भाषण - आरबीआई - Reserve Bank of India
भाषण
खुशियों के इस शहर कोलकाता में होना ही हमेशा एक आनन्द विभोर करनेवाला अनुभव रहा है। क्रिसमस-पूर्व मौसम में यहाँ होने का एक विशेष आनन्द है और व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए यह घर की याद आनेवाली एक स्मृति है। आज शाम को यहाँ पर भाषण देने हेतु मुझे आमंत्रित करने के लिए बैंकर क्लब को मेरी ओर से विशेष धन्यवाद। मुझे इस क्लब में पिछले साल हुई हमारी मुलाकात याद आ रही है जब हम अपने समय के सबसे गहरे वित्तीय संकट में थे और हम सब अपने कल के भविष्य को जानने के लिए उत्सुक और अनिश्चित थे। मेरा मानना है कि सबसे बुरा समय हमारे पीछे लगा हुआ है। दुनिया भर में और यहाँ भारत में भी ध्यान संकट प्रबंध से हटकर सुधारात्मक प्रबंध पर जा रहा है। जैसाकि होता है, हम भी करीब आधे बिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकालने की दीर्घावधि चुनौतियों का सामना करने की ओर लौट रहे हैं। उस विशाल कार्य को पूरा करने के लिए हमें बहुत से काम करने होंगे। उनमें से एक वित्तीय समावेशन है। आज शाम मैं अपनी बात वित्तीय समावेशन की चुनौतियों और अवसरों पर केंद्रित करना चाहूंगा।
खुशियों के इस शहर कोलकाता में होना ही हमेशा एक आनन्द विभोर करनेवाला अनुभव रहा है। क्रिसमस-पूर्व मौसम में यहाँ होने का एक विशेष आनन्द है और व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए यह घर की याद आनेवाली एक स्मृति है। आज शाम को यहाँ पर भाषण देने हेतु मुझे आमंत्रित करने के लिए बैंकर क्लब को मेरी ओर से विशेष धन्यवाद। मुझे इस क्लब में पिछले साल हुई हमारी मुलाकात याद आ रही है जब हम अपने समय के सबसे गहरे वित्तीय संकट में थे और हम सब अपने कल के भविष्य को जानने के लिए उत्सुक और अनिश्चित थे। मेरा मानना है कि सबसे बुरा समय हमारे पीछे लगा हुआ है। दुनिया भर में और यहाँ भारत में भी ध्यान संकट प्रबंध से हटकर सुधारात्मक प्रबंध पर जा रहा है। जैसाकि होता है, हम भी करीब आधे बिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकालने की दीर्घावधि चुनौतियों का सामना करने की ओर लौट रहे हैं। उस विशाल कार्य को पूरा करने के लिए हमें बहुत से काम करने होंगे। उनमें से एक वित्तीय समावेशन है। आज शाम मैं अपनी बात वित्तीय समावेशन की चुनौतियों और अवसरों पर केंद्रित करना चाहूंगा।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: नवंबर 23, 2022