एफ़सीएनआर (बी) डॉलर निधियों को आकृष्ट करने के लिए स्वैप विंडो
(कृपया उपर्युक्त प्रश्न सं. 8 का उत्तर देखें)
ए. आरबीआई के साथ बिक्री/खरीद स्वैप कराते समय | ||
बैंक आरबीआई के साथ 19 सितंबर 2013 को 1235 दिन के स्वैप टेनोर का स्वैप डील करता है। | ||
नियर/स्पॉट चरण | 23 सितंबर 2013 | |
फार चरण (स्पॉट चरण में 1235 दिन की अवधि जोड़कर) | 09 फरवरी 2017 | |
नियर चरण (आरबीआई के लिए खरीद) | फार चरण (आरबीआई के लिए बिक्री) | |
मूल्य तारीखें | 23 सितंबर 2013 | 09 फरवरी 2017 |
स्वैप राशि (मूलधन) | 1 मिलियन अमरीकी डॉलर | 1 मिलियन अमरीकी डॉलर |
अमरीकी डॉलर- भारतीय रुपया दर | 62.6390 | 70.4419* |
*स्वैप की अवधि के लिए 62.6390 के नियर लेग दर को 3.5 प्रतिशत से छः माही आधार पर कंपाउंड करके अभिकलित किया गया | ||
आरबीआई के साथ लेनदेन: 19 सितंबर 2013 को बैंक आरबीआई के साथ 62.6390/70.4419 पर 1 मिलियन अमरीकी डॉलर का बिक्री/खरीद स्वैप करेगा। बिक्री चरण को उस दिन के आरबीआई के संदर्भ दर पर किया जाता है। | ||
बी. अंतर्निहित एफ़सीएनआर(बी) जमाराशि के समय से पूर्व आहरण किए जाने के कारण स्वैप के रद्द/समाप्त करने के समय | ||
यदि स्वैप 756 दिन के बाद समाप्त किया जाता है तो स्वैप की शेष अवधि 479 दिन रहेगी। स्वैप लागत को निम्नानुसार पुनर्निर्धारित किया जाएगा: | ||
स्वैप की पूर्ण की गई अवधि (756 दिन) के लिए लागू किए जानेवाली संशोधित स्वैप लागत 14.9% (3.5%+4.0%+7.4%) के बराबर होगी। यह मान लिया जाता है कि समाप्ती के समय 469 दिन की शेष अवधि के लिए प्रचलित अमरीकी डॉलर भारतीय रुपया स्वैप दर 7.4% होगा। | ||
संशोधित स्वैप की लागत को बैंक द्वारा आरबीआई के साथ किए जानेवाले नए स्वैप लेनदेन (बिक्री/खरीद) के पहले चरण में समायोजित किया जाएगा। | ||
मौजूदा स्वैप को रद्द करते समय किया जाने वाला नया स्वैप | नीयर चरण (आरबीआई के लिए बिक्री) | फार चरण (आरबीआई के लिए खरीद) |
मूल्य तरीखे | 19 अक्तूबर 2015 | 09 फरवरी 2017 |
दर | 84.3561 | 70.4419 |
आरबीआई के साथ लेनदेन: 15 अक्तूबर 2015 को बैंक आरबीआई के साथ 84.3561/70.4419 पर 1 मिलियन अमरीकी डॉलर का बिक्री/खरीद स्वैप करेगा। |
उत्तर: हाँ, इसकी सूचना रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा विभाग, केंद्रीय कार्यालय कक्ष, संसद मार्ग, नई दिल्ली 110001 को दी जानी चाहिए।
1 7.1.5. गैर-क्रेडिट उत्पादों को जारी करना उधारकर्ताओं की पूर्ण सहमति से होगा और ऐसे उत्पादों के लिए शुल्क संरचना को ऋण कार्ड में ही उधारकर्ता को स्पष्ट रूप से सूचित किया जाएगा।
2 उनके कार्यालयों में, उनकी वेबसाइटों पर उचित व्यवहार संहिता के भाग के रूप में और उधारकर्ता को जारी किए गए ऋण कार्ड में
3 7.1.1 इन निर्देशों के आधार पर सभी आरई अपने बोर्ड के अनुमोदन से एक उचित व्यवहार संहिता (एफपीसी) स्थापित करेंगे। आरई द्वारा एफपीसी को अपने सभी कार्यालयों और अपनी वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाएगा। एफपीसी को उधारकर्ता द्वारा समझी जाने वाली भाषा में जारी किया जाना चाहिए।
4 2.1 इन निर्देशों के प्रावधान निम्नलिखित संस्थाओं पर लागू होंगे:
-
भुगतान बैंकों को छोड़कर सभी वाणिज्यिक बैंक (लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित);
-
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक / राज्य सहकारी बैंक / जिला केंद्रीय सहकारी बैंक; तथा
-
सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (सूक्ष्म वित्त संस्थानों और आवास वित्त कंपनियों सहित)।
5 माइक्रोफाइनेंस गतिविधियों में लगी उन ‘गैर-लाभकारी' कंपनियों से भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए, 45-आईबी और 45-आईसी से दी गई छूट वापस ले ली गई है जिनकी संपत्ति का आकार ₹100 करोड़ और उससे अधिक है।
ये सामान्य प्रश्न भारतीय रिज़र्व बैंक (बाद में इसे " बैंक " के रूप में संदर्भित किया जाता है) द्वारा, केवल सूचना और सामान्य मार्गदर्शन उद्देश्यों के लिए जारी किए जाते हैं। ईस के आधार पर किए गए कार्यों और / या निर्णयों के लिए बैंक को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा। स्पष्टीकरण या व्याख्या के लिए, यदि कोई हो, तो बैंक द्वारा समय-समय पर जारी किए गए प्रासंगिक परिपत्रों, दिशानिर्देशों और अधिसूचनाओं द्वारा निर्देशित हुआ जा सकता है।
उत्तर
बैंकों द्वारा एटीएम डेबिट कार्ड निःशुल्क प्रदान किए जाने चाहिए और ऐसे कार्डों पर कोई वार्षिक शुल्क नहीं लगाया जाना चाहिए।
दिनांक 04 जनवरी, 2018 के परिपत्र बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.99/08.13.100/2017-18 के अनुसार उक्त एक्सपोजर व्यक्तिगत ऋण के रूप में पात्र नहीं हैं। ऐसे मामलों में, समाधान ढांचे के अनुबंध के भाग बी के तहत पात्र उधारकर्ताओं का समाधान किया जा सकता है।
