बचत बैंक जमा खाता (बीएसबीडीए) – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (आरआरबी/एसटीसीबी/डीसीसीबी)
बचत बैंक जमा ब्याज दर के अविनियमन पर दिनांक 7 फरवरी 2012 शबैवि.बीपीडी(पीसीबी)सं.18/13.01. 000/2011-12 में निहित हमारे अनुदेश बुनियादी बचत बैंक जमा खाते में धारित जमाराशि पर लागू हैं
At the time of making applications, the Promoters/Promoter Group will have to furnish a road map and methodologies they would adopt to comply with all the requirements of the corporate structure indicated in para 2 (C)(ii) and (iii) of the guidelines and realign the business between the entities to be held under the NOFHC [para 2(C)(iv) of the guidelines] within a period of 18 months. After the ‘in-principle approval’ is accorded by RBI for setting up of the bank, the actual setting up of NOFHC and the bank, re-organization of the Promoter Group entities to bring the regulated financial services entities under the NOFHC as well as realignment of business among the entities under the NOFHC have to be completed within a period of 18 months from the date of in-principle approval or before commencement of banking business, whichever is earlier.
उत्तर: व्यष्टि से भिन्न व्यक्तियों के लिए निम्नलिखित सुविधाएं उपलब्ध हैं:
ए) पिछले तीन वित्तीय वर्षों के दौरान किए गए अपने विदेशी मुद्रा उपार्जन के एक प्रतिशत तक अथवा 5,000,000 अमेरिकी डॉलर, इनमें से जो भी कम हो तक की राशि का दान जो निम्नलिखित के लिए हों: (क) प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थाओं में चेयर्स (प्रोफेसरशिप) का सृजन; (ख) शिक्षा संस्थाओं द्वारा प्रवर्तित निधियों (जो कि निवेश निधि नहीं है) में अंशदान; तथा (ग) दानदात्री कंपनी के कार्य क्षेत्र की तकनीकी संस्था अथवा निकाय अथवा संघ में अंशदान।
बी) भारत में आवासीय फ्लॅट अथवा वाणिज्यिक प्लॉट्स बेचने के लिए विदेश में स्थित एजेंट को प्रति लेनदेन 25,000 अमेरिकी डॉलर अथवा आवक विप्रेषण की 5% राशि में से जो भी कम हो, तक का कमीशन।
सी) बुनियादी सुविधाओं संबंधी परियोजनाओं से जुड़ी परमर्शदात्री सेवाओं के लिए प्रति परियोजना 10,000,000 अमेरिकी डॉलर तक तथा भारत के बाहर की अन्य परामर्शदात्री सेवाओं के लिए 1,000,000 प्रति परियोजना तक की राशि के विप्रेषण।
डी) किसी संस्था द्वारा निगमन पूर्व व्यय की प्रतिपूर्ति के रूप में भारत में लाए गए निवेश के पांच प्रतिशत के अथवा 100,000 अमेरिकी डॉलर, इनमें से जो भी कम हो, तक की राशि का विप्रेषण।
(ई) फेम (कैट) संशोधन नियमावली, 2015 की अनुसूची-III के पैरा 1 में उल्लिखित प्रयोजनों के लिए 250,000 अमेरिकी डॉलर प्रति वित्तीय वर्ष तक के विप्रेषण। तथापि ऐसी संस्थाओं द्वारा किए गए सभी अवशिष्ट चालू खाता लेनदेन अन्यतः किसी विशिष्ट सीमा के बिना अनुमत हैं तथा पहले की भांति एडी के स्तर पर उनका निपटान करना है। प्राधिकृत व्यापारी को लेनदेन की सदाशयता से स्वयं संतुष्ट होना पड़ेगा।
उपर्युक्त सीमा से अधिक किसी भी लेनदेन के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक का पूर्वानुमोदन आवश्यक होगा।
