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भारत में म्युचुअल फंड (एमएफ) कंपनियों और उनके परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) की विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों (एफएलए) पर सर्वेक्षण

उत्तर: म्युचुअल फंड कंपनियां प्रत्येक वर्ष 15 जुलाई या उससे पहले प्रश्नावली-4 (Excel प्रारूप) के माध्यम से अपनी प्रतिक्रिया प्रस्तुत कर सकती हैं।

उत्तर: नहीं। भले ही किसी कंपनी की खाता बंद करने की अवधि, संदर्भ अवधि (मार्च के अंत) से अलग हो, आईटीईएस सर्वेक्षण की जानकारी कंपनी के आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर सर्वेक्षण संदर्भ अवधि के लिए रिपोर्ट की जानी चाहिए।

शिक्षा ऋण से संबंधित सेवा में कमी के संबंध में किसी भी बैंक के विरुद्ध किसी विशिष्ट शिकायत के मामले में, इसे संबंधित बैंक के पास दर्ज किया जा सकता है। यदि एक महीने के भीतर शिकायत का कोई जवाब नहीं मिलता है या बैंक से असंतोषजनक प्रतिक्रिया दी जाती है, तो शिकायत 'रिज़र्व बैंक - एकीकृत ओम्बड्समैन योजना, 2021' के तहत दर्ज की जा सकती है। शिकायतें आरबीआई के शिकायत प्रबंधन प्रणाली (सीएमएस) पोर्टल https://cms.rbi.org.in पर ऑनलाइन दर्ज की जा सकती हैं। शिकायतें समर्पित ई-मेल के माध्यम से भी दर्ज की जा सकती हैं या भारतीय रिज़र्व बैंक, चौथी मंजिल, सेक्टर 17, चंडीगढ़ - 160017, में स्थापित 'केंद्रीकृत प्राप्ति और प्रोसेसिंग केंद्र' (सीआरपीसी) को, योजना में दिए गए प्रारूप के अनुसार, भौतिक रूप में भेजी जा सकती हैं।

उत्तर: संशोधित मास्टर निदेशों के अनुसार, बैंकों को आरबीआई को ऐसे प्रमाणपत्र/फ्लैश रिपोर्ट प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है।

उत्तर: एटीएम / एटीएम सह डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और प्रीपेड कार्ड, जैसा कि जारीकर्ता द्वारा अनुमति प्रदान की गई है, विभिन्न लेनदेन के लिए एटीएम / डब्ल्यूएलए पर उपयोग किए जा सकते हैं।

उत्तर. यदि किसी ग्राहक के पास ओवीडी नहीं है, तब भी वह बैंक में 'लघु खाता' खोल सकता है। इस प्रयोजन के लिए, बैंक ग्राहक से एक स्व-सत्यापित फोटोग्राफ प्राप्त करेगा और बैंक का नामित अधिकारी अपने हस्ताक्षर से प्रमाणित करेगा कि खाता खोलने वाले व्यक्ति ने उसकी उपस्थिति में अपने हस्ताक्षर अथवा अंगूठे का निशान लगाया है। लघु खाता प्रारंभ में बारह महीने की अवधि के लिए चालू रहेगा और यह केवाईसी पर मास्टर निदेश के पैरा 23 के तहत दी गई शर्तों के अधीन है।

उत्तर: दंड से संबंधित प्रावधान इन निदेशों के पैरा 15 में निहित हैं। बैंकों द्वारा उनकी व्यापक बोर्ड अनुमोदित नीति के अनुसार समयपूर्व आहरण एवं आंशिक समयपूर्व आहरण की विस्तृत प्रक्रिया निर्धारित की जाती है।

उत्तर: भारत सरकार द्वारा दिनांक 25 मार्च 2025 की प्रेस विज्ञप्ति आईडी 2115009 द्वारा जीएमएस के मध्यम और दीर्घावधि सरकारी जमा (एमएलटीजीडी) घटकों को समाप्त कर दिया गया है। तदनुसार, नवीनीकरण सहित एमएलटीजीडी जुटाना 26 मार्च 2025 से बंद कर दिया गया है। जीएमएस के तहत एसटीबीडी से संबंधित प्रावधानों में कोई बदलाव नहीं है।

