंध में अंशदान के रूप में प्राप्त राशि;

गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां जनता से जमा राशियों का स्वीकरण (रिज़र्व बैंक) निदेश, 1998 के पैरा 2(1)(xii) में जनता की जमा राशियों को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45झ (खख) के अंतर्गत परिभाषित जमाराशि, जिसमें निम्नलिखित को शामिल नहीं किया गया हो, के रूप में परिभाषित किया गया है:

ए. केन्द्र/राज्य सरकार या अन्य स्रोत से प्राप्त राशि जहां केन्द्र/राज्य सरकार द्वारा चुकौती की गारंटी दी गई हो अथवा स्थानीय निकाय या विदेशी सरकार या किसी विदेशी नागरिक/ प्राधिकारी/व्यक्ति से प्राप्त कोई राशि;

बी. इस प्रयोजन के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनिर्दिष्ट वित्तीय संस्थानों से प्राप्त कोई राशि; अन्य

सी. अन्य कंपनी से किसी कंपनी को प्राप्त कोई राशि;

डी. आबंटन के लिए विचारधीन/लंबित शेयरों/स्टॉक/ बांडस या ऋणपत्रों में अभिदान के रूप में प्राप्त राशि या क्रय के लिए अग्रिम के रूप में प्राप्त राशि बशर्तें ऐसी राशि कंपनी के अंतर्नियमों के अंतर्गत सदस्यों को चुकायी न जानी हो;

ई. कंपनी के निदेशकों से प्राप्त राशि अथवा प्राइवेट कंपनी अथवा प्राइवेट कंपनी जो पब्लिक कंपनी बन गई हो के इसके शेयर धारकों से प्राप्त राशि;

एफ. कंपनी किसी अचल संपत्ति को अथवा स्थिति के अनुसार कंपनी के किसी अन्य संपत्ति को गरवी रखकर रक्षित ऋण अथवा बांडस जारी कर जुटाई गई राशि

एफए. एक वर्ष से अधिक समावधि में परिपक्वता वाली तथा रू 1 करोड तथा उससे अधिक न्यूनतम प्रति खरीदकर्ता वाली गैर-परिवर्तनीय ऋण पत्र को जारी कर जुटाई गई कोई राशि, बशर्तें कि बैंक द्वारा जारी दिशानिदेश के अनुसार हो;

जी. प्रवर्तकों द्वारा गैर जमानती ऋण के रूप में लायी गयी राशि;

एच. म्यूचुअल फंड से प्राप्त राशि;

आइ. संमिश्र या गौण ऋण के रूप में प्राप्त कोई राशि;

जे. किसी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी के निदेशक और निदेशक के रिश्तेदार से प्राप्त राशि;

के. वाणिज्यिक पत्र (कमर्शियल पेपर) जारी करके प्राप्त कोई राशि;

एल. प्रणालीगत महत्वपूर्ण जमाराशि नहीं स्वीकार करने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी द्वारा ‘बेमियादी कर्ज लिखत’ जारी कर प्राप्त कोई राशि;

एम. इंफ्रास्ट्रक्चर वित्त कंपनी द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर बांडस जारी कर प्राप्त कोई राशि।

इस प्रकार उपर्युक्त निदेशों में जनता की जमाराशि की परिभाषा में से उन उधार देने वालों की कतिपय श्रेणी से उगाही गई राशि को बाहर रखने की कोशिश की गई है जो स्वयं निर्णय ले सकते है।

भारत में विदेशी निवेश

उत्तर: फॉर्म एफ़सीटीआरएस फेमा 20(आर) के अनुसार निम्नलिखित के बीच बिक्री के माध्यम से पूंजीगत लिखतों के अंतरण के लिए फ़ाइल किया जाएगा

i. भारत के बाहर निवास करने वाला व्यक्ति जिसने प्रत्यावर्तनीय आधार पर किसी भारतीय कंपनी में पूंजीगत लिखत धारण किए हैं, से भारत के बाहर निवास करने वाला व्यक्ति जिसने अप्रत्यावर्तनीय आधार पर पूंजीगत लिखत धारण किए हैं को;

