विदेशी मुद्रा विभाग - आरबीआई - Reserve Bank of India
अवलोकन
विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम, 1973 (फेरा) को निरस्त कर दिया गया और इसके स्थान पर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा) नामक नया अधिनियम 1 जून 2000 से प्रभावी हुआ। बाह्य व्यापार और भुगतान को सुविधाजनक बनाने और भारत में विदेशी मुद्रा बाजार के सुव्यवस्थित विकास और सुचारु संचालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह नई व्यवस्था लागू की गयी।
विदेशी मुद्रा लेनदेन सुविधा
चूंकि प्रक्रियाओं को अब सरल बनाया गया है और फेमा, 1999 के तहत शक्तियां प्राधिकृत व्यक्तियों को प्रदान कर दी गयी हैं, इसलिए व्यष्टि नागरिकों के मामले में विदेशी मुद्रा विभाग की भूमिका न्यूनतम है। भारत में निवासी व्यक्तियों को अपनी विदेशी मुद्रा आवश्यकताओं के लिए केवल प्राधिकृत व्यक्तियों से संपर्क करना होता है। भारत सरकार द्वारा समय-समय पर अधिसूचित चालू खाता नियमावली और रिज़र्व बैंक द्वारा अधिसूचित पूंजी खाता विनियमावली में दिए गए निर्देशों के अनुसार व्यष्टियों के विदेशी मुद्रा लेनदेन की सुविधा प्राधिकृत व्यक्ति प्रदान करेंगे। रिज़र्व बैंक केवल उन्हीं आवेदनों पर कार्रवाई करता है जिन पर विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन) नियमावली और (पूंजी खाता लेनदेन) विनियमावली के तहत रिज़र्व बैंक के पूर्व अनुमोदन की अपेक्षा होती है।
फेमा उल्लंघनों की कंपाउंडिंग
फेमा में निहित भावना को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने इस अधिनियम की धारा 15 के तहत रिज़र्व बैंक को शक्ति प्रदान की है कि वह फेमा, 1999 की धारा 3(क) को छोड़कर इस अधिनियम की अन्य सभी धाराओं के उल्लंघनों की कंपाउंडिंग कर सकता है। कंपाउंडिंग के तहत उल्लंघनकर्ता के पास स्वेच्छा से उल्लंघन स्वीकार करने, दोष मानने और निवारण की मांग करने का विकल्प होता है। यह प्रक्रिया जहाँ उन व्यष्टियों और कंपनियों को राहत प्रदान करती है जिन्होंने अनजाने में फेमा का उल्लंघन किया है, वहीं यह इरादतन, दुर्भावनापूर्ण और धोखाधड़ीपूर्ण लेनदेन के प्रति गंभीर रुख रखती है।
कार्यपालकों से संपर्क करें
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डॉ. आदित्य गेहा
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक
भारतीय रिज़र्व बैंक, 11वीं मंजिल, केंद्रीय कार्यालय भवन, शहीद भगत सिंह मार्ग, मुंबई-400 001.
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22610623
जारी आंकड़े
इस खण्ड में भारतीय अर्थव्यवस्था, बैंकिंग और वित्त के विभिन्न पहलुओं से संबंधित आँकड़े दिये गये हैं। जहां विद्यमान विगत एक वर्ष के आँकड़ों के रूप में परिभाषित किए गये हैं और वे नीचे दिये गए लिंक पर उपलब्ध हैं वहीं अनुसंधानकर्ता इस पृष्ठ पर दिये गए भारतीय अर्थव्यवथा का डाटाबेस लिंक पर आँकड़ा श्रृंखला भी प्राप्त कर सकते हैं।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: जुलाई 04, 2025