इस पहल में कई विनियामकों के बीच सहयोग शामिल है:

  • भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) – बैंकिंग और भुगतान प्रणालियों हेतु

  • भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) – प्रतिभूति बाज़ारों हेतु

  • भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई)– बीमा उत्पादों के लिए

  • पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए)- पेंशन से संबंधित नवोन्मेषों हेतु (हालांकि पीएफ़आरडीए के पास एक अलग विनियामक सैंडबॉक्स नहीं है, लेकिन यह इंटर ऑपरेबल विनियामक सैंडबॉक्स (आईओआरएस) का एक हिस्सा है।

  • अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफ़एससीए)  – अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों में फिनटेक इकाई के लिए फ्रेमवर्क के अनुलग्नक I Framework for FinTech Entity in the International Financial Services Centres में निर्दिष्ट डोमेन क्षेत्रों में परीक्षण के लिए गुजरात अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय टेक-सिटी अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (GIFT IFSC) का एकीकृत विनियामक प्राधिकरण।

हाँ। किसी विशेष ऋण/उत्पाद श्रेणी के भीतर दंडात्मक शुल्क की संरचना उधारकर्ता के संविधान के बावजूद एक समान होनी चाहिए।

जी नहीं, बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे व्‍यक्तियों के संबंध में बीएसबीडीए खोलने के लिए आयु और आय मानदंड जैसे प्रतिबंध न लगाएं।

Ans: In terms of MD-TLE dated September 24, 2021, Primary (Urban) Co-operative Banks (PUCBs), State Co-operative Banks (StCBs) and Central Co-operative Banks (CCBs) have been recognised as eligible transferors of stressed loans. The relevant provisions of circular “Guidelines on Sale of Financial Assets to Securitisation Company/Reconstruction Company (SC/RC) by Multi State Urban Cooperative Banks’ dated March 28, 2014, in terms of which only multistate cooperative banks could sell stressed assets to ARCs have been repealed. Accordingly, all cooperative banks are permitted to transfer stressed assets to ARCs in compliance with the provisions of the MD-TLE and other extant regulatory instructions.

समाधान ढांचे को निवेश एक्सपोजर सहित पात्र-उधारकर्ताओं को ऋण देने वाली संस्थाओं के सभी एक्सपोजर के समाधान के लिए लागू किया जा सकता है। हालांकि, किसी विशेष एक्सपोजर के संबंध में संबंधित वित्तीय क्षेत्र के विनियामकों और भारतीय रिज़र्व बैंक के अन्य विभागों द्वारा जारी सभी दिशा-निर्देश भी लागू रहेंगे ।

उत्तर. 01 जुलाई 2019 से, आरबीआई ने आरटीजीएस लेनदेन के लिए अपने द्वारा लगाए गए प्रसंस्करण शुल्क को माफ कर दिया है। बैंक अपने ग्राहकों को यह लाभ दे सकते हैं।

आरटीजीएस प्रणाली के माध्यम से धन हस्तांतरण की पेशकश के लिए बैंकों द्वारा लगाए गए सेवा शुल्क को युक्तिसंगत बनाने की दृष्टि से, शुल्कों का एक व्यापक ढांचा निम्नानुसार अनिवार्य किया गया है:

अ) आवक लेनदेन - नि: शुल्क, कोई शुल्क नहीं लगाया जाएगा।

ब) बाहरी लेनदेन - 2,00,000/- से 5,00,000/-: 25/- से अधिक नहीं (कर को छोड़कर, यदि कोई हो)

5,00,000/- से अधिक: 50 से अधिक नहीं (कर को छोड़कर, यदि कोई हो)

बैंक कम दर चार्ज करने का निर्णय ले सकते हैं लेकिन आरबीआई द्वारा निर्धारित दरों से अधिक शुल्क नहीं ले सकते।