उत्तर : नहीं।
राष्ट्रिक स्वर्ण बॉण्ड जारी किए जाने की तारीख को ग्राहक को धारिता प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा। धारिता प्रमाणपत्र जारीकर्ता बैंक/ एसएचसीआईएल कार्यालय/ चुनिंदा डाकघर/ चुनिंदा स्टॉक एक्सचेंज / एजेंट से प्राप्त किया जा सकता है अथवा यदि आवेदन पत्र में ई-मेल पता दिया गया है तो धारिता प्रमाणपत्र सीधे रिज़र्व बैंक से भी ई-मेल से प्राप्त किया जा सकता है।
1“भारत में निवास करने वाले व्यक्ति ”को फेमा 1999 की धारा 2 (v) में निम्नानुसार परिभाषित किया गया है:
(i) पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान एक सौ बयासी दिन से अधिक दिन के लिए भारत में निवास करने वाला व्यक्ति लेकिन इसमें निम्नलिखित शामिल नहीं हैं:
(ए) कोई व्यक्ति जो निम्नलिखित करणों से भारत के बाहर गया हो अथवा जो भारत के बाहर रहता हो, दोनों मामले में:
(ए) भारत के बाहर नौकरी करने के लिए अथवा नौकरी मिल जाने पर, अथवा
(बी) भारत के बाहर कोई कारोबार करने अथवा भारत के बाहर कोई आजीविका करने, अथवा
(सी) कोई अन्य प्रयोजन से, जिन परिस्थितियों में उसने किसी अनिश्चित अवधि के लिए अपने भारत के बाहर रहने के इरादे को निर्दिष्ट किया हो।
(बी) कोई व्यक्ति जो निम्नलिखित कारणों से भारत में आया हो अथवा रेहता हो, दोनों मामलों में से अन्यथा
(ए) भारत में नौकरी करने के लिए अथवा मिल जाने पर, अथवा
(बी) भारत में कोई कारोबार करने अथवा भारत मे कोई आजीविका करने, अथवा
(सी) कोई अन्य प्रयोजन से, जिन परिस्थितियों में उसने किसी अनिश्चित अवधि के लिए अपने भारत में रहने के इरादे को निर्दिष्ट किया हो।
(ii) भारत में पंजीकृत अथवा निगमित कोई व्यक्ति अथवा निगमित निकाय;
(iii) भारत एक बाहर निवास करने वाले व्यक्ति द्वारा भारत में स्वाधिकृत अथवा नियंत्रित कोई कार्यालय, शाखा अथवा एजन्सि
(iv) भारत में निवास करने वाले व्यक्ति द्वारा भारत के बाहर स्वाधिकृत अथवा नियंत्रित कोई कार्यालय, शाखा अथवा एजन्सि
व्यक्तियों / संस्थाओं द्वारा ₹2000 मूल्य वर्ग के बैंकनोटों को आरबीआई के 19 निर्गम कार्यालयों में एक समय में ₹20,000 की सीमा तक बदला जा सकता है। इसके अलावा, व्यक्तियों / संस्थाओं द्वारा किसी भी राशि के लिए भारत में अपने बैंक खातों में जमा करने के लिए आरबीआई के 19 निर्गम कार्यालयों में भी ₹2000 मूल्य वर्ग के बैंकनोटों को जमा किया जा सकता है।
ऐसे एक्स्चेंज या क्रेडिट आरबीआई/सरकार के संगत विनियमों, वैध पहचान पत्र दस्तावेजों को प्रस्तुत करने और विधिवत कार्य प्रणाली जैसा कि आरबीआई द्वारा उपयुक्त होगा, के तहत किया जाएगा।
उत्तर: ऋण की स्वीकृति के समय, उधारकर्ता को ऋण चूक के मामले में उधारकर्ता से संपर्क करने के लिए अधिकृत सूचीबद्ध एजेंटों के नाम से अवगत कराया जा सकता है। हालांकि, यदि ऋण बकाया हो जाता है और उधारकर्ता को वसूली एजेंट को सौंपा गया है, तो वसूली एजेंट द्वारा वसूली के लिए उधारकर्ता से संपर्क करने से पहले ऐसे वसूली एजेंट के विवरण को ईमेल/एसएमएस के माध्यम से उधारकर्ता को सूचित किया जाना चाहिए।
उत्तर: चूँकि शमन की कार्यवाही स्वैच्छिक रूप से स्वीकार और प्रकट किए गए उल्लंघनों वाले मामलों में ही की जाती है, अत: विदेशी मुद्रा (शमन कार्यवाही) नियम, 2024 के अंतर्गत शमन प्राधिकारी के आदेश के विरुद्ध अपील करने अथवा लगाए गए दण्ड की राशि को कम करने अथवा दण्ड की राशि के भुगतान के लिए और अधिक समय देने संबंधी अनुरोध हेतु कोई प्रावधान नहीं किया गया है।
उत्तर: कंपनी को इस सेवा का प्रतिशत भाग-ए के क्यू-3 (डी) में 'ऑफशोर प्रोडक्ट डेवलपमेंट' के तहत और सॉफ्टवेयर उत्पादों के लिए समेकित राशि क्यू-5 (ए-iv) के तहत उल्लेख करना चाहिए।
समिति खाते में दबाव के समाधान के लिए विभिन्न विकल्प तलाश सकती है। समिति किसी विशेष प्रस्ताव विकल्प को प्रोत्साहित करने का प्रयास नहीं करती है तथा प्रत्येक मामले की विशिष्ट आवश्यकता और स्थिति के अनुसार सुधारात्मक कार्य योजना (सीएपी) का निर्धारण करती है। समिति द्वारा सीएपी के तहत विकल्पों में निम्न को शामिल किया जा सकता है:
(i) परिशोधन;
(ii) पुनर्संरचना;
(iii) वसूली
अधिक जानकारी के लिए आप दिनांक 17 मार्च 2016 के परिपत्र सं. विसविवि.एमएसएमई एण्ड एनएफएस.बीसी.सं.21/06.02.31/2015-16, को देख सकते हैं।
उत्तर: भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) अधिनियम, 1934 की धारा 26 के अनुसार, प्रत्येक रुपया बैंक नोट भारत में किसी भी स्थान पर उसमें व्यक्त राशि के भुगतान या खाते में वैध मुद्रा होगी और इसकी गारंटी केंद्र सरकार द्वारा दी जाएगी। ई₹, बैंक नोट का डिजिटल रूप होने के कारण यह वैध मुद्रा है और यह भारतीय रिज़र्व बैंक की देयता है।
