प्रेस प्रकाशनियां - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपने मासिक बुलेटिन का अप्रैल 2024 अंक आज जारी किया। बुलेटिन में मौद्रिक नीति वक्तव्य (3-5 अप्रैल) 2024-2025, पाँच भाषण, छह आलेख और वर्तमान आंकड़े शामिल हैं। छह आलेख हैं: I. अर्थव्यवस्था की स्थिति; II. भारत के सेवा निर्यात को क्या संचालित करता है?; III. खाद्य और ईंधन की कीमतें: भारत में हेडलाइन मुद्रास्फीति पर दूसरे दौर के प्रभाव; IV. उच्च अस्थिरता वाले प्रकरणों में भारत की विदेशी मुद्रा आरक्षित निधि- एक अनुभवजन्य मूल्यांकन ; V. विनियामक संचार की भाषाई जटिलता का आकलन: भारत के लिए एक मामला अध्ययन; और VI. सर्वेक्षणों के लिए परोक्ष निगरानी प्रणाली (ओएमओएसवाईएस): गुणवत्ता आश्वासन के लिए एक भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) आधारित दृष्टिकोण। I. अर्थव्यवस्था की स्थिति 2024 की पहली तिमाही में वैश्विक संवृद्धि की गति बरकरार रही और वैश्विक व्यापार की संभावना सकारात्मक हो रही है। प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में खजाना प्रतिफल और बंधक दरें बढ़ रही हैं क्योंकि ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें कम हो रही हैं। भारत में, मजबूत निवेश मांग तथा उत्साहित कारोबारी और उपभोक्ता मनोभावों के समर्थन से, वास्तविक जीडीपी संवृद्धि में बढ़ोत्तरी की प्रवृत्ति के विस्तार के लिए स्थितियां बन रही हैं। मार्च में सीपीआई मुद्रास्फीति पिछले दो महीनों में औसतन 5.1 प्रतिशत के बाद कम होकर 4.9 प्रतिशत हो गई है। तथापि, निकट अवधि में, चरम मौसम की घटनाओं के साथ-साथ दीर्घकालिक भू-राजनीतिक तनाव, जो कच्चे तेल की कीमतों को अस्थिर रख सकता है, के कारण मुद्रास्फीति के लिए जोखिम उत्पन्न हो सकता है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपने मासिक बुलेटिन का अप्रैल 2024 अंक आज जारी किया। बुलेटिन में मौद्रिक नीति वक्तव्य (3-5 अप्रैल) 2024-2025, पाँच भाषण, छह आलेख और वर्तमान आंकड़े शामिल हैं। छह आलेख हैं: I. अर्थव्यवस्था की स्थिति; II. भारत के सेवा निर्यात को क्या संचालित करता है?; III. खाद्य और ईंधन की कीमतें: भारत में हेडलाइन मुद्रास्फीति पर दूसरे दौर के प्रभाव; IV. उच्च अस्थिरता वाले प्रकरणों में भारत की विदेशी मुद्रा आरक्षित निधि- एक अनुभवजन्य मूल्यांकन ; V. विनियामक संचार की भाषाई जटिलता का आकलन: भारत के लिए एक मामला अध्ययन; और VI. सर्वेक्षणों के लिए परोक्ष निगरानी प्रणाली (ओएमओएसवाईएस): गुणवत्ता आश्वासन के लिए एक भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) आधारित दृष्टिकोण। I. अर्थव्यवस्था की स्थिति 2024 की पहली तिमाही में वैश्विक संवृद्धि की गति बरकरार रही और वैश्विक व्यापार की संभावना सकारात्मक हो रही है। प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में खजाना प्रतिफल और बंधक दरें बढ़ रही हैं क्योंकि ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें कम हो रही हैं। भारत में, मजबूत निवेश मांग तथा उत्साहित कारोबारी और उपभोक्ता मनोभावों के समर्थन से, वास्तविक जीडीपी संवृद्धि में बढ़ोत्तरी की प्रवृत्ति के विस्तार के लिए स्थितियां बन रही हैं। मार्च में सीपीआई मुद्रास्फीति पिछले दो महीनों में औसतन 5.1 प्रतिशत के बाद कम होकर 4.9 प्रतिशत हो गई है। तथापि, निकट अवधि में, चरम मौसम की घटनाओं के साथ-साथ दीर्घकालिक भू-राजनीतिक तनाव, जो कच्चे तेल की कीमतों को अस्थिर रख सकता है, के कारण मुद्रास्फीति के लिए जोखिम उत्पन्न हो सकता है।
