Press Releases - Monetary Policy - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों की समीक्षा के बाद, 18 जून 2024, मंगलवार को निम्नानुसार परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है: क्रम संख्या अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) अवधि (दिन) समयावधि प्रत्यावर्तन की तारीख 1 1,00,000 3 पूर्वाह्न 11:15 बजे से पूर्वाह्न 11:45 बजे 21 जून 2024 (शुक्रवार) 2. भारतीय रिज़र्व बैंक की दिनांक 20 जनवरी 2022 की प्रेस प्रकाशनी 2021-2022/1572 में दिए गए नीलामी के लिए परिचालन संबंधी दिशानिर्देश यथावत् रहेंगे।
वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों की समीक्षा के बाद, 18 जून 2024, मंगलवार को निम्नानुसार परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है: क्रम संख्या अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) अवधि (दिन) समयावधि प्रत्यावर्तन की तारीख 1 1,00,000 3 पूर्वाह्न 11:15 बजे से पूर्वाह्न 11:45 बजे 21 जून 2024 (शुक्रवार) 2. भारतीय रिज़र्व बैंक की दिनांक 20 जनवरी 2022 की प्रेस प्रकाशनी 2021-2022/1572 में दिए गए नीलामी के लिए परिचालन संबंधी दिशानिर्देश यथावत् रहेंगे।
अवधि 14-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 75,000 प्राप्त बोलियों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 1,35,514 आबंटित राशि (₹ करोड़ में) 75,001 कट ऑफ दर (%) 6.59 भारित औसत दर (%)
अवधि 14-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 75,000 प्राप्त बोलियों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 1,35,514 आबंटित राशि (₹ करोड़ में) 75,001 कट ऑफ दर (%) 6.59 भारित औसत दर (%)
वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों की समीक्षा के बाद, 14 जून 2024, शुक्रवार को निम्नानुसार परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है:
वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों की समीक्षा के बाद, 14 जून 2024, शुक्रवार को निम्नानुसार परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है:
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 7 जून 2024 को समाप्त सप्ताह के लिए आरक्षित मुद्रा और 31 मई 2024 को समाप्त पखवाड़े के लिए मुद्रा आपूर्ति पर आंकड़े आज जारी किए।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 7 जून 2024 को समाप्त सप्ताह के लिए आरक्षित मुद्रा और 31 मई 2024 को समाप्त पखवाड़े के लिए मुद्रा आपूर्ति पर आंकड़े आज जारी किए।
यह वक्तव्य (i) विनियमन; तथा (ii) भुगतान प्रणाली और फिनटेक से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीतिगत उपाय निर्धारित करता है। I. विनियमन 1. अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (आरआरबी को छोड़कर), लघु वित्त बैंकों और स्थानीय क्षेत्र बैंकों के लिए थोक जमाराशि की सीमा की समीक्षा बैंकों के पास अपनी आवश्यकताओं और आस्ति-देयता प्रबंधन (एएलएम) पूर्वानुमानों के अनुसार थोक जमाराशियों पर विभेदक ब्याज दर प्रदान करने का विवेकाधिकार होता है। अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) और लघु वित्त बैंकों (एसएफ़बी) के लिए वर्ष 2019 में थोक जमाराशि सीमा को ‘₹2 करोड़ और उससे अधिक की एकल रुपया मीयादी जमाराशि’ के रूप में बढ़ाया गया था। समीक्षा करने पर, एससीबी (आरआरबी को छोड़कर) और एसएफ़बी के लिए थोक जमाराशि की परिभाषा को ‘₹3 करोड़ और उससे अधिक की एकल रुपया मियादी जमाराशि’ के रूप में संशोधित करने का प्रस्ताव है। इसके अलावा, स्थानीय क्षेत्र बैंकों के लिए थोक जमाराशि सीमा को आरआरबी के मामले में लागू ‘₹1 करोड़ और उससे अधिक की एकल रुपया मियादी जमाराशि’ के रूप में परिभाषित करने का भी प्रस्ताव है। आवश्यक दिशानिर्देश शीघ्र ही जारी किए जाएंगे।
यह वक्तव्य (i) विनियमन; तथा (ii) भुगतान प्रणाली और फिनटेक से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीतिगत उपाय निर्धारित करता है। I. विनियमन 1. अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (आरआरबी को छोड़कर), लघु वित्त बैंकों और स्थानीय क्षेत्र बैंकों के लिए थोक जमाराशि की सीमा की समीक्षा बैंकों के पास अपनी आवश्यकताओं और आस्ति-देयता प्रबंधन (एएलएम) पूर्वानुमानों के अनुसार थोक जमाराशियों पर विभेदक ब्याज दर प्रदान करने का विवेकाधिकार होता है। अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) और लघु वित्त बैंकों (एसएफ़बी) के लिए वर्ष 2019 में थोक जमाराशि सीमा को ‘₹2 करोड़ और उससे अधिक की एकल रुपया मीयादी जमाराशि’ के रूप में बढ़ाया गया था। समीक्षा करने पर, एससीबी (आरआरबी को छोड़कर) और एसएफ़बी के लिए थोक जमाराशि की परिभाषा को ‘₹3 करोड़ और उससे अधिक की एकल रुपया मियादी जमाराशि’ के रूप में संशोधित करने का प्रस्ताव है। इसके अलावा, स्थानीय क्षेत्र बैंकों के लिए थोक जमाराशि सीमा को आरआरबी के मामले में लागू ‘₹1 करोड़ और उससे अधिक की एकल रुपया मियादी जमाराशि’ के रूप में परिभाषित करने का भी प्रस्ताव है। आवश्यक दिशानिर्देश शीघ्र ही जारी किए जाएंगे।