उत्तर: वर्तमान में, थोक सीबीडीसी पायलट में कुल 14 प्रतिभागी शामिल हैं, जिनमें बैंक और गैर-बैंक दोनों प्रकार की संस्थाएं सम्मिलित हैं।
शिकायत प्राप्त होने पर, यह आंकलन करने के लिए जांच की जाती है, कि क्या यह शिकायत स्वीकार्य या अस्वीकार्य है (जैसा कि प्रश्न 14 में बताया गया है)। यदि शिकायत को अस्वीकार्य पाया जाता है, तो शिकायत बंद कर दी जाती है, और शिकायतकर्ता को उस संबंध में उपयुक्त रूप से सूचित किया जाता है।
स्वीकार्य शिकायत के लिए आईबीआई ओम्बड्समैन शिकायतकर्ता और विनियमित संस्था के बीच समझौते द्वारा शिकायत के निपटान को बढ़ावा देने का प्रयास करेगा। यदि पक्षकारों के बीच शिकायत का एक सौहार्दपूर्ण समाधान हो जाता है, तो इसे अभिलिखित किया जाएगा व पक्षकारों द्वारा हस्ताक्षरित किया जाएगा। चूंकि पक्षकारों ने इस पर अपने हस्ताक्षर करके समझौते के लिए सहमति व्यक्त की है, यह दोनों पक्षों पर बाध्यकारी हो जाता है और ओम्बड्समैन द्वारा कोई औपचारिक निर्णय जारी नहीं किया जाता है।
यदि मामले का समाधान समझौते (सुविधा या सुलह या मध्यस्थता) के माध्यम से नहीं होता है, तो ओम्बड्समैन, दोनों पक्षों को एक उचित अवसर देने के बाद (और उनके समक्ष रखे गए अभिलेख, बैंकिंग विधि के सिद्धांतों और प्रथाओं, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी निदेशों, अनुदेशों और दिशानिर्देशों और ऐसे अन्य कारक जो उनकी राय में शिकायत पर निर्णय लेने के लिए प्रासंगिक हैं, के आधार पर) एक अधिनिर्णय पारित कर सकता है (विशिष्ट प्रदर्शन के लिए विनियमित संस्था को निर्देशित करते हुए) या शिकायत को अस्वीकार कर सकता है (यदि यह पाया जाता है कि आरई प्रचलित मानदंडों और प्रथाओं का पालन कर रही है)। शिकायत का निष्कर्ष शिकायतकर्ता और आरई दोनों को सूचित किया जाता है।
उत्तर: हाँ, यह अनिवार्य है। यहां फॉर्म भरने के लिए अधिकृत व्यक्ति प्रस्तुत की गई जानकारी की जिम्मेदारी लेता है और सीआईएन नंबर सहित इसकी यथार्थता की घोषणा करता है। आईटीईएस सर्वेक्षण प्रश्नावली के भाग-ए से डी में भरे गए सभी विवरणों के लिए यह अंतिम जांच है।
उत्तर: ग्राहक को एटीएम/डबल्यूएलए में अपने लेनदेन सुरक्षित और प्रतिरक्षित रखने के लिए निम्नलिखित क्या करें और क्या न करें का अनुपालन करना चाहिए:
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ग्राहकों को अपने किसी भी एटीएम/डबल्यूएलए लेनदेन को पूरी गोपनीयता में करना चाहिए।
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एक समय में एटीएम/डबल्यूएलए किओस्क में केवल एक ही कार्ड धारक का प्रवेश/पहुँच होनी चाहिए।
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कार्ड धारक को अपना कार्ड कभी भी किसी को नहीं देना चाहिए।
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कार्ड के ऊपर पिन संख्या न लिखें।
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कार्ड धारक को अपना पिन किसी को भी नहीं बताना चाहिए।
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एटीएम में पिन संख्या दर्ज करते समय कभी भी किसी को अपना पिन नंबर नहीं देखने देना चाहिए ।
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कभी भी ऐसे पिन का प्रयोग न करें जिसका अनुमान आसानी से लगाया जा सके।
