Press Releases - Monetary Policy - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
दिनांक 15 जनवरी 2025 की प्रेस प्रकाशनी 2024-2025/1933 के माध्यम से घोषित किए अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक अगली सूचना तक मुंबई में सभी कार्य दिवसों पर दैनिक परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी आयोजित करेगा, जिनका प्रत्यावर्तन अगले कार्य दिवस पर होगा।
दिनांक 15 जनवरी 2025 की प्रेस प्रकाशनी 2024-2025/1933 के माध्यम से घोषित किए अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक अगली सूचना तक मुंबई में सभी कार्य दिवसों पर दैनिक परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी आयोजित करेगा, जिनका प्रत्यावर्तन अगले कार्य दिवस पर होगा।
अवधि 1-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 2,00,000 प्राप्त बोलियों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 2,03,022 आबंटित राशि (₹ करोड़ में) 2,00,036 कट ऑफ दर (%) 6.26 भारित औसत दर (%) 6.27 कट ऑफ दर पर प्राप्त बोलियों के आंशिक स्वीकृति का प्रतिशत 97.01
अवधि 1-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 2,00,000 प्राप्त बोलियों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 2,03,022 आबंटित राशि (₹ करोड़ में) 2,00,036 कट ऑफ दर (%) 6.26 भारित औसत दर (%) 6.27 कट ऑफ दर पर प्राप्त बोलियों के आंशिक स्वीकृति का प्रतिशत 97.01
दिनांक 15 जनवरी 2025 की प्रेस प्रकाशनी 2024-2025/1933 के माध्यम से घोषित किए अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक अगली सूचना तक मुंबई में सभी कार्य दिवसों पर दैनिक परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी आयोजित करेगा, जिनका प्रत्यावर्तन अगले कार्य दिवस पर होगा।
दिनांक 15 जनवरी 2025 की प्रेस प्रकाशनी 2024-2025/1933 के माध्यम से घोषित किए अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक अगली सूचना तक मुंबई में सभी कार्य दिवसों पर दैनिक परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी आयोजित करेगा, जिनका प्रत्यावर्तन अगले कार्य दिवस पर होगा।
अवधि1-दिवसीयअधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 2,25,000प्राप्त बोलियों की कुल राशि (₹ करोड़ में)2,01,310आबंटित राशि (₹ करोड़ में)2,01,310कट ऑफ दर (%)6.26
अवधि1-दिवसीयअधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 2,25,000प्राप्त बोलियों की कुल राशि (₹ करोड़ में)2,01,310आबंटित राशि (₹ करोड़ में)2,01,310कट ऑफ दर (%)6.26
दिनांक 15 जनवरी 2025 की प्रेस प्रकाशनी 2024-2025/1933 के माध्यम से घोषित किए अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक अगली सूचना तक मुंबई में सभी कार्य दिवसों पर दैनिक परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी आयोजित करेगा, जिनका प्रत्यावर्तन अगले कार्य दिवस पर होगा।
दिनांक 15 जनवरी 2025 की प्रेस प्रकाशनी 2024-2025/1933 के माध्यम से घोषित किए अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक अगली सूचना तक मुंबई में सभी कार्य दिवसों पर दैनिक परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी आयोजित करेगा, जिनका प्रत्यावर्तन अगले कार्य दिवस पर होगा।
अवधि 56-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 50,000 प्राप्त बोलियों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 1,08,702 आबंटित राशि (₹ करोड़ में) 50,010 कट ऑफ दर (%) 6.31 भारित औसत दर (%) 6.35 कट ऑफ दर पर प्राप्त बोलियों के आंशिक स्वीकृति का प्रतिशत 89.08
