प्रेस प्रकाशनियां - विदेशी मुद्रा प्रबंध - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 13 मई - 17 मई 2024 तक की अवधि के लिए विदेशी मुद्रा में दैनिक व्यापारी और अंतर-बैंक लेनदेन दर्शाने वाले आंकड़े आज जारी किए। सभी आंकड़े मिलियन अमेरिकी डॉलर में स्थिति तारीख व्यापारी अंतर-बैंक एफ़सीवाई/ आईएनआर एफ़सीवाई / एफ़सीवाई एफ़सीवाई/ आईएनआर एफ़सीवाई / एफ़सीवाई स्पॉट वायदा वायदा रद्द स्पॉट वायदा वायदा रद्द स्पॉट स्वैप वायदा स्पॉट स्वैप वायदा खरीद
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 13 मई - 17 मई 2024 तक की अवधि के लिए विदेशी मुद्रा में दैनिक व्यापारी और अंतर-बैंक लेनदेन दर्शाने वाले आंकड़े आज जारी किए। सभी आंकड़े मिलियन अमेरिकी डॉलर में स्थिति तारीख व्यापारी अंतर-बैंक एफ़सीवाई/ आईएनआर एफ़सीवाई / एफ़सीवाई एफ़सीवाई/ आईएनआर एफ़सीवाई / एफ़सीवाई स्पॉट वायदा वायदा रद्द स्पॉट वायदा वायदा रद्द स्पॉट स्वैप वायदा स्पॉट स्वैप वायदा खरीद
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 6 मई - 10 मई 2024 तक की अवधि के लिए विदेशी मुद्रा में दैनिक व्यापारी और अंतर-बैंक लेनदेन दर्शाने वाले आंकड़े आज जारी किए। सभी आंकड़े मिलियन अमेरिकी डॉलर में स्थिति तारीख व्यापारी अंतर-बैंक एफ़सीवाई/ आईएनआर एफ़सीवाई / एफ़सीवाई एफ़सीवाई/ आईएनआर एफ़सीवाई / एफ़सीवाई स्पॉट वायदा वायदा रद्द स्पॉट वायदा वायदा रद्द स्पॉट स्वैप वायदा स्पॉट स्वैप वायदा खरीद 06-05-2024 4,599 1,216 913 371 433 434 13,289 13,581 747 6,542 1,712 338 07-05-2024 4,060 1,062 481 427 186 164 12,659 10,887 1,983 8,482 2,168 315
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 6 मई - 10 मई 2024 तक की अवधि के लिए विदेशी मुद्रा में दैनिक व्यापारी और अंतर-बैंक लेनदेन दर्शाने वाले आंकड़े आज जारी किए। सभी आंकड़े मिलियन अमेरिकी डॉलर में स्थिति तारीख व्यापारी अंतर-बैंक एफ़सीवाई/ आईएनआर एफ़सीवाई / एफ़सीवाई एफ़सीवाई/ आईएनआर एफ़सीवाई / एफ़सीवाई स्पॉट वायदा वायदा रद्द स्पॉट वायदा वायदा रद्द स्पॉट स्वैप वायदा स्पॉट स्वैप वायदा खरीद 06-05-2024 4,599 1,216 913 371 433 434 13,289 13,581 747 6,542 1,712 338 07-05-2024 4,060 1,062 481 427 186 164 12,659 10,887 1,983 8,482 2,168 315
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 29 अप्रैल- 3 मई 2024 तक की अवधि के लिए विदेशी मुद्रा में दैनिक व्यापारी और अंतर-बैंक लेनदेन दर्शाने वाले आंकड़े आज जारी किए।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 29 अप्रैल- 3 मई 2024 तक की अवधि के लिए विदेशी मुद्रा में दैनिक व्यापारी और अंतर-बैंक लेनदेन दर्शाने वाले आंकड़े आज जारी किए।
आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने मार्च 2024 के अंत के लिए भारत की अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति से संबंधित आंकड़े जारी किए[1]। मुख्य बातें जनवरी-मार्च 2024 के दौरान आईआईपी: भारत पर अनिवासियों के निवल दावे 2023-24 की चौथी तिमाही के दौरान 6.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर घटकर मार्च 2024 के अंत तक 361.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गए। भारतीय निवासियों की विदेशी वित्तीय आस्तियों में, भारत में विदेशी स्वामित्व वाली आस्तियों (31.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर) की तुलना में उच्चतर वृद्धि (38.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर) दर्ज की गई, जिसके कारण तिमाही के दौरान अनिवासियों के निवल दावों में गिरावट आई (तालिका 1)।
आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने मार्च 2024 के अंत के लिए भारत की अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति से संबंधित आंकड़े जारी किए[1]। मुख्य बातें जनवरी-मार्च 2024 के दौरान आईआईपी: भारत पर अनिवासियों के निवल दावे 2023-24 की चौथी तिमाही के दौरान 6.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर घटकर मार्च 2024 के अंत तक 361.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गए। भारतीय निवासियों की विदेशी वित्तीय आस्तियों में, भारत में विदेशी स्वामित्व वाली आस्तियों (31.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर) की तुलना में उच्चतर वृद्धि (38.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर) दर्ज की गई, जिसके कारण तिमाही के दौरान अनिवासियों के निवल दावों में गिरावट आई (तालिका 1)।
मार्च 2024 के अंत में बाह्य ऋण संबंधी स्टॉक तथा पहले की तिमाहियों के संशोधित आंकड़े विवरण I (आईएमएफ फार्मेट[1]) और II (पुराना फार्मेट) में दिए गए हैं। मार्च 2024 के अंत में भारत के बाह्य ऋण से संबंधित प्रमुख गतिविधियां नीचे प्रस्तुत हैं। मुख्य बातें मार्च 2024 के अंत में, भारत का बाह्य ऋण 663.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जिसमें मार्च 2023 के अंत में अपने स्तर से 39.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई (सारणी 1)। सकल घरेलू उत्पाद की तुलना में बाह्य ऋण का अनुपात मार्च 2023 के अंत में 19.0 प्रतिशत से घटकर मार्च 2024 के अंत में 18.7 प्रतिशत हो गया।
भारतीय रुपया और अन्य प्रमुख मुद्राओं, जैसे येन, यूरो और एसडीआर[2] की तुलना में अमेरिकी डॉलर की मूल्यवृद्धि के कारण मूल्यन प्रभाव 8.7 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच गया। मूल्यन प्रभाव को छोड़कर, बाह्य ऋण में मार्च 2023 के अंत में 39.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में मार्च 2024 के अंत में 48.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई थी। मार्च 2024 के अंत में, दीर्घावधि ऋण (एक वर्ष से अधिक की मूल परिपक्वता वाले) 541.2 बिलियन अमरीकी डॉलर था, जिसमें मार्च 2023 के अंत में इसके स्तर से 45.6 बिलियन अमरीकी डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई थी। कुल बाह्य ऋण में अल्पावधि ऋण (एक वर्ष तक मूल परिपक्वता वाले) की हिस्सेदारी मार्च 2023 के अंत में 20.6 प्रतिशत से घटकर मार्च 2024 के अंत में 18.5 प्रतिशत रह गई। इसी प्रकार विदेशी मुद्रा आरक्षित निधि की तुलना में अल्पावधि ऋण (मूल परिपक्वता) का अनुपात मार्च 2024 के अंत में घटकर 19.0 प्रतिशत (मार्च 2023 के अंत में 22.2 प्रतिशत) हो गया।
मार्च 2024 के अंत में बाह्य ऋण संबंधी स्टॉक तथा पहले की तिमाहियों के संशोधित आंकड़े विवरण I (आईएमएफ फार्मेट[1]) और II (पुराना फार्मेट) में दिए गए हैं। मार्च 2024 के अंत में भारत के बाह्य ऋण से संबंधित प्रमुख गतिविधियां नीचे प्रस्तुत हैं। मुख्य बातें मार्च 2024 के अंत में, भारत का बाह्य ऋण 663.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जिसमें मार्च 2023 के अंत में अपने स्तर से 39.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई (सारणी 1)। सकल घरेलू उत्पाद की तुलना में बाह्य ऋण का अनुपात मार्च 2023 के अंत में 19.0 प्रतिशत से घटकर मार्च 2024 के अंत में 18.7 प्रतिशत हो गया।