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एटीएम/डबल्यूएलए में कभी भी कार्ड न छोड़ें।
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कार्ड धारक को एटीएम/डबल्यूएलए लेनदेन संबंधी चेतावनी प्राप्त करने के लिए कार्ड जारी करने वाले बैंक में अपना मोबाइल नंबर पंजीकृत करवाना चाहिए। यदि खाते में कोई भी अनधिकृत कार्ड लेनदेन पाया जाता है तो इसकी सूचना तुरंत कार्ड जारी करने वाले बैंक को दी जानी चाहिए।
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कार्ड धारक एटीएम/डबल्यूएलए से जुड़े हुए किसी अतिरिक्त उपकरण से सावधान रहें। इनका उपयोग ग्राहक के आंकड़ों को धोखे से चुराने के लिए होता है। यदि इस प्रकार का कोई उपकरण पाया जाता है तो तुरंत सुरक्षा गार्ड/बैंक/इसे चलाने वाली व्हाइट लेबल कंपनी को इसके बारे में सूचित करें।
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एटीएम/डबल्यूएलए के आस-पास किसी संदिग्ध व्यक्ति के आने – जाने पर नज़र रखें। ग्राहक को ऐसे अपरिचित लोगों से सावधान रहना चाहिए जो कि उसे बातों में लगाना चाहते हैं अथवा एटीएम के संचालन में सहायता /मदद देने का प्रस्ताव करते हैं।
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कार्ड धारक इस बात को याद रखें कि बैंक अधिकारी फोन पर कभी भी आपके कार्ड का विवरण अथवा पिन नंबर नहीं पूछेंगे। अत: यदि कोई व्यक्ति यह दर्शाते हुए कि वह आपके बैंक से है और आपसे संपर्क करता है तो आप उसका प्रतिउत्तर न दें।
उत्तर. व्यक्तियों के लिए केवाईसी के आवधिक अद्यतन के तरीके निम्नानुसार हैं:
(ए) यह कार्य उस आरई की शाखा में किया जा सकता है जिसमें ग्राहक का खाता है, या उसी आरई की किसी अन्य शाखा में किया जा सकता है; या
(बी) आरई अपने साथ पंजीकृत ग्राहक के ईमेल-आईडी / मोबाइल नंबर, एटीएम, डिजिटल चैनल (जैसे ऑनलाइन बैंकिंग / इंटरनेट बैंकिंग, आरई का मोबाइल एप्लिकेशन), पत्र, आदि के माध्यम से स्व-घोषणा तब प्राप्त कर सकता है जब "केवाईसी जानकारी में कोई परिवर्तन नहीं है" हो और तब भी जब "केवल पते के विवरण में परिवर्तन है" हो। तथापि, घोषित पते को आरई द्वारा दो महीने के भीतर सकारात्मक पुष्टि के माध्यम से सत्यापित किया जाएगा; या
(सी) आधार ओटीपी आधारित नॉन-फेस-टू-फेस (अप्रत्यक्ष) मोड मे ई-केवाईसी और वी-सीआईपी ;
(डी) आरई के पास ग्राहक के केवाईसी रिकॉर्ड को, संबंधित ग्राहक हेतु सीकेवाईसीआर से प्राप्त अद्यतन जानकारी/अधिसूचना, यदि कोई हो, के आधार पर अद्यतन करने का भी अधिकार है।
Ans : No. There is no value limit on the amount of individual transactions that can be collected by ECS Debit.
ये अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा केवल सूचना और सामान्य मार्गदर्शन उद्देश्यों के लिए जारी किए जाते हैं। उसके आधार पर की गई कार्रवाई और / या लिए गए निर्णयों के लिए बैंक को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा। स्पष्टीकरण या व्याख्या के लिए, यदि कोई हो, तो बैंक द्वारा समय-समय पर जारी प्रासंगिक परिपत्रों और अधिसूचनाओं द्वारा निर्देशित हो सकते है।
- वर्तमान वित्तीय वर्ष के द्वितीय छमाही में रिटेल निवेशकों के लिए विशिष्ट शृंखला शुरू की गई थी (लगभग अक्तूबर 2013 के पास)
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022