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भारतीय रिज़र्व बैंक - एकीकृत लोकपाल योजना, 2021

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी तीन पूर्ववर्ती लोकपाल योजनाओं अर्थात् (i) बैंकिंग लोकपाल योजना, 2006, (ii) गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए लोकपाल योजना, 2018, और (iii) डिजिटल लेनदेन के लिए लोकपाल योजना, 2019 को 12 नवंबर 2021 की प्रभावी तिथि से एक योजना - 'रिज़र्व बैंक - एकीकृत लोकपाल योजना, 2021 (योजना / आरबी-आईओएस, 2021) में एकीकृत किया। यह योजना बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी), भुगतान प्रणाली प्रतिभागियों (पीएसपी) और साख सूचना कंपनियों (सीयाईसी) जैसी विनियमित संस्थाओं (आरई) के ग्राहकों को एक केंद्रीकृत संदर्भ बिंदु पर अपनी शिकायतें दर्ज करने में सक्षम बनाकर आरबीआई में शिकायत निवारण प्रक्रिया को सरल बनाती है। इस योजना का उद्देश्य आरई की ओर से सेवा में कमी से संबंधित ग्राहकों की शिकायतों को त्वरित, लागत प्रभावी और संतोषजनक तरीके से हल करना है। ये ‘अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न’ आरबी-आईओएस, 2021 और संबंधित पहलुओं पर जानकारी प्रदान करते हैं।

रिज़र्व बैंक - एकीकृत लोकपाल योजना, 2021 (आरबी-आईओएस, 2021/योजना) का आरंभ 12 नवंबर, 2021 को किया गया था। यह भारतीय रिजर्व बैंक की तीन पूर्ववर्ती लोकपाल योजनाओं अर्थात् (i) बैंकिंग लोकपाल योजना, 2006; (ii) गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए लोकपाल योजना, 2018; और (iii) डिजिटल लेनदेन के लिए लोकपाल योजना, 2019 को एकीकृत करती है। इन योजनाओं में क्षेत्राधिकार से संबंधित प्रतिबंधों के अतिरिक्त शिकायतों के सीमित और अलग-अलग आधार और आरई का सीमित कवरेज था। आरबी-आईओएस, 2021 आरबीआई द्वारा विनियमित संस्थाओं द्वारा प्रदान की गई सेवाओं में कमी से संबंधित ग्राहक शिकायतों का लागत मुक्त निवारण प्रदान करती है, यदि शिकायत का समाधान ग्राहकों की संतुष्टि के अनुसार नहीं किया जाता है या आरई द्वारा 30 दिन की अवधि के भीतर जवाब नहीं दिया जाता है।

तीन मौजूदा योजनाओं को एकीकृत करने के अतिरिक्त, इस योजना में अतिरिक्त आरई, नामत:, 50 करोड़ और उससे अधिक के जमा आकार वाले गैर-अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक और साख सूचना कंपनियां भी शामिल हैं। यह योजना भारतीय रिजर्व बैंक के लोकपाल तंत्र को आधिकारिक निष्पक्षता प्रदान कर 'एक राष्ट्र एक लोकपाल' का दृष्टिकोण अपनाती है।

आरबीआई एजीआर ढांचे में आरबीआई लोकपाल (आरबीआईओ), उपभोक्ता शिक्षण और संरक्षण कक्ष (सीईपीसी) और सीईपीडी शामिल हैं। आरबीआईओ आरबी-आईओएस, 2021 के ढांचे के तहत कार्य करते हैं। आरबी-आईओएस, 2021 के दायरे में नहीं आने वाली आरई के विरुद्ध शिकायतें सीईपीसी प्राप्त करती हैं। सीईपीडी आरबी-आईओएस के तहत अपीलीय प्राधिकरण (एए) को सहायता प्रदान करती है और अपील मामलों को संसाधित करती है।

आरबी-आईओएस, 2021 में सभी वाणिज्यिक बैंक, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी), भुगतान प्रणाली प्रतिभागी, अधिकांश प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक और साख सूचना कंपनियां शामिल हैं। आरबी-आईओएस, 2021 के तहत शामिल की गई आरई प्रश्न 11 के तहत सूचीबद्ध हैं।

आरबीआई लोकपाल आरबीआई द्वारा नियुक्त आरबीआई का एक वरिष्ठ अधिकारी है, जिसे आरबी-आईओएस, 2021 के खंड 3 (1) (छ) के तहत परिभाषित "सेवा में कमी" के विरुद्ध आरई के ग्राहकों की शिकायतों का निवारण करने के लिए नियुक्त किया गया है।

“सेवा में कमी” का अर्थ विनियमित संस्था से वैधानिक रुप से या अन्‍यथा प्रदान करने के लिए अपेक्षित किसी भी वित्‍तीय सेवा या उससे संबंधित अन्य सेवा में कमी या अपर्याप्‍तता से है, जिसके परिणामस्वरूप ग्राहक को वित्तीय नुकसान या क्षति हो सकती है या नहीं भी हो सकती है।

‘’उप लोकपाल’’ से आशय आरबीआई द्वारा नियुक्त एक वरिष्ठ अधिकारी से है जो शिकायतों के समाधान और कुछ शिकायतों और योजना के तहत सौंपे गए कार्यों के संचलन में आरबीआई लोकपाल (प्रश्न 4 देखें) की सहायता करता है। उप लोकपाल सुकरीकरण या समाधान या मध्यस्थता के माध्यम से शिकायतकर्ता और आरई के बीच समझौते के द्वारा और प्रश्न 24 में चर्चा के अनुसार शिकायतों का निपटान करने का प्रयास करता है।

