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एफ़सीएनआर (बी) डॉलर निधियों को आकृष्ट करने के लिए स्वैप विंडो


उदाहरण

(कृपया उपर्युक्त प्रश्न सं. 8 का उत्तर देखें)

ए. आरबीआई के साथ बिक्री/खरीद स्वैप कराते समय
बैंक आरबीआई के साथ 19 सितंबर 2013 को 1235 दिन के स्वैप टेनोर का स्वैप डील करता है।
नियर/स्पॉट चरण   23 सितंबर 2013
फार चरण (स्पॉट चरण में 1235 दिन की अवधि जोड़कर)   09 फरवरी 2017
  नियर चरण (आरबीआई के लिए खरीद) फार चरण (आरबीआई के लिए बिक्री)
मूल्य तारीखें 23 सितंबर 2013 09 फरवरी 2017
स्वैप राशि (मूलधन) 1 मिलियन अमरीकी डॉलर 1 मिलियन अमरीकी डॉलर
अमरीकी डॉलर- भारतीय रुपया दर 62.6390 70.4419*
*स्वैप की अवधि के लिए 62.6390 के नियर लेग दर को 3.5 प्रतिशत से छः माही आधार पर कंपाउंड करके अभिकलित किया गया
आरबीआई के साथ लेनदेन: 19 सितंबर 2013 को बैंक आरबीआई के साथ 62.6390/70.4419 पर 1 मिलियन अमरीकी डॉलर का बिक्री/खरीद स्वैप करेगा। बिक्री चरण को उस दिन के आरबीआई के संदर्भ दर पर किया जाता है।
बी. अंतर्निहित एफ़सीएनआर(बी) जमाराशि के समय से पूर्व आहरण किए जाने के कारण स्वैप के रद्द/समाप्त करने के समय
यदि स्वैप 756 दिन के बाद समाप्त किया जाता है तो स्वैप की शेष अवधि 479 दिन रहेगी। स्वैप लागत को निम्नानुसार पुनर्निर्धारित किया जाएगा:
स्वैप की पूर्ण की गई अवधि (756 दिन) के लिए लागू किए जानेवाली संशोधित स्वैप लागत 14.9% (3.5%+4.0%+7.4%) के बराबर होगी। यह मान लिया जाता है कि समाप्ती के समय 469 दिन की शेष अवधि के लिए प्रचलित अमरीकी डॉलर भारतीय रुपया स्वैप दर 7.4% होगा।
संशोधित स्वैप की लागत को बैंक द्वारा आरबीआई के साथ किए जानेवाले नए स्वैप लेनदेन (बिक्री/खरीद) के पहले चरण में समायोजित किया जाएगा।
मौजूदा स्वैप को रद्द करते समय किया जाने वाला नया स्वैप नीयर चरण (आरबीआई के लिए बिक्री) फार चरण (आरबीआई के लिए खरीद)
मूल्य तरीखे 19 अक्तूबर 2015 09 फरवरी 2017
दर 84.3561 70.4419
आरबीआई के साथ लेनदेन: 15 अक्तूबर 2015 को बैंक आरबीआई के साथ 84.3561/70.4419 पर 1 मिलियन अमरीकी डॉलर का बिक्री/खरीद स्वैप करेगा।

उत्तर: हाँ, इसकी सूचना रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा विभाग, केंद्रीय कार्यालय कक्ष, संसद मार्ग, नई दिल्ली 110001 को दी जानी चाहिए।


1 7.1.5. गैर-क्रेडिट उत्पादों को जारी करना उधारकर्ताओं की पूर्ण सहमति से होगा और ऐसे उत्पादों के लिए शुल्क संरचना को ऋण कार्ड में ही उधारकर्ता को स्पष्ट रूप से सूचित किया जाएगा।

2 उनके कार्यालयों में, उनकी वेबसाइटों पर उचित व्यवहार संहिता के भाग के रूप में और उधारकर्ता को जारी किए गए ऋण कार्ड में

3 7.1.1 इन निर्देशों के आधार पर सभी आरई अपने बोर्ड के अनुमोदन से एक उचित व्यवहार संहिता (एफपीसी) स्थापित करेंगे। आरई द्वारा एफपीसी को अपने सभी कार्यालयों और अपनी वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाएगा। एफपीसी को उधारकर्ता द्वारा समझी जाने वाली भाषा में जारी किया जाना चाहिए।

4 2.1 इन निर्देशों के प्रावधान निम्नलिखित संस्थाओं पर लागू होंगे:

  1. भुगतान बैंकों को छोड़कर सभी वाणिज्यिक बैंक (लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित);

  2. सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक / राज्य सहकारी बैंक / जिला केंद्रीय सहकारी बैंक; तथा

  3. सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (सूक्ष्म वित्त संस्थानों और आवास वित्त कंपनियों सहित)।

5 माइक्रोफाइनेंस गतिविधियों में लगी उन ‘गैर-लाभकारी' कंपनियों से भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए, 45-आईबी और 45-आईसी से दी गई छूट वापस ले ली गई है जिनकी संपत्ति का आकार 100 करोड़ और उससे अधिक है।


ये सामान्य प्रश्न भारतीय रिज़र्व बैंक (बाद में इसे " बैंक " के रूप में संदर्भित किया जाता है) द्वारा, केवल सूचना और सामान्य मार्गदर्शन उद्देश्यों के लिए जारी किए जाते हैं। ईस के आधार पर किए गए कार्यों और / या निर्णयों के लिए बैंक को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा। स्पष्टीकरण या व्याख्या के लिए, यदि कोई हो, तो बैंक द्वारा समय-समय पर जारी किए गए प्रासंगिक परिपत्रों, दिशानिर्देशों और अधिसूचनाओं द्वारा निर्देशित हुआ जा सकता है।

Yes, the Scheme provides the appellate mechanism for the complainant as well as the System Participant.Any person aggrieved by an Award issued under Clause 12 or by the decision of the Ombudsman rejecting the complaint for the reasons specified in sub-clause (d) to (g) of Clause 13 of the Scheme, can approach the Appellate Authority.The Appellate Authority is vested with a Deputy Governor-in-Charge of the department of the RBI implementing the Scheme. The address of the Appellate Authority is:The Appellate AuthorityOmbudsman Scheme for Digital TransactionsConsumer Education and Protection DepartmentReserve Bank of IndiaFirst Floor, Amar Building, Fort, Mumbai 400 001.The complainant also has the option to explore other recourse and/or remedies available as per the law.

उत्तर

बैंकों द्वारा एटीएम डेबिट कार्ड निःशुल्क प्रदान किए जाने चाहिए और ऐसे कार्डों पर कोई वार्षिक शुल्क नहीं लगाया जाना चाहिए।

दिनांक 04 जनवरी, 2018 के परिपत्र बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.99/08.13.100/2017-18 के अनुसार उक्त एक्सपोजर व्यक्तिगत ऋण के रूप में पात्र नहीं हैं। ऐसे मामलों में, समाधान ढांचे के अनुबंध के भाग बी के तहत पात्र उधारकर्ताओं का समाधान किया जा सकता है।

हां । सरकारी प्रतिभूति अधिनियम, जीपीएन और वाहक बांड को छोडकर अन्य सरकारी प्रति‍भूति के लि‍ए नामांकन सुवि‍धा प्रदान करता है । एकल धारक या सभी संयुक्त धारक ऐसे सरकारी प्रति‍भूति के लिए एक या अधिक व्यक्तियों को नामि‍त करा सकते है जोकि एकल या संयुक्त धारक की मृत्यु होने पर सरकारी प्रति‍भूति और उस पर देय भुगतान के हकदार होंगे ।
At the time of making applications, the Promoters/Promoter Group will have to furnish a road map and methodologies they would adopt to comply with all the requirements of the corporate structure indicated in para 2 (C)(ii) and (iii) of the guidelines and realign the business between the entities to be held under the NOFHC [para 2(C)(iv) of the guidelines] within a period of 18 months. After the ‘in-principle approval’ is accorded by RBI for setting up of the bank, the actual setting up of NOFHC and the bank, re-organization of the Promoter Group entities to bring the regulated financial services entities under the NOFHC as well as realignment of business among the entities under the NOFHC have to be completed within a period of 18 months from the date of in-principle approval or before commencement of banking business, whichever is earlier.

