पश्चिमी क्षेत्र में ग्रामीण ऋणग्रस्तता पर सर्वेक्षण (एसआरआई-डब्ल्यूए), मुंबई - आरबीआई - Reserve Bank of India
पश्चिमी क्षेत्र में ग्रामीण ऋणग्रस्तता पर सर्वेक्षण (एसआरआई-डब्ल्यूए), मुंबई
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने प्रभावी नीतिगत हस्तक्षेप के लिए ग्रामीण ऋणग्रस्तता के मुद्दे को बेहतर ढंग से समझने के लिए पिछड़े क्षेत्रों/आदिवासी क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक उपयुक्त एजेंसी द्वारा सीमित सर्वेक्षण के माध्यम से महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, गोवा, छत्तीसगढ़ और दमन एवं दीव तथा दादरा नगर हवेली राज्यों को दायरे में लेते हुए पश्चिमी क्षेत्र में ग्रामीण ऋणग्रस्तता पर एक सर्वेक्षण कराने का निर्णय लिया है। 2. सर्वेक्षण उपकरण को प्रश्नावली के रूप में डिज़ाइन किया गया है, जिसका उद्देश्य विभिन्न जनसांख्यिकीय प्रोफाइल में ग्रामीण ऋणग्रस्तता के स्तरों के बारे में जानकारी प्राप्त करना है। सर्वेक्षण का उद्देश्य पश्चिमी क्षेत्र में ऋणग्रस्तता की घटनाओं और संबंधित मुद्दों के साथ-साथ परिवारों के सामाजिक-आर्थिक पहलुओं पर गुणात्मक और मात्रात्मक दोनों तरह की जानकारी प्राप्त करना है। 3. यह नोटिस केवल सूचना के लिए प्रकाशित किया जा रहा है और यह इस सीमित निविदा में बोली लगाने के लिए खुला आमंत्रण नहीं है। इस निविदा में भागीदारी केवल आमंत्रण द्वारा है और चयनित खरीद इकाई के सूचीबद्ध ठेकेदारों तक सीमित है। अनचाहे प्रस्तावों को अनदेखा किया जा सकता है। हालांकि, जो ठेकेदार भविष्य में ऐसी निविदाओं में भाग लेना चाहते हैं, वे प्रक्रिया के अनुसार आरबीआई के पास सूचीबद्धता के लिए आवेदन कर सकते हैं। |
जारी आंकड़े
इस खण्ड में भारतीय अर्थव्यवस्था, बैंकिंग और वित्त के विभिन्न पहलुओं से संबंधित आँकड़े दिये गये हैं। जहां विद्यमान विगत एक वर्ष के आँकड़ों के रूप में परिभाषित किए गये हैं और वे नीचे दिये गए लिंक पर उपलब्ध हैं वहीं अनुसंधानकर्ता इस पृष्ठ पर दिये गए भारतीय अर्थव्यवथा का डाटाबेस लिंक पर आँकड़ा श्रृंखला भी प्राप्त कर सकते हैं।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: सितंबर 28, 2024