RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S3

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

FAQ DetailPage Breadcrumb

RbiFaqsSearchFilter

सामग्री प्रकार:

खोज परिणाम

देशी जमा

IV. शेयरों और डिबेंचरों की जमानत पर अग्रिम

गैर-बैंकिंग गैर-वित्तीय कंपनियों की सार्वजनिक जमाराशि योजनाओं के अंतर्गत बैंकों द्वारा अपनी निधियों के निवेश पर कोई प्रतिबंध नहीं है, परंतु ऐसी कंपनियों की सार्वजनिक जमाराशि योजना में किया गया निवेश बैंकों द्वारा अपने तुलनपत्र में तथा बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 और भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के अंतर्गत भेजी गयी विवरणियों में ऋण/अग्रिम के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए।

बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण

के. विविध

उत्तर: नहीं ।

एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी

D. जमाराशियों की परिभाषा, जमाराशियां स्वीकार करने योग्य/अयोग्य संस्थाएं और उनसे संबंधित मामले

जी हां, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के जमाकर्ताओं को नामांकन की सुविधा उपलब्ध है। नामांकन की सुविधा के नियम, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45थब में दिए गए हैं। गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को बैंक विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 45यक के अंतर्गत बनाये गये बैंकिंग कंपनियां (नामांकन) नियम, 1985 अपनाने को कहा गया है। तदनुसार, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के जमाकर्ता/ओं को एक व्यक्ति को नामांकित करने की अनुमति दी गई है, जिसे जमाकर्ता/ओं की मृत्यु हो जाने की दशा में गैर बैंकिंग कंपनी जमाराशि लौटा सके। गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को सूचित किया गया है कि वे उक्त नियमों में विनिर्दिष्ट किए गए अनुसार फार्म डीए 1 में जमाकर्ताओं द्वारा किए गए नामांकन स्वीकार करें और क्रमश: नामांकन निरस्त किए जाने के लिए फार्म डीए 2 और नामांकन में परिवर्तन करने के लिए फार्म डीए 3 का प्रयोग करें।

भारत में विदेशी निवेश

III. अन्य प्रतिभूतियों में निवेश

उत्तर: वैकल्पिक (अल्टरनेटिव) निवेश निधि श्रेणी III जिसे कोई विदेशी निवेश प्राप्त हुआ है वो केवल उन सिक्युरिटीज अथवा लिखतों में ही पोर्टफोलियो निवेश कर सकती हैं जिनमें अधिनियम तथा उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों अथवा विनियमों के अधीन निवेश करने की अनुमति है।

भारतीय मुद्रा

ड़) जाली नोट/जालसाजी

जाली नोट की पहचान असली भारतीय करेंसी नोट में मौजूद सुरक्षा विशेषताओं के आधार पर की जा सकती है । नोट को देखने, छूने तथा झुका कर देखने पर ये विशेषताएँ आसानी से पहचानी जा सकती हैं । भारतीय बैंक नोटों मे मौजूद सुरक्षा विशेषताओं के बारे मे जानकारी www.rbi.org.in  > कार्य-वार साइटें > मुद्रा प्रबंधन > पैसा बोलता है https://rbi.org.in/hi/web/rbi/rbi-kehta-hai/know-your-banknotes पर उपलबद्ध हैं।

FAQs on Non-Banking Financial Companies

Extent of regulations over NBFCs accepting public deposits and not accepting public deposits

The NBFCs except RNBCs not accepting/holding public deposits are not required to submit to RBI their Statutory Returns in the First Schedule or the Balance Sheet or the Quarterly Liquid Asset Return or the Half-yearly Prudential Norm Return. However, all the NBFCs (other than those exempted - see answer to question No. 1) are required to be Registered with RBI and and also make sure that they continue to be eligible to remain Registered. RBI has powers to cause Inspection of the Books of any company and call for any other information about its business activities. For this purpose, the NBFCs are required to furnish the information in respect of any change in the composition of their Board of Directors, address of the company and its Directors and the name/s of its Auditors.

रिटेल डायरेक्ट योजना

निवेश और खाता धारिता से संबंधित प्रश्न

नहीं। हालांकि, खरीदी गई प्रतिभूतियां आपके रिटेल डायरेक्ट खाते में धारिता विवरण में प्रतिबिंबित होंगी।

देशी जमा

IV. शेयरों और डिबेंचरों की जमानत पर अग्रिम

बैंक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के बांड के आबंटन पत्र निम्नलिखित शर्तों के अधीन खरीद सकते हैं -i. अंतर बैंक लेनदेन को छोड़कर सभी लेनदेन केवल मान्यता प्राप्त शेयर बाज़ारों और पंजीकृत दलालों के माध्यम से किए जाने चाहिए।ii. बांड खरीदते समय बैंक को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसे प्रतिभूति का स्पष्ट हक मिलता है तथा द्वितीयक बाजार में उस प्रतिभूति का क्रय-विक्रय किया जा सकता है।iii. इस प्रकार का लेनदेन करने के लिए बैंक को बोर्ड के अनुमोदन से अपना आंतरिक दिशानिर्देश निर्धारित करना चाहिए।

बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण

भाग II: व्यापार ऋण (टीसी)

उत्तर: एडी बैंक विदेशी मुद्रा में समुद्रपारीय उधारदाताओं से अल्पावधि व्यापार वित्त का लाभ उठाने के लिए अपने ग्रहकों की ओर से एसबीएलसी जारी कर सकते हैं लेकिन इस शर्त के अधीन कि इस प्रकार से जारी की गई एसबीएलसी समय-समय पर संशोधित “गारंटियां तथा सहस्वीकृतियां” पर बैंकिंग विनियमन विभाग के दिनांक 1 जुलाई 2015 के मास्टर परिपत्र सं.डीबीआर.सं.डीआईआर.बीसी.11/13.03.00/2015-16 में निहित प्रावधानों का अनुपालन करती हो ।

एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी

D. जमाराशियों की परिभाषा, जमाराशियां स्वीकार करने योग्य/अयोग्य संस्थाएं और उनसे संबंधित मामले

गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों जिसे भारतीय रिज़र्व बैंक से पंजीकरण प्रमाण पत्र प्राप्त करना है परंतु ऐसा किए बगैर कार्य करना कानून का उल्लंघन है। ऐसी कंपनियों पर भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत कार्रवाई की जा सकती है। ऐसी संस्थाओं की पहचान हेतु, भारतीय रिज़र्व बैंक के पास सूचना के अनेक स्रोत है। इसमें बाजार आसूचना, प्रभावित पार्टियों से प्राप्त शिकायतें, औद्योगिक स्रोत तथा गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी लेखा परीक्षकों का रिपोर्ट (रिजर्व बैंक) निदेश 2008 के अनुसार सांविधिक लेखा परीक्षकों द्वारा प्रस्तुत अपवाद रिपोर्ट शामिल है। इसके अतिरिक्त प्रत्येक तिमाही सभी केन्द्र शासित प्रदेश /राज्यों में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा राज्य स्तरीय समन्वय समिति (एसएलसीसी) आयोजित की जाती है। एसएलसीसी की अध्यक्षता अब संबंधित राज्य के मुख्य सचिव/ केन्द्र साशित प्रदेश के प्रशासक द्वारा की जाती है तथा सदस्यों के रूप में भारतीय रिज़र्व बैंक के अलावा, एमसीए/ आरओसी के क्षेत्रीय निदेशक, सेबी का स्थानीय युनिट, चिट रजिस्ट्रार, आइसीएआइ, राज्य पुलिस का आर्थिक अपराध ईकाइ तथा राज्य सरकार के गृह मंत्रालय और कानून मंत्रालय के अधिकारी होते है। जैसा कि वित्तीय क्षेत्र के सभी संबंधित विनियामक तथा प्रवर्तक ऐजेंसिया एसएलसीसी में भाग लेते है, अत: इससे सूचना का आदान प्रदान शीघ्रता से होगा तथा अप्राधिकृत और संदेहजनक कारोबार के माध्यम से सार्वजनिक जमाराशियों को जुटाने में संलिप्त संस्थाओं के विरूद्ध नियत समय में प्रभावी कार्रवाई की जा सकेगी।

भारत में विदेशी निवेश

IV. रिपोर्टिंग में विलंब

उत्तर: 7 नवंबर 2017 को अथवा उसके बाद किए गए लेनदेन के मामलों में रिपोर्टिंग करने में विलंब होने पर रिपोर्टिंग पर मास्टर निदेश के भाग IV में दिए गए अनुसार रिपोर्टों को फ़ाइल करने के लिए जिम्मेदार व्यक्ति/ एंटीटी पर विलंब से प्रस्तुति के लिए लगाए गए शुल्क का भुगतान करने का दायित्व होगा। एलएसएफ़ का भुगतान करना कंपाउंडिंग क्रियाविधि से गुजरे बिना रिपोर्टिंग में हुए विलंब को नियमित करने का एक अतिरिक्त विकल्प है।

भारतीय मुद्रा

ड़) जाली नोट/जालसाजी

बैंकनोटों की जालसाजी/जाली तथा नकली नोटों का असली नोटों के रूप में उपयोग करना/जाली या नकली बैंकनोट रखने/बैंक नोटों की जालसाजी अथवा नकली बनाने के लिए उपकरणों या सामग्री को रखना/ बैंकनोट के समान दिखने वाले दस्तावेज़ का उपयोग करना अथवा बनाना भारतीय न्याय संहिता (2023) की धारा 178 से 182 के तहत अपराध है तथा इसके लिए न्‍यायालयों द्वारा जुर्माना लगाया जा सकता है या सात साल से लेकर आजीवन कारावास दिया जा सकता है अथवा दोनों सजाएं दी जा सकती हैं, जो किए गए अपराध पर निर्भर होंगी ।