शिकायतकर्ता को निम्नलिखित विवरण उपलब्ध करवाने की आवश्यकता है:
- शिकायतकर्ता का नाम, आयु और लिंग;
- व्यक्तिगत ई-मेल आईडी, मोबाइल नंबर (सूचना प्राप्त करने के लिए अनिवार्य), और लैंडलाइन नंबर (यदि उपलब्ध हो) के साथ शिकायतकर्ता का पूरा डाक पता;
- विनियमित संस्था जिसके विरुद्ध शिकायत की गई है की शाखा या कार्यालय का नाम और पूरा पता;
- लेन-देन की तारीख और विवरण, शिकायतकर्ता की खाता संख्या, डेबिट या क्रेडिट कार्ड संख्या के विवरण सहित शिकायत उत्पन्न होने के पूरे तथ्य, इस हद तक कि वे शिकायत की विषय वस्तु के लिए प्रासंगिक हैं;
- शिकायत के निवारण के लिए आरई को प्रस्तुत अभ्यावेदन और आरई से प्राप्त उत्तर, यदि कोई हो, की तारीख और विवरण;
- शिकायतकर्ता को हुई हानि की प्रकृति और सीमा; और,
- मांगी गई राहत; साथ ही
- यह घोषणा कि आरबी-आइओएस, 2021 के खंड 10 के अनुसार शिकायत अस्वीकार्य नहीं है।
नोट: शिकायतकर्ता को शिकायत के साथ, शिकायत का समर्थन करने वाले प्रासंगिक दस्तावेजों की प्रतियां भी प्रस्तुत करनी होंगी।
यदि आपको उपरोक्त में से किसी भी आधार पर केवल अनुसूचित बैंक के विरुद्ध शिकायत है, आप गोइपोरिया समिति की सिफारिश के अनुसार शाखाओं में उपलब्ध कराए गए एक विशिष्ट शिकायत रजिस्टर में या कागज के एक टुकड़े पर लिखित रूप में संबंधित बैंक के पास शिकायत दर्ज कर सकते हैं। अपनी शिकायत की रसीद मांगें। आपकी शिकायत प्राप्त करने वाले अधिकारी का विवरण विशेष रूप से मांगा जा सकता है। यदि बैंक 30 दिनों के भीतर जवाब देने में विफल रहता है, तो आप बैंकिंग ओम्बड्समैन के पास शिकायत दर्ज कर सकते हैं। (कृपया ध्यान दें कि किसी अन्य न्यायिक फोरम में लंबित शिकायतों पर बैंकिंग ओम्बड्समैन द्वारा विचार नहीं किया जाएगा)। ग्राहक की शिकायत के समाधान के लिए बैंकिंग ओम्बड्समैन कार्यालय द्वारा कोई शुल्क नहीं लगाया जाता है। ट्रैकिंग के उद्देश्य से आपको एक विशिष्ट शिकायत पहचान संख्या दी जाएगी। (बैंकिंग ओम्बड्समैनों की सूची उनके संपर्क विवरण के साथ भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई गई है)।
शिकायतों को उस बैंकिंग ओम्बड्समैन को संबोधित किया जाना चाहिए जिसके अधिकार क्षेत्र में बैंक की वह शाखा या कार्यालय स्थित है जिसके विरुद्ध शिकायत की गई है। शिकायत सादे कागज पर लिखकर अथवा www.bankingombudsman.rbi.org.in पर ऑनलाइन या बैंकिंग ओम्बड्समैन को ई-मेल भेजकर दर्ज कराई जा सकती है। शिकायत प्रपत्र सभी बैंक शाखाओं में भी उपलब्ध हैं।
शिकायत आपके अधिकृत प्रतिनिधि (वकील के अलावा) अथवा आपकी ओर से कार्य करने वाले किसी उपभोक्ता संघ/मंच द्वारा भी दर्ज कराई जा सकती है।
यदि आप बैंकिंग ओम्बड्समैन के निर्णय से खुश नहीं हैं, तो आप भारतीय रिज़र्व बैंक में अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष अपील कर सकते हैं।
उत्तर: अपनी शिकायत के निवारण के लिए, ग्राहक को पहले संबंधित कार्ड-जारीकर्ता से संपर्क करना होगा। यदि कार्ड-जारीकर्ता शिकायत दर्ज करने के 30 दिनों की अवधि के भीतर जवाब नहीं देता है या शिकायत को पूर्णतः/आंशिक रूप से अस्वीकार कर देता है या यदि ग्राहक कार्ड-जारीकर्ता द्वारा दिए गए उत्तर/समाधान से संतुष्ट नहीं है, तो ग्राहक निम्नलिखित में से किसी भी तरीके के माध्यम से ओम्बड्समैन, रिज़र्व बैंक के पास अपनी शिकायत दर्ज कर सकता है:
|
उत्तर: मौजूदा दिशानिर्देशों और निर्धारित सीमाओं के अनुसार सरकारी ट्रेजरी बिलों, सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश की अनुमति है। इसके अलावा, लेनदेन में शामिल देश आपसी सहमति से और यथालागू विनियामक और सांविधिक दिशानिर्देशों के अनुपालन में निवेश के नए आयाम भी स्थापित कर सकते हैं।
उत्तर: निम्नलिखित प्रकार के नकद आहरण संबंधी लेनदेन के लिए सेवा शुल्क बैंकों द्वारा स्वयं निर्धारित किए जा सकते हैं:
(क) क्रेडिट कार्ड के उपयोग से नकदी आहरण।
(ख) विदेश में स्थित एटीएम से नकदी आहरण।
उत्तर. ग्राहक अपना केवाईसी पहचानकर्ता निम्नलिखित तरीकों से प्राप्त कर सकता है:
(ए) खाता खोलने की प्रक्रिया में जब ग्राहक का केवाईसी पहचानकर्ता सीकेवाईसीआर द्वारा तैयार किया जाता है और आरई को प्रदान कर दिया जाता है, तो आरई को उसे संबंधित ग्राहक के साथ साझा करना होगा।
(बी) ग्राहक सीकेवाईसीआर पोर्टल (www.ckycindia.in) पर भी अपने केवाईसी पहचानकर्ता को प्राप्त कर सकते हैं।
उत्तर:
क्र सं | जमा का प्रकार |
परिपक्वता पर मूलधन का पुनर्भुगतान |
परिपक्वता पर ब्याज का पुनर्भुगतान |
i. |
अल्पावधि बैंक जमा (एसटीबीडी)* |
मोचन के समय जमा किए गए सोने के मूल्य के बराबर सोने या आईएनआर में |
जमा करते समय भारतीय रुपये में सोने के मूल्य के संदर्भ में भारतीय रुपये (आईएनआर)। |
ii. |
