प्रेस प्रकाशनियां
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश –
दि शिरपुर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, शिरपुर, महाराष्ट्र - अवधि बढ़ाना
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दि शिरपुर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, शिरपुर, महाराष्ट्र को दिनांक 5 अप्रैल 2024 के
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश –
दि शिरपुर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, शिरपुर, महाराष्ट्र - अवधि बढ़ाना
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दि शिरपुर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, शिरपुर, महाराष्ट्र को दिनांक 5 अप्रैल 2024 के
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 6 अक्तूबर 2025 के आदेश द्वारा “जीजामाता महिला सहकारी बैंक लिमिटेड, सतारा, महाराष्ट्र” का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बैंक का बैंकिंग लाइसेंस इससे पहले 30 जून 2016 के आदेश द्वारा रद्द किया गया था और बैंक द्वारा की गई अपील पर 23 अक्तूबर 2019 को बहाल कर दिया गया था। अपीलीय प्राधिकारी, जिसने अपील स्वीकार की थी, ने निदेश दिया था कि वित्तीय स्थिति के आकलन हेतु वित्त वर्ष 2013-14 के लिए बैंक
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 6 अक्तूबर 2025 के आदेश द्वारा “जीजामाता महिला सहकारी बैंक लिमिटेड, सतारा, महाराष्ट्र” का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बैंक का बैंकिंग लाइसेंस इससे पहले 30 जून 2016 के आदेश द्वारा रद्द किया गया था और बैंक द्वारा की गई अपील पर 23 अक्तूबर 2019 को बहाल कर दिया गया था। अपीलीय प्राधिकारी, जिसने अपील स्वीकार की थी, ने निदेश दिया था कि वित्तीय स्थिति के आकलन हेतु वित्त वर्ष 2013-14 के लिए बैंक
क्लियरकॉर्प डीलिंग सिस्टम्स (इंडिया) लिमिटेड (क्लियरकॉर्प) के एफएक्स-रिटेल प्लेटफॉर्म को भारत बिल भुगतान प्रणाली (भारत कनेक्ट) से संबद्ध कर दिया गया है। इस संबद्धता से सहभागी बैंकों में बैंक खाते रखने वाले व्यक्तिगत ग्राहक, सहभागी बैंकों के सक्षम डिजिटल चैनलों और तृतीय पक्ष एप्लिकेशन प्रदाता (टीपीएपी) के माध्यम
क्लियरकॉर्प डीलिंग सिस्टम्स (इंडिया) लिमिटेड (क्लियरकॉर्प) के एफएक्स-रिटेल प्लेटफॉर्म को भारत बिल भुगतान प्रणाली (भारत कनेक्ट) से संबद्ध कर दिया गया है। इस संबद्धता से सहभागी बैंकों में बैंक खाते रखने वाले व्यक्तिगत ग्राहक, सहभागी बैंकों के सक्षम डिजिटल चैनलों और तृतीय पक्ष एप्लिकेशन प्रदाता (टीपीएपी) के माध्यम
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश –
रामगढ़िया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नई दिल्ली – अवधि बढ़ाना
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत रामगढ़िया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नई दिल्ली को दिनांक 7 जुलाई 2022 के निदेश सं. DEL.DOS.EXG_SSM.No.S515/12-10-013/2022-2023 के माध्यम से 8 जनवरी 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसकी
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश –
रामगढ़िया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नई दिल्ली – अवधि बढ़ाना
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत रामगढ़िया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नई दिल्ली को दिनांक 7 जुलाई 2022 के निदेश सं. DEL.DOS.EXG_SSM.No.S515/12-10-013/2022-2023 के माध्यम से 8 जनवरी 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसकी
