अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न - आरबीआई - Reserve Bank of India
राष्ट्रिक स्वर्ण बॉण्ड योजना
ये बॉण्ड सरकारी प्रतिभूतियां हैं जिनका अंकित मूल्य स्वर्ण ग्राम में होता है। स्वर्ण अपने पास रखने का यह एक वैकल्पिक माध्यम है। निवेशकों को निर्गम मूल्य नकद रूप में अदा करना होता है। बॉण्ड की मीयाद समाप्त हो जाने पर नकद राशि प्राप्त होगी। यह बॉण्ड भारत सरकार की ओर से रिज़र्व बैंक जारी करता है।
इसे खरीदने पर निवेशक ने स्वर्ण की जितनी मात्रा के लिए पैसे दिए हैं उतनी मात्रा संरक्षित हो जाती है और बॉण्ड की मीयाद पूरी हो जाने पर या उससे पहले बॉण्ड जमा कर देने पर उसे उस समय बाज़ार में चल रही कीमत मिलती है। अत: स्वर्ण को भौतिक रूप में अपने पास रखने के बजाय राष्ट्रिक स्वर्ण बॉण्ड के रूप में रखना बेहतर विकल्प है। इस प्रकार जोखिम से बचने के साथ-साथ इसे सुरक्षित रखने की लागत नहीं है। निवेशकों को इस बात का आश्वासन मिलता है कि बॉण्ड की अवधि समाप्ति पर उन्हें स्वर्ण का बाज़ार भाव मिलेगा और साथ ही आवधिक ब्याज भी। स्वर्ण के आभूषणों पर कारीगरी शुल्क देना पड़ता है और उसकी शुद्धता भी देखनी पड़ती है। राष्ट्रिक स्वर्ण बॉण्ड के मामले में ऐसा कुछ भी नहीं है। यह बॉण्ड रिज़र्व की बहियों अथवा डीमैट रूप में दर्ज रहते हैं, अत: इनके गुम होने की गुंजाइश नहीं रहती।
यदि स्वर्ण का बाज़ार भाव कम हो जाता है तो पूंजीगत हानि होने का जोखिम हो सकता है। लेकिन स्वर्ण की जितनी मात्रा के लिए निवेशक ने पैसे दिए हैं उस मात्रा में कोई कमी नहीं आती।
विदेशी मुद्रा विनिमय प्रबंध अधिनियम, 1999 में दी गई परिभाषा के अनुसार कोई भी निवासी भारतीय इसमें निवेश कर सकता है। इसमें व्यक्ति, हिंदू अविभक्त परिवार, ट्रस्ट, विश्वविद्यालय, धर्मादाय संस्थाएं आदि भी शामिल हैं। आवासीय स्थिति में निवासी से अनिवासी के आगामी परिवर्तन के साथ व्यक्तिगत निवेशक प्रारंभिक मोचन / परिपक्वता तक एसजीबी को रख सकते हैं।
हां, खरीदे जा सकते हैं।
हां, किंतु उसकी ओर से उसके अभिभावक को आवेदन पत्र प्रस्तुत करना होगा।
आवेदन पत्र जारीकर्ता बैंक/ एसएचसीआईएल कार्यालय/ चुनिंदा डाकघरों/ एजेंटों द्वारा उपलब्ध कराए जाएंगे। भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट से भी यह फार्म डाउनलोड किया जा सकता है। बैंक ऑनलाइन आवेदनपत्र भरने की सुविधा भी दे सकते हैं।
निवेशकों को आयकर विभाग द्वारा जारी “पैन सं” के साथ ही प्रत्येक आवेदन होना चाहिए।
नहीं, एक निवेशक अपने निर्धारित पहचान दस्तावेज़ों से जुड़ा हुए एकमात्र आईडी रख सकता है। इस निवेशक आईडी का प्रयोग इस योजना के अंतर्गत आगे किए जाने वाले सभी निवेशों के लिए किया जाना है। डीमैटीरियलाइज़ रूप में प्रतिभूतियां धारण करने के लिए आवेदन पत्र में स्थायी खाता संख्या (पैन) का उल्लेख किया जाना अनिवार्य है।
बॉण्ड एक ग्राम स्वर्ण के मूल्यवर्ग में तथा उसके गुणजों में होता है। निवेश की न्यूनतम सीमा एक ग्राम तथा अधिकतम सीमा प्रति वर्ष (अप्रैल – मार्च) में प्रत्यके व्यक्ति/ हिंदू अविभक्त परिवार के लिए 4 किलोग्राम और ट्रस्ट तथा भारत सरकार द्वारा समय-समय पर अधिसूचित समान संस्थाओं के लिए 20 किलोग्राम है। यदि संयुक्त खरीद है तो यह सीमा पहले आवेदक पर लागू होगी। वार्षिक उच्चतम सीमा में सरकार द्वारा पहले विभिन्न श्रृंखलाओं में जारी बॉण्ड और माध्यमिक बाजार से खरीदे जाने वाले बॉण्ड शामिल होंगे। निवेश की सीमा में बैंक या वित्तीय संस्था द्वारा जमानत के रूप में धारित बॉण्ड को शामिल नहीं किया जाएगा।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022
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