अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न - आरबीआई - Reserve Bank of India
एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी
F. सामूहिक निवेश योजनाएं (सीआईएस) और चिट फंड
जब कोई गैर-एनबीएफसी किसी एनबीएफसी के साथ विलय करता है, तो भारतीय रिज़र्व बैंक से लिखित पूर्व अनुमोदन प्राप्त करना होगा, यदि ऐसे विलय निम्नलिखित किसी एक अथवा दो शर्तों को पूरा करे अर्थात (i) विलय के पश्चात एनबीएफसी के शेयर धारिता में कोई परिवर्तन जिसके पश्चात एनबीएफसी के प्रदत्त इक्विटी पूंजी के शेयर धारिता पैटर्न में 26% से अधिक का बदलाव आती है (ii) एनबीएफसी के प्रबंधन में कोई परिवर्तन जिसके परिणामस्वरूप स्वतंत्र निदेशकों को छोड़कर 30 प्रतिशत से अधिक निदेशकों में बदलाव।
समामेलन किए जाने वाली एनबीएफसी को भारतीय रिज़र्व बैंक से लिखित पूर्व अनुमोदन प्राप्त करना होगा।
जी हां, ऐसे सभी मामलों में विलय/समामेलन के लिए किसी न्यायालय अथवा न्यायाधिकरण से आदेश प्राप्त करने हेतु संपर्क करने से पहले भारतीय रिज़र्व बैंक से लिखित पूर्व अनुमोदन प्राप्त करना होगा जो सामान्य रूप से एफएक्यु 84, 85 अथवा 86 में बताए स्थितियों के अंतर्गत आते हैं।

* एनबीएफसी एक वित्तीय संस्था है जो किसी भी योजना या व्यवस्था के तहत ऋण देती है या निवेश करती अथवा पैसा एकत्रित करती है लेकिन इसमें वे संस्थाएं शामिल नहीं हैं जिनका मुख्य व्यवसाय कृषि गतिविधि, औद्योगिक गतिविधि, अचल संपत्तियों की खरीद या बिक्री हो। जिस कंपनी का प्रमुख व्यवसाय जमाराशियाँ स्वीकार करना है, वह भी एनबीएफसी है।

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31 मई 2013 |
वित्तीय संस्थाओं में धन जमा करने से पहले जांच करें: भारतीय रिज़र्व बैंक का परामर्श |
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 10, 2022
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