मुद्रास्फीति सूचकांक बॉन्डों पर अतिरिक्त अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (गणना मापदंड)
उत्तर: प्रश्न 1 और प्रश्न 3 में उत्तर दिया गया है।
उत्तर: नही।
उत्तर: फेमा, 1999 के तहत उल्लंघनों के शमन के लिए आवेदन करते समय आवेदनकर्ता से अपेक्षित है कि वह निर्धारित फॉर्मेट में आवेदन पत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश, बाह्य वाणिज्यिक उधार, पारदेशीय प्रत्यक्ष निवेश और शाखा कार्यालय/ संपर्क कार्यालय, यथालागू, से संबंधित अनुबंधों ( उपर्युक्त प्रश्न 4 के उत्तर में किए गए उल्लेख के अनुसार उक्त अनुबंध ‘निदेश- फेमा 1999 के तहत उल्लंघनों का शमन’ में उपलब्ध हैं) के अनुसार ब्योरा दें और साथ में इस आशय का एक वचन-पत्र कि वे प्रवर्तन निदेशालय की जाँच के अधीन नही हैं, निरस्त चेक की प्रतिलिपि तथा संस्था के बहिर्नियम भी संलग्न किए जाएं। रिज़र्व बैंक को प्रस्तुत किए गए आवेदन में संपर्क का ब्योरा अर्थात आवेदक/ प्राधिकृत व्यक्ति या आवेदक के प्रतिनिधि का नाम, टेलीफोन/ मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी भी दिया जाए।
हाँ, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा पेंशन वितरण के लिए पेंशन भुगतानकर्ता बैंकों को अनुदेश जारी किए हैं कि वे नीचे दी गई कुछ प्रक्रियाओं का पालन करते हुए पेंशन की आहरण की अनुमति दें:
बूढ़े/बीमार/अशक्त/अक्षम पेंशनरों द्वारा पेंशन का आहरण
(i) बीमार और अशक्त पेंशनरों द्वारा बैंकों से पेंशन/परिवार पेंशन आहरित करने में आ रही समस्याओं/कठिनाइयों को ध्यान में रखने के क्रम में एजेंसी बैंक ऐसे पेंशनरों को निम्नलिखित रूप में वर्गीकृत कर सकते हैं :-
(ए) पेंशनर, जो इतना बीमार है कि चेक पर हस्ताक्षर नहीं कर सकता / बैंक में प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित नहीं हो सकता है।
(बी) पेंशनर, जो न केवल बैंक में प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित होने में असमर्थ है बल्कि कुछ शारीरिक दोष/अक्षमता के कारण चेक/आहरण फार्म पर अपने हस्ताक्षर करने/अंगूठा का निशान लगाने में भी असमर्थ है।
(ii) ऐसे बूढ़े/बीमार/अक्षम पेंशनरों को ध्यान में रखते हुए उनके खातों के परिचालन के लिए बैंक निम्नलिखित प्रक्रिया अपना सकते हैं: -
(ए) जहाँ कहीं बूढ़े/बीमार पेंशनर का हाथ का अंगूठा/ पैर का अंगूठा का निशान प्राप्त किया जाए तो इसकी पहचान बैंक को ज्ञात दो स्वतंत्र गवाहों द्वारा की जानी चाहिए और इसमें से एक बैंक का जिम्मेदार अधिकारी होना चाहिए।
(बी) जहाँ पेंशनर अपने हाथ का अंगूठा/पैर का अंगूठा का निशान नहीं लगा सकता और बैंक में प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित होने में भी अमसर्थ है तो चेक/आहरण फार्म पर एक निशान लिया जाए और दो स्वतंत्र गवाहों द्वारा इसकी पहचान की जानी चाहिए और इसमें से एक बैंक का जिम्मेदार अधिकारी होना चाहिए।
बैंक का जिम्मेदार अधिकारी उसी बैंक, अधिमानतः उसी शाखा से होना चाहिए, जहां पेंशनभोगी का पेंशन खाता है। एजेंसी बैंकों से अनुरोध है कि वे अपनी शाखाओं को यह अनुदेश दें कि वे इस संबंध में जारी अनुदेश अपने नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित करें ताकि बीमार और अक्षम पेंशनर इन सुविधाओं का पूर्ण रूप से उपयोग कर सकें।
उत्तर: भारत के बाहर निवासी व्यक्ति जिसका भारत में कारोबारी हित निहित है, वह भारत में किसी प्राधिकृत व्यापारी या भारत से बाहर उसकी किसी शाखा में, भारत में निवासी व्यक्ति के साथ अधिनियम और अधिनियम के तहत बनाए गए नियमावली और विनियमावली के अनुसार अनुमत चालू और पूंजी खाता लेनदेन, और भारत से बाहर निवासी व्यक्ति के साथ किसी भी लेनदेन के लिए विशेष अनिवासी रुपया खाता (एसएनआरआर) खोल सकता है।
एसएनआरआर खाता और एनआरओ खाता के बीच का अंतर नीचे बताया गया है :
ब्योरा |
विशेष अनिवासी |
सामान्य अनिवासी |
(1) |
(2) |
(3) |
खाता कौन खोल सकता है? |
भारत के बाहर का निवासी कोई भी व्यक्ति जिसका भारत में कारोबारी हित निहित है, वह रूपये में वास्तविक लेनदेन करने के लिए यह खाता खोल सकता है। |
भारतीय रूपयों में मूल्यवर्गीकृत राशियों में वास्तविक लेनदेन हेतु भारत के बाहर का निवासी कोई भी व्यक्ति। |
खाते का प्रकार |