मध्यावधि सरकारी जमा (एमटीजीडी) |
मोचन के समय जमा किए गए सोने के मूल्य के बराबर सोने या आईएनआर में |
जमा करते समय भारतीय रुपये में सोने के मूल्य के संदर्भ में भारतीय रुपये (आईएनआर)। |
iii. |
दीर्घावधि सरकारी जमा (एलटीजीडी) |
मोचन के समय जमा किए गए सोने के मूल्य के बराबर सोने या आईएनआर में |
जमा करते समय भारतीय रुपये में सोने के मूल्य के संदर्भ में भारतीय रुपये (आईएनआर)। |
* 05 अप्रैल 2021 से प्रभावी |
सभी प्रकार की जमाराशियों के मामले में, जमा करते समय मूलधन को सोने या उसके समकक्ष रुपये के मोचन का विकल्प प्राप्त किया जाएगा। इसके अलावा, एमएलटीजीडी का समय से पहले कोई भी मोचन केवल भारतीय रुपये में होगा, जबकि एसटीबीडी के मामले में यह बैंकों द्वारा निर्धारित किया जाएगा।
हाँ, भारत में प्रवेश चाहने वाली विदेशी फिनटेक कंपनियाँ या वैश्विक महत्वाकांक्षाओं वाली भारतीय फिनटेक संस्थाओं के आवेदन भाग लेने के लिए पात्र हैं। ऐसे मामलों में, आईएफ़एससीए, पीआर के रूप में कार्य करेगा।
Ans : ECS Debit transaction can be initiated by any institution (called ECS Debit User) which has to receive / collect amounts towards telephone / electricity / water dues, cess / tax collections, loan installment repayments, periodic investments in mutual funds, insurance premium etc. It is a Scheme under which an account holder with a bank branch can authorise an ECS User to recover an amount at a prescribed frequency by raising a debit to his / her bank account.
The User institution has to first register with an ECS Centre. The User institution has to also obtain the authorization (mandate) from its customers for debiting their account along with their bank account particulars prior to participation in the ECS Debit scheme. The mandate has to be duly verified by the beneficiary’s bank. A copy of the mandate should be available on record with the destination bank where the customer has a bank account.
उत्तर. भुगतान प्रणाली ऑपरेटर के प्राधिकरण के लिए आवेदन का मूल्यांकन किसी विशेष भुगतान प्रणाली के लिए निर्दिष्ट मानदंडों के आधार पर किया जाता है। उदाहरण के लिए, पीपीआई जारी करने और उसके संचालन के लिए आवेदन का मूल्यांकन भारत में प्री-पेड भुगतान उपकरणों के जारी करने और संचालन पर नीतिगत दिशानिर्देशों के अनुसार किया जाता है। इसी तरह, सीसीपी के मामले में, आरबीआई द्वारा जारी पीएफएमआई नीति दस्तावेज की पृष्ठभूमि के खिलाफ आवेदन का मूल्यांकन किया जाएगा।
पीएसएस अधिनियम की धारा 6 के अनुसार, रिज़र्व बैंक ऐसी पूछताछ कर सकता है, जो वह स्वयं को क्षमता, प्रतिभागियों की साख या किसी अन्य वैध कारण से संतुष्ट करने के उद्देश्य से आवश्यक समझे।
यदि संस्था पहले से ही किसी अन्य प्राधिकरण द्वारा विनियमित है, तो मूल्यांकन करने के लिए ऐसे प्राधिकरणों से जानकारी मांगी जा सकती है। यह उल्लेख किया जा सकता है कि हाल के दिनों में भारतीय संस्थाओं को बैंकों के रूप में लाइसेंस देने के लिए, प्रक्रिया में विदेशी नियामकों से उचित सावधानी रिपोर्ट मांगना शामिल था, जहां आवेदक संस्था के पास विदेशी अधिकार क्षेत्र में समूह संस्थाएं थीं।
उत्तर: बैच सेटलमेंट से दो घंटे की समय-सीमा की उम्मीद की जा सकती है, जिसके भीतर लाभार्थी के खाते में क्रेडिट होना चाहिए।
-
हाँ, आईआईबी का निर्गम वर्ष 2013-14 के लिए सरकारी बाज़ार उधारी कार्यक्रम लगभग रु. 579,000 करोड़ के अंतर्गत है।
-
धारकों की मृत्यु पर वैयक्तिक निवेशकों के लिए केवल नामितों को हस्तानांतरित करने की अनुमति है।
-
अन्य निवेशकों के लिए हस्तानंतरणीयता की अनुमति नहीं है।
उत्तर. 'पूर्ण-केवाईसी' पीपीआई की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
ए. इनकी प्रकृति पुनः लोड करने योग्य होगी;
बी. बकाया राशि किसी भी समय ₹2,00,000/- से अधिक नहीं होगी;
सी. एक महीने के दौरान कुल क्रेडिट अथवा डेबिट के लिए कोई सीमा निर्धारित नहीं है; तथा
डी. उनका उपयोग वस्तुओं और सेवाओं की खरीद, नकद आहरण और निधियों के अंतरण के लिए किया जा सकता है।
उत्तर
एटीएम के माध्यम से शेष राशि की पूछताछ की गणना एटीएम से निःशुल्क निकासी की जाने वाली चार निकासी में नहीं की जानी चाहिए।
उत्तर: नहीं।
डाक विभाग द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार, देश के भीतर से व्यक्ति/संस्थाएं भारत में अपने बैंक खातों में जमा करने के लिए आरबीआई के 19 निर्गम कार्यालयों में से किसी भी कार्यालय में भारतीय डाक के माध्यम से ₹2000 मूल्यवर्ग के बैंकनोट भेज सकते हैं।
