Press Releases - Monetary Policy - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
क्रम संख्या अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) अवधि (दिन) समयावधि प्रत्यावर्तन की तारीख 1 1,00,000 4 पूर्वाह्न 10:45 बजे से पूर्वाह्न 11:15 बजे 16 अगस्त 2024 (शुक्रवार)
क्रम संख्या अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) अवधि (दिन) समयावधि प्रत्यावर्तन की तारीख 1 1,00,000 4 पूर्वाह्न 10:45 बजे से पूर्वाह्न 11:15 बजे 16 अगस्त 2024 (शुक्रवार)
अवधि 3-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 75,000 प्राप्त प्रस्तावों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 45,236 स्वीकृत राशि (₹ करोड़ में) 45,236 कट ऑफ दर (%) 6.49 भारित औसत दर (%) 6.49 कट ऑफ दर पर प्राप्त प्रस्तावों के आंशिक स्वीकृति का प्रतिशत लागू नहीं
अवधि 3-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 75,000 प्राप्त प्रस्तावों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 45,236 स्वीकृत राशि (₹ करोड़ में) 45,236 कट ऑफ दर (%) 6.49 भारित औसत दर (%) 6.49 कट ऑफ दर पर प्राप्त प्रस्तावों के आंशिक स्वीकृति का प्रतिशत लागू नहीं
वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों की समीक्षा के बाद, 9 अगस्त 2024, शुक्रवार को निम्नानुसार दूसरा परिवर्ती दर प्रतिवर्ती रेपो (वीआरआरआर) नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है: क्रम संख्या अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) अवधि (दिन) समयावधि प्रत्यावर्तन की तारीख 1 75,000 3 अपराह्न 12:30 बजे से अपराह्न 1:00 बजे 12 अगस्त 2024 (सोमवार)
वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों की समीक्षा के बाद, 9 अगस्त 2024, शुक्रवार को निम्नानुसार दूसरा परिवर्ती दर प्रतिवर्ती रेपो (वीआरआरआर) नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है: क्रम संख्या अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) अवधि (दिन) समयावधि प्रत्यावर्तन की तारीख 1 75,000 3 अपराह्न 12:30 बजे से अपराह्न 1:00 बजे 12 अगस्त 2024 (सोमवार)
अवधि 14-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 1,00,000 प्राप्त प्रस्तावों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 14,954 स्वीकृत राशि (₹ करोड़ में) 14,954 कट ऑफ दर (%) 6.49 भारित औसत दर (%) 6.49 कट ऑफ दर पर प्राप्त प्रस्तावों के आंशिक स्वीकृति का प्रतिशत लागू नहीं
अवधि 14-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 1,00,000 प्राप्त प्रस्तावों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 14,954 स्वीकृत राशि (₹ करोड़ में) 14,954 कट ऑफ दर (%) 6.49 भारित औसत दर (%) 6.49 कट ऑफ दर पर प्राप्त प्रस्तावों के आंशिक स्वीकृति का प्रतिशत लागू नहीं
वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों की समीक्षा के बाद, 9 अगस्त 2024, शुक्रवार को निम्नानुसार परिवर्ती दर प्रतिवर्ती रेपो (वीआरआरआर) नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है: क्रम संख्या अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) अवधि (दिन) समयावधि प्रत्यावर्तन की तारीख 1 1,00,000 14 पूर्वाह्न 10:30 बजे से पूर्वाह्न 11:00 बजे 23 अगस्त 2024 (शुक्रवार) 2. भारतीय रिज़र्व बैंक की दिनांक 13 फरवरी 2020 की प्रेस प्रकाशनी 2019-20/1947 में दिए गए नीलामी के लिए परिचालन संबंधी दिशानिर्देश यथावत् रहेंगे। (अजीत प्रसाद) उप महाप्रबंधक (संचार) प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/855
वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों की समीक्षा के बाद, 9 अगस्त 2024, शुक्रवार को निम्नानुसार परिवर्ती दर प्रतिवर्ती रेपो (वीआरआरआर) नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है: क्रम संख्या अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) अवधि (दिन) समयावधि प्रत्यावर्तन की तारीख 1 1,00,000 14 पूर्वाह्न 10:30 बजे से पूर्वाह्न 11:00 बजे 23 अगस्त 2024 (शुक्रवार) 2. भारतीय रिज़र्व बैंक की दिनांक 13 फरवरी 2020 की प्रेस प्रकाशनी 2019-20/1947 में दिए गए नीलामी के लिए परिचालन संबंधी दिशानिर्देश यथावत् रहेंगे। (अजीत प्रसाद) उप महाप्रबंधक (संचार) प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/855
यह वक्तव्य (i) विनियमन; और (ii) भुगतान प्रणाली से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीतिगत उपाय निर्धारित करता है। I. विनियमन 1. डिजिटल ऋण ऐप्स की सार्वजनिक रिपोज़िटरी ग्राहकों के हितों की सुरक्षा, डेटा गोपनीयता, ब्याज दरों और वसूली पद्धतियों संबंधी चिंताओं, अपविक्रय आदि के संबंध में डिजिटल ऋण पर दिशानिर्देश 2 सितंबर 2022 को जारी किए गए थे। तथापि, मीडिया रिपोर्टों ने डिजिटल ऋण में अनैतिक लोगों की निरंतर उपस्थिति को उजागर किया है जो भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं (आरई) के साथ अपने जुड़ाव का झूठा दावा करते हैं। तदनुसार, डिजिटल ऋण ऐप (डीएलए) के आरई के साथ जुड़ाव के दावे को सत्यापित करने में ग्राहकों की सहायता के लिए, भारतीय रिज़र्व बैंक आरई द्वारा नियोजित डीएलए की एक सार्वजनिक रिपोज़िटरी बना रहा है जो रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध होगी। यह रिपोज़िटरी, आरई द्वारा (रिज़र्व बैंक के किसी मध्यक्षेप के बिना) सीधे रिपोज़िटरी को प्रस्तुत किए गए डेटा पर आधारित होगी और जब भी आरई विवरण रिपोर्ट करेंगे, अर्थात नए डीएलए को जोड़ना या किसी मौजूदा डीएलए को हटाना, तो यह अद्यतित हो जाएगी।
यह वक्तव्य (i) विनियमन; और (ii) भुगतान प्रणाली से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीतिगत उपाय निर्धारित करता है। I. विनियमन 1. डिजिटल ऋण ऐप्स की सार्वजनिक रिपोज़िटरी ग्राहकों के हितों की सुरक्षा, डेटा गोपनीयता, ब्याज दरों और वसूली पद्धतियों संबंधी चिंताओं, अपविक्रय आदि के संबंध में डिजिटल ऋण पर दिशानिर्देश 2 सितंबर 2022 को जारी किए गए थे। तथापि, मीडिया रिपोर्टों ने डिजिटल ऋण में अनैतिक लोगों की निरंतर उपस्थिति को उजागर किया है जो भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं (आरई) के साथ अपने जुड़ाव का झूठा दावा करते हैं। तदनुसार, डिजिटल ऋण ऐप (डीएलए) के आरई के साथ जुड़ाव के दावे को सत्यापित करने में ग्राहकों की सहायता के लिए, भारतीय रिज़र्व बैंक आरई द्वारा नियोजित डीएलए की एक सार्वजनिक रिपोज़िटरी बना रहा है जो रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध होगी। यह रिपोज़िटरी, आरई द्वारा (रिज़र्व बैंक के किसी मध्यक्षेप के बिना) सीधे रिपोज़िटरी को प्रस्तुत किए गए डेटा पर आधारित होगी और जब भी आरई विवरण रिपोर्ट करेंगे, अर्थात नए डीएलए को जोड़ना या किसी मौजूदा डीएलए को हटाना, तो यह अद्यतित हो जाएगी।