भारतीय रुपया और अन्य प्रमुख मुद्राओं, जैसे येन, यूरो और एसडीआर[2] की तुलना में अमेरिकी डॉलर की मूल्यवृद्धि के कारण मूल्यन प्रभाव 8.7 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच गया। मूल्यन प्रभाव को छोड़कर, बाह्य ऋण में मार्च 2023 के अंत में 39.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में मार्च 2024 के अंत में 48.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई थी। मार्च 2024 के अंत में, दीर्घावधि ऋण (एक वर्ष से अधिक की मूल परिपक्वता वाले) 541.2 बिलियन अमरीकी डॉलर था, जिसमें मार्च 2023 के अंत में इसके स्तर से 45.6 बिलियन अमरीकी डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई थी। कुल बाह्य ऋण में अल्पावधि ऋण (एक वर्ष तक मूल परिपक्वता वाले) की हिस्सेदारी मार्च 2023 के अंत में 20.6 प्रतिशत से घटकर मार्च 2024 के अंत में 18.5 प्रतिशत रह गई। इसी प्रकार विदेशी मुद्रा आरक्षित निधि की तुलना में अल्पावधि ऋण (मूल परिपक्वता) का अनुपात मार्च 2024 के अंत में घटकर 19.0 प्रतिशत (मार्च 2023 के अंत में 22.2 प्रतिशत) हो गया।
आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी वेबसाइट (www.rbi.org.in) पर चौथी तिमाही, अर्थात्, जनवरी-मार्च 2023-24 के भुगतान संतुलन (बीओपी) के आंकड़े जारी किए। इन आंकड़ों के आधार पर, 2023-24 के दौरान विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में परिवर्तन के स्रोत सारणी 1 में दिए गए हैं: सारणी 1: विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में परिवर्तन के स्रोत * (बिलियन अमेरिकी डॉलर) मदें 2022-23 2023-24 I. चालू खाता शेष -67.1 -23.3 II. पूंजी लेखा (निवल राशि) (क से च तक) 57.9 87.0 क. विदेशी निवेश (i+ii) 22.8 53.9 (i) प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 28.0 9.8 (ii) पोर्टफोलियो निवेश -5.2 44.1 जिसमें से:
आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी वेबसाइट (www.rbi.org.in) पर चौथी तिमाही, अर्थात्, जनवरी-मार्च 2023-24 के भुगतान संतुलन (बीओपी) के आंकड़े जारी किए। इन आंकड़ों के आधार पर, 2023-24 के दौरान विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में परिवर्तन के स्रोत सारणी 1 में दिए गए हैं: सारणी 1: विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में परिवर्तन के स्रोत * (बिलियन अमेरिकी डॉलर) मदें 2022-23 2023-24 I. चालू खाता शेष -67.1 -23.3 II. पूंजी लेखा (निवल राशि) (क से च तक) 57.9 87.0 क. विदेशी निवेश (i+ii) 22.8 53.9 (i) प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 28.0 9.8 (ii) पोर्टफोलियो निवेश -5.2 44.1 जिसमें से:
चौथी तिमाही अर्थात् जनवरी-मार्च 2023-24 के लिए भारत के भुगतान संतुलन (बीओपी) से संबंधित प्रारंभिक आंकड़े, विवरण । और ।। में प्रस्तुत किए गए हैं। 2023-24 की चौथी तिमाही के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की मुख्य विशेषताएं • भारत के चालू खाता शेष में 2023-24 की चौथी तिमाही में 5.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 0.6 प्रतिशत) का अधिशेष दर्ज किया गया, जबकि 2023-24 की तीसरी तिमाही में 8.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.0 प्रतिशत) का घाटा और एक वर्ष पूर्व [अर्थात 2022-23 की चौथी तिमाही] 1.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 0.2 प्रतिशत) का घाटा दर्ज किया गया था।