उत्तर : नहीं।

राष्ट्रिक स्‍वर्ण बॉण्‍ड जारी किए जाने की तारीख को ग्राहक को धारिता प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा। धारिता प्रमाणपत्र जारीकर्ता बैंक/ एसएचसीआईएल कार्यालय/ चुनिंदा डाकघर/ चुनिंदा स्टॉक एक्सचेंज / एजेंट से प्राप्‍त किया जा सकता है अथवा यदि आवेदन पत्र में ई-मेल पता दिया गया है तो धारिता प्रमाणपत्र सीधे रिज़र्व बैंक से भी ई-मेल से प्राप्‍त किया जा सकता है।


1“भारत में निवास करने वाले व्यक्ति ”को फेमा 1999 की धारा 2 (v) में निम्नानुसार परिभाषित किया गया है:

(i) पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान एक सौ बयासी दिन से अधिक दिन के लिए भारत में निवास करने वाला व्यक्ति लेकिन इसमें निम्नलिखित शामिल नहीं हैं:

(ए) कोई व्यक्ति जो निम्नलिखित करणों से भारत के बाहर गया हो अथवा जो भारत के बाहर रहता हो, दोनों मामले में:

(ए) भारत के बाहर नौकरी करने के लिए अथवा नौकरी मिल जाने पर, अथवा

(बी) भारत के बाहर कोई कारोबार करने अथवा भारत के बाहर कोई आजीविका करने, अथवा

(सी) कोई अन्य प्रयोजन से, जिन परिस्थितियों में उसने किसी अनिश्चित अवधि के लिए अपने भारत के बाहर रहने के इरादे को निर्दिष्ट किया हो।

(बी) कोई व्यक्ति जो निम्नलिखित कारणों से भारत में आया हो अथवा रेहता हो, दोनों मामलों में से अन्यथा

(ए) भारत में नौकरी करने के लिए अथवा मिल जाने पर, अथवा

(बी) भारत में कोई कारोबार करने अथवा भारत मे कोई आजीविका करने, अथवा

(सी) कोई अन्य प्रयोजन से, जिन परिस्थितियों में उसने किसी अनिश्चित अवधि के लिए अपने भारत में रहने के इरादे को निर्दिष्ट किया हो।

(ii) भारत में पंजीकृत अथवा निगमित कोई व्यक्ति अथवा निगमित निकाय;

(iii) भारत एक बाहर निवास करने वाले व्यक्ति द्वारा भारत में स्वाधिकृत अथवा नियंत्रित कोई कार्यालय, शाखा अथवा एजन्सि

(iv) भारत में निवास करने वाले व्यक्ति द्वारा भारत के बाहर स्वाधिकृत अथवा नियंत्रित कोई कार्यालय, शाखा अथवा एजन्सि

व्यक्तियों / संस्थाओं द्वारा 2000 मूल्य वर्ग के बैंकनोटों को आरबीआई के 19 निर्गम कार्यालयों में एक समय में 20,000 की सीमा तक बदला जा सकता है। इसके अलावा, व्यक्तियों / संस्थाओं द्वारा किसी भी राशि के लिए भारत में अपने बैंक खातों में जमा करने के लिए आरबीआई के 19 निर्गम कार्यालयों में भी 2000 मूल्य वर्ग के बैंकनोटों को जमा किया जा सकता है।

ऐसे एक्स्चेंज या क्रेडिट आरबीआई/सरकार के संगत विनियमों, वैध पहचान पत्र दस्तावेजों को प्रस्तुत करने और विधिवत कार्य प्रणाली जैसा कि आरबीआई द्वारा उपयुक्त होगा, के तहत किया जाएगा।

उत्तर: एक ग्राहक कितने भी उपकरण पर अपने कार्ड के टोकनाइजेशन के लिए अनुरोध कर सकता है।

उत्तर: ऋण की स्वीकृति के समय, उधारकर्ता को ऋण चूक के मामले में उधारकर्ता से संपर्क करने के लिए अधिकृत सूचीबद्ध एजेंटों के नाम से अवगत कराया जा सकता है। हालांकि, यदि ऋण बकाया हो जाता है और उधारकर्ता को वसूली एजेंट को सौंपा गया है, तो वसूली एजेंट द्वारा वसूली के लिए उधारकर्ता से संपर्क करने से पहले ऐसे वसूली एजेंट के विवरण को ईमेल/एसएमएस के माध्यम से उधारकर्ता को सूचित किया जाना चाहिए।

उत्तर: चूँकि शमन की कार्यवाही स्वैच्छिक रूप से स्वीकार और प्रकट किए गए उल्लंघनों वाले मामलों में ही की जाती है, अत: विदेशी मुद्रा (शमन कार्यवाही) नियम, 2024 के अंतर्गत शमन प्राधिकारी के आदेश के विरुद्ध अपील करने अथवा लगाए गए दण्ड की राशि को कम करने अथवा दण्ड की राशि के भुगतान के लिए और अधिक समय देने संबंधी अनुरोध हेतु कोई प्रावधान नहीं किया गया है।

उत्तर: कंपनी को इस सेवा का प्रतिशत भाग-ए के क्यू-3 (डी) में 'ऑफशोर प्रोडक्ट डेवलपमेंट' के तहत और सॉफ्टवेयर उत्पादों के लिए समेकित राशि क्यू-5 (ए-iv) के तहत उल्लेख करना चाहिए।

समिति खाते में दबाव के समाधान के लिए विभिन्न विकल्प तलाश सकती है। समिति किसी विशेष प्रस्ताव विकल्प को प्रोत्साहित करने का प्रयास नहीं करती है तथा प्रत्येक मामले की विशिष्ट आवश्यकता और स्थिति के अनुसार सुधारात्मक कार्य योजना (सीएपी) का निर्धारण करती है। समिति द्वारा सीएपी के तहत विकल्पों में निम्न को शामिल किया जा सकता है:

(i) परिशोधन;

(ii) पुनर्संरचना;

(iii) वसूली

अधिक जानकारी के लिए आप दिनांक 17 मार्च 2016 के परिपत्र सं. विसविवि.एमएसएमई एण्ड एनएफएस.बीसी.सं.21/06.02.31/2015-16, को देख सकते हैं।

उत्‍तर: भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) अधिनियम, 1934 की धारा 26 के अनुसार, प्रत्येक रुपया बैंक नोट भारत में किसी भी स्थान पर उसमें व्यक्त राशि के भुगतान या खाते में वैध मुद्रा होगी और इसकी गारंटी केंद्र सरकार द्वारा दी जाएगी। ई₹, बैंक नोट का डिजिटल रूप होने के कारण यह वैध मुद्रा है और यह भारतीय रिज़र्व बैंक की देयता है।

शिकायतकर्ता को निम्नलिखित विवरण उपलब्ध करवाने की आवश्यकता है:  

  1. शिकायतकर्ता का नाम, आयु और लिंग;
  2. व्यक्तिगत -मेल आईडी, मोबाइल नंबर (सूचना प्राप्त करने के लिए अनिवार्य), और लैंडलाइन नंबर (यदि उपलब्ध हो) के साथ शिकायतकर्ता का पूरा डाक पता;
  3. विनियमित संस्‍था जिसके विरुद्ध शिकायत की गई है की शाखा या कार्यालय का नाम और पूरा पता;
  4. लेन-देन की तारीख और विवरण, शिकायतकर्ता की खाता संख्या, डेबिट या क्रेडिट कार्ड संख्या के विवरण सहित शिकायत उत्पन्न होने के पूरे तथ्य, इस हद तक कि वे शिकायत की विषय वस्तु के लिए प्रासंगिक हैं;
  5. शिकायत के निवारण के लिए आरई को प्रस्तुत अभ्यावेदन और आरई से प्राप्त उत्तर, यदि कोई हो, की तारीख और विवरण;
  6. शिकायतकर्ता को हुई हानि की प्रकृति और सीमा; और,
  7. मांगी गई राहत; साथ ही
  8. यह घोषणा कि आरबी-आइओएस, 2021 के खंड 10 के अनुसार शिकायत अस्वीकार्य नहीं है। 

नोट: शिकायतकर्ता को शिकायत के साथ, शिकायत का समर्थन करने वाले प्रासंगिक दस्तावेजों की प्रतियां भी प्रस्तुत करनी होंगी।