भारत सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), 1967 के तहत उच्च गुणवत्‍ता वाली प्रतिरूपित भारतीय करेंसी संबंधी अपराधों संबंधी अन्वेषण नियम, 2013 तैयार किया है । अधिनियम की तीसरी अनुसूची में उच्च गुणवत्‍ता वाले प्रतिरूपित भारतीय करेंसी नोट को परिभाषित किया गया है । उच्‍च गुणवत्‍ता वाले प्रतिरूपित भारतीय नोट के उत्‍पादन, तस्करी करने या संचरण की गतिविधि को भारतीय न्याय संहिता, 2023 के दायरे में लाया गया है ।

FAQs on Non-Banking Financial Companies

Repayment of matured deposits

There had been instances when some companies had not paid matured deposits on due dates and such claims have been honoured after some delay. The companies did not pay any interest for the delayed period in the absence of any specific provisions in the Reserve Bank Directions in this regard in the past. A provision has, therefore, been inserted subsequently in the Non-Banking Financial Companies Acceptance of Public Deposits (Reserve Bank) Directions dated 31.1.1998 to the effect that interest is payable to the depositors only in case the company has delayed the repayment of matured deposits, from the date of receipt of such claim by the company or the date of maturity of the deposit whichever is later, till the date of actual payment. If the depositor has lodged his claim after the date of maturity, the company would be liable to pay interest for the period from the date of claim till the date of repayment. In other words, for the period between the date of maturity and the date of claim it is the discretion of the company to pay interest.

रिटेल डायरेक्ट योजना

निवेश और खाता धारिता से संबंधित प्रश्न

प्रतिभूतियों को आरबीआई के साथ गिल्ट खाते में रखा जाएगा।

देशी जमा

IV. शेयरों और डिबेंचरों की जमानत पर अग्रिम

ऋणों /अग्रिमों की प्रतिभूति के रूप में बैंकों द्वारा स्वीकृत शेयरों /डिबेंचरों /बांडों का मूल्य निर्धारण मौजूदा बाजार मूल्य के आधार पर किया जाना चाहिए।

बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण

भाग II: व्यापार ऋण (टीसी)

उत्तर: एडी बैंकों को एडी बैंकों/ रिज़र्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा विलंबित आयात देयताओं के निपटान के लिए प्रदान की गई सभी अनुमतियों की रिपोर्ट करनी होती है।

एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी

D. जमाराशियों की परिभाषा, जमाराशियां स्वीकार करने योग्य/अयोग्य संस्थाएं और उनसे संबंधित मामले

नहीं। प्रोप्राइटरशिप/भागीदारी कंपनियाँ अनिगमित निकाय हैं। अतएव उन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत जनता से जमाराशियां स्वीकार करने से प्रतिबंधित किया है।

भारत में विदेशी निवेश

IV. रिपोर्टिंग में विलंब

उत्तर: एलएसएफ़ का भुगतान करना कंपाउंडिंग क्रियाविधि से गुजरे बिना रिपोर्टिंग में हुए विलंब को नियमित करने के लिए एक अतिरिक्त सुविधा है। तथापि इसका यह अर्थ नहीं है कि आवेदक कंपाउंडिंग के लिए आवेदन नहीं कर सकता है। 7 नवंबर 2017 को अथवा उसके बाद किए गए लेनदेन के लिए आवेदक को दोनों विकल्प उपलब्ध हैं।

भारतीय मुद्रा

ड़) जाली नोट/जालसाजी

जाली नोट रखने मात्र से सजा नहीं होती है । किसी बैंक नोट के जाली अथवा प्रतिरूपित होने के बारे में जानकारी होने या ऐसा मानने के पीछे कारण होने, और उसे असली नोट की तरह प्रयोग करने का इरादा होने या उसे असली नोट की तरह प्रयोग किया जा सकने की जानकारी के साथ जाली या प्रतिरूपित बैंकनोट रखना भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 180 के तहत न्यायालय मे जुर्माना या सात साल तक की सजा या दोनों के लिए दंडनीय है ।

FAQs on Non-Banking Financial Companies

Repayment of matured deposits

In terms of section 45QA of the Reserve Bank of India Act, 1934, where an NBFC fails to repay any deposit in accordance with the agreed terms and conditions, the Company Law Board can order the company to make repayment of such deposit forthwith or within such time and subject to such conditions as may be specified in the order. The aggrieved depositor is required to submit an application in the Form prescribed by them together with the requisite fee, to the concerned bench of the Company Law Board mentioned in the Deposit Application Form and seek an Order against the erring company . Apart from above, the depositor can also approach the District/State/National Level Consumers Disputes Redressal Forum for relief against the erring company.

श्रेणी पहलू

केटेगरी

कस्टम पहलू

ddm__keyword__19506552__FaqDetailPage1Title_en_US

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 10, 2022

क्या यह पेज उपयोगी था?