ऐसे क्रेडिट आरबीआई/सरकार के संगत विनियमों, वैध पहचान पत्र दस्तावेजों को प्रस्तुत करने और विधिवत कार्य प्रणाली जैसा कि आरबीआई द्वारा उपयुक्त होगा, के तहत किया जाएगा।
उत्तर : नहीं।
उत्तर: हाँ।
उत्तर: रिज़र्व बैंक को सभी प्रकार से पूर्ण आवेदन पत्र की प्राप्त होने की तारीख से 180 दिनों के भीतर शमन प्रक्रिया पूरी की जाती है।
उत्तर: ई₹, रूपये का डिजिटल रूप है जबकि यूपीआई भुगतान का एक माध्यम है। भुगतान के लिए उपयोग किए जाने के अतिरिक्त, ई₹, 'मूल्य के भंडार' के रूप में भी कार्य करता है, अर्थात ई₹को किसी के बैंक खाते से निकाला जा सकता है और ई₹ वॉलेट में अलग से रखा जा सकता है।
किसी भी सीबीडीसी क्यूआर पर किए गए पी2पी और पी2एम भुगतान के मामले में, लेन-देन दो ई₹ वॉलेट के बीच होता है और उपयोगकर्ता के बैंक खातों से गुज़रे बिना तुरंत निपटाया जाता है।
पी2पी और पी2एम भुगतान के लिए, ई₹ ऐप से यूपीआई क्यूआर को स्कैन करने की कार्यक्षमता भी सक्षम की गई है। ऐसे मामलों में, निपटान यूपीआई निपटान समयसीमा पर आधारित होगा।
उत्तर: कार्यालय व्यय में वर्ष के दौरान विदेश में कार्यालय चलाने में किए गए सभी व्यय जैसे इंटरनेट भुगतान, स्टेशनरी इत्यादि शामिल हैं। यदि संदर्भ अवधि (मान लीजिए 2024-25) में भारत के बाहर कार्यालय स्थापित किया गया है तो (इस बिंदु में) उसे भी शामिल करना चाहिए।
शिकायत के सफलतापूर्वक पंजीकृत हो जाने के बाद, उसे एक शिकायत संख्या प्रदान की जाती है। शिकायतकर्ता द्वारा शिकायत दर्ज करते समय उपलब्ध करवाए गए मोबाइल नंबर पर एसएमएस और ईमेल आईडी पर ई-मेल के माध्यम से इस शिकायत संख्या को दर्शाने वाली एक पावती भेजी जाती है। शिकायत की स्थिति को लिंक: https://cms.rbi.org.in के माध्यम से मोबाइल नंबर और शिकायत संख्या (मोबाइल पर प्राप्त) का उपयोग करके देखा जा सकता है।
शिकायतकर्ता टोल-फ्री नंबर 14448 के माध्यम से सीआरपीसी, चंडीगढ़ के संपर्क केंद्र से भी शिकायत की स्थिति का पता लगा सकता है।
उत्तर: हां, यथालागू दिशानिर्देशों के तहत अंतर्निहित लेनदेन के आधार पर आईएनआर एक्सपोजर को हेज किया जा सकता है।
उत्तर. खाता खोलने के प्रयोजन के लिए, आरई ग्राहक से केवाईसी पहचानकर्ता माँगेगा अथवा यदि उपलब्ध हो तो सीकेवाईसीआर से उसे प्राप्त करेगा और ऐसे केवाईसी पहचानकर्ता का उपयोग करके केवाईसी रिकॉर्ड प्राप्त करना होगा। ऐसे मामलों में ग्राहक को यह केवाईसी रिकॉर्ड/ सूचना/ कोई अन्य अतिरिक्त पहचान दस्तावेज प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है, जब तक कि –
(ए) सीकेवाईसीआर के रिकार्ड में मौजूद ग्राहक की जानकारी में कोई परिवर्तन हुआ है; अथवा
(बी) केवाईसी रिकॉर्ड अथवा प्राप्त की गई जानकारी अधूरी है अथवा वर्तमान लागू केवाईसी मानदंडों के अनुसार नहीं है; अथवा
(सी) डाउनलोड किए गए दस्तावेज़ों की वैधता अवधि समाप्त हो गई है; अथवा
(डी) आरई ग्राहक की पहचान अथवा पता (वर्तमान पता सहित) को सत्यापित करने अथवा संवर्धित समुचित सावधानी अथवा ग्राहक की उचित जोखिम प्रोफ़ाइल बनाने के लिए इसे आवश्यक समझता है।
उत्तर: मान लीजिए कि मूल राशि 302.86 ग्राम स्वर्ण है, और ग्राहक को सोने में ही भुगतान किया जाना है, तो बैंक 302 ग्राम सोने और 0.86 ग्राम रुपये के बराबर राशि का भुगतान कर सकता है। यह ध्यान दिया जाए है कि जमा पर ब्याज की गणना जमा के समय सोने के मूल्य पर भारतीय रुपये में की जाएगी।
एफआरआर के तहत शामिल नहीं किए गए एमएसएमई अग्रिमों को ‘दबावग्रस्त आस्तियों के समाधान के लिए विवेकपूर्ण ढांचा’ से संबंधित 07 जून 2019 के परिपत्र बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.45/ 21.04.048/2018-19, जैसा कि समय-समय पर अद्यतन किया जाता है, के अंतर्गत नियंत्रित किया जाएगा।
उत्पाद/समाधान का परीक्षण पीआर के सैंडबॉक्स रूपरेखा के अनुसार, एआर के समन्वय में किया जाएगा। पीआर आपके उत्पाद का मूल्यांकन अपनी रूपरेखा के आधार पर भी करेगा, और इसकी उपयुक्तता और व्यवहार्यता का आकलन करने के लिए अपने क्षेत्राधिकार के अंतर्गत विशिष्ट पहलुओं पर एआर से प्राप्त इनपुट और मूल्यांकन को शामिल करेगा।
चूंकि पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के पास वर्तमान में अपना स्वयं का विनियामक सैंडबॉक्स नहीं है, इसलिए यह केवल आईओआरएस के तहत एआर के रूप में कार्य कर सकता है, पीआर के रूप में नहीं।
Ans : The ECS Debit User intending to collect receivables through ECS Debit has to submit details of the customers (like name, bank / branch / account number of the customer, MICR code of the destination bank branch, etc.), date on which the customer’s account is to be debited, etc., in a specified format (called the input file) through its sponsor bank to the ECS Centre.