यदि आपको उपरोक्त में से किसी भी आधार पर केवल अनुसूचित बैंक के विरुद्ध शिकायत है, आप गोइपोरिया समिति की सिफारिश के अनुसार शाखाओं में उपलब्ध कराए गए एक विशिष्ट शिकायत रजिस्टर में या कागज के एक टुकड़े पर लिखित रूप में संबंधित बैंक के पास शिकायत दर्ज कर सकते हैं। अपनी शिकायत की रसीद मांगें। आपकी शिकायत प्राप्त करने वाले अधिकारी का विवरण विशेष रूप से मांगा जा सकता है। यदि बैंक 30 दिनों के भीतर जवाब देने में विफल रहता है, तो आप बैंकिंग ओम्बड्समैन के पास शिकायत दर्ज कर सकते हैं। (कृपया ध्यान दें कि किसी अन्य न्यायिक फोरम में लंबित शिकायतों पर बैंकिंग ओम्बड्समैन द्वारा विचार नहीं किया जाएगा)। ग्राहक की शिकायत के समाधान के लिए बैंकिंग ओम्बड्समैन कार्यालय द्वारा कोई शुल्क नहीं लगाया जाता है। ट्रैकिंग के उद्देश्य से आपको एक विशिष्ट शिकायत पहचान संख्या दी जाएगी। (बैंकिंग ओम्बड्समैनों की सूची उनके संपर्क विवरण के साथ भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई गई है)।

शिकायतों को उस बैंकिंग ओम्बड्समैन को संबोधित किया जाना चाहिए जिसके अधिकार क्षेत्र में बैंक की वह शाखा या कार्यालय स्थित है जिसके विरुद्ध शिकायत की गई है। शिकायत सादे कागज पर लिखकर अथवा www.bankingombudsman.rbi.org.in पर ऑनलाइन या बैंकिंग ओम्बड्समैन को ई-मेल भेजकर दर्ज कराई जा सकती है। शिकायत प्रपत्र सभी बैंक शाखाओं में भी उपलब्ध हैं।

शिकायत आपके अधिकृत प्रतिनिधि (वकील के अलावा) अथवा आपकी ओर से कार्य करने वाले किसी उपभोक्ता संघ/मंच द्वारा भी दर्ज कराई जा सकती है।

यदि आप बैंकिंग ओम्बड्समैन के निर्णय से खुश नहीं हैं, तो आप भारतीय रिज़र्व बैंक में अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष अपील कर सकते हैं।

उत्तर: अपनी शिकायत के निवारण के लिए, ग्राहक को पहले संबंधित कार्ड-जारीकर्ता से संपर्क करना होगा। यदि कार्ड-जारीकर्ता शिकायत दर्ज करने के 30 दिनों की अवधि के भीतर जवाब नहीं देता है या शिकायत को पूर्णतः/आंशिक रूप से अस्वीकार कर देता है या यदि ग्राहक कार्ड-जारीकर्ता द्वारा दिए गए उत्तर/समाधान से संतुष्ट नहीं है, तो ग्राहक निम्नलिखित में से किसी भी तरीके के माध्यम से ओम्बड्समैन, रिज़र्व बैंक के पास अपनी शिकायत दर्ज कर सकता है:

  1. https://cms.rbi.org.in पर ऑनलाइन।
  2. रिज़र्व बैंक - एकीकृत ओम्बड्समैन योजना, 2021 के अनुलग्नक '' में निर्दिष्ट फॉर्म में प्रत्यक्ष  शिकायत (पत्र/पोस्ट) "केंद्रीकृत रसीद और प्रसंस्करण केंद्र, चौथी मंजिल, भारतीय रिज़र्व बैंक, सेक्टर -17, सेंट्रल विस्टा, चंडीगढ़ - 160017”

उत्तर: मौजूदा दिशानिर्देशों और निर्धारित सीमाओं के अनुसार सरकारी ट्रेजरी बिलों, सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश की अनुमति है। इसके अलावा, लेनदेन में शामिल देश आपसी सहमति से और यथालागू विनियामक और सांविधिक दिशानिर्देशों के अनुपालन में निवेश के नए आयाम भी स्थापित कर सकते हैं।

उत्तर: निम्नलिखित प्रकार के नकद आहरण संबंधी लेनदेन के लिए सेवा शुल्क बैंकों द्वारा स्वयं निर्धारित किए जा सकते हैं:
(क) क्रेडिट कार्ड के उपयोग से नकदी आहरण।
(ख) विदेश में स्थित एटीएम से नकदी आहरण।

उत्तर.  ग्राहक अपना केवाईसी पहचानकर्ता निम्नलिखित तरीकों से प्राप्त कर सकता है:

(ए) खाता खोलने की प्रक्रिया में जब ग्राहक का केवाईसी पहचानकर्ता सीकेवाईसीआर द्वारा तैयार किया जाता है और आरई को प्रदान कर दिया जाता है, तो आरई को उसे संबंधित ग्राहक के साथ साझा करना होगा।

(बी) ग्राहक सीकेवाईसीआर पोर्टल (www.ckycindia.in) पर भी अपने केवाईसी पहचानकर्ता को प्राप्त कर सकते हैं।

उत्तर:

क्र सं

जमा का प्रकार

परिपक्वता पर मूलधन का पुनर्भुगतान

परिपक्वता पर ब्याज का पुनर्भुगतान

i.

अल्पावधि बैंक जमा (एसटीबीडी)*

मोचन के समय जमा किए गए सोने के मूल्य के बराबर सोने या आईएनआर में

जमा करते समय भारतीय रुपये में सोने के मूल्य के संदर्भ में भारतीय रुपये (आईएनआर)।

ii.

मध्यावधि सरकारी जमा (एमटीजीडी)

मोचन के समय जमा किए गए सोने के मूल्य के बराबर सोने या आईएनआर में

जमा करते समय भारतीय रुपये में सोने के मूल्य के संदर्भ में भारतीय रुपये (आईएनआर)।

iii.

दीर्घावधि सरकारी जमा (एलटीजीडी)

मोचन के समय जमा किए गए सोने के मूल्य के बराबर सोने या आईएनआर में

जमा करते समय भारतीय रुपये में सोने के मूल्य के संदर्भ में भारतीय रुपये (आईएनआर)।

* 05 अप्रैल 2021 से प्रभावी

सभी प्रकार की जमाराशियों के मामले में, जमा करते समय मूलधन को सोने या उसके समकक्ष रुपये के मोचन का विकल्प प्राप्त किया जाएगा। इसके अलावा, एमएलटीजीडी का समय से पहले कोई भी मोचन केवल भारतीय रुपये में होगा, जबकि एसटीबीडी के मामले में यह बैंकों द्वारा निर्धारित किया जाएगा।

हाँ, भारत में प्रवेश चाहने वाली विदेशी फिनटेक कंपनियाँ या वैश्विक महत्वाकांक्षाओं वाली भारतीय फिनटेक संस्थाओं के आवेदन भाग लेने के लिए पात्र हैं। ऐसे मामलों में, आईएफ़एससीए, पीआर के रूप में कार्य करेगा।

एटीएम के माध्‍यम से शेष राशि की जांच को एटीएम पर मुफ्त में दिए जा रहे चार आहरणों में न गिना जाए।

Ans : ECS Debit transaction can be initiated by any institution (called ECS Debit User) which has to receive / collect amounts towards telephone / electricity / water dues, cess / tax collections, loan installment repayments, periodic investments in mutual funds, insurance premium etc. It is a Scheme under which an account holder with a bank branch can authorise an ECS User to recover an amount at a prescribed frequency by raising a debit to his / her bank account.

The User institution has to first register with an ECS Centre. The User institution has to also obtain the authorization (mandate) from its customers for debiting their account along with their bank account particulars prior to participation in the ECS Debit scheme. The mandate has to be duly verified by the beneficiary’s bank. A copy of the mandate should be available on record with the destination bank where the customer has a bank account.