उत्तर. ये पीपीआई किसी संस्था द्वारा केवल उसी संस्था की वस्तुओं और सेवाओं की खरीद की सुविधा प्रदान करने के लिए जारी किए जाते हैं। इनमें नकद आहरण की अनुमति नहीं है। इन लिखतों का उपयोग तीसरे पक्ष की सेवाओं के भुगतान अथवा निपटान के लिए नहीं किया जा सकता है। इस तरह के लिखतों को जारी करने अथवा इनके परिचालन को ऐसे भुगतान प्रणाली के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया है जिसके लिए आरबीआई से अनुमोदन / प्राधिकरण की आवश्यकता है और इस कारण से इनका विनियमन अथवा पर्यवेक्षण आरबीआई द्वारा नहीं किया जाता है।
  • निर्दिष्ट तारीख के लिए सूचकांक अनुपात की गणना हेतु, कैलेंडर माह के पहले दिन के लिए और आगामी कैलेंडर माह के पहले दिन प्रतिदिन ‘संदर्भित डबल्यूपीआई’ का प्रयोग करके ‘संदर्भित डबल्यूपीआई’’ का रैखिक रूप से अंतर्वेशन किया जाएगा।

  • किसी भी दिन के लिए संदर्भित डबल्यूपीआई की गणना के लिए फार्मूला निम्न है:

I2

[Ref WPIM = Ref WPI for the first day of the calendar month in which Date falls, Ref WPIM+1 = Ref WPI for the first day of the calendar month following the settlement date, D = Number of days in month (e.g. 31 days in August), and t= settlement date (e.g. August 6)]

  • अंतर्वेशन के माध्यम से गणना किए गए प्रतिदिन संदर्भित डबल्यूपीआई का उदाहरण निम्न है:

दिनांक संदर्भित डबल्यूपीआई (दी गई) टी-1 डी संदर्भित डबल्यूपीआई (अंतर्वेशन)
1-मई-13 168.8      
2-मई-13   1 31 168.85
3-मई-13   2 31 168.90
4-मई-13   3 31 168.95
5-मई-13   4 31 168.99
6-मई-13   5 31 169.04
7-मई-13   6 31 169.09
8-मई-13   7 31 169.14
9-मई-13   8 31 169.19
10-मई-13   9 31 169.24
11-मई-13   10 31 169.28
12-मई-13   11 31 169.33
13-मई-13   12 31 169.38
14-मई-13   13 31 169.43
15-मई-13   14 31 169.48
16-मई-13   15 31 169.53
17-मई-13   16 31 169.57
18-मई-13   17 31 169.62
19-मई-13   18 31 169.67
20-मई-13   19 31 169.72
21-मई-13   20 31 169.77
22-मई-13   21 31 169.82
23-मई-13   22 31 169.86
24-मई-13   23 31 169.91
25-मई-13   24 31 169.96
26-मई-13   25 31 170.01
27-मई-13   26 31 170.06
28-मई-13   27 31 170.11
29-मई-13   28 31 170.15
30-मई-13   29 31 170.20
31-मई-13   30 31 170.25
1-जून-13 170.3      
The application is automatically inwarded in the receiving office/ department and marked to the administrator of that department.
उ : हां, हालांकि, ऐसे एनबीएफसी-फैक्टर्स को फेमा 1999 के तहत बैंक के विदेशी मुद्रा विभाग से आवश्यक प्राधिकरण प्राप्त करने और इस संबंध में सभी फेमा नियमों का पालन करने की आवश्यकता होगी।
रिज़र्व बैंक सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद और उनको बेचने के लिए एक ट्रेडिंग प्‍लैटफार्म उपलब्‍ध कराएगा, लेकिन प्रत्‍यक्ष या अप्रत्‍यक्ष रूप से रिज़र्व बैंक एनडीएस-ओएम वेब पर एक्‍सेस दिये गये किसी भी जीएएच के साथ कोई संबंध नहीं रखेगा। इसके अलावा, जीएएच तथा पीएम के बीच किसी भी संभावित विवाद में रिज़र्व बैंक की कोई भूमिका नहीं होगी।

उत्तर: हां एनबीएफसी और एनबीएफसी-आईएफसी को आईडीएफ प्रायोजित करने के लिए रिजर्व बैंक से पूर्वानुमोदन लेने की जरूरत है।

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