अवधि 56-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 50,000 प्राप्त बोलियों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 1,08,702 आबंटित राशि (₹ करोड़ में) 50,010 कट ऑफ दर (%) 6.31 भारित औसत दर (%) 6.35 कट ऑफ दर पर प्राप्त बोलियों के आंशिक स्वीकृति का प्रतिशत 89.08
अवधि 3-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 1,50,000 प्राप्त बोलियों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 1,33,013 आबंटित राशि (₹ करोड़ में) 1,33,013
अवधि 3-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 1,50,000 प्राप्त बोलियों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 1,33,013 आबंटित राशि (₹ करोड़ में) 1,33,013
यह वक्तव्य (i) वित्तीय बाज़ारों; (ii) साइबर सुरक्षा; और (iii) भुगतान प्रणालियों से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीतिगत उपायों को निर्धारित करता है। I. वित्तीय बाज़ार 1. सरकारी प्रतिभूतियों में वायदा संविदाओं की शुरुआत पिछले कतिपय वर्षों में, भारतीय रिज़र्व बैंक, बाजार सहभागियों को उनके ब्याज दर जोखिमों का प्रबंधन करने के लिए उपलब्ध ब्याज दर डेरिवेटिव (व्युत्पन्न) उत्पादों के समूह का विस्तार कर रहा है। ब्याज दर स्वैप के अलावा, ब्याज दर ऑप्शन, ब्याज दर फ्यूचर्स, ब्याज दर स्वैप्शन, वायदा दर करार आदि जैसे उत्पाद बाजार सहभागियों के लिए उपलब्ध हैं। हमें बाजार के अधिक विकास को सक्षम करने के लिए सरकारी प्रतिभूतियों में वायदा संविदाओं की अनुमति देने की आवश्यकता के बारे में प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई हैं।
यह वक्तव्य (i) वित्तीय बाज़ारों; (ii) साइबर सुरक्षा; और (iii) भुगतान प्रणालियों से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीतिगत उपायों को निर्धारित करता है। I. वित्तीय बाज़ार 1. सरकारी प्रतिभूतियों में वायदा संविदाओं की शुरुआत पिछले कतिपय वर्षों में, भारतीय रिज़र्व बैंक, बाजार सहभागियों को उनके ब्याज दर जोखिमों का प्रबंधन करने के लिए उपलब्ध ब्याज दर डेरिवेटिव (व्युत्पन्न) उत्पादों के समूह का विस्तार कर रहा है। ब्याज दर स्वैप के अलावा, ब्याज दर ऑप्शन, ब्याज दर फ्यूचर्स, ब्याज दर स्वैप्शन, वायदा दर करार आदि जैसे उत्पाद बाजार सहभागियों के लिए उपलब्ध हैं। हमें बाजार के अधिक विकास को सक्षम करने के लिए सरकारी प्रतिभूतियों में वायदा संविदाओं की अनुमति देने की आवश्यकता के बारे में प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई हैं।
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक इस महीने की 5, 6 और 7 तारीख को संपन्न हुई। आपको यह विदित हैं कि एमपीसी की बैठक के पश्चात गवर्नर के वक्तव्य में न केवल नीतिगत दर और रुख के संबंध में एमपीसी का संकल्प शामिल होता है, बल्कि अन्य घोषणाएं और उपाय भी शामिल होते हैं, जिनका मौद्रिक और विनियामक नीतियों पर असर पड़ता है। एमपीसी का संकल्प निश्चित रूप से विभिन्न क्षेत्रों के लोगों की रुचि का विषय है, क्योंकि यह देश के लगभग सभी नागरिकों के जीवन को प्रभावित करता है। यह संकल्प एमपीसी के औचित्य और विचार प्रक्रिया को भी परिलक्षित करता है, और यह व्यवसायों, अर्थशास्त्रियों, शिक्षाविदों और वित्त जगत के लिए प्रासंगिक होता है। एमपीसी से संबंधित इन घोषणाओं के अलावा, गवर्नर का वक्तव्य रिज़र्व बैंक के लिए अपनी प्राथमिकताओं को उजागर करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बन गया है, जिस पर वह चाहता है कि विनियमित संस्थाएं अपना ध्यान केंद्रित करें। यह हितधारकों के लिए समस्या और चुनौतियों के क्षेत्रों को इंगित करने का अवसर है, जिस पर वे अपना ध्यान केंद्रित कर सकें। यह रिज़र्व बैंक के लिए महत्वपूर्ण रुचिकर क्षेत्रों पर अपने विचार व्यक्त करने का अवसर है। मैं विस्तृत वक्तव्य की इस प्रथा को जारी रखूँगा।