उत्तर. विफल भुगतान को वापस करने में किसी भी देरी के मामले में, मूल ग्राहक वर्तमान रेपो दर और 2% पर मुआवजा प्राप्त करने के लिए पात्र है।
एनडीएस-ओएम वेब माड्यूल में जीएएच प्रयोगकर्ता द्वारा सौदा करने के पहले, पीएम को कुछ परिचालनगत जोखिम नियंत्रण तय करने के साथ-साथ प्रत्‍येक जीएएच/जीएएच प्रयोगकर्ता के लिए सीमा तय करनी है, क्‍योंकि पीएम ही ऐसे जीएएच द्वारा किए गए सौदों के निपटान के लिए जिम्‍मेदार है। तदनुसार, पीएम को अपने जीएएच के संबंध में परिचालनगत जोखिम नियंत्रण को तय करने की सुविधा दी गई है कि किसे एनडीएस-ओएम वेब पर एक्‍सेस दिया जाना है जिससे उनके जीएएच सौदों के कारण आए जोखिमों को कम किया जा सके। एनडीएस-ओएम के एकीकृत ऑर्डर बुक में सौदों को शामिल करने के पहले एनडीएस-ओएम वेब पर जीएएच द्वारा किया गया प्रत्‍येक सौदा पीएम द्वारा तय किए गए प्रत्‍येक जोखिम नियंत्रण से पुष्टि के अधीन होगा।

उत्तर. भुगतान प्रणाली ऑपरेटर के प्राधिकरण के लिए आवेदन का मूल्यांकन किसी विशेष भुगतान प्रणाली के लिए निर्दिष्ट मानदंडों के आधार पर किया जाता है। उदाहरण के लिए, पीपीआई जारी करने और उसके संचालन के लिए आवेदन का मूल्यांकन भारत में प्री-पेड भुगतान उपकरणों के जारी करने और संचालन पर नीतिगत दिशानिर्देशों के अनुसार किया जाता है। इसी तरह, सीसीपी के मामले में, आरबीआई द्वारा जारी पीएफएमआई नीति दस्तावेज की पृष्ठभूमि के खिलाफ आवेदन का मूल्यांकन किया जाएगा।

पीएसएस अधिनियम की धारा 6 के अनुसार, रिज़र्व बैंक ऐसी पूछताछ कर सकता है, जो वह स्वयं को क्षमता, प्रतिभागियों की साख या किसी अन्य वैध कारण से संतुष्ट करने के उद्देश्य से आवश्यक समझे।

यदि संस्था पहले से ही किसी अन्य प्राधिकरण द्वारा विनियमित है, तो मूल्यांकन करने के लिए ऐसे प्राधिकरणों से जानकारी मांगी जा सकती है। यह उल्लेख किया जा सकता है कि हाल के दिनों में भारतीय संस्थाओं को बैंकों के रूप में लाइसेंस देने के लिए, प्रक्रिया में विदेशी नियामकों से उचित सावधानी रिपोर्ट मांगना शामिल था, जहां आवेदक संस्था के पास विदेशी अधिकार क्षेत्र में समूह संस्थाएं थीं।

उत्तर: बैच सेटलमेंट से दो घंटे की समय-सीमा की उम्मीद की जा सकती है, जिसके भीतर लाभार्थी के खाते में क्रेडिट होना चाहिए।

उ. ईसीएस डेबिट के ग्राहकों को लाभ निम्नानुसार हैं:• ईसीएस डेबिट मैंडेट से ग्राहकों का खाता नियत तारीख को स्वत: डेबिट हो जायेगा ग्राहक को बैंक शाखा में जाने की जरूरत नहीं है.• ग्राहकों को भुगतानों की नियत तारीख याद रखने की जरूरत नहीं है.• ईसीएस प्रयोक्ताओं द्वारा ग्राहकों के खाते की निगरानी की जाएगी. •लागत कम है.
Any person resident in India can remit upto USD 5,000 in any one year as a gift to a person residing outside India or as donation to a charitable/educational/religious/ cultural organisation outside India. Remittances exceeding the limit require prior permission from the Reserve Bank.
फ़्रैंचाइज़र, यानी एडी श्रेणी-I बैंक/ एडी श्रेणी-II/ एफएफएमसी से अपेक्षित है कि वे ऐसी व्यवस्था करें कि फ्रैंचाइजियों द्वारा किए जा रहे लेनदेन की नियमित आधार (कम-से-कम मासिक आधार पर) रिपोर्टिंग फ्रैंचाइज़र्स को की जाए। फ़्रैंचाइज़र द्वारा फ्रैंचाइजियों के सभी स्थानों पर औचक लेखा-परीक्षा छह महीने में कम-से-कम एक बार की जाए। ऐसी लेखा-परीक्षाएं एक समर्पित दल द्वारा की जाएं एवं फ्रैंचाइजियों द्वारा अनुपालन के स्तर की जांच करने के लिए ‘गुप्त’ दौरे भी किए जाएं। फ्रेचाइजियों के लेखा-बहियों के वार्षिक निरीक्षण की व्यवस्था भी होनी चाहिए। इन निरीक्षणों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि फ्रैंचाइज़ी मुद्रा परिवर्तन का कार्य करार की शर्तों एवं रिज़र्व बैंक के वर्तमान दिशानिर्देशों के अनुरूप कर रहें हैं एवं फ्रैंचाइज़ी द्वारा आवश्यक अभिलेख भी रखा जा रहा है।
Any person aggrieved by an Award issued under Clause 12 or the decision of the Banking Ombudsman rejecting the complaint for the reasons specified in sub-clause (d) to (g) of Clause 13 of the Banking Ombudsman Scheme 2006 (As amended up to July 1, 2017) can approach the Appellate Authority. The Appellate Authority is vested with a Deputy Governor of the RBI.Other recourse and/or remedies available to him/her as per the law can also be explored. The bank also has the option to file an appeal before the Appellate Authority under the Scheme.
In case the aggregate amount bid is less than the reserved amount all the applicants will be allotted in full and the shortfall amount will be taken to the competitive portion.
No. Loan and guarantee could be extended to an overseas entity only if there is already an equity participation by the Indian party in such entity.
A person coming in to India from abroad can bring in with him Indian currency notes within the limits given below: a. upto Rs. 5,000 from any country other than Nepal or Bhutan, and b. any amount in denomination not exceeding Rs.100 from Nepal or Bhutan.
बैंकों के निदेशक मंडलों (बोर्ड) को यह शक्ति दी गयी है कि वे आस्ति देयता प्रबंधन समिति को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित सीमाओं के भीतर जमाराशियों पर ब्याज दरें तय करने के लिए प्राधिकृत करें।
चूंकि एग्रीगेटर या फेसिलिटेटर को जारी होने की तारीख पर भुगतान करना पड़ता है, अगर ग्राहक द्वारा प्रतिभूति जारी करने की तारीख के बाद भुगतान किया जाता है तो ग्राहक द्वारा एग्रीगेटर या फेसिलिटेटर को देय कंसिडरेशन राशि में उपार्जित ब्याज शामिल होगा।
  • हाँ, आईआईबी का निर्गम वर्ष 2013-14 के लिए सरकारी बाज़ार उधारी कार्यक्रम लगभग रु. 579,000 करोड़ के अंतर्गत है।

जिस बैंक के माध्यम से योजना में जमा किया गया है वे ग्राहक को बैंक खाते की जानकारी अद्यतित करना, नामांकन को रद्द करना आदि सेवाएं प्रदान करेंगे।
  • धारकों की मृत्यु पर वैयक्तिक निवेशकों के लिए केवल नामितों को हस्तानांतरित करने की अनुमति है।

  • अन्य निवेशकों के लिए हस्तानंतरणीयता की अनुमति नहीं है।

One can file appeal against the Award or the decision of the Ombudsman rejecting the complaint, within 30 days of the date of receipt of communication of Award or rejection of the complaint. The Appellate Authority may, if satisfied that the applicant had sufficient cause for not making an appeal within prescribed time, may allow a further period not exceeding 30 days.

