प्रेस प्रकाशनियां - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
भारतीय रिज़र्व बैंक ने द्वारकादास मंत्री नागरी सहकारी बैंक लिमिटेड, बीड, महाराष्ट्र को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 9 मार्च 2022 के निदेश DoS.CO.NSUCBs-West/D-4/S3706/12.07.005/2021-22 द्वारा समय-समय पर यथासंशोधित 9 सितंब
भारतीय रिज़र्व बैंक ने द्वारकादास मंत्री नागरी सहकारी बैंक लिमिटेड, बीड, महाराष्ट्र को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 9 मार्च 2022 के निदेश DoS.CO.NSUCBs-West/D-4/S3706/12.07.005/2021-22 द्वारा समय-समय पर यथासंशोधित 9 सितंब
निम्नलिखित सरकारी प्रतिभूतियों की अतिरिक्त प्रतिस्पर्धी हामीदारी (एसीयू) के लिए 8 दिसंबर 2023 को आयोजित हामीदारी नीलामियों में भारतीय रिज़र्व बैंक ने प्राथमिक व्यापारियों को देय हामीदारी कमीशन के लिए कट-ऑफ दर निम्नानुसार निर्धारित की हैं:
निम्नलिखित सरकारी प्रतिभूतियों की अतिरिक्त प्रतिस्पर्धी हामीदारी (एसीयू) के लिए 8 दिसंबर 2023 को आयोजित हामीदारी नीलामियों में भारतीय रिज़र्व बैंक ने प्राथमिक व्यापारियों को देय हामीदारी कमीशन के लिए कट-ऑफ दर निम्नानुसार निर्धारित की हैं:
8 दिसंबर 2023 मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2023-24 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 6–8 दिसंबर 2023 वर्तमान और उभरती समष्टिआर्थिक परिस्थिति का आकलन करने के आधार पर, मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (8 दिसंबर 2023) अपनी बैठक में यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत नीतिगत रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर यथावत् रखा जाए।
8 दिसंबर 2023 मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2023-24 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 6–8 दिसंबर 2023 वर्तमान और उभरती समष्टिआर्थिक परिस्थिति का आकलन करने के आधार पर, मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (8 दिसंबर 2023) अपनी बैठक में यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत नीतिगत रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर यथावत् रखा जाए।
यह वक्तव्य (i) वित्तीय बाज़ार (ii) विनियमन (iii) भुगतान प्रणाली और फिनटेक से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीतिगत उपाय निर्धारित करता है।
यह वक्तव्य (i) वित्तीय बाज़ार (ii) विनियमन (iii) भुगतान प्रणाली और फिनटेक से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीतिगत उपाय निर्धारित करता है।
जैसे ही 2023 समाप्त हो रहा है और एक नए वर्ष की शुरुआत हो रही है, लंबे समय से प्रतीक्षित सामान्यता अभी भी वैश्विक अर्थव्यवस्था से दूर है। 2020 से 2023 के वर्ष शायद इतिहास में 'महान अस्थिरता' की अवधि के रूप में दर्ज किए जाएंगे, जिसमें तात्कालिक बाद की घटनाओं में कई ब्लैक स्वान घटनाएं शामिल होंगी। वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी के संकेत दिख रहे हैं, हालांकि विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों और सेक्टरों में यह असमान है। एक समूह के रूप में उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाएं (ईएमई) पिछले प्रकरणों के विपरीत, अस्थिरता के मौजूदा दौर में आघात-सहनीय बनी हुई हैं। जबकि हेडलाइन मुद्रास्फीति पिछले वर्ष के उच्चतम स्तर से कम हो गई है, लेकिन यह कई देशों में लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है। मूल मुद्रास्फीति स्थिर बनी हुई है, जिससे अवस्फीति के अंतिम चरण में बाधा उत्पन्न हो रही है। प्रमुख केंद्रीय बैंकों ने मौजूदा अनिश्चितताओं के मद्देनजर आगे के मार्गदर्शन (फॉरवर्ड गाइडेंस) से बचते हुए दरों को बरकरार रखा है। ब्याज दरों के भावी मार्ग संबंधी नियत संकेतों की खोज में वित्तीय बाज़ार अस्थिर बने हुए हैं।