सितंबर 2016 में अपनी शुरुआत के बाद से मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की यह 50वीं बैठक थी। लचीला मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण (एफआईटी) ढांचा जल्द ही अपने कामकाज के आठ वर्ष पूरे कर लेगा। इस ढांचे ने अत्यधिक तनाव के समय में भी समष्टि-आर्थिक स्थिरता बनाए रखने में अच्छा काम किया है। इसका अंतर्निहित लचीलापन, महामारी से संबंधित तनाव, यूक्रेन में युद्ध के प्रभाव-प्रसार और जारी भू-राजनीतिक संकट का सामना कर सका है। आज, जबकि भारत की संवृद्धि सुदृढ़ बनी हुई है, मुद्रास्फीति में मोटे तौर पर गिरावट देखी जा रही है। मजबूत समष्टि-आर्थिक बुनियाद ने भारत की संभावनाओं में अधिक विश्वास उत्पन्न किया है।
सितंबर 2016 में अपनी शुरुआत के बाद से मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की यह 50वीं बैठक थी। लचीला मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण (एफआईटी) ढांचा जल्द ही अपने कामकाज के आठ वर्ष पूरे कर लेगा। इस ढांचे ने अत्यधिक तनाव के समय में भी समष्टि-आर्थिक स्थिरता बनाए रखने में अच्छा काम किया है। इसका अंतर्निहित लचीलापन, महामारी से संबंधित तनाव, यूक्रेन में युद्ध के प्रभाव-प्रसार और जारी भू-राजनीतिक संकट का सामना कर सका है। आज, जबकि भारत की संवृद्धि सुदृढ़ बनी हुई है, मुद्रास्फीति में मोटे तौर पर गिरावट देखी जा रही है। मजबूत समष्टि-आर्थिक बुनियाद ने भारत की संभावनाओं में अधिक विश्वास उत्पन्न किया है।
वर्तमान और उभरती समष्टि-आर्थिक स्थिति के आकलन के आधार पर, मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (8 अगस्त 2024) अपनी बैठक में यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत नीतिगत रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर यथावत् रखा जाए।
वर्तमान और उभरती समष्टि-आर्थिक स्थिति के आकलन के आधार पर, मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (8 अगस्त 2024) अपनी बैठक में यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत नीतिगत रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर यथावत् रखा जाए।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 2 अगस्त 2024 को समाप्त सप्ताह के लिए आरक्षित मुद्रा और 26 जुलाई 2024 को समाप्त पखवाड़े के लिए मुद्रा आपूर्ति पर आंकड़े आज जारी किए।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 2 अगस्त 2024 को समाप्त सप्ताह के लिए आरक्षित मुद्रा और 26 जुलाई 2024 को समाप्त पखवाड़े के लिए मुद्रा आपूर्ति पर आंकड़े आज जारी किए।
अवधि 1-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 50,000 प्राप्त प्रस्तावों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 19,954 स्वीकृत राशि (₹ करोड़ में) 19,954 कट ऑफ दर (%) 6.49 भारित औसत दर (%) 6.49 कट ऑफ दर पर प्राप्त प्रस्तावों के आंशिक स्वीकृति का प्रतिशत लागू नहीं (अजीत प्रसाद) उप महाप्रबंधक (संचार) प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/842
अवधि 1-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 50,000 प्राप्त प्रस्तावों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 19,954 स्वीकृत राशि (₹ करोड़ में) 19,954 कट ऑफ दर (%) 6.49 भारित औसत दर (%) 6.49 कट ऑफ दर पर प्राप्त प्रस्तावों के आंशिक स्वीकृति का प्रतिशत लागू नहीं (अजीत प्रसाद) उप महाप्रबंधक (संचार) प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/842
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 21, 2024