ब्याज रहित खाता |
चालू, बचत, आवर्ती, सावधि जमा |
अनुमत लेनदेन |
खाते में डेबिट/ क्रेडिट खाताधारक के कारोबारी प्रचालनो कें अनुरूप विशिष्ट/ प्रासंगिक होंगे। |
जमा (क्रेडिट) : |
अवधि |
खाते की अवधि खाताधारक की संविदा/ प्रचालन की अवधि / कारोबार की अवधि के अनुरूप होगी। |
इन खातों पर अवधि संबंधी कोई रोक नहीं है। |
संप्रत्यावर्तनीयता |
संप्रत्यावर्तनीय हैं। |
वर्तमान आय; एनआरआई/ पीआईओ द्वारा फेमा 13(आर) के प्रावधानों के अनुसरण में प्रत्येक वित्तीय वर्ष में 1(एक) मिलियन अमेरिकी डॉलर तक विप्रेषण को छोड़ कर अन्य प्रयोजनों के लिए यह खाता संप्रत्यावर्तनीय नहीं है |
बैंकों को सूचित किया गया है कि वे अपने निदेशक मंडल द्वारा विधिवत अनुमोदित एमएसई क्षेत्र के लिए ऋण सुविधाएं प्रदान करने वाली ऋण नीतियां बनाएं (दिनांक 04 मई 2009 के परिपत्र ग्राआऋवि.एसएमई और एनएफएस.बीसी.सं.102/06.04.01/2008-09 को देखें)। तथापि, बैंकों को सूचित किया गया है कि वे उधारकर्ताओं के व्यापार चक्र और अल्पकालिक ऋण आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए उनकी वास्तविक कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं के उचित मूल्यांकन के बाद ऋण सीमाओं को मंजूरी दें। नायक समिति की रिपोर्ट के अनुसार, लघु उद्योग इकाइयों के लिए कार्यशील पूंजी सीमा की गणना उनके अनुमानित कुल कारोबार के न्यूनतम 20% के आधार पर ₹5 करोड़ की क्रेडिट सीमा तक की जाती है।
उत्तर: खुदरा ई₹ का निर्माण और निर्गमन कागजी मुद्रा जारी करने की व्यवस्था के समान है, अर्थात आरबीआई ई₹ का निर्माण करता है और उन्हें इलेक्ट्रॉनिक रूप से बैंकों और गैर-बैंकों को जारी करता है। इसके पश्चात, बैंक और गैर-बैंक अपने ग्राहकों के लिए उनके मोबाइल फोन पर ई₹वॉलेट खोलने और उन्हें ऑनबोर्ड करने की सुविधा प्रदान करने के लिए जिम्मेदार हैं। दिनांक 01 दिसंबर, 2022 से खुदरा खंड (आम जनता के लिए) के अंतर्गत ई₹ जारी करना, वितरण और उपयोग पायलट मोड में लाइव है। देश भर में पहचाने गए पायलट बैंकों और गैर-बैंकों के उपयोगकर्ता और व्यापारी ई₹ का उपयोग कर सकते हैं।
उत्तर. यह स्पष्ट किया जाता है कि परिपत्र में सभी समान किस्त आधारित वैयक्तिक ऋणों को शामिल किया गया है, भले ही वे बाहरी बेंचमार्क अथवा आंतरिक बेंचमार्क से जुड़े हों।
हाँ। आरई एक उपयुक्त बोर्ड अनुमोदित नीति तैयार कर सकते हैं और दंडात्मक शुल्क की एक उपयुक्त संरचना अपना सकते हैं जो ऋण अनुबंध के महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों के गैर-अनुपालन के साथ 'उचित' और 'अनुरूप' हो।
आरबी-आइओएस, 2021 ने प्रक्रियाओं को सरल बनाया है, भौतिक और ईमेल शिकायतों की प्राप्ति को केंद्रीकृत किया है, इसके दायरे में और अधिक आरई को लाया गया है, शिकायतों के सीमित आधार और ओम्बड्समैन के क्षेत्राधिकार के अंतर को समाप्त कर दिया है और अब सेवा में कमी से संबंधित सभी शिकायतों को आरबी-आइओएस के तहत शामिल किया गया है। शिकायतकर्ता आरई के विरुद्ध सीएमएस पोर्टल https://cms.rbi.org.in/ पर 24x7 ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं या सीआरपीसी को ईमेल / भौतिक रूप में अपनी शिकायत भेज सकते हैं (प्रश्न 16 देखें)। उन्नत सीएमएस पोर्टल के साथ आरबी-आइओएस से शिकायतकर्ता को प्राप्त होने वाले मुख्य लाभ निम्नानुसार हैं:
- सीएमएस पोर्टल पर शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया में सरलीकरण;
- सीएमएस पोर्टल/सीआरपीसी पर शिकायत देश में कहीं से भी दर्ज की जा सकती है, चाहे शिकायतकर्ता, आरई या इसमें शामिल शाखा का पता कुछ भी हो;
- देश में कहीं से भी भौतिक/ईमेल शिकायतें दर्ज कराने के लिए एक पता और एक ईमेल;
- ऑनलाइन शिकायत के पंजीकरण पर शिकायतकर्ता को स्वचालित पावती;
- शिकायत की स्थिति हेतु रीयल-टाइम ट्रैकिंग की सुविधा;
- ‘एक राष्ट्र एक ओम्बड्समैन’ दृष्टिकोण से सुविधा.
- सीएमएस पर ही अतिरिक्त दस्तावेजों को ऑनलाइन जमा करने की सुविधा;
- शिकायत के निर्णय/समापन की सूचना देने वाला विस्तृत पत्र;
- आरबीआई द्वारा प्रदान किए गए निवारण के संबंध में शिकायतकर्ता द्वारा ऑनलाइन और स्वैच्छिक प्रतिपुष्टि प्रस्तुत करने की सुविधा।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022