Press Releases - Research and Data - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
भारतीय रिज़र्व बैंक – बुलेटिन साप्ताहिक सांख्यिकी संपूरक – सारांश
1. भारतीय रिज़र्व बैंक–देयताएं और आस्तियां *
(₹ करोड़)मद 2023 2024 घट-बढ़
19 मई 10 मई 17 मई सप्ताह वर्ष
1 2 3 4 5 4. ऋण और अग्रिम4.1 केंद्र सरकार 0 0 0 0 0
4.2 राज्य सरकारें12194 11584 17624 6039 5430
* आंकडे अनंतिम हैं; घट-बढ़, यदि कोई है,तो पूर्णांक के कारण है।
भारतीय रिज़र्व बैंक – बुलेटिन साप्ताहिक सांख्यिकी संपूरक – सारांश
1. भारतीय रिज़र्व बैंक–देयताएं और आस्तियां *
(₹ करोड़)मद 2023 2024 घट-बढ़
19 मई 10 मई 17 मई सप्ताह वर्ष
1 2 3 4 5 4. ऋण और अग्रिम4.1 केंद्र सरकार 0 0 0 0 0
4.2 राज्य सरकारें12194 11584 17624 6039 5430
* आंकडे अनंतिम हैं; घट-बढ़, यदि कोई है,तो पूर्णांक के कारण है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 17 मई 2024 को समाप्त सप्ताह के लिए आरक्षित मुद्रा पर आंकड़े आज जारी किए।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 17 मई 2024 को समाप्त सप्ताह के लिए आरक्षित मुद्रा पर आंकड़े आज जारी किए।
रिज़र्व बैंक ने आज अपने मासिक बुलेटिन का मई 2024 अंक प्रकाशित किया। बुलेटिन में तीन भाषण, चार आलेख और वर्तमान आंकड़े शामिल हैं। चार लेख हैंः I. अर्थव्यवस्था की स्थिति; II. विकेन्द्रीकृत वित्त: वित्तीय प्रणाली पर प्रभाव; III. भारतीय रिज़र्व बैंक का मुद्रा स्वैप: जीएफएसएन में भूमिका और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सहयोग को बढ़ावा देना; IV. भारत में उपभोक्ता विश्वास: एक क्षेत्रीय परिप्रेक्ष्य। अर्थव्यवस्था की स्थिति वैश्विक अर्थव्यवस्था की संभावना कमजोर हो रही है क्योंकि मुद्रास्फीति की गिरावट बाधित हो रही है,जिससे वैश्विक वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम फिर से बढ़ रहा है। पूंजी प्रवाह अस्थिर हो गया है क्योंकि धैर्यहीन निवेशक जोखिम से विमुख हो रहे हैं। एक बढ़ता आशावाद यह है कि भारत लंबे समय से प्रतीक्षित आर्थिक टेक-ऑफ के मार्ग पर है। हाल ही के संकेतक सकल मांग की गति में तेजी की ओर इशारा कर रहे हैं। खाद्येतर व्यय को ग्रामीण व्यय की बहाली में तेजी द्वारा बढ़ाया जा रहा है। अप्रैल 2024 के रीडिंग में देखी गई हेडलाइन मुद्रास्फीति में मामूली कमी, इस आशा की पुष्टि करती है कि लक्ष्य के साथ संरेखण की असमान और मध्यम गति चल रही है।
रिज़र्व बैंक ने आज अपने मासिक बुलेटिन का मई 2024 अंक प्रकाशित किया। बुलेटिन में तीन भाषण, चार आलेख और वर्तमान आंकड़े शामिल हैं। चार लेख हैंः I. अर्थव्यवस्था की स्थिति; II. विकेन्द्रीकृत वित्त: वित्तीय प्रणाली पर प्रभाव; III. भारतीय रिज़र्व बैंक का मुद्रा स्वैप: जीएफएसएन में भूमिका और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सहयोग को बढ़ावा देना; IV. भारत में उपभोक्ता विश्वास: एक क्षेत्रीय परिप्रेक्ष्य। अर्थव्यवस्था की स्थिति वैश्विक अर्थव्यवस्था की संभावना कमजोर हो रही है क्योंकि मुद्रास्फीति की गिरावट बाधित हो रही है,जिससे वैश्विक वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम फिर से बढ़ रहा है। पूंजी प्रवाह अस्थिर हो गया है क्योंकि धैर्यहीन निवेशक जोखिम से विमुख हो रहे हैं। एक बढ़ता आशावाद यह है कि भारत लंबे समय से प्रतीक्षित आर्थिक टेक-ऑफ के मार्ग पर है। हाल ही के संकेतक सकल मांग की गति में तेजी की ओर इशारा कर रहे हैं। खाद्येतर व्यय को ग्रामीण व्यय की बहाली में तेजी द्वारा बढ़ाया जा रहा है। अप्रैल 2024 के रीडिंग में देखी गई हेडलाइन मुद्रास्फीति में मामूली कमी, इस आशा की पुष्टि करती है कि लक्ष्य के साथ संरेखण की असमान और मध्यम गति चल रही है।
1. Reserve Bank of India - Liabilities and Assets* (₹ Crore) Item 2023 2024 Variation May 12 May 3 May 10 Week Year 1 2 3 4 5 4 Loans and Advances 4.1 Central Government 0 0 0 0 0 4.2 State Governments 12451 19755 11584 -8170 -866 * Data are provisional; difference, if any, is due to rounding off.