दिनांक 1 अक्तूबर 2025 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में की गई घोषणा के अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने आज निम्नलिखित निदेशों का मसौदा जारी किया: क. भारतीय रिज़र्व बैंक (अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक - ऋण संबंधी जोखिम के लिए पूंजी प्रभार - मानकीकृत दृष्टिकोण) निदेश, 2025 का मसौदा प्रस्तावित निदेश, बैंकिंग पर्यवेक्षण बासेल समिति (बीसीबीएस) द्वारा कार्यान्वित वैश्विक सुधारों के प्रमुख तत्वों में से एक को भारतीय संदर्भ के अनुरूप लागू करने
दिनांक 1 अक्तूबर 2025 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में की गई घोषणा के अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने आज निम्नलिखित निदेशों का मसौदा जारी किया: क. भारतीय रिज़र्व बैंक (अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक - ऋण संबंधी जोखिम के लिए पूंजी प्रभार - मानकीकृत दृष्टिकोण) निदेश, 2025 का मसौदा प्रस्तावित निदेश, बैंकिंग पर्यवेक्षण बासेल समिति (बीसीबीएस) द्वारा कार्यान्वित वैश्विक सुधारों के प्रमुख तत्वों में से एक को भारतीय संदर्भ के अनुरूप लागू करने
7 अक्तूबर 2025 को आयोजित राज्य सरकार प्रतिभूतियों की नीलामी का परिणाम निम्नानुसार है: (राशि ₹ करोड़ में) आंध्र प्रदेश एसजीएस 2033 आंध्र प्रदेश एसजीएस 2033 गुजरात एसजीएस 2033 जम्मू और कश्मीर एसजीएस 2037 अधिसूचित राशि 900 1000 2000 400 अवधि 8 -वर्षीय 11 -वर्षीय 8 -वर्षीय 12 -वर्षीय प्राप्त प्रतिस्पर्धी बोलियां (i) संख्या 58 129 136 68 (ii) राशि 4480 7510 12280 2505 कट-ऑफ प्रतिफल (%) 7.14 7.27 7.06 7.39 कट-ऑफ मूल्य (₹) 100 100 100 100 स्वीकृत प्रतिस्पर्धी बोलियां (i) संख्या 6 18 26 24 (ii) राशि
7 अक्तूबर 2025 को आयोजित राज्य सरकार प्रतिभूतियों की नीलामी का परिणाम निम्नानुसार है: (राशि ₹ करोड़ में) आंध्र प्रदेश एसजीएस 2033 आंध्र प्रदेश एसजीएस 2033 गुजरात एसजीएस 2033 जम्मू और कश्मीर एसजीएस 2037 अधिसूचित राशि 900 1000 2000 400 अवधि 8 -वर्षीय 11 -वर्षीय 8 -वर्षीय 12 -वर्षीय प्राप्त प्रतिस्पर्धी बोलियां (i) संख्या 58 129 136 68 (ii) राशि 4480 7510 12280 2505 कट-ऑफ प्रतिफल (%) 7.14 7.27 7.06 7.39 कट-ऑफ मूल्य (₹) 100 100 100 100 स्वीकृत प्रतिस्पर्धी बोलियां (i) संख्या 6 18 26 24 (ii) राशि
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपना क्रयादेश पुस्तक, स्टॉक और क्षमता उपयोग सर्वेक्षण (ओबीआईसीयूएस) का 71 वां दौर शुरू किया। यह सर्वेक्षण जुलाई-सितंबर 2025 (2025-26 की दूसरी तिमाही) की संदर्भ अवधि के लिए है। रिज़र्व बैंक विनिर्माण क्षेत्र की क्रयादेश पुस्तक, स्टॉक और क्षमता उपयोग सर्वेक्षण(ओबीआईसीयूएस), 2008 से तिमाही आधार पर आयोजित करता रहा है। इस सर्वेक्षण में प्राप्त की जाने वाली सूचना में संदर्भ तिमाही के दौरान प्राप्त किए गए
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपना क्रयादेश पुस्तक, स्टॉक और क्षमता उपयोग सर्वेक्षण (ओबीआईसीयूएस) का 71 वां दौर शुरू किया। यह सर्वेक्षण जुलाई-सितंबर 2025 (2025-26 की दूसरी तिमाही) की संदर्भ अवधि के लिए है। रिज़र्व बैंक विनिर्माण क्षेत्र की क्रयादेश पुस्तक, स्टॉक और क्षमता उपयोग सर्वेक्षण(ओबीआईसीयूएस), 2008 से तिमाही आधार पर आयोजित करता रहा है। इस सर्वेक्षण में प्राप्त की जाने वाली सूचना में संदर्भ तिमाही के दौरान प्राप्त किए गए