चौथी तिमाही अर्थात् जनवरी-मार्च 2023-24 के लिए भारत के भुगतान संतुलन (बीओपी) से संबंधित प्रारंभिक आंकड़े, विवरण । और ।। में प्रस्तुत किए गए हैं। 2023-24 की चौथी तिमाही के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की मुख्य विशेषताएं • भारत के चालू खाता शेष में 2023-24 की चौथी तिमाही में 5.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 0.6 प्रतिशत) का अधिशेष दर्ज किया गया, जबकि 2023-24 की तीसरी तिमाही में 8.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.0 प्रतिशत) का घाटा और एक वर्ष पूर्व [अर्थात 2022-23 की चौथी तिमाही] 1.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 0.2 प्रतिशत) का घाटा दर्ज किया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अप्रैल 2024 के लिए स्वचालित और अनुमोदन दोनों माध्यमों से बाह्य वाणिज्यिक उधारों (ईसीबी), विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बॉण्डों (एफसीसीबी) और रुपया मूल्यवर्ग बॉण्डों (आरडीबी) के आंकड़े आज जारी किए।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अप्रैल 2024 के लिए स्वचालित और अनुमोदन दोनों माध्यमों से बाह्य वाणिज्यिक उधारों (ईसीबी), विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बॉण्डों (एफसीसीबी) और रुपया मूल्यवर्ग बॉण्डों (आरडीबी) के आंकड़े आज जारी किए।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज मई 2024 माह के लिए स्वचालित मार्ग और अनुमोदन मार्ग दोनों के अंतर्गत समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश पर आंकड़े जारी किए है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज मई 2024 माह के लिए स्वचालित मार्ग और अनुमोदन मार्ग दोनों के अंतर्गत समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश पर आंकड़े जारी किए है।
आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने 2,272 कंपनियों, जिन्होंने 2020-21 से 2022-23 तक तीन लेखा वर्षों के लिए भारतीय लेखा मानक (इंड-एएस) प्रारूप में रिपोर्ट किया, के लेखापरीक्षित वार्षिक लेखा के आधार पर वर्ष 2022-23 के दौरान भारत में गैर-सरकारी गैर-वित्तीय (एनजीएनएफ) विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) कंपनियों के वित्तीय कार्यनिष्पादन से संबंधित आंकड़े[1] (https://cimsdbie.rbi.org.in/DBIE/#/dbie/reports/Statistics/Corporate%20Sector/Finances%20of%20FDI%20Companies) जारी किए। उनका आर्थिक क्षेत्र वर्गीकरण कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के एमजीटी-7 फॉर्म (https://www.mca.gov.in/MinistryV2/companyformsdownload.html) में रिपोर्ट की गई प्रमुख कारोबारी गतिविधि पर आधारित है, जो इन आंकड़ों का प्राथमिक स्रोत है। [1] शृंखला में जारी पिछले आंकड़े 31 मार्च 2023 को प्रकाशित किए गए थे, जो वर्ष 2019-20 से 2021-22 के लिए 2,206 एफ़डीआई कंपनियों के वित्त पर आधारित थे।
आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने 2,272 कंपनियों, जिन्होंने 2020-21 से 2022-23 तक तीन लेखा वर्षों के लिए भारतीय लेखा मानक (इंड-एएस) प्रारूप में रिपोर्ट किया, के लेखापरीक्षित वार्षिक लेखा के आधार पर वर्ष 2022-23 के दौरान भारत में गैर-सरकारी गैर-वित्तीय (एनजीएनएफ) विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) कंपनियों के वित्तीय कार्यनिष्पादन से संबंधित आंकड़े[1] (https://cimsdbie.rbi.org.in/DBIE/#/dbie/reports/Statistics/Corporate%20Sector/Finances%20of%20FDI%20Companies) जारी किए। उनका आर्थिक क्षेत्र वर्गीकरण कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के एमजीटी-7 फॉर्म (https://www.mca.gov.in/MinistryV2/companyformsdownload.html) में रिपोर्ट की गई प्रमुख कारोबारी गतिविधि पर आधारित है, जो इन आंकड़ों का प्राथमिक स्रोत है। [1] शृंखला में जारी पिछले आंकड़े 31 मार्च 2023 को प्रकाशित किए गए थे, जो वर्ष 2019-20 से 2021-22 के लिए 2,206 एफ़डीआई कंपनियों के वित्त पर आधारित थे।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: नवंबर 21, 2024