वर्तमान और उभरती समष्टि-आर्थिक स्थिति के आकलन के आधार पर, मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (7 जून 2024) अपनी बैठक में यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत नीतिगत रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर यथावत् रखा जाए। परिणामस्वरूप, स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) दर 6.25 प्रतिशत तथा सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 6.75 प्रतिशत पर यथावत् बनी हुई है। एमपीसी ने निभाव को वापस लेने पर ध्यान केंद्रित रखने का भी निर्णय लिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मुद्रास्फीति उतरोत्तर संवृद्धि को समर्थन प्रदान करते हुए लक्ष्य के साथ संरेखित हो। ये निर्णय, संवृद्धि को समर्थन प्रदान करते हुए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति को +/- 2 प्रतिशत के दायरे में रखते हुए 4 प्रतिशत का मध्यावधि लक्ष्य प्राप्त करने के अनुरूप है।
वर्तमान और उभरती समष्टि-आर्थिक स्थिति के आकलन के आधार पर, मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (7 जून 2024) अपनी बैठक में यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत नीतिगत रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर यथावत् रखा जाए। परिणामस्वरूप, स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) दर 6.25 प्रतिशत तथा सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 6.75 प्रतिशत पर यथावत् बनी हुई है। एमपीसी ने निभाव को वापस लेने पर ध्यान केंद्रित रखने का भी निर्णय लिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मुद्रास्फीति उतरोत्तर संवृद्धि को समर्थन प्रदान करते हुए लक्ष्य के साथ संरेखित हो। ये निर्णय, संवृद्धि को समर्थन प्रदान करते हुए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति को +/- 2 प्रतिशत के दायरे में रखते हुए 4 प्रतिशत का मध्यावधि लक्ष्य प्राप्त करने के अनुरूप है।
हाल के वर्षों में, दुनिया एक के बाद एक संकटों से गुज़री है; और यह सिलसिला जारी है। इस पृष्ठभूमि के बावजूद, भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्तीय स्थिरता और सकारात्मक संवृद्धि की गति के साथ, मजबूत बुनियादी ढांचे प्रदर्शित करती है। फिर भी, हमें इस अस्थिर वैश्विक माहौल में सतर्क रहने की आवश्यकता है। तकनीकी प्रगति; आपूर्ति शृंखला पुनर्गठन, व्यापार और वित्तीय विखंडन; तथा जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न नई वास्तविकताएं, अवसरों के साथ-साथ चुनौतियां भी प्रस्तुत करती हैं। इस परिस्थिति में, भारत अनुकूल जनसांख्यिकी[1], बेहतर उत्पादकता और प्रौद्योगिकी तथा अनुकूल नीतिगत माहौल की सहायता से परिवर्तन के एक नए युग की शुरुआत करने के लिए तैयार है। इन कारकों का संगम आने वाले वर्षों में भारत में सतत उच्च संवृद्धि की संभावनाओं को उजागर करता है।[2]
हाल के वर्षों में, दुनिया एक के बाद एक संकटों से गुज़री है; और यह सिलसिला जारी है। इस पृष्ठभूमि के बावजूद, भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्तीय स्थिरता और सकारात्मक संवृद्धि की गति के साथ, मजबूत बुनियादी ढांचे प्रदर्शित करती है। फिर भी, हमें इस अस्थिर वैश्विक माहौल में सतर्क रहने की आवश्यकता है। तकनीकी प्रगति; आपूर्ति शृंखला पुनर्गठन, व्यापार और वित्तीय विखंडन; तथा जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न नई वास्तविकताएं, अवसरों के साथ-साथ चुनौतियां भी प्रस्तुत करती हैं। इस परिस्थिति में, भारत अनुकूल जनसांख्यिकी[1], बेहतर उत्पादकता और प्रौद्योगिकी तथा अनुकूल नीतिगत माहौल की सहायता से परिवर्तन के एक नए युग की शुरुआत करने के लिए तैयार है। इन कारकों का संगम आने वाले वर्षों में भारत में सतत उच्च संवृद्धि की संभावनाओं को उजागर करता है।[2]
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 31 मई 2024 को समाप्त सप्ताह के लिए आरक्षित मुद्रा पर आंकड़े आज जारी किए।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 31 मई 2024 को समाप्त सप्ताह के लिए आरक्षित मुद्रा पर आंकड़े आज जारी किए।
अवधि 3-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 50,000 प्राप्त प्रस्तावों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 2,700 स्वीकृत राशि (₹ करोड़ में) 2,700 कट ऑफ दर (%) 6.49 भारित औसत दर (%) 6.49 कट ऑफ दर पर प्राप्त प्रस्तावों के आंशिक स्वीकृति का प्रतिशत लागू नहीं
अवधि 3-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 50,000 प्राप्त प्रस्तावों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 2,700 स्वीकृत राशि (₹ करोड़ में) 2,700 कट ऑफ दर (%) 6.49 भारित औसत दर (%) 6.49 कट ऑफ दर पर प्राप्त प्रस्तावों के आंशिक स्वीकृति का प्रतिशत लागू नहीं
वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों की समीक्षा के बाद, 4 जून 2024, मंगलवार को निम्नानुसार परिवर्ती दर प्रतिवर्ती रेपो (वीआरआरआर) नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है
वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों की समीक्षा के बाद, 4 जून 2024, मंगलवार को निम्नानुसार परिवर्ती दर प्रतिवर्ती रेपो (वीआरआरआर) नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: नवंबर 23, 2022