The bank managing the ECS Centre then passes on the debits to the destination banks for onward debit to the customer’s account with the destination bank branch and credits the sponsor bank's account for onward credit to the User institution. Destination bank branches will treat the electronic instructions received from the ECS Centre on par with the physical cheques and accordingly debit the customer accounts maintained with them. All the unsuccessful debits are returned to the sponsor bank through the ECS Centre (for onward return to the User Institution) within the specified time frame.
For further details about the ECS Debit scheme, the ECS Debit Procedural Guidelines – available on the website of Reserve Bank of India at http://www.rbi.org.in/Scripts/ECSUserView.aspx?Id=25 may be referred to.
उत्तर: यदि किसी भी कारण से लाभार्थी के खाते में क्रेडिट करना संभव नहीं है, तो जिस बैच में लेनदेन संसाधित किया गया था, उसके पूरा होने के दो घंटे के भीतर गंतव्य बैंकों को लेनदेन (प्रारंभिक शाखा को) वापस करना आवश्यक है।
फ्रैंचाइजियों से यह अपेक्षित है कि वे एडी श्रेणी-I बैंक/ एडी श्रेणी-II/ एफएफएमसी के लिए लागू एएमएल/ केवाईसी/ सीएफटी दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करें ।
नोट:- जिन एफएफएमसी/ गैर-बैंक प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-II के विरुद्ध डीओई/ डीआरआई/ सीबीआई/ पुलिस के बड़े मामले लंबित हों, उन्हें फ्रैंचाइज़ी नियुक्त करने के लिए लाइसेंस जारी नहीं किए जाएंगे। जिन मामलों में एफएफएमसी/ गैर-बैंक प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-II को फ्रैंचाइज़ी नियुक्त करने की एक बार अनुमति मिल गई हो एवं अनुमति की तारीख के बाद उनके विरुद्ध डीओई/ डीआरआई/ सीबीआई/ पुलिस का मामला दर्ज़ हुआ हो तो, उक्त एफएफएमसी/ गैर-बैंक प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-II को और कोई फ्रैंचाइज़ी नियुक्त नहीं करने चाहिए एवं इस मामले को तुरंत रिज़र्व बैंक के संज्ञान में लाना चाहिए। उक्त एफएफएमसी/ गैर - बैंक प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-II को फ्रैंचाइज़ी नियुक्त की अनुमति देने के संबंध में रिज़र्व बैंक निर्णय लेगा।
- शुरुआत में आईआईबी 10 वर्षों के लिए निर्गमित किए जाएंगे।
-
जैसा कि यह सूचित किया गया कि चूंकि बेंचमार्क रखने और विविध बाज़ार मांगों को पूरा करने के लिए विभिन्न परिपक्वता बिन्दुओं पर आईआईबी जारी करना उचित है, बाद में परिपक्वता अंक बढ़ाए जा सकते हैं।
ईएमआई गणना का उदाहरण (निवल स्थिर ऋण)
ऋण की राशि | 1,000,000.00 | |||
वार्षिक ब्याज दर | 15.00% | |||
भुगतान की संख्या | 120 | |||
मासिक भुगतान | 16,133.50 | |||
संख्या | भुगतान | ब्याज | मूलधन | शेष |
0 | 1,000,000.00 | |||
1 | 16,133.50 | 12,500.00 | 3,633.50 | 996,366.50 |
2 | 16,133.50 | 12,454.58 | 3,678.91 | 992,687.59 |
3 | 16,133.50 | 12,408.59 | 3,724.90 | 988,962.69 |
4 | 16,133.50 | 12,362.03 | 3,771.46 | 985,191.23 |
5 | 16,133.50 | 12,314.89 | 3,818.61 | 981,372.62 |
6 | 16,133.50 | 12,267.16 | 3,866.34 | 977,506.28 |
7 | 16,133.50 | 12,218.83 | 3,914.67 | 973,591.62 |
8 | 16,133.50 | 12,169.90 | 3,963.60 | 969,628.02 |
9 | 16,133.50 | 12,120.35 | 4,013.15 | 965,614.87 |
10 | 16,133.50 | 12,070.19 | 4,063.31 | 961,551.56 |
11 | 16,133.50 | 12,019.39 | 4,114.10 | 957,437.46 |
12 | 16,133.50 | 11,967.97 | 4,165.53 | 953,271.93 |
13 | 16,133.50 | 11,915.90 | 4,217.60 | 949,054.34 |
14 | 16,133.50 | 11,863.18 | 4,270.32 | 944,784.02 |
15 | 16,133.50 | 11,809.80 | 4,323.70 | 940,460.32 |
16 | 16,133.50 | 11,755.75 | 4,377.74 | 936,082.58 |
17 | 16,133.50 | 11,701.03 | 4,432.46 | 931,650.12 |
18 | 16,133.50 | 11,645.63 | 4,487.87 | 927,162.25 |
19 | 16,133.50 | 11,589.53 | 4,543.97 | 922,618.28 |
20 | 16,133.50 | 11,532.73 | 4,600.77 | 918,017.51 |
21 | 16,133.50 | 11,475.22 | 4,658.28 | 913,359.24 |
22 | 16,133.50 | 11,416.99 | 4,716.51 | 908,642.73 |