उत्तर. 'पूर्ण-केवाईसी' पीपीआई की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

ए. इनकी प्रकृति पुनः लोड करने योग्य होगी;

बी. बकाया राशि किसी भी समय ₹2,00,000/- से अधिक नहीं होगी;

सी. एक महीने के दौरान कुल क्रेडिट अथवा डेबिट के लिए कोई सीमा निर्धारित नहीं है; तथा

डी. उनका उपयोग वस्तुओं और सेवाओं की खरीद, नकद आहरण और निधियों के अंतरण के लिए किया जा सकता है।

उत्तर

एटीएम के माध्यम से शेष राशि की पूछताछ की गणना एटीएम से निःशुल्क निकासी की जाने वाली चार निकासी में नहीं की जानी चाहिए।

One can file appeal against the award or the decision of the NBFC Ombudsman rejecting the complaint, within 30 days of the date of receipt of communication of Award or rejection of the complaint. The Appellate Authority may, if he/ she is satisfied that the applicant had sufficient cause for not making an application for appeal within time, also allow a further period not exceeding 30 days.

उत्तर: नहीं।

नही । समाधान ढाँचे के तहत सक्रिय किए जाने के अनुरोध के समय ऋणदाता संस्थाओं को किसी भी रूप में किसी भी प्रस्ताव योजना को प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है। बल्कि, सक्रिय किए जाने के लिए, उधारकर्ताओं को समाधान ढांचा के तहत विचार करने के लिए केवल ऋणदाता संस्थाओं को अनुरोध प्रस्तुत करना आवश्यक है। तत्पश्चात, ऋणदाता संस्थाएँ समाधान ढाँचा को सक्रिय करने के संबंध में अपने बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति के अनुसार, एक सैद्धांतिक निर्णय लेंगी। इस तरह सक्रिय होने के बाद, कार्यान्वित की जाने वाली समाधान योजना की विशिष्ट रूपरेखा, उधारकर्ता के परामर्श से, ऋणदाता संस्थाओं द्वारा तय की जा सकती हैं। जबकि व्यक्तिगत ऋणों के लिए समाधान योजना को सक्रिय करने की तारीख से 90 दिनों के भीतर लागू किया जाना है, अन्य सभी ऋणों के लिए सक्रिय करने की तारीख से 180 दिनों की अवधि नियत की गई है।
At the time of making applications, the Promoters/Promoter Group will have to furnish a road map and methodologies they would adopt to comply with all the requirements of the corporate structure indicated in para 2 (C)(ii) and (iii) of the guidelines and realign the business between the entities to be held under the NOFHC [para 2(C)(iv) of the guidelines] within a period of 18 months. After the ‘in-principle approval’ is accorded by RBI for setting up of the bank, the actual setting up of NOFHC and the bank, re-organization of the Promoter Group entities to bring the regulated financial services entities under the NOFHC as well as realignment of business among the entities under the NOFHC have to be completed within a period of 18 months from the date of in-principle approval or before commencement of banking business, whichever is earlier.
हां। ग्राहक सूची में दिए गए अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की वेबसाइट से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन को ऑनलाइन प्रस्तुत करने वाले और भुगतान डिजिटल माध्यम से करने वाले निवेशकों के लिए स्वर्ण बॉण्ड जारी करने का मूल्य नोमिनल मूल्य से 50 रुपए प्रति ग्राम कम होगा।

डाक विभाग द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार, देश के भीतर से व्यक्ति/संस्थाएं भारत में अपने बैंक खातों में जमा करने के लिए आरबीआई के 19 निर्गम कार्यालयों में से किसी भी कार्यालय में भारतीय डाक के माध्यम से 2000 मूल्यवर्ग के बैंकनोट भेज सकते हैं।

ऐसे क्रेडिट आरबीआई/सरकार के संगत विनियमों, वैध पहचान पत्र दस्तावेजों को प्रस्तुत करने और विधिवत कार्य प्रणाली जैसा कि आरबीआई द्वारा उपयुक्त होगा, के तहत किया जाएगा।

उत्तर: सभी शिकायतें कार्ड जारीकर्ताओं को की जानी चाहिए। कार्ड जारीकर्ता को यह सुनिश्चित करना है कि "पहचाने गए उपकरण" के नुकसान या किसी अन्य ऐसी घटना की रेपोर्टिंग के लिए ग्राहकों के पास आसान अभिगम हो, जो कि टोकन को अनधिकृत उपयोग के लिए अरक्षित छोड़ दे।
जहां सरकारी प्रति‍भूति के संबंध में नामांकन दो या अधि‍क व्यक्ति‍यों के लि‍ए कि‍या गया है और उनमें से कि‍सी एक का देहांत हो गया है, उत्तरजीवी नामि‍ती सरकारी प्रति‍भूती और उसके होने वाले भुगतान लि‍ए पात्र होगा ।

उत्तर : नहीं।

उत्तर: हाँ।

उत्तर: रिज़र्व बैंक को सभी प्रकार से पूर्ण आवेदन पत्र की प्राप्त होने की तारीख से 180 दिनों के भीतर शमन प्रक्रिया पूरी की जाती है।

उत्‍तर: ई₹, रूपये का डिजिटल रूप है जबकि यूपीआई भुगतान का एक माध्यम है। भुगतान के लिए उपयोग किए जाने के अतिरिक्त, ई₹, 'मूल्य के भंडार' के रूप में भी कार्य करता है, अर्थात ई₹को किसी के बैंक खाते से निकाला जा सकता है और ई₹ वॉलेट में अलग से रखा जा सकता है।

किसी भी सीबीडीसी क्यूआर पर किए गए पी2पी और पी2एम भुगतान के मामले में, लेन-देन दो ई₹ वॉलेट के बीच होता है और उपयोगकर्ता के बैंक खातों से गुज़रे बिना तुरंत निपटाया जाता है।

पी2पी और पी2एम भुगतान के लिए, ई₹ ऐप से यूपीआई क्यूआर को स्कैन करने की कार्यक्षमता भी सक्षम की गई है। ऐसे मामलों में, निपटान यूपीआई निपटान समयसीमा पर आधारित होगा।

उत्तर: कार्यालय व्यय में वर्ष के दौरान विदेश में कार्यालय चलाने में किए गए सभी व्यय जैसे इंटरनेट भुगतान, स्टेशनरी इत्यादि शामिल हैं। यदि संदर्भ अवधि (मान लीजिए 2024-25) में भारत के बाहर कार्यालय स्थापित किया गया है तो (इस बिंदु में) उसे भी शामिल करना चाहिए।

शिकायत के सफलतापूर्वक पंजीकृत हो जाने के बाद, उसे एक शिकायत संख्या प्रदान की जाती है। शिकायतकर्ता द्वारा शिकायत दर्ज करते समय उपलब्ध करवाए गए मोबाइल नंबर पर एसएमएस और ईमेल आईडी पर -मेल के माध्यम से इस शिकायत संख्या को दर्शाने वाली एक पावती भेजी जाती है। शिकायत की स्थिति को लिंक: https://cms.rbi.org.in के  माध्यम से मोबाइल नंबर और शिकायत संख्या (मोबाइल पर प्राप्त) का उपयोग करके देखा जा सकता है।

शिकायतकर्ता टोल-फ्री नंबर 14448 के माध्यम से सीआरपीसी, चंडीगढ़ के संपर्क केंद्र से भी शिकायत की स्थिति का पता लगा सकता है।

उत्तर. हालांकि बैंकों से अपेक्षा की जाती है कि वे स्वयं इस तरह के लेन-देन को उलट दें, लेकिन कार्ड जारी करने वाले बैंक या एटीएम मालिक बैंक के पास जल्द से जल्द शिकायत दर्ज करना एक अच्छा अभ्यास है।

उत्तर: हां, यथालागू दिशानिर्देशों के तहत अंतर्निहित लेनदेन के आधार पर आईएनआर एक्सपोजर को हेज किया जा सकता है।

उत्तर. खाता खोलने के प्रयोजन के लिए, आरई ग्राहक से केवाईसी पहचानकर्ता माँगेगा  अथवा यदि उपलब्ध हो तो सीकेवाईसीआर से उसे प्राप्त करेगा और ऐसे केवाईसी पहचानकर्ता का उपयोग करके केवाईसी रिकॉर्ड प्राप्त करना होगा। ऐसे मामलों में ग्राहक को यह केवाईसी रिकॉर्ड/ सूचना/ कोई अन्य अतिरिक्त पहचान दस्तावेज प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है, जब तक कि –

(ए) सीकेवाईसीआर के रिकार्ड में मौजूद ग्राहक की जानकारी में कोई परिवर्तन हुआ है; अथवा