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज रिज़र्व बैंक - ओम्बड्समैन योजना, 2025 (योजना) का मसौदा जारी किया। 2. 12 नवंबर 2021 को शुरू की गई रिज़र्व बैंक - एकीकृत ओम्बड्समैन योजना (आरबी-आईओएस), 2021, विनियमित संस्थाओं (आरई) के ग्राहकों को एक तीव्र, लागत-प्रभावी और त्वरित वैकल्पिक शिकायत निवारण तंत्र प्रदान करती है। परिचालनगत अनुभव, हितधारकों की प्रतिक्रिया और वैश्विक सर्वोत्तम पद्धतियों के आधार पर, रिज़र्व बैंक ने इस योजना की व्यापक समीक्षा की है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज रिज़र्व बैंक - ओम्बड्समैन योजना, 2025 (योजना) का मसौदा जारी किया। 2. 12 नवंबर 2021 को शुरू की गई रिज़र्व बैंक - एकीकृत ओम्बड्समैन योजना (आरबी-आईओएस), 2021, विनियमित संस्थाओं (आरई) के ग्राहकों को एक तीव्र, लागत-प्रभावी और त्वरित वैकल्पिक शिकायत निवारण तंत्र प्रदान करती है। परिचालनगत अनुभव, हितधारकों की प्रतिक्रिया और वैश्विक सर्वोत्तम पद्धतियों के आधार पर, रिज़र्व बैंक ने इस योजना की व्यापक समीक्षा की है।
रिज़र्व बैंक ने आज मास्टर निदेश- भारतीय रिज़र्व बैंक (विनियमित संस्थाओं के लिए आंतरिक ओम्बड्समैन) निदेश, 2025 का मसौदा जारी किया। 2. रिज़र्व बैंक ने 29 दिसंबर 2023 के मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (विनियमित संस्थाओं के लिए आंतरिक ओम्बड्समैन) निदेश, 2023 के माध्यम से, विभिन्न विनियमित संस्थाओं (आरई) में अस्वीकृत की जा रही ग्राहक शिकायतों की निष्पक्ष समीक्षा हेतु आंतरिक ओम्बड्समैन व्यवस्था को संस्थागत रूप दिया है। आंतरिक ओम्बड्समैन के कामकाज को और मज़बूत बनाने के लिए मौजूदा निदेशों की समग्र समीक्षा की गई है ताकि विनियमित संस्थाओं के स्तर पर ग्राहकों की शिकायतों का त्वरित और सार्थक समाधान किया जा सके।
रिज़र्व बैंक ने आज मास्टर निदेश- भारतीय रिज़र्व बैंक (विनियमित संस्थाओं के लिए आंतरिक ओम्बड्समैन) निदेश, 2025 का मसौदा जारी किया। 2. रिज़र्व बैंक ने 29 दिसंबर 2023 के मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (विनियमित संस्थाओं के लिए आंतरिक ओम्बड्समैन) निदेश, 2023 के माध्यम से, विभिन्न विनियमित संस्थाओं (आरई) में अस्वीकृत की जा रही ग्राहक शिकायतों की निष्पक्ष समीक्षा हेतु आंतरिक ओम्बड्समैन व्यवस्था को संस्थागत रूप दिया है। आंतरिक ओम्बड्समैन के कामकाज को और मज़बूत बनाने के लिए मौजूदा निदेशों की समग्र समीक्षा की गई है ताकि विनियमित संस्थाओं के स्तर पर ग्राहकों की शिकायतों का त्वरित और सार्थक समाधान किया जा सके।
दिनांक 1 अक्तूबर 2025 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में की गई घोषणा के अनुसरण में, रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, राज्य सहकारी बैंकों और केंद्रीय सहकारी बैंकों को रिज़र्व बैंक - एकीकृत ओम्बड्समैन योजना, 2021 (योजना) के दायरे में लाने के लिए एक अधिसूचना जारी की है, जो 1 नवंबर 2025 से प्रभावी होगी।
दिनांक 1 अक्तूबर 2025 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में की गई घोषणा के अनुसरण में, रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, राज्य सहकारी बैंकों और केंद्रीय सहकारी बैंकों को रिज़र्व बैंक - एकीकृत ओम्बड्समैन योजना, 2021 (योजना) के दायरे में लाने के लिए एक अधिसूचना जारी की है, जो 1 नवंबर 2025 से प्रभावी होगी।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 01, 2025