23 | 16,133.50 | 11,358.03 | 4,775.46 | 903,867.27 |
24 | 16,133.50 | 11,298.34 | 4,835.15 | 899,032.12 |
25 | 16,133.50 | 11,237.90 | 4,895.59 | 894,136.52 |
26 | 16,133.50 | 11,176.71 | 4,956.79 | 889,179.73 |
27 | 16,133.50 | 11,114.75 | 5,018.75 | 884,160.98 |
28 | 16,133.50 | 11,052.01 | 5,081.48 | 879,079.50 |
29 | 16,133.50 | 10,988.49 | 5,145.00 | 873,934.50 |
30 | 16,133.50 | 10,924.18 | 5,209.31 | 868,725.18 |
31 | 16,133.50 | 10,859.06 | 5,274.43 | 863,450.75 |
32 | 16,133.50 | 10,793.13 | 5,340.36 | 858,110.39 |
33 | 16,133.50 | 10,726.38 | 5,407.12 | 852,703.28 |
34 | 16,133.50 | 10,658.79 | 5,474.70 | 847,228.57 |
35 | 16,133.50 | 10,590.36 | 5,543.14 | 841,685.43 |
36 | 16,133.50 | 10,521.07 | 5,612.43 | 836,073.00 |
37 | 16,133.50 | 10,450.91 | 5,682.58 | 830,390.42 |
38 | 16,133.50 | 10,379.88 | 5,753.62 | 824,636.81 |
39 | 16,133.50 | 10,307.96 | 5,825.54 | 818,811.27 |
40 | 16,133.50 | 10,235.14 | 5,898.35 | 812,912.92 |
41 | 16,133.50 | 10,161.41 | 5,972.08 | 806,940.83 |
42 | 16,133.50 | 10,086.76 | 6,046.74 | 800,894.10 |
43 | 16,133.50 | 10,011.18 | 6,122.32 | 794,771.78 |
44 | 16,133.50 | 9,934.65 | 6,198.85 | 788,572.93 |
45 | 16,133.50 | 9,857.16 | 6,276.33 | 782,296.59 |
46 | 16,133.50 | 9,778.71 | 6,354.79 | 775,941.81 |
47 | 16,133.50 | 9,699.27 | 6,434.22 | 769,507.58 |
48 | 16,133.50 | 9,618.84 | 6,514.65 | 762,992.93 |
49 | 16,133.50 | 9,537.41 | 6,596.08 | 756,396.85 |
50 | 16,133.50 | 9,454.96 | 6,678.54 | 749,718.31 |
51 | 16,133.50 | 9,371.48 | 6,762.02 | 742,956.30 |
52 | 16,133.50 | 9,286.95 | 6,846.54 | 736,109.75 |
53 | 16,133.50 | 9,201.37 | 6,932.12 | 729,177.63 |
54 | 16,133.50 | 9,114.72 | 7,018.78 | 722,158.85 |
55 | 16,133.50 | 9,026.99 | 7,106.51 | 715,052.34 |
56 | 16,133.50 | 8,938.15 | 7,195.34 | 707,857.00 |
57 | 16,133.50 | 8,848.21 | 7,285.28 | 700,571.72 |
58 | 16,133.50 | 8,757.15 | 7,376.35 | 693,195.37 |
59 | 16,133.50 | 8,664.94 | 7,468.55 | 685,726.82 |
60 | 16,133.50 | 8,571.59 | 7,561.91 | 678,164.91 |
61 | 16,133.50 | 8,477.06 | 7,656.43 | 670,508.47 |
62 | 16,133.50 | 8,381.36 | 7,752.14 | 662,756.33 |
63 | 16,133.50 | 8,284.45 | 7,849.04 | 654,907.29 |
64 | 16,133.50 | 8,186.34 | 7,947.15 | 646,960.14 |
65 | 16,133.50 | 8,087.00 | 8,046.49 | 638,913.64 |
66 | 16,133.50 | 7,986.42 | 8,147.08 | 630,766.57 |
67 | 16,133.50 | 7,884.58 | 8,248.91 | 622,517.65 |
68 | 16,133.50 | 7,781.47 | 8,352.03 | 614,165.63 |
69 | 16,133.50 | 7,677.07 | 8,456.43 | 605,709.20 |
70 | 16,133.50 | 7,571.37 | 8,562.13 | 597,147.07 |
71 | 16,133.50 | 7,464.34 | 8,669.16 | 588,477.91 |
72 | 16,133.50 | 7,355.97 | 8,777.52 | 579,700.39 |
73 | 16,133.50 | 7,246.25 | 8,887.24 | 570,813.15 |
74 | 16,133.50 | 7,135.16 | 8,998.33 | 561,814.82 |
75 | 16,133.50 | 7,022.69 | 9,110.81 | 552,704.01 |
76 | 16,133.50 | 6,908.80 | 9,224.70 | 543,479.31 |
77 | 16,133.50 | 6,793.49 | 9,340.00 | 534,139.31 |
78 | 16,133.50 | 6,676.74 | 9,456.75 | 524,682.56 |
79 | 16,133.50 | 6,558.53 | 9,574.96 | 515,107.59 |
80 | 16,133.50 | 6,438.84 | 9,694.65 | 505,412.94 |
81 | 16,133.50 | 6,317.66 | 9,815.83 | 495,597.11 |
82 | 16,133.50 | 6,194.96 | 9,938.53 | 485,658.58 |
83 | 16,133.50 | 6,070.73 | 10,062.76 | 475,595.81 |
84 | 16,133.50 | 5,944.95 | 10,188.55 | 465,407.26 |
85 | 16,133.50 | 5,817.59 | 10,315.90 | 455,091.36 |
86 | 16,133.50 | 5,688.64 | 10,444.85 | 444,646.51 |
87 | 16,133.50 | 5,558.08 | 10,575.41 | 434,071.09 |
88 | 16,133.50 | 5,425.89 | 10,707.61 | 423,363.48 |
89 | 16,133.50 | 5,292.04 | 10,841.45 | 412,522.03 |
90 | 16,133.50 | 5,156.53 | 10,976.97 | 401,545.06 |
91 | 16,133.50 | 5,019.31 | 11,114.18 | 390,430.88 |
92 | 16,133.50 | 4,880.39 | 11,253.11 | 379,177.77 |