(बी) केवाईसी रिकॉर्ड अथवा प्राप्त की गई जानकारी अधूरी है अथवा वर्तमान लागू केवाईसी मानदंडों के अनुसार नहीं है; अथवा

(सी) डाउनलोड किए गए दस्तावेज़ों की वैधता अवधि समाप्त हो गई है; अथवा

(डी) आरई ग्राहक की पहचान अथवा पता (वर्तमान पता सहित) को सत्यापित करने अथवा संवर्धित समुचित सावधानी अथवा ग्राहक की उचित जोखिम प्रोफ़ाइल बनाने के लिए इसे आवश्यक समझता है।

उत्तर: मान लीजिए कि मूल राशि 302.86 ग्राम स्वर्ण है, और ग्राहक को सोने में ही भुगतान किया जाना है, तो बैंक 302 ग्राम सोने और 0.86 ग्राम रुपये के बराबर राशि का भुगतान कर सकता है। यह ध्यान दिया जाए है कि जमा पर ब्याज की गणना जमा के समय सोने के मूल्य पर भारतीय रुपये में की जाएगी।

एफआरआर के तहत शामिल नहीं किए गए एमएसएमई अग्रिमों को ‘दबावग्रस्त आस्तियों के समाधान के लिए विवेकपूर्ण ढांचा’ से संबंधित 07 जून 2019 के परिपत्र बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.45/ 21.04.048/2018-19, जैसा कि समय-समय पर अद्यतन किया जाता है, के अंतर्गत नियंत्रित किया जाएगा।

उत्पाद/समाधान का परीक्षण पीआर के सैंडबॉक्स रूपरेखा के अनुसार, एआर के समन्वय में किया जाएगा। पीआर आपके उत्पाद का मूल्यांकन अपनी रूपरेखा के आधार पर भी करेगा, और इसकी उपयुक्तता और व्यवहार्यता का आकलन करने के लिए अपने क्षेत्राधिकार के अंतर्गत विशिष्ट पहलुओं पर एआर से प्राप्त इनपुट और मूल्यांकन को शामिल करेगा।

चूंकि पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के पास वर्तमान में अपना स्वयं का विनियामक सैंडबॉक्स नहीं है, इसलिए यह केवल आईओआरएस के तहत एआर के रूप में कार्य कर सकता है, पीआर के रूप में नहीं।

उत्तर. पीपीआई जारीकर्ता यह सत्यापित करने के लिए जिम्मेदार है कि बैंक खाता पीपीआई धारक से संबंधित है जिसके लिए वह सत्यापन के उपयुक्त तरीके तैयार कर सकता है।
बीएसबीडीए खोलने के समय ही एटीएम डेबिट कार्ड प्रस्‍तावित किए जाएं और यदि ग्राहक उसके लिए लिखित रूप में अनुरोध करता है तो वह जारी किया जाए। बैंक ऐसे ग्राहकों को एटीएम डेबिट कार्ड जबरन न दें।

Ans : The ECS Debit User intending to collect receivables through ECS Debit has to submit details of the customers (like name, bank / branch / account number of the customer, MICR code of the destination bank branch, etc.), date on which the customer’s account is to be debited, etc., in a specified format (called the input file) through its sponsor bank to the ECS Centre.

The bank managing the ECS Centre then passes on the debits to the destination banks for onward debit to the customer’s account with the destination bank branch and credits the sponsor bank's account for onward credit to the User institution. Destination bank branches will treat the electronic instructions received from the ECS Centre on par with the physical cheques and accordingly debit the customer accounts maintained with them. All the unsuccessful debits are returned to the sponsor bank through the ECS Centre (for onward return to the User Institution) within the specified time frame.

For further details about the ECS Debit scheme, the ECS Debit Procedural Guidelines – available on the website of Reserve Bank of India at http://www.rbi.org.in/Scripts/ECSUserView.aspx?Id=25 may be referred to.

A person going out of India can take out with him Indian currency notes within the limits given below: a. upto Rs.5000 to any country other than Nepal or Bhutan, and b. any amount in denomination not exceeding Rs.100 to Nepal or Bhutan.
उत्तर. हां, रिजर्व बैंक पीएसएस अधिनियम, 2007 के तहत प्राधिकरण देने से इनकार कर सकता है। हालांकि, रिजर्व बैंक को ऐसे आवेदक को इनकार करने के कारण बताते हुए एक लिखित नोटिस देना होगा और सुनवाई का एक उचित अवसर भी देना होगा {धारा 7 (3) पीएसएस अधिनियम 2007}।
The appellate authority may:Dismiss the appeal; or,Allow the appeal and set aside the Award; or,Remand the matter to the Ombudsman for fresh disposal in accordance with such directions as the Appellate Authority may consider necessary or proper; or,Modify the Award and pass such directions as may be necessary to give effect to the Award so modified; or,Pass any other order as it may deem fit.
ग्राहकों को प्रतिभूतियों का अंतरण नीलामी की तारीख से पांच कार्य दिवसों के भीतर पूरा किया जाना चाहिए। यह एग्रीगेटर या फेसिलिटेटर की जिम्मेदारी है।
उ. ईसीएस डेबिट स्कीम से उपयोगकर्ता संस्थानों कई लाभ है:• ग्राहको से चेक इकट्ठा करके उन्हें समाशोधन में प्रस्तुत करने उनकी वसूलीऔर समाधान करने में प्रशासनिक मशीनरी की बचत करना.• बकाया राशि की नियत दिनांक को उगाही/वसूली के कारण नकदी का उचित प्रबंधन होता है.• पारगमन में लिखतो के चोरी होने/ खो जाने, कागजी लिखतो को धोखाधड़ीपूर्वक लेने और उसका और नकदीकरण कराने की संभावना से बचना.• लागत कम .
Use of the International Credit Cards (ICCs) / ATMs/ Debit Cards can be made for making personal payments like subscription to foreign journals, internet subscription, etc., and for travel abroad in connection with various purposes. Your entitlement of foreign exchange on International Credit Cards (ICCs) is limited by the credit limit fixed by the card issuing authority only. With ICCs you can i) meet expenses/make purchases while abroad ii) make payments in foreign exchange for purchase of books and other items through internet in India. If you have a foreign currency account in India or with a bank overseas, you can even obtain ICCs of overseas banks and reputed agencies. Use of these instruments for payment in foreign exchange in Nepal and Bhutan is not permitted.

उत्तर: यदि किसी भी कारण से लाभार्थी के खाते में क्रेडिट करना संभव नहीं है, तो जिस बैच में लेनदेन संसाधित किया गया था, उसके पूरा होने के दो घंटे के भीतर गंतव्य बैंकों को लेनदेन (प्रारंभिक शाखा को) वापस करना आवश्यक है।

फ्रैंचाइजियों से यह अपेक्षित है कि वे एडी श्रेणी-I बैंक/ एडी श्रेणी-II/ एफएफएमसी के लिए लागू एएमएल/ केवाईसी/ सीएफटी दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करें ।

नोट:- जिन एफएफएमसी/ गैर-बैंक प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-II के विरुद्ध डीओई/ डीआरआई/ सीबीआई/ पुलिस के बड़े मामले लंबित हों, उन्हें फ्रैंचाइज़ी नियुक्त करने के लिए लाइसेंस जारी नहीं किए जाएंगे। जिन मामलों में एफएफएमसी/ गैर-बैंक प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-II को फ्रैंचाइज़ी नियुक्त करने की एक बार अनुमति मिल गई हो एवं अनुमति की तारीख के बाद उनके विरुद्ध डीओई/ डीआरआई/ सीबीआई/ पुलिस का मामला दर्ज़ हुआ हो तो, उक्त एफएफएमसी/ गैर-बैंक प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-II को और कोई फ्रैंचाइज़ी नियुक्त नहीं करने चाहिए एवं इस मामले को तुरंत रिज़र्व बैंक के संज्ञान में लाना चाहिए। उक्त एफएफएमसी/ गैर - बैंक प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-II को फ्रैंचाइज़ी नियुक्त की अनुमति देने के संबंध में रिज़र्व बैंक निर्णय लेगा।

