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अप्रैल 29, 2024
मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (इलेक्‍ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्‍लेटफार्म) निदेश, 2024 – मसौदा

भारतीय रिज़र्व बैंक वित्‍तीय बाजार विनियमन विभाग 9वीं मंजिल, केन्‍द्रीय कार्यालय (मुख्‍य भवन), फोर्ट मुम्‍बई 400 001 मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (इलेक्‍ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्‍लेटफार्म) निदेश, 2024 – मसौदा भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (इसके बाद इसे ‘अधिनियम’ कहा गया है) की धारा 

भारतीय रिज़र्व बैंक वित्‍तीय बाजार विनियमन विभाग 9वीं मंजिल, केन्‍द्रीय कार्यालय (मुख्‍य भवन), फोर्ट मुम्‍बई 400 001 मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (इलेक्‍ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्‍लेटफार्म) निदेश, 2024 – मसौदा भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (इसके बाद इसे ‘अधिनियम’ कहा गया है) की धारा 

अप्रैल 16, 2024
भुगतान एग्रीगेटरों (पीए) का विनियमन – मसौदा

टिप्पणियों के लिए मसौदा परिपत्र सीओ.डीपीएसएस.पीओएलसी.सं.एस-*** / 02-14-008 / 2024-25 जारी करने की तिथि सभी भुगतान प्रणाली प्रदाता और भुगतान प्रणाली प्रतिभागी महोदया / प्रिय महोदय, भुगतान एग्रीगेटरों (पीए) का विनियमन – मसौदा कृपया भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के दिनांक 17 मार्च 2020 के परिपत्र डीपीएसएस.सीओ.पीडी.सं.1810 / 02.14.008 / 2019-20, दिनांक 31 मार्च 2021 को “भुगतान एग्रीगेटर और भुगतान गेटवे के विनियमन पर दिशानिर्देश” पर परिपत्र सीओ.डीपीएसएस.पीओएलसी.सं.एस 33 / 02-14-008 / 2020-2021 और दिनांक 28 जुलाई 2022 को “भुगतान एग्रीगेटर का विनियमन - प्राधिकरण के लिए आवेदन जमा करने की समय सीमा – समीक्षा” पर के परिपत्र सीओ.डीपीएसएस.पीओएलसी.सं.एस-761 / 02-14-008 / 2022-23 की ओर आपका ध्यान आमंत्रित किया जाता है। भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र में भुगतान एग्रीगेटर्स (पीए) के महत्व को ध्यान में रखते हुए, इन परिपत्रों में, अन्य बातों के साथ-साथ, आरबीआई द्वारा ऑनलाइन बिक्री के केंद्र पर भुगतान की सुविधा प्रदान करने वाले पीए के प्रत्यक्ष विनियमन और प्राधिकरण का प्रावधान किया गया है।

टिप्पणियों के लिए मसौदा परिपत्र सीओ.डीपीएसएस.पीओएलसी.सं.एस-*** / 02-14-008 / 2024-25 जारी करने की तिथि सभी भुगतान प्रणाली प्रदाता और भुगतान प्रणाली प्रतिभागी महोदया / प्रिय महोदय, भुगतान एग्रीगेटरों (पीए) का विनियमन – मसौदा कृपया भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के दिनांक 17 मार्च 2020 के परिपत्र डीपीएसएस.सीओ.पीडी.सं.1810 / 02.14.008 / 2019-20, दिनांक 31 मार्च 2021 को “भुगतान एग्रीगेटर और भुगतान गेटवे के विनियमन पर दिशानिर्देश” पर परिपत्र सीओ.डीपीएसएस.पीओएलसी.सं.एस 33 / 02-14-008 / 2020-2021 और दिनांक 28 जुलाई 2022 को “भुगतान एग्रीगेटर का विनियमन - प्राधिकरण के लिए आवेदन जमा करने की समय सीमा – समीक्षा” पर के परिपत्र सीओ.डीपीएसएस.पीओएलसी.सं.एस-761 / 02-14-008 / 2022-23 की ओर आपका ध्यान आमंत्रित किया जाता है। भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र में भुगतान एग्रीगेटर्स (पीए) के महत्व को ध्यान में रखते हुए, इन परिपत्रों में, अन्य बातों के साथ-साथ, आरबीआई द्वारा ऑनलाइन बिक्री के केंद्र पर भुगतान की सुविधा प्रदान करने वाले पीए के प्रत्यक्ष विनियमन और प्राधिकरण का प्रावधान किया गया है।