एतद्द्वारा यह सूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत समय-समय पर यथासंशोधित दिनांक 28 जुलाई 2022 के निदेश HYD.DOS.INSP4.No.S241/15-36-070/2022-2023 द्वारा दुर्गा को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, विजयवाड़ा को 29 जनवरी 2023 तक छः माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे पिछली बार दिनांक 24 जनवरी 2024 के निदेश सं. DOR.MON/D-117/12.24.020/2023-24 द्वारा 29 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जन हित में, उक्त निदेश की परिचलान अवधि को 29 अप्रैल 2024 से आगे बढ़ाना आवश्यक है।
एतद्द्वारा यह सूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत समय-समय पर यथासंशोधित दिनांक 28 जुलाई 2022 के निदेश HYD.DOS.INSP4.No.S241/15-36-070/2022-2023 द्वारा दुर्गा को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, विजयवाड़ा को 29 जनवरी 2023 तक छः माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे पिछली बार दिनांक 24 जनवरी 2024 के निदेश सं. DOR.MON/D-117/12.24.020/2023-24 द्वारा 29 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जन हित में, उक्त निदेश की परिचलान अवधि को 29 अप्रैल 2024 से आगे बढ़ाना आवश्यक है।
क्रम सं. राज्य जुटाई जाने वाली राशि (₹ करोड़) स्वीकृत राशि (₹ करोड़) कट-ऑफ प्रतिफल (%) अवधि (वर्ष)
क्रम सं. राज्य जुटाई जाने वाली राशि (₹ करोड़) स्वीकृत राशि (₹ करोड़) कट-ऑफ प्रतिफल (%) अवधि (वर्ष)
(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 5,78,249.63 6.57 1.00-7.25 I. मांग मुद्रा 12,385.90 6.61 5.10-6.80 II. ट्राइपार्टी रेपो 3,79,471.05 6.64 6.46-6.82 III. बाज़ार रेपो 1,85,595.68 6.43 1.00-6.90 IV. कॉरपोरेट बॉण्ड में रेपो 797.00 6.83 6.75-7.25
(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 5,78,249.63 6.57 1.00-7.25 I. मांग मुद्रा 12,385.90 6.61 5.10-6.80 II. ट्राइपार्टी रेपो 3,79,471.05 6.64 6.46-6.82 III. बाज़ार रेपो 1,85,595.68 6.43 1.00-6.90 IV. कॉरपोरेट बॉण्ड में रेपो 797.00 6.83 6.75-7.25
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 21 जुलाई 2022 के निदेश सं. CO.DOS.SED.No.S-2574/12-07-005/2022-23 द्वारा दि सूरी फ्रेंड्स यूनियन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरी (पश्चिम बंगाल) को समय-समय पर यथासंशोधित 22 जनवरी 2023 तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे जिसे पिछली बार 15 जनवरी 2024 के निदेश सं. DOR.MON.D-114/12.29.046/ 2023-24 के माध्यम से 22 अप्रैल 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 21 जुलाई 2022 के निदेश सं. CO.DOS.SED.No.S-2574/12-07-005/2022-23 द्वारा दि सूरी फ्रेंड्स यूनियन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरी (पश्चिम बंगाल) को समय-समय पर यथासंशोधित 22 जनवरी 2023 तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे जिसे पिछली बार 15 जनवरी 2024 के निदेश सं. DOR.MON.D-114/12.29.046/ 2023-24 के माध्यम से 22 अप्रैल 2024 तक बढ़ाया गया था।
सॉवरेन स्वर्ण बॉण्ड (एसजीबी) योजना पर भारत सरकार की दिनांक 6 अक्तूबर 2017 की अधिसूचना एफ.सं.4(25)-डब्ल्यूएंडएम/2017 (एसजीबी 2017-18, शृंखला IV- जारी करने की तारीख 23 अक्तूबर 2017) और दिनांक 8 अक्तूबर 2018 की अधिसूचना एफ.सं.4(22)-डब्ल्यूएंडएम/2018 (एसजीबी 2018-19, शृंखला II- जारी करने की तारीख 23 अक्तूबर 2018) के अनुसार, स्वर्ण बॉण्ड के जारी होने की तारीख, जिस तारीख से ब्याज देय है, से पांच वर्ष के बाद उस स्वर्ण बॉण्ड के समय-पूर्व मोचन की अनुमति दी जा सकती है। तद्नुसार, उपरोक्त शृंखला के समय-पूर्व मोचन की अगली देय तिथि 23 अप्रैल 2024 होगी।