आरबी-आईओएस, 2021 ने प्रक्रियाओं को सरल बनाया है, भौतिक और ईमेल शिकायतों की प्राप्ति को केंद्रीकृत किया है, इसके दायरे में और अधिक आरई को लाया गया है, शिकायतों के सीमित आधार और लोकपाल के क्षेत्राधिकार के अंतर को समाप्त कर दिया है और अब सेवा में कमी से संबंधित सभी शिकायतों को आरबी-आईओएस के तहत शामिल किया गया है। शिकायतकर्ता आरई के विरुद्ध सीएमएस पोर्टल https://cms.rbi.org.in/ पर 24x7 ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं या सीआरपीसी को ईमेल / भौतिक रूप में अपनी शिकायत भेज सकते हैं (प्रश्न 16 देखें)। उन्नत सीएमएस पोर्टल के साथ आरबी-आईओएस से शिकायतकर्ता को प्राप्त होने वाले मुख्य लाभ निम्नानुसार हैं:

  1. सीएमएस पोर्टल पर शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया में सरलीकरण;

  2. सीएमएस पोर्टल/सीआरपीसी पर शिकायत देश में कहीं से भी दर्ज की जा सकती है, चाहे शिकायतकर्ता, आरई या इसमें शामिल शाखा का पता कुछ भी हो;

  3. देश में कहीं से भी भौतिक/ईमेल शिकायतें दर्ज कराने के लिए एक पता और एक ईमेल;

  4. ऑनलाइन शिकायत के पंजीकरण पर शिकायतकर्ता को स्वचालित पावती;

  5. शिकायत की स्थिति हेतु रीयल-टाइम ट्रैकिंग की सुविधा;

  6. ‘एक राष्ट्र एक लोकपाल’ दृष्टिकोण से सुविधा.

  7. सीएमएस पर ही अतिरिक्त दस्तावेजों को ऑनलाइन जमा करने की सुविधा;

  8. शिकायत के निर्णय/समापन की सूचना देने वाला विस्तृत पत्र;

  9. आरबीआई द्वारा प्रदान किए गए निवारण के संबंध में शिकायतकर्ता द्वारा ऑनलाइन और स्वैच्छिक प्रतिपुष्टि प्रस्तुत करने की सुविधा।

भौतिक माध्यम (पत्र/डाक) से शिकायत प्राप्त करने के लिए आरबीआई, चंडीगढ़ में केंद्रीयकृत प्राप्ति और प्रसंस्करण केंद्र (सीआरपीसी) स्थापित किया गया है। सीआरपीसी इन शिकायतों की प्रारंभिक जांच और उन्हें संसाधित करता है, उन्हें सीएमएस पर अपलोड करता है, जिसे बाद में निवारण हेतु आरबीआई लोकपाल (ओआरबीआईओ) या सीईपीसी के कार्यालयों को आवंटित किया जाता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया प्रश्न 15 और 16 देखें।

आरबीआई का संपर्क केंद्र एक ऐसा मंच है जहां शिकायतकर्ता आरबीआई के वैकल्पिक शिकायत निवारण (एजीआर) तंत्र से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए आरबीआई तक पहुंच सकता है, शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया या सहायता प्राप्त कर सकता है और आरबीआई के पास दर्ज शिकायत की स्थिति का पता लगा सकता है। टोल फ्री नंबर #14448 पर इंटरेक्टिव स्वर प्रतिसाद प्रणाली (इंटरेक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम - आईवीआरएस) 24x7 उपलब्ध है, जबकि अंग्रेजी और हिंदी भाषा में संपर्क केंद्र कर्मियों से बात करने की सुविधा सुबह 8:00 बजे से रात 10:00 बजे तक (राष्ट्रीय छुट्टियों को छोड़कर सभी कार्यदिवस) और दस क्षेत्रीय भाषाओं (असमिया, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मराठी, मलयालम, ओडिया, पंजाबी, तेलुगु और तमिल) में बात करने की सुविधा सुबह 9:30 बजे से शाम 5:15 बजे तक उपलब्ध है।
नहीं, संपर्क केंद्र के माध्यम से शिकायतें दर्ज नहीं की जा सकती हैं, लेकिन संपर्क केंद्र सीएमएस पोर्टल पर या भौतिक माध्यम से शिकायत दर्ज करने में शिकायतकर्ता की सहायता कर सकता है। यह आरबीआई द्वारा स्थापित वैकल्पिक शिकायत निवारण तंत्र के बारे में स्पष्टीकरण/विवरण भी प्रदान करेगा।

वर्तमान में, भारतीय रिजर्व बैंक के लोकपाल (ओआरबीआईओ) के कार्यालय संपूर्ण भारत में 22 स्थानों से कार्य कर रहे हैं। हालांकि, शिकायतकर्ताओं को आरबी-आईओएस, 2021 के तहत शिकायत दर्ज करने के लिए किसी भी निर्दिष्ट ओआरबीआईओ से संपर्क करने की आवश्यकता नहीं है। सीएमएस पोर्टल (https://cms.rbi.org.in) के माध्यम से सीधे ऑनलाइन दर्ज की गई शिकायतें, शिकायत पंजीकृत होने के बाद निवारण हेतु विभिन्न आरबीआई लोकपाल को स्वचालित रूप से आवंटित की जाती हैं। भौतिक और ईमेल शिकायतों को संसाधित किया जाता है और शिकायतकर्ता से अधिक जानकारी / विवरण प्राप्त करने के बाद, यदि उपलब्ध नहीं है, तो आगे की प्रक्रिया के लिए सीएमएस में दर्ज किया जाता है।

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022

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