93 | 16,133.50 | 4,739.72 | 11,393.77 | 367,784.00 |
94 | 16,133.50 | 4,597.30 | 11,536.20 | 356,247.80 |
95 | 16,133.50 | 4,453.10 | 11,680.40 | 344,567.40 |
96 | 16,133.50 | 4,307.09 | 11,826.40 | 332,741.00 |
97 | 16,133.50 | 4,159.26 | 11,974.23 | 320,766.77 |
98 | 16,133.50 | 4,009.58 | 12,123.91 | 308,642.85 |
99 | 16,133.50 | 3,858.04 | 12,275.46 | 296,367.39 |
100 | 16,133.50 | 3,704.59 | 12,428.90 | 283,938.49 |
101 | 16,133.50 | 3,549.23 | 12,584.26 | 271,354.23 |
102 | 16,133.50 | 3,391.93 | 12,741.57 | 258,612.66 |
103 | 16,133.50 | 3,232.66 | 12,900.84 | 245,711.82 |
104 | 16,133.50 | 3,071.40 | 13,062.10 | 232,649.72 |
105 | 16,133.50 | 2,908.12 | 13,225.37 | 219,424.35 |
106 | 16,133.50 | 2,742.80 | 13,390.69 | 206,033.66 |
107 | 16,133.50 | 2,575.42 | 13,558.07 | 192,475.58 |
108 | 16,133.50 | 2,405.94 | 13,727.55 | 178,748.03 |
109 | 16,133.50 | 2,234.35 | 13,899.15 | 164,848.89 |
110 | 16,133.50 | 2,060.61 | 14,072.88 | 150,776.00 |
111 | 16,133.50 | 1,884.70 | 14,248.80 | 136,527.21 |
112 | 16,133.50 | 1,706.59 | 14,426.91 | 122,100.30 |
113 | 16,133.50 | 1,526.25 | 14,607.24 | 107,493.06 |
114 | 16,133.50 | 1,343.66 | 14,789.83 | 92,703.23 |
115 | 16,133.50 | 1,158.79 | 14,974.71 | 77,728.52 |
116 | 16,133.50 | 971.61 | 15,161.89 | 62,566.63 |
117 | 16,133.50 | 782.08 | 15,351.41 | 47,215.22 |
118 | 16,133.50 | 590.19 | 15,543.31 | 31,671.91 |
119 | 16,133.50 | 395.90 | 15,737.60 | 15,934.32 |
120 | 16,133.50 | 199.18 | 15,934.32 | 0.00 |
ऋण की राशि x आरपीएम x (1+पीएम)
(1+पिएम)
- आरपीएम = प्रति माह ब्याज (प्रति वर्ष ब्याज दर/12)
- एन= किश्तों की संख्या
एनबी: यदि आपके पास ईएमआई के लिए एक निश्चित बजट है तो आप अन्य चरों को बदलकर जैसे कि ब्याज दर को कम करके या ऋण की अवधि को बढ़ाकर ऋण राशि पर पहुंच सकते हैं। इसे ट्रायल-एंड-एरर दृष्टिकोण द्वारा ईएमआई गणना के माध्यम से भी प्राप्त किया जा सकता है।
उत्तर
एटीएम डेबिट कार्ड बीएसबीडीए खोलते समय पेश किए जा सकते हैं और यदि ग्राहक लिखित रूप में इसके लिए अनुरोध करता है तो जारी किया जा सकता है। बैंकों को ऐसे ग्राहकों पर एटीएम डेबिट कार्ड थोपने की आवश्यकता नहीं है।
-
हाँ, ये प्रतिभूतियाँ बैंकों, वित्तीय संस्थाएं और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (एनबीएफ़सी) के लिए संपार्श्विक के रूप में प्रयोग करने के लिए पात्र है।
उत्तर: हाँ।
उत्तर. लाभार्थी के खाते में देरी / क्रेडिट न होने की समस्या होने पर ग्राहक अपने बैंक / शाखा से संपर्क कर सकता है। सदस्य बैंकों के ग्राहक सुविधा केंद्र का विवरण आरबीआई की वेबसाइट https://www.rbi.org.in/Scripts/bs_viewcontent.aspx?Id=2070 पर भी उपलब्ध है।
दिनांक 6 अगस्त 2020 (समाधान ढांचा 1.0) के कोविड -19 से संबंधित दबाव के लिए समाधान ढांचे के पैरा 21 के साथ पठित पैरा 17 के अनुसार उन सभी उधार संस्थाओं के लिए आईसीए पर हस्ताक्षर करना अनिवार्य है, जिनका संबंधित उधारकर्ता (पैरा 191 के अधीन) के प्रति एक्सपोजर है। चूंकि उधारकर्ता ने खाते में दबाव के परिणामस्वरूप पुनर्रचना का विकल्प चुना है, इसलिए उधारकर्ता के प्रति सभी एक्सपोजर को पुनर्रचित माना जाएगा और कार्यशील पूंजी सुविधा सहित संपूर्ण अवशिष्ट ऋण पर प्रावधान किए जाएंगे।
1 कार्ड जारीकर्ताओं को क्रेडिट कार्ड लेनदेन को समान मासिक किस्तों (ईएमआई) में बदलने में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करनी होगी, जिसमें परिवर्तन से पहले व्यापारी/कार्ड-जारीकर्ता द्वारा प्रदान की गई मूलधन, ब्याज और अग्रिम छूट को स्पष्ट रूप से इंगित किया जाएगा (इसे कोई लागत नहीं बनाने के लिए)। इसे क्रेडिट कार्ड बिल/स्टेटमेंट में भी अलग से दर्शाया जाएगा। ब्याज घटक के साथ ईएमआई रूपांतरण को शून्य-ब्याज / नो-कॉस्ट ईएमआई के रूप में छिपाया नहीं जाएगा।
₹2000 मूल्यवर्ग के बैंकनोटों को जमा/बदलने की उपर्युक्त सुविधा आरबीआई के 19 निर्गम कार्यालयों में आगे सूचित किए जाने तक जारी रहेगी।
उत्तर: एलआरएस के अंतर्गत सभी लेनदेन के लिए स्थायी खाता संख्या(पैन) अनिवार्य है।