अप्रैल 16, 2024
भुगतान एग्रीगेटर्स का विनियमन – बिक्री का भौतिक बिंदु - मसौदा

टिप्पणियों के लिए मसौदा परिपत्र सीओ.डीपीएसएस.पीओएलसी.सं.एस-*** / 02-14-008 / 2023-24 जारी करने की तिथि सभी भुगतान प्रणाली प्रदाता और भुगतान प्रणाली प्रतिभागी महोदया / प्रिय महोदय, भुगतान एग्रीगेटर्स का विनियमन – बिक्री का भौतिक बिंदु - मसौदा कृपया भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के “भुगतान एग्रीगेटर्स और भुगतान गेटवे के विनियमन पर दिशानिर्देश” पर दिनांक 17 मार्च, 2020 के डीपीएसएस.सीओ.पीडी.सं.1810/02.14.008/2019-20 और दिनांक 31 मार्च, 2021 के सीओ.डीपीएसएस.पीओएलसी.सं.एस 33/02-14-008/2020-2021 परिपत्रों और “भुगतान एग्रीगेटर्स का विनियमन – प्राधिकरण के लिए आवेदन जमा करने की समयसीमा – समीक्षा पर दिनांक 28 जुलाई, 2022 के परिपत्र सीओ.डीपीएसएस.पीओएलसी.सं.एस -761/02-14-008/2022-23 का संदर्भ लें। भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र में भुगतान एग्रीगेटर्स (पीए) के महत्व को ध्यान में रखते हुए, इन परिपत्रों में, अन्य बातों के साथ-साथ, आरबीआई द्वारा ऑनलाइन/ई-कॉमर्स भुगतान लेनदेन की सुविधा प्रदान करने वाले पीए के प्रत्यक्ष विनियमन और प्राधिकरण का प्रावधान किया गया है।

टिप्पणियों के लिए मसौदा परिपत्र सीओ.डीपीएसएस.पीओएलसी.सं.एस-*** / 02-14-008 / 2023-24 जारी करने की तिथि सभी भुगतान प्रणाली प्रदाता और भुगतान प्रणाली प्रतिभागी महोदया / प्रिय महोदय, भुगतान एग्रीगेटर्स का विनियमन – बिक्री का भौतिक बिंदु - मसौदा कृपया भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के “भुगतान एग्रीगेटर्स और भुगतान गेटवे के विनियमन पर दिशानिर्देश” पर दिनांक 17 मार्च, 2020 के डीपीएसएस.सीओ.पीडी.सं.1810/02.14.008/2019-20 और दिनांक 31 मार्च, 2021 के सीओ.डीपीएसएस.पीओएलसी.सं.एस 33/02-14-008/2020-2021 परिपत्रों और “भुगतान एग्रीगेटर्स का विनियमन – प्राधिकरण के लिए आवेदन जमा करने की समयसीमा – समीक्षा पर दिनांक 28 जुलाई, 2022 के परिपत्र सीओ.डीपीएसएस.पीओएलसी.सं.एस -761/02-14-008/2022-23 का संदर्भ लें। भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र में भुगतान एग्रीगेटर्स (पीए) के महत्व को ध्यान में रखते हुए, इन परिपत्रों में, अन्य बातों के साथ-साथ, आरबीआई द्वारा ऑनलाइन/ई-कॉमर्स भुगतान लेनदेन की सुविधा प्रदान करने वाले पीए के प्रत्यक्ष विनियमन और प्राधिकरण का प्रावधान किया गया है।