1. Reserve Bank of India - Liabilities and Assets* (₹ Crore) Item 2023 2024 Variation May 12 May 3 May 10 Week Year 1 2 3 4 5 4 Loans and Advances 4.1 Central Government 0 0 0 0 0 4.2 State Governments 12451 19755 11584 -8170 -866 * Data are provisional; difference, if any, is due to rounding off.
(राशि ₹ करोड़ में) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्त बैंकों और पेमेंट बैंकों सहित) सभी अनुसूचित बैंक 5-मई-23 19-अप्रैल-2024 * 03-मई-2024 * 5-मई-23 19-अप्रैल-2024 * 03-मई-2024 * I बैंकिंग प्रणाली के प्रति देयताएं (क) क) बैंकों से मांग और मीयादी जमाराशियां 243113.97 292789.19 291062.05 245662.62 297191.96 292738.77 ** ख) बैंकों से लिये गये ऋण 37219.65 172085.68 168949.53 37411.07 172085.68 171440.46 ग) अन्य मांग और मीयादी देयताएं 59771.4 74776.64 76698.85 60435.9 75015.18 76967.9
(राशि ₹ करोड़ में) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्त बैंकों और पेमेंट बैंकों सहित) सभी अनुसूचित बैंक 5-मई-23 19-अप्रैल-2024 * 03-मई-2024 * 5-मई-23 19-अप्रैल-2024 * 03-मई-2024 * I बैंकिंग प्रणाली के प्रति देयताएं (क) क) बैंकों से मांग और मीयादी जमाराशियां 243113.97 292789.19 291062.05 245662.62 297191.96 292738.77 ** ख) बैंकों से लिये गये ऋण 37219.65 172085.68 168949.53 37411.07 172085.68 171440.46 ग) अन्य मांग और मीयादी देयताएं 59771.4 74776.64 76698.85 60435.9 75015.18 76967.9
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 10 मई 2024 को समाप्त सप्ताह के लिए आरक्षित मुद्रा और 3 मई 2024 को समाप्त पखवाड़े के लिए मुद्रा आपूर्ति पर आंकड़े आज जारी किए।अजीत प्रसाद उप महाप्रबन्धक (संचार)
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 10 मई 2024 को समाप्त सप्ताह के लिए आरक्षित मुद्रा और 3 मई 2024 को समाप्त पखवाड़े के लिए मुद्रा आपूर्ति पर आंकड़े आज जारी किए।अजीत प्रसाद उप महाप्रबन्धक (संचार)
1. भारतीय रिज़र्व बैंक–देयताएं और आस्तियां * (₹ करोड़) मद 2023 2024 घट-बढ़ 5 मई 26 अप्रैल 3 मई सप्ताह वर्ष 1 2 3 4 5 4. ऋण और अग्रिम 4.1 केंद्र सरकार 0 0 0 0 0 4.2 राज्य सरकारें 15455 13284 19755 6470 4300
1. भारतीय रिज़र्व बैंक–देयताएं और आस्तियां * (₹ करोड़) मद 2023 2024 घट-बढ़ 5 मई 26 अप्रैल 3 मई सप्ताह वर्ष 1 2 3 4 5 4. ऋण और अग्रिम 4.1 केंद्र सरकार 0 0 0 0 0 4.2 राज्य सरकारें 15455 13284 19755 6470 4300
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 3 मई 2024 को समाप्त सप्ताह के लिए आरक्षित मुद्रा पर आंकड़े आज जारी किए। (अजीत प्रसाद) उप महाप्रबन्धक (संचार) प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/267
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 3 मई 2024 को समाप्त सप्ताह के लिए आरक्षित मुद्रा पर आंकड़े आज जारी किए। (अजीत प्रसाद) उप महाप्रबन्धक (संचार) प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/267
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अप्रैल 2024 माह के लिए स्वचालित मार्ग और अनुमोदन मार्ग दोनों के अंतर्गत समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश पर आंकड़े जारी किए है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अप्रैल 2024 माह के लिए स्वचालित मार्ग और अनुमोदन मार्ग दोनों के अंतर्गत समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश पर आंकड़े जारी किए है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर शृंखला[1] के अंतर्गत “आवासीय ऋण गतिकी पर समष्टि-विवेकपूर्ण नीतियों के प्रभाव का आकलन: भारत से साक्ष्य" शीर्षक से एक वर्किंग पेपर जारी किया। पेपर के सह-लेखन अमर नाथ यादव, विवेक कुमार, अलोक कुमार चक्रवाल और ज्योति कुमारी ने किया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर शृंखला[1] के अंतर्गत “आवासीय ऋण गतिकी पर समष्टि-विवेकपूर्ण नीतियों के प्रभाव का आकलन: भारत से साक्ष्य" शीर्षक से एक वर्किंग पेपर जारी किया। पेपर के सह-लेखन अमर नाथ यादव, विवेक कुमार, अलोक कुमार चक्रवाल और ज्योति कुमारी ने किया है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 03, 2024