One can file the appeal against the award or decision of the Banking Ombudsman rejecting the complaint within 30 days of the date of receipt of the Award, The Appellate Authority may, if he/ she is satisfied that the applicant had sufficient cause for not making an application for appeal within time, also allow a further period not exceeding 30 days.
It will be responsibility of the bank or PD to appropriately allocate securities to their clients in a transparent manner.How does the settlement take place?
हां, बैंकों को अनिवासी विदेशी मीयादी जमाराशियों पर विभेदक ब्याज दर लगाने की अनुमति दी गयी है जैसी कि 15 लाख रुपये और उससे अधिक देशी मीयादी जमाराशियों पर निर्धारित उच्चतम सीमा के भीतर लगायी जाती है। एफ सी एन आर (बी) जमाराशियों के संबंध में बैंक अब मुद्रावार न्यूनतम मात्रा निर्धारित करने के लिए स्वतंत्र हैं जिस पर निर्धारित उच्चतम सीमा के अधीन विभेदक ब्याज दर दिया जाए ?
Yes, the limit of US$ 100 million will not be applicable in case of investments made out of ADR/GDR proceeds and investments could be made up to the total amount raised out of the ADR/GDR proceeds.
  • शुरुआत में आईआईबी 10 वर्षों के लिए निर्गमित किए जाएंगे।
  • जैसा कि यह सूचित किया गया कि चूंकि बेंचमार्क रखने और विविध बाज़ार मांगों को पूरा करने के लिए विभिन्न परिपक्वता बिन्दुओं पर आईआईबी जारी करना उचित है, बाद में परिपक्वता अंक बढ़ाए जा सकते हैं।

जोखिम मानदंडों में शामिल है : 'सिंगल ऑर्डर लिमिट', प्रतिभूतियों की अंतिम कारोबारी मूल्‍य/प्रतिफल की तुलना में मूल्‍य/प्रतिफल रेंज लिमिट', कार्यकलापों पर नियंत्रण ( प्रयोगकर्ताओं को खरीद/बिक्री के लिए अधिकार देना), ' सिक्‍यूरिटी स्‍टॉक्‍ बैलेंस',' टर्नओवर लिमिट' (जीएएच के सभी [खरीद/बिक्री] ऑर्डर के अंकित मूल्‍य के सकल राशि के संदर्भ में कारोबारी सीमा) और ' निधीयन सीमा' (निवल कुल निपटान प्रतिफल की सीमा जिस तक जीएएच निवल दीर्घावधि अधिक्रय कर सकता है । तय सीमा से अधिक के ऑर्डर रद्द कर दिए जाएंगे।

ईएमआई गणना का उदाहरण (निवल स्थिर ऋण)

  ऋण की राशि 1,000,000.00  
  वार्षिक ब्याज दर 15.00%  
  भुगतान की संख्या 120  
  मासिक भुगतान 16,133.50  
संख्या भुगतान ब्याज मूलधन शेष
0       1,000,000.00
1 16,133.50 12,500.00 3,633.50 996,366.50
2 16,133.50 12,454.58 3,678.91 992,687.59
3 16,133.50 12,408.59 3,724.90 988,962.69
4 16,133.50 12,362.03 3,771.46 985,191.23
5 16,133.50 12,314.89 3,818.61 981,372.62
6 16,133.50 12,267.16 3,866.34 977,506.28
7 16,133.50 12,218.83 3,914.67 973,591.62
8 16,133.50 12,169.90 3,963.60 969,628.02
9 16,133.50 12,120.35 4,013.15 965,614.87
10 16,133.50 12,070.19 4,063.31 961,551.56
11 16,133.50 12,019.39 4,114.10 957,437.46
12 16,133.50 11,967.97 4,165.53 953,271.93
13 16,133.50 11,915.90 4,217.60 949,054.34
14 16,133.50 11,863.18 4,270.32 944,784.02
15 16,133.50 11,809.80 4,323.70 940,460.32
16 16,133.50 11,755.75 4,377.74 936,082.58
17 16,133.50 11,701.03 4,432.46 931,650.12
18 16,133.50 11,645.63 4,487.87 927,162.25
19 16,133.50 11,589.53 4,543.97 922,618.28
20 16,133.50 11,532.73 4,600.77 918,017.51
21 16,133.50 11,475.22 4,658.28 913,359.24
22 16,133.50 11,416.99 4,716.51 908,642.73
23 16,133.50 11,358.03 4,775.46 903,867.27
24 16,133.50 11,298.34 4,835.15 899,032.12
25 16,133.50 11,237.90 4,895.59 894,136.52
26 16,133.50 11,176.71 4,956.79 889,179.73
27 16,133.50 11,114.75 5,018.75 884,160.98
28 16,133.50 11,052.01 5,081.48 879,079.50
29 16,133.50 10,988.49 5,145.00 873,934.50
30 16,133.50 10,924.18 5,209.31 868,725.18
31 16,133.50 10,859.06 5,274.43 863,450.75
32 16,133.50 10,793.13 5,340.36 858,110.39
33 16,133.50 10,726.38 5,407.12 852,703.28
34 16,133.50 10,658.79 5,474.70 847,228.57
35 16,133.50 10,590.36 5,543.14 841,685.43
36 16,133.50 10,521.07 5,612.43 836,073.00
37 16,133.50 10,450.91 5,682.58 830,390.42
38 16,133.50 10,379.88 5,753.62 824,636.81
39 16,133.50 10,307.96 5,825.54 818,811.27
40 16,133.50 10,235.14 5,898.35 812,912.92
41 16,133.50 10,161.41 5,972.08 806,940.83
42 16,133.50 10,086.76 6,046.74 800,894.10
43 16,133.50 10,011.18 6,122.32 794,771.78
44 16,133.50 9,934.65 6,198.85 788,572.93
45 16,133.50 9,857.16 6,276.33 782,296.59
46 16,133.50 9,778.71 6,354.79 775,941.81
47 16,133.50 9,699.27 6,434.22 769,507.58
48 16,133.50 9,618.84 6,514.65 762,992.93
49 16,133.50 9,537.41 6,596.08 756,396.85
50 16,133.50 9,454.96 6,678.54 749,718.31
51 16,133.50 9,371.48 6,762.02 742,956.30
52 16,133.50 9,286.95 6,846.54 736,109.75
53 16,133.50 9,201.37 6,932.12 729,177.63
54 16,133.50 9,114.72 7,018.78 722,158.85
55 16,133.50 9,026.99 7,106.51 715,052.34
56 16,133.50 8,938.15 7,195.34 707,857.00
57 16,133.50 8,848.21 7,285.28 700,571.72
58 16,133.50 8,757.15 7,376.35 693,195.37
59 16,133.50 8,664.94 7,468.55 685,726.82
60 16,133.50 8,571.59 7,561.91 678,164.91
61 16,133.50 8,477.06 7,656.43 670,508.47
62 16,133.50 8,381.36 7,752.14 662,756.33
63 16,133.50 8,284.45 7,849.04 654,907.29
64 16,133.50 8,186.34 7,947.15 646,960.14
65 16,133.50 8,087.00 8,046.49 638,913.64
66 16,133.50 7,986.42 8,147.08 630,766.57
67 16,133.50 7,884.58 8,248.91 622,517.65
68 16,133.50 7,781.47 8,352.03 614,165.63
69 16,133.50 7,677.07 8,456.43 605,709.20
70 16,133.50 7,571.37 8,562.13 597,147.07
71 16,133.50 7,464.34 8,669.16 588,477.91
72 16,133.50 7,355.97 8,777.52 579,700.39
73 16,133.50 7,246.25 8,887.24 570,813.15
74 16,133.50 7,135.16 8,998.33 561,814.82
75 16,133.50 7,022.69 9,110.81 552,704.01
76 16,133.50 6,908.80 9,224.70 543,479.31
77 16,133.50 6,793.49 9,340.00 534,139.31
78 16,133.50 6,676.74 9,456.75 524,682.56
79 16,133.50 6,558.53 9,574.96 515,107.59
80 16,133.50 6,438.84 9,694.65 505,412.94
81 16,133.50 6,317.66 9,815.83 495,597.11
82 16,133.50 6,194.96 9,938.53 485,658.58
83 16,133.50 6,070.73 10,062.76 475,595.81
84 16,133.50 5,944.95 10,188.55 465,407.26
85 16,133.50 5,817.59 10,315.90 455,091.36
86 16,133.50 5,688.64 10,444.85 444,646.51
87 16,133.50 5,558.08 10,575.41 434,071.09
88 16,133.50 5,425.89 10,707.61 423,363.48
89 16,133.50 5,292.04 10,841.45 412,522.03
90 16,133.50 5,156.53 10,976.97 401,545.06
91 16,133.50 5,019.31 11,114.18 390,430.88
92 16,133.50 4,880.39 11,253.11 379,177.77
93 16,133.50 4,739.72 11,393.77 367,784.00
94 16,133.50 4,597.30 11,536.20 356,247.80
95 16,133.50 4,453.10 11,680.40 344,567.40
96 16,133.50 4,307.09 11,826.40 332,741.00
97 16,133.50 4,159.26 11,974.23 320,766.77
98 16,133.50 4,009.58 12,123.91 308,642.85
99 16,133.50 3,858.04 12,275.46 296,367.39
100 16,133.50 3,704.59 12,428.90 283,938.49
101 16,133.50 3,549.23 12,584.26 271,354.23
102 16,133.50 3,391.93 12,741.57 258,612.66
103 16,133.50 3,232.66 12,900.84 245,711.82
104 16,133.50 3,071.40 13,062.10 232,649.72
105 16,133.50 2,908.12 13,225.37 219,424.35
106 16,133.50 2,742.80 13,390.69 206,033.66
107 16,133.50 2,575.42 13,558.07 192,475.58
108 16,133.50 2,405.94 13,727.55 178,748.03
109 16,133.50 2,234.35 13,899.15 164,848.89
110 16,133.50 2,060.61 14,072.88 150,776.00
111 16,133.50 1,884.70 14,248.80 136,527.21
112 16,133.50 1,706.59 14,426.91 122,100.30
113 16,133.50 1,526.25 14,607.24 107,493.06
114 16,133.50 1,343.66 14,789.83 92,703.23
115 16,133.50 1,158.79 14,974.71 77,728.52
116 16,133.50 971.61 15,161.89 62,566.63
117 16,133.50 782.08 15,351.41 47,215.22
118 16,133.50 590.19 15,543.31 31,671.91
119 16,133.50 395.90 15,737.60 15,934.32
120 16,133.50 199.18 15,934.32 0.00