फ़रवरी 28, 2024
जलवायु संबंधी वित्तीय जोखिमों पर मसौदा प्रकटीकरण ढांचा, 2024

आरबीआई/2023-24/ विवि.एसएफ़जी.आरईसी. /30.01.021/2023-24 28 फरवरी 2024 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (स्थानीय क्षेत्र बैंक, भुगतान बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) सभी टियर-IV प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक (यूसीबी) सभी अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान (अर्थात एक्जिम बैंक, नाबार्ड, एनएबीएफआईडी, एनएचबी और सिडबी) सभी शीर्ष और उच्च स्तर की गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी)

आरबीआई/2023-24/ विवि.एसएफ़जी.आरईसी. /30.01.021/2023-24 28 फरवरी 2024 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (स्थानीय क्षेत्र बैंक, भुगतान बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) सभी टियर-IV प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक (यूसीबी) सभी अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान (अर्थात एक्जिम बैंक, नाबार्ड, एनएबीएफआईडी, एनएचबी और सिडबी) सभी शीर्ष और उच्च स्तर की गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी)

जनवरी 15, 2024
Draft circular - “Credit/investment Concentration Norms – Government owned NBFCs”

Please refer to paragraph 91.7 of Master Direction – Reserve Bank of India (Non-Banking Financial Company – Scale Based Regulation) Directions, 2023 dated October 19, 2023 as per which Government owned NBFCs set up to serve specific sectors are permitted to approach the Reserve Bank for exemptions, if any, from credit/investment concentration norms. 

Please refer to paragraph 91.7 of Master Direction – Reserve Bank of India (Non-Banking Financial Company – Scale Based Regulation) Directions, 2023 dated October 19, 2023 as per which Government owned NBFCs set up to serve specific sectors are permitted to approach the Reserve Bank for exemptions, if any, from credit/investment concentration norms. 

जनवरी 15, 2024
Draft Framework for Self-Regulatory Organisation(s) in the FinTech Sector

Technological innovations are reshaping the financial services landscape, with FinTechs emerging as disruptors and facilitators. FinTechs encompass diverse entities in terms of constitution, size, activities, domains, etc., all subject to constant flux and evolution. FinTechs play a pivotal role in redefining financial services by saving time, enhancing access, and lowering costs. At the same time, the sector raises concerns relating to customer protection, data privacy, cyber security, grievance handling, internal governance, financial system integrity, and the like. While the innovation and dynamism of FinTechs needs to be harnessed, the emerging risks require to be appropriately managed. In such a context, approach to regulation should be imaginative, adaptive, flexible, and proportionate to the perceived risks. In particular, an effective regulatory approach should maintain the balance between maximising the creative potential of FinTechs, while minimising the idiosyncratic risks they pose to the financial system. 

Technological innovations are reshaping the financial services landscape, with FinTechs emerging as disruptors and facilitators. FinTechs encompass diverse entities in terms of constitution, size, activities, domains, etc., all subject to constant flux and evolution. FinTechs play a pivotal role in redefining financial services by saving time, enhancing access, and lowering costs. At the same time, the sector raises concerns relating to customer protection, data privacy, cyber security, grievance handling, internal governance, financial system integrity, and the like. While the innovation and dynamism of FinTechs needs to be harnessed, the emerging risks require to be appropriately managed. In such a context, approach to regulation should be imaginative, adaptive, flexible, and proportionate to the perceived risks. In particular, an effective regulatory approach should maintain the balance between maximising the creative potential of FinTechs, while minimising the idiosyncratic risks they pose to the financial system. 

जनवरी 15, 2024
एचएफसी के लिए विनियामक फ्रेमवर्क की समीक्षा और एचएफसी एवं एनबीएफसी पर लागू नियमों का सामंजस्य

कृपया हमारा परिपत्र वि.वि.गै.बैं.वि.क.(आ.वि.कं).कं.परि.सं.118/03.10.136/2020-21 दिनांक 22 अक्टूबर 2020 देखें, जिसे 17 जून, 2020 को सार्वजनिक डोमेन में रखे गए एचएफसी के लिए विनियामक ढांचे के मसौदे पर प्राप्त इनपुट की जांच के बाद जारी किया गया था।