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक इस महीने की 5, 6 और 7 तारीख को संपन्न हुई। आपको यह विदित हैं कि एमपीसी की बैठक के पश्चात गवर्नर के वक्तव्य में न केवल नीतिगत दर और रुख के संबंध में एमपीसी का संकल्प शामिल होता है, बल्कि अन्य घोषणाएं और उपाय भी शामिल होते हैं, जिनका मौद्रिक और विनियामक नीतियों पर असर पड़ता है। एमपीसी का संकल्प निश्चित रूप से विभिन्न क्षेत्रों के लोगों की रुचि का विषय है, क्योंकि यह देश के लगभग सभी नागरिकों के जीवन को प्रभावित करता है। यह संकल्प एमपीसी के औचित्य और विचार प्रक्रिया को भी परिलक्षित करता है, और यह व्यवसायों, अर्थशास्त्रियों, शिक्षाविदों और वित्त जगत के लिए प्रासंगिक होता है। एमपीसी से संबंधित इन घोषणाओं के अलावा, गवर्नर का वक्तव्य रिज़र्व बैंक के लिए अपनी प्राथमिकताओं को उजागर करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बन गया है, जिस पर वह चाहता है कि विनियमित संस्थाएं अपना ध्यान केंद्रित करें। यह हितधारकों के लिए समस्या और चुनौतियों के क्षेत्रों को इंगित करने का अवसर है, जिस पर वे अपना ध्यान केंद्रित कर सकें। यह रिज़र्व बैंक के लिए महत्वपूर्ण रुचिकर क्षेत्रों पर अपने विचार व्यक्त करने का अवसर है। मैं विस्तृत वक्तव्य की इस प्रथा को जारी रखूँगा।
मौद्रिक नीति निर्णय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 53वीं बैठक 5 से 7 फरवरी 2025 तक श्री संजय मल्होत्रा, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक की अध्यक्षता में आयोजित की गई। एमपीसी के सदस्य डॉ. नागेश कुमार, श्री सौगत भट्टाचार्य, प्रो. राम सिंह, डॉ. राजीव रंजन और श्री एम. राजेश्वर राव बैठक में शामिल हुए। वर्तमान और उभरती समष्टि-आर्थिक स्थिति के आकलन के पश्चात, एमपीसी ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि: • चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत नीतिगत रेपो दर को तत्काल प्रभाव से 25 आधार अंक घटाकर 6.25 प्रतिशत किया जाए; परिणामस्वरूप, स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) दर 6.00 प्रतिशत तथा सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 6.50 प्रतिशत समायोजित हो जाएगी;
मौद्रिक नीति निर्णय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 53वीं बैठक 5 से 7 फरवरी 2025 तक श्री संजय मल्होत्रा, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक की अध्यक्षता में आयोजित की गई। एमपीसी के सदस्य डॉ. नागेश कुमार, श्री सौगत भट्टाचार्य, प्रो. राम सिंह, डॉ. राजीव रंजन और श्री एम. राजेश्वर राव बैठक में शामिल हुए। वर्तमान और उभरती समष्टि-आर्थिक स्थिति के आकलन के पश्चात, एमपीसी ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि: • चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत नीतिगत रेपो दर को तत्काल प्रभाव से 25 आधार अंक घटाकर 6.25 प्रतिशत किया जाए; परिणामस्वरूप, स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) दर 6.00 प्रतिशत तथा सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 6.50 प्रतिशत समायोजित हो जाएगी;
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: मई 30, 2025