ऋण की राशि x आरपीएम x (1+पीएम)
                         (1+पिएम)

  • आरपीएम = प्रति माह ब्याज (प्रति वर्ष ब्याज दर/12)
  • एन= किश्तों की संख्या

एनबी: यदि आपके पास ईएमआई के लिए एक निश्चित बजट है तो आप अन्य चरों को बदलकर जैसे कि ब्याज दर को कम करके या ऋण की अवधि को बढ़ाकर ऋण राशि पर पहुंच सकते हैं। इसे ट्रायल-एंड-एरर दृष्टिकोण द्वारा ईएमआई गणना के माध्यम से भी प्राप्त किया जा सकता है।

जमा को नकद के रूप में या स्वीकार किए जाने वाले प्राधिकृत बैंक के नाम आहारित ड्राफ्ट/ चेक, इलेक्ट्रोनिक अंतरण के रूप में किया जा सकता है।

उत्तर

एटीएम डेबिट कार्ड बीएसबीडीए खोलते समय पेश किए जा सकते हैं और यदि ग्राहक लिखित रूप में इसके लिए अनुरोध करता है तो जारी किया जा सकता है। बैंकों को ऐसे ग्राहकों पर एटीएम डेबिट कार्ड थोपने की आवश्यकता नहीं है।

The appellate authority may act as given under:dismiss the appeal; orallow the appeal and set aside the Award; orsend the matter to the NBFC Ombudsman for fresh disposal in accordance with such directions as the Appellate Authority may consider necessary or proper; ormodify the Award and pass such directions as may be necessary to give effect to the modified award; orpass any other order as it may deem fit.
  • हाँ, ये प्रतिभूतियाँ बैंकों, वित्तीय संस्थाएं और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (एनबीएफ़सी) के लिए संपार्श्विक के रूप में प्रयोग करने के लिए पात्र है।

उत्तर: हाँ।

उत्तर. लाभार्थी के खाते में देरी / क्रेडिट न होने की समस्या होने पर ग्राहक अपने बैंक / शाखा से संपर्क कर सकता है। सदस्य बैंकों के ग्राहक सुविधा केंद्र का विवरण आरबीआई की वेबसाइट https://www.rbi.org.in/Scripts/bs_viewcontent.aspx?Id=2070 पर भी उपलब्ध है।

दिनांक 6 अगस्त 2020 (समाधान ढांचा 1.0) के कोविड -19 से संबंधित दबाव के लिए समाधान ढांचे के पैरा 21 के साथ पठित पैरा 17 के अनुसार उन सभी उधार संस्थाओं के लिए आईसीए पर हस्ताक्षर करना अनिवार्य है, जिनका संबंधित उधारकर्ता (पैरा 191 के अधीन) के प्रति एक्सपोजर है। चूंकि उधारकर्ता ने खाते में दबाव के परिणामस्वरूप पुनर्रचना का विकल्प चुना है, इसलिए उधारकर्ता के प्रति सभी एक्सपोजर को पुनर्रचित माना जाएगा और कार्यशील पूंजी सुविधा सहित संपूर्ण अवशिष्ट ऋण पर प्रावधान किए जाएंगे।

हां । नाबालि‍ग नामि‍ति हो सकता है । तथापि, सरकारी प्रति‍भूति के एकल धारक या सभी संयुक्त धारक, नाबालिग नामि‍ति की ओर से उसकी नाबीलि‍गी के दौरान, एकल धारक या सभी संयुक्त धारक की मृत्यु होने पर, सरकारी प्रति‍भूति की आय प्राप्त करने के लिए कि‍सी अन्य व्यक्ति को,जोकि नाबालिग ना हो, नि‍युक्त कर सकते है ।
At the time of making applications, the Promoters/Promoter Group will have to furnish a road map and methodologies they would adopt to comply with all the requirements of the corporate structure indicated in para 2 (C)(ii) and (iii) of the guidelines and realign the business between the entities to be held under the NOFHC [para 2(C)(iv) of the guidelines] within a period of 18 months. After the ‘in-principle approval’ is accorded by RBI for setting up of the bank, the actual setting up of NOFHC and the bank, re-organization of the Promoter Group entities to bring the regulated financial services entities under the NOFHC as well as realignment of business among the entities under the NOFHC have to be completed within a period of 18 months from the date of in-principle approval or before commencement of banking business, whichever is earlier.
बॉण्ड का मूल्य भारतीय रुपये में होगा और इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड (IBJA) द्वारा प्रकाशित 999 शुद्धता वाले स्वर्ण के अभिदान अवधि से पहले के हफ्ते के अंतिम तीन कार्य दिनों के साधारण औसत बंद मूल्‍य पर आधारित होगा।

1 कार्ड जारीकर्ताओं को क्रेडिट कार्ड लेनदेन को समान मासिक किस्तों (ईएमआई) में बदलने में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करनी होगी, जिसमें परिवर्तन से पहले व्यापारी/कार्ड-जारीकर्ता द्वारा प्रदान की गई मूलधन, ब्याज और अग्रिम छूट को स्पष्ट रूप से इंगित किया जाएगा (इसे कोई लागत नहीं बनाने के लिए)। इसे क्रेडिट कार्ड बिल/स्टेटमेंट में भी अलग से दर्शाया जाएगा। ब्याज घटक के साथ ईएमआई रूपांतरण को शून्य-ब्याज / नो-कॉस्ट ईएमआई के रूप में छिपाया नहीं जाएगा।

2000 मूल्यवर्ग के बैंकनोटों को जमा/बदलने की उपर्युक्त सुविधा आरबीआई के 19 निर्गम कार्यालयों में आगे सूचित किए जाने तक जारी रहेगी।

उत्तर: एलआरएस के अंतर्गत सभी लेनदेन के लिए स्थायी खाता संख्या(पैन) अनिवार्य है।

उत्तर: जोखिम धारणा आदि के आधार पर, कार्ड जारीकर्ता यह निर्णय ले सकते हैं कि उनके द्वारा जारी कार्डों को टोकन अनुरोधकर्ता द्वारा पंजीकृत करने की अनुमति दी जाए या नहीं।

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