Press Releases - Monetary Policy - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 12 अप्रैल 2024 को समाप्त सप्ताह के लिए आरक्षित मुद्रा और 5 अप्रैल 2024 को समाप्त पखवाड़े के लिए मुद्रा आपूर्ति पर आंकड़े आज जारी किए। (अजीत प्रसाद) उप महाप्रबन्धक (संचार) प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/125
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 12 अप्रैल 2024 को समाप्त सप्ताह के लिए आरक्षित मुद्रा और 5 अप्रैल 2024 को समाप्त पखवाड़े के लिए मुद्रा आपूर्ति पर आंकड़े आज जारी किए। (अजीत प्रसाद) उप महाप्रबन्धक (संचार) प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/125
अवधि 1-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 75,000 प्राप्त प्रस्तावों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 1,03,930 स्वीकृत राशि (₹ करोड़ में) 75,027 कट ऑफ दर (%) 6.49 भारित औसत दर (%) 6.49 कट ऑफ दर पर प्राप्त प्रस्तावों के आंशिक स्वीकृति का प्रतिशत 69.34 अजीत प्रसाद उप महाप्रबंधक (संचार) प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/120
अवधि 1-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 75,000 प्राप्त प्रस्तावों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 1,03,930 स्वीकृत राशि (₹ करोड़ में) 75,027 कट ऑफ दर (%) 6.49 भारित औसत दर (%) 6.49 कट ऑफ दर पर प्राप्त प्रस्तावों के आंशिक स्वीकृति का प्रतिशत 69.34 अजीत प्रसाद उप महाप्रबंधक (संचार) प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/120
वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों की समीक्षा के बाद, 18 अप्रैल 2024, गुरुवार को निम्नानुसार परिवर्ती दर प्रतिवर्ती रेपो (वीआरआरआर) नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है: क्रम संख्या अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) अवधि (दिन) समयावधि प्रत्यावर्तन की तारीख 1 75,000 1 पूर्वाह्न 11:00 बजे से पूर्वाह्न 11:30 बजे 19 अप्रैल 2024 (शुक्रवार)
वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों की समीक्षा के बाद, 18 अप्रैल 2024, गुरुवार को निम्नानुसार परिवर्ती दर प्रतिवर्ती रेपो (वीआरआरआर) नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है: क्रम संख्या अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) अवधि (दिन) समयावधि प्रत्यावर्तन की तारीख 1 75,000 1 पूर्वाह्न 11:00 बजे से पूर्वाह्न 11:30 बजे 19 अप्रैल 2024 (शुक्रवार)
अवधि 2-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 50,000 प्राप्त प्रस्तावों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 32,576 स्वीकृत राशि (₹ करोड़ में) 32,576 कट ऑफ दर (%) 6.49 भारित औसत दर (%) 6.49 कट ऑफ दर पर प्राप्त प्रस्तावों के आंशिक स्वीकृति का प्रतिशत लागू नहीं
अवधि 2-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 50,000 प्राप्त प्रस्तावों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 32,576 स्वीकृत राशि (₹ करोड़ में) 32,576 कट ऑफ दर (%) 6.49 भारित औसत दर (%) 6.49 कट ऑफ दर पर प्राप्त प्रस्तावों के आंशिक स्वीकृति का प्रतिशत लागू नहीं
वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों की समीक्षा के बाद, 16 अप्रैल 2024, शुक्रवार को निम्नानुसार परिवर्ती दर प्रतिवर्ती रेपो (वीआरआरआर) नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है: क्रम संख्या अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) अवधि (दिन) समयावधि प्रत्यावर्तन की तारीख 1 50,000 2 अपराह्न 12:30 बजे से अपराह्न 1:00 बजे 18 अप्रैल 2024 (गुरुवार) 2. भारतीय रिज़र्व बैंक की दिनांक 13 फरवरी 2020 की प्रेस प्रकाशनी 2019-20/1947 में दिए गए नीलामी के लिए परिचालन संबंधी दिशानिर्देश यथावत् रहेंगे।
वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों की समीक्षा के बाद, 16 अप्रैल 2024, शुक्रवार को निम्नानुसार परिवर्ती दर प्रतिवर्ती रेपो (वीआरआरआर) नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है: क्रम संख्या अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) अवधि (दिन) समयावधि प्रत्यावर्तन की तारीख 1 50,000 2 अपराह्न 12:30 बजे से अपराह्न 1:00 बजे 18 अप्रैल 2024 (गुरुवार) 2. भारतीय रिज़र्व बैंक की दिनांक 13 फरवरी 2020 की प्रेस प्रकाशनी 2019-20/1947 में दिए गए नीलामी के लिए परिचालन संबंधी दिशानिर्देश यथावत् रहेंगे।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 5 अप्रैल 2024 को समाप्त सप्ताह के लिए आरक्षित मुद्रा पर आंकड़े आज जारी किए। अजीत प्रसाद निदेशक (संचार)
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 5 अप्रैल 2024 को समाप्त सप्ताह के लिए आरक्षित मुद्रा पर आंकड़े आज जारी किए। अजीत प्रसाद निदेशक (संचार)
5 अप्रैल 2024 को आयोजित 14-दिवसीय परिवर्ती दर प्रतिवर्ती रेपो (वीआरआरआर) नीलामी का परिणाम अवधि 14-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹करोड़ में)
5 अप्रैल 2024 को आयोजित 14-दिवसीय परिवर्ती दर प्रतिवर्ती रेपो (वीआरआरआर) नीलामी का परिणाम अवधि 14-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹करोड़ में)
यह वक्तव्य (i) वित्तीय बाज़ार; (ii) विनियमन; तथा (iii) भुगतान प्रणाली और फिनटेक से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीतिगत उपाय निर्धारित करता है।
यह वक्तव्य (i) वित्तीय बाज़ार; (ii) विनियमन; तथा (iii) भुगतान प्रणाली और फिनटेक से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीतिगत उपाय निर्धारित करता है।
On the basis of an assessment of the current and evolving macroeconomic situation, the Monetary Policy Committee (MPC) at its meeting today (April 5, 2024) decided to: Keep the policy repo rate under the liquidity adjustment facility (LAF) unchanged at 6.50 per cent.