सॉवरेन स्वर्ण बॉण्ड (एसजीबी) योजना पर भारत सरकार की दिनांक 6 अक्तूबर 2017 की अधिसूचना एफ.सं.4(25)-डब्ल्यूएंडएम/2017 (एसजीबी 2017-18, शृंखला IV- जारी करने की तारीख 23 अक्तूबर 2017) और दिनांक 8 अक्तूबर 2018 की अधिसूचना एफ.सं.4(22)-डब्ल्यूएंडएम/2018 (एसजीबी 2018-19, शृंखला II- जारी करने की तारीख 23 अक्तूबर 2018) के अनुसार, स्वर्ण बॉण्ड के जारी होने की तारीख, जिस तारीख से ब्याज देय है, से पांच वर्ष के बाद उस स्वर्ण बॉण्ड के समय-पूर्व मोचन की अनुमति दी जा सकती है। तद्नुसार, उपरोक्त शृंखला के समय-पूर्व मोचन की अगली देय तिथि 23 अप्रैल 2024 होगी।
भारत सरकार ने निम्नलिखित विवरण के अनुसार ₹32,000 करोड़ की अधिसूचित राशि के लिए दो दिनांकित प्रतिभूतियों की बिक्री (पुनर्निर्गम) की घोषणा की है। क्र. सं. प्रतिभूति चुकौती की तारीख अधिसूचित राशि (₹ करोड़) भारत सरकार की विशिष्ट अधिसूचना नीलामी की तारीख भुगतान की तारीख 1 7.10% जीएस 2034 8 नवंबर 2034 20,000 एफ़ सं. 4(3)-बी (डब्ल्यूएंड एम)/2024 दिनांकित 22 अप्रैल 2024 26 अप्रैल 2024 (शुक्रवार) 29 अप्रैल 2024 (सोमवार) 2 7.46% जीएस 2073 6 नवंबर 2073 12,000 कुल 32,000
भारत सरकार ने निम्नलिखित विवरण के अनुसार ₹32,000 करोड़ की अधिसूचित राशि के लिए दो दिनांकित प्रतिभूतियों की बिक्री (पुनर्निर्गम) की घोषणा की है। क्र. सं. प्रतिभूति चुकौती की तारीख अधिसूचित राशि (₹ करोड़) भारत सरकार की विशिष्ट अधिसूचना नीलामी की तारीख भुगतान की तारीख 1 7.10% जीएस 2034 8 नवंबर 2034 20,000 एफ़ सं. 4(3)-बी (डब्ल्यूएंड एम)/2024 दिनांकित 22 अप्रैल 2024 26 अप्रैल 2024 (शुक्रवार) 29 अप्रैल 2024 (सोमवार) 2 7.46% जीएस 2073 6 नवंबर 2073 12,000 कुल 32,000
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 1 अप्रैल 2024 के आदेश द्वारा दि पनवेल को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, रायगढ़, महाराष्ट्र (बैंक) पर ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे' (एसएएफ) के अंतर्गत जारी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 1 अप्रैल 2024 के आदेश द्वारा दि पनवेल को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, रायगढ़, महाराष्ट्र (बैंक) पर ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे' (एसएएफ) के अंतर्गत जारी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 1 अप्रैल 2024 के आदेश द्वारा अंबरनाथ जय हिंद को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अंबरनाथ, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'जमा खातों का रखरखाव - प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक' संबंधी निदेशों के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹3.00 लाख (तीन लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 1 अप्रैल 2024 के आदेश द्वारा अंबरनाथ जय हिंद को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अंबरनाथ, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'जमा खातों का रखरखाव - प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक' संबंधी निदेशों के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹3.00 लाख (तीन लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
ारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 31 मार्च 2024 के आदेश द्वारा दि फतेहाबाद सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, फतेहाबाद (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26ए (2) के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
ारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 31 मार्च 2024 के आदेश द्वारा दि फतेहाबाद सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, फतेहाबाद (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26ए (2) के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: जुलाई 18, 2024