ii. भारत के बाहर निवास करने वाला व्यक्ति जिसने अप्रत्यावर्तनीय आधार पर पूंजीगत लिखत धारण किए हैं से भारत के बाहर निवास करने वाला व्यक्ति जिसने प्रत्यावर्तनीय आधार पर किसी भारतीय कंपनी में पूंजीगत लिखत धारण किए हैं को;

iii. भारत के बाहर निवास करने वाला व्यक्ति जिसने प्रत्यावर्तनीय आधार पर किसी भारतीय कंपनी में पूंजीगत लिखत धारण किए हैं से भारत में निवास करने वाले व्यक्ति को;

iv. भारत में निवास करने वाला व्यक्ति जिसने किसी भारतीय कंपनी में पूंजीगत लिखत धारण किए हैं से भारत के बाहर निवास करने वाला व्यक्ति जिसने प्रत्यावर्तनीय आधार पर किसी भारतीय कंपनी में पूंजीगत लिखत धारण किए हैं को

फेमा 20(आर) के विनियम 10(3) में निर्धारित किए गए अनुसार भारत के बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा किसी मान्यताप्राप्त स्टॉक एक्स्चेंज पर पूंजीगत लिखतों की बिक्री को ऐसे व्यक्ति द्वारा फॉर्म एफ़सी-टीआरएस में रिपोर्ट किया जाना चाहिए।

एफ़सी-टीआरएस निम्नलिखित के लिए आवश्यक नहीं है:

i. अप्रत्यावर्तनीय आधार पर शेयर धारित करने वाले अनिवासी द्वारा भारतीय कंपनी के शेयरों का किसी निवासी को अंतरण तथा इसके विपरीत

ii. भारत के बाहर निवास करने वाला व्यक्ति जिसने प्रत्यावर्तनीय आधार पर किसी भारतीय कंपनी में पूंजीगत लिखत धारण किए हैं द्वारा भारत के बाहर निवास करने वाला व्यक्ति जिसने प्रत्यावर्तनीय आधार पर पूंजीगत लिखत धारण किए हैं।

iii. उपहार के रूप में शेयरों का अंतरण

रिपोर्टिंग का दायित्व निवासी (अंतरणकर्ता/ अंतरिती) अथवा अप्रत्यावर्तनीय आधार पर पूंजीगत लिखत धारण करने वाले भारत के बाहर निवास करने वाले व्यक्ति, जैसी स्थिति हो, का होगा। एडी बैंक के पास फॉर्म एफ़सी-टीआरएस निधियों की प्राप्ति/ विप्रेषण अथवा पूंजीगत लिखतों के अंतरण, इनमें से जो भी पहले हो, के साठ दिन के भीतर फ़ाइल किया जाना है।

भारतीय मुद्रा

घ) गंदे, कटे-फटे तथा अपूर्ण बैंकनोट

भारतीय रिज़र्व बैंक (नोट वापसी) नियमावली, 2009 [भारतीय रिज़र्व बैंक (नोट वापसी) संशोधित नियमावली, 2018, यथा संशोधित] के भाग III में विनिर्दिष्ट नियमों के तहत अपूर्ण नोट के मूल्य के पूर्ण मूल्य/आधे मूल्य का भुगतान किया जा सकता है, जो हमारी वेबसाइट www.rbi.org.in → प्रकाशन → सामयिक खंड के तहत उपलब्ध है ।

FAQs on Non-Banking Financial Companies

Credit Rating

A. The Credit Rating is the opinion of the Agency about the company’s ability to service its debt. The company has the discretion to accept the Rating or reject it. There is no appellate authority.

रिटेल डायरेक्ट योजना

निवेश और खाता धारिता से संबंधित प्रश्न

दिनांकित जी-सेक, टी-बिल और एसडीएल के लिए, प्रति यूनिट राशि प्रतिभूति की सांकेतिक कीमत, अर्जित ब्याज और एक मार्क-अप के आधार पर होगी।

एसजीबी के लिए यह फंडिंग आरबीआई द्वारा उस विशेष मुद्दे के लिए घोषित निर्गम मूल्य पर आधारित होगी।

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 10, 2022

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