Consequently, the standing deposit facility (SDF) rate remains unchanged at 6.25 per cent and the marginal standing facility (MSF) rate and the Bank Rate at 6.75 per cent.
On the basis of an assessment of the current and evolving macroeconomic situation, the Monetary Policy Committee (MPC) at its meeting today (April 5, 2024) decided to: Keep the policy repo rate under the liquidity adjustment facility (LAF) unchanged at 6.50 per cent.
Consequently, the standing deposit facility (SDF) rate remains unchanged at 6.25 per cent and the marginal standing facility (MSF) rate and the Bank Rate at 6.75 per cent.
इस सप्ताह की शुरुआत में 1 अप्रैल को, हमने भारतीय रिज़र्व बैंक का 90 वां स्मरणोत्सव मनाया। इस प्रतिष्ठित संस्थान की यात्रा का भारतीय अर्थव्यवस्था के उद्भव से गहरा संबंध है। इन नौ दशकों के दौरान कई ऐतिहासिक घटनाएँ घटीं: रिज़र्व बैंक का राष्ट्रीयकरण (1949), योजना युग, बैंक राष्ट्रीयकरण, युद्ध, सूखा, ब्रेटन वुड्स प्रणाली का पतन, तेल के झटके, भुगतान संतुलन की अनिश्चित स्थिति और उसके बाद के बाजार सुधार, एशियाई और वैश्विक वित्तीय संकट , टेपर टैंट्रम और अंततः कोविड-19 महामारी और हाल के वर्षों की भू-राजनीतिक शत्रुताएँ। इस यात्रा के दौरान, भारतीय वित्तीय प्रणाली और अर्थव्यवस्था को स्थिरता की ओर ले जाने में, अपनी विकासात्मक और विनियामक भूमिकाओं को मिलाकर, रिज़र्व बैंक हमेशा सबसे आगे रहा। ऐसा करते हुए इसने अपनी जिम्मेदारियों का ईमानदारी और व्यावसायिकता के साथ निर्वहन किया है।
इस सप्ताह की शुरुआत में 1 अप्रैल को, हमने भारतीय रिज़र्व बैंक का 90 वां स्मरणोत्सव मनाया। इस प्रतिष्ठित संस्थान की यात्रा का भारतीय अर्थव्यवस्था के उद्भव से गहरा संबंध है। इन नौ दशकों के दौरान कई ऐतिहासिक घटनाएँ घटीं: रिज़र्व बैंक का राष्ट्रीयकरण (1949), योजना युग, बैंक राष्ट्रीयकरण, युद्ध, सूखा, ब्रेटन वुड्स प्रणाली का पतन, तेल के झटके, भुगतान संतुलन की अनिश्चित स्थिति और उसके बाद के बाजार सुधार, एशियाई और वैश्विक वित्तीय संकट , टेपर टैंट्रम और अंततः कोविड-19 महामारी और हाल के वर्षों की भू-राजनीतिक शत्रुताएँ। इस यात्रा के दौरान, भारतीय वित्तीय प्रणाली और अर्थव्यवस्था को स्थिरता की ओर ले जाने में, अपनी विकासात्मक और विनियामक भूमिकाओं को मिलाकर, रिज़र्व बैंक हमेशा सबसे आगे रहा। ऐसा करते हुए इसने अपनी जिम्मेदारियों का ईमानदारी और व्यावसायिकता के साथ निर्वहन किया है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 21, 2024