जैसे ही 2023 समाप्त हो रहा है और एक नए वर्ष की शुरुआत हो रही है, लंबे समय से प्रतीक्षित सामान्यता अभी भी वैश्विक अर्थव्यवस्था से दूर है। 2020 से 2023 के वर्ष शायद इतिहास में 'महान अस्थिरता' की अवधि के रूप में दर्ज किए जाएंगे, जिसमें तात्कालिक बाद की घटनाओं में कई ब्लैक स्वान घटनाएं शामिल होंगी। वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी के संकेत दिख रहे हैं, हालांकि विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों और सेक्टरों में यह असमान है। एक समूह के रूप में उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाएं (ईएमई) पिछले प्रकरणों के विपरीत, अस्थिरता के मौजूदा दौर में आघात-सहनीय बनी हुई हैं। जबकि हेडलाइन मुद्रास्फीति पिछले वर्ष के उच्चतम स्तर से कम हो गई है, लेकिन यह कई देशों में लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है। मूल मुद्रास्फीति स्थिर बनी हुई है, जिससे अवस्फीति के अंतिम चरण में बाधा उत्पन्न हो रही है। प्रमुख केंद्रीय बैंकों ने मौजूदा अनिश्चितताओं के मद्देनजर आगे के मार्गदर्शन (फॉरवर्ड गाइडेंस) से बचते हुए दरों को बरकरार रखा है। ब्याज दरों के भावी मार्ग संबंधी नियत संकेतों की खोज में वित्तीय बाज़ार अस्थिर बने हुए हैं।
(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 536,809.46 6.72 0.01-7.71 I. मांग मुद्रा 12,055.35 6.70 5.00-6.85 II. ट्राइपार्टी रेपो 371,228.70 6.72 6.60-6.85 III. बाज़ार रेपो 153,525.41 6.74 0.01-7.71
(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 536,809.46 6.72 0.01-7.71 I. मांग मुद्रा 12,055.35 6.70 5.00-6.85 II. ट्राइपार्टी रेपो 371,228.70 6.72 6.60-6.85 III. बाज़ार रेपो 153,525.41 6.74 0.01-7.71
सीकर अर्बन को-ऑपरटिव बैंक लिमिटेड, सीकर, राजस्थान को दिनांक 26 अक्तूबर 2018 के निदेश के माध्यम से 9 नवंबर 2018 को कारोबार की समाप्ति से छह माह की अवधि के लिए सर्व समावेशी निदेशों के अधीन रखा गया था, जो समीक्षाधीन था। निदेशों की वैधता अवधि को पिछली बार दिनांक 7 सितंबर 2023 के निदेश द्वारा 9 दिसंबर 2023 को कारोबार की समाप्ति तक तीन माह की अवधि के लिए बढ़ाया गया था, जो समीक्षाधीन था।
सीकर अर्बन को-ऑपरटिव बैंक लिमिटेड, सीकर, राजस्थान को दिनांक 26 अक्तूबर 2018 के निदेश के माध्यम से 9 नवंबर 2018 को कारोबार की समाप्ति से छह माह की अवधि के लिए सर्व समावेशी निदेशों के अधीन रखा गया था, जो समीक्षाधीन था। निदेशों की वैधता अवधि को पिछली बार दिनांक 7 सितंबर 2023 के निदेश द्वारा 9 दिसंबर 2023 को कारोबार की समाप्ति तक तीन माह की अवधि के लिए बढ़ाया गया था, जो समीक्षाधीन था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 9 मार्च 2023 के निदेश LKO.DOS.SED.No.S875/10-03-759/2022-2023 द्वारा नेशनल मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ (उ.प्र.) को 10 मार्च 2023 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया था तथा इसे पिछली बार 10 दिसंबर 2023 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 9 मार्च 2023 के निदेश LKO.DOS.SED.No.S875/10-03-759/2022-2023 द्वारा नेशनल मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ (उ.प्र.) को 10 मार्च 2023 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया था तथा इसे पिछली बार 10 दिसंबर 2023 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर निम्नलिखित सर्वेक्षणों के परिणाम जारी किए: उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (सीसीएस) – नवंबर 2023 परिवारों की मुा द्रास्फीति प्रत्याशा संबंधी सवक्षण (आईईएसएच) – नवंबर 2023 समष्टि आर्थिक सूचकांकों पर पेशेवर पूर्वानुमानकर्ता सर्वेक्षण - 85वां दौर [1] सर्वेक्षण के परिणाम सर्वेक्षणों पर उत्तरदाताओं से प्राप्त फीडबैक पर आधारित हैं और अनिवार्य रूप से भारतीय रिज़र्व बैंक के विचार नहीं हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर निम्नलिखित सर्वेक्षणों के परिणाम जारी किए: उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (सीसीएस) – नवंबर 2023 परिवारों की मुा द्रास्फीति प्रत्याशा संबंधी सवक्षण (आईईएसएच) – नवंबर 2023 समष्टि आर्थिक सूचकांकों पर पेशेवर पूर्वानुमानकर्ता सर्वेक्षण - 85वां दौर [1] सर्वेक्षण के परिणाम सर्वेक्षणों पर उत्तरदाताओं से प्राप्त फीडबैक पर आधारित हैं और अनिवार्य रूप से भारतीय रिज़र्व बैंक के विचार नहीं हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 16 नवंबर 2023 के आदेश द्वारा राजर्षि शाहू सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'जमा खातों का रखरखाव - प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 16 नवंबर 2023 के आदेश द्वारा राजर्षि शाहू सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'जमा खातों का रखरखाव - प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: अगस्त 16, 2024