कृपया हमारा परिपत्र वि.वि.गै.बैं.वि.क.(आ.वि.कं).कं.परि.सं.118/03.10.136/2020-21 दिनांक 22 अक्टूबर 2020 देखें, जिसे 17 जून, 2020 को सार्वजनिक डोमेन में रखे गए एचएफसी के लिए विनियामक ढांचे के मसौदे पर प्राप्त इनपुट की जांच के बाद जारी किया गया था।

जनवरी 02, 2024
Declaration of dividend by banks and remittance of profits to Head Office by foreign bank branches in India

Draft Circular for comments DOR.ACC.REC.No.##/21.02.067/2023-24 January 2, 2024 Madam/ Dear Sir, Declaration of dividend by banks and remittance of profits to Head Office by foreign bank branches in India The Reserve Bank has granted general permission to all scheduled commercial banks [excluding regional rural banks (RRBs)] to declare dividends vide circular reference DBOD.NO.BP.BC.88/21.02.067/2004-05 dated May 4, 2005 on ‘Declaration of dividends by banks’. Similarly, foreign banks operating in India in the branch mode are permitted to remit profits to their head office without prior approval from the Reserve Bank pursuant to circular reference DBOD.No.IBS.BC.46/16.13.100/2003-04 dated November 6, 2003.

Draft Circular for comments DOR.ACC.REC.No.##/21.02.067/2023-24 January 2, 2024 Madam/ Dear Sir, Declaration of dividend by banks and remittance of profits to Head Office by foreign bank branches in India The Reserve Bank has granted general permission to all scheduled commercial banks [excluding regional rural banks (RRBs)] to declare dividends vide circular reference DBOD.NO.BP.BC.88/21.02.067/2004-05 dated May 4, 2005 on ‘Declaration of dividends by banks’. Similarly, foreign banks operating in India in the branch mode are permitted to remit profits to their head office without prior approval from the Reserve Bank pursuant to circular reference DBOD.No.IBS.BC.46/16.13.100/2003-04 dated November 6, 2003.

दिसंबर 29, 2023
घरेलू प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण बैंकों (डी-एसआईबी) के निपटान से संबन्धित ढांचा

घरेलू प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण बैंकों (डी-एसआईबी) के निपटान से संबन्धित ढांचा (28 दिसंबर 2023 तक संशोधित[1]) परिचय कुछ बैंक, अपने आकार, अंतर-क्षेत्राधिकार गतिविधियों, जटिलता, प्रतिस्थापन क्षमता की कमी और परस्पर जुड़ाव के कारण, प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण हो जाते हैं। इन बैंकों की अव्यवस्थित विफलता से बैंकिंग प्रणाली को प्रदान की जाने वाली आवश्यक सेवाओं और परिणामस्वरूप, समग्र आर्थिक गतिविधि में महत्वपूर्ण व्यवधान उत्पन्न होने की संभावना है। इसलिए, वास्तविक अर्थव्यवस्था के लिए आवश्यक बैंकिंग सेवाओं की निर्बाध उपलब्धता के लिए प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण बैंकों (एसआईबी) का निरंतर कामकाज महत्वपूर्ण है।

घरेलू प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण बैंकों (डी-एसआईबी) के निपटान से संबन्धित ढांचा (28 दिसंबर 2023 तक संशोधित[1]) परिचय कुछ बैंक, अपने आकार, अंतर-क्षेत्राधिकार गतिविधियों, जटिलता, प्रतिस्थापन क्षमता की कमी और परस्पर जुड़ाव के कारण, प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण हो जाते हैं। इन बैंकों की अव्यवस्थित विफलता से बैंकिंग प्रणाली को प्रदान की जाने वाली आवश्यक सेवाओं और परिणामस्वरूप, समग्र आर्थिक गतिविधि में महत्वपूर्ण व्यवधान उत्पन्न होने की संभावना है। इसलिए, वास्तविक अर्थव्यवस्था के लिए आवश्यक बैंकिंग सेवाओं की निर्बाध उपलब्धता के लिए प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण बैंकों (एसआईबी) का निरंतर कामकाज महत्वपूर्ण है।

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: नवंबर 23, 2022

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