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भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 19 मई 2023 की प्रेस प्रकाशनी 2023-2024/257 के माध्यम से ₹2000 मूल्यवर्ग के बैंकनोटों को संचलन से वापस लेने की घोषणा की थी। ₹2000 के बैंकनोटों की वापसी की स्थिति भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर प्रकाशित की गई है। इस संबंध में अंतिम प्रेस प्रकाशनी 01 जनवरी 2024 को प्रकाशित की गई थी। 2. ₹2000 के बैंकनोटों को जमा करने और/ या बदलने की सुविधा 7 अक्तूबर 2023 तक देश की सभी बैंक शाखाओं में उपलब्ध थी। 3. ₹2000 के बैंकनोटों को बदलने की सुविधा 19 मई 2023 से भारतीय रिज़र्व बैंक के 19 निर्गम कार्यालयों (भारतीय रिज़र्व बैंक निर्गम कार्यालय)[1] में उपलब्ध है। 9 अक्तूबर 2023 से, भारतीय रिज़र्व बैंक के निर्गम कार्यालय, व्यक्तियों/ संस्थाओं से उनके बैंक खातों में जमा करने के लिए भी ₹2000 के बैंकनोट स्वीकार कर रहे हैं। इसके अलावा, देश के भीतर जनता के सदस्य भारत में अपने बैंक खातों में जमा करने हेतु देश के किसी भी डाकघर से भारतीय डाक के माध्यम से भारतीय रिज़र्व बैंक के किसी भी निर्गम कार्यालय को ₹2000 के बैंक नोट भेज रहे हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 18 जनवरी 2024 के आदेश द्वारा दि शिरपुर पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, धुले (महाराष्ट्र) (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक अन्य प्रतिबंध- यूसीबी और निदेशक मंडल-यूसीबी संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 19 जनवरी 2024 के आदेश द्वारा जनता सहकारी बैंक लिमिटेड, अमरावती (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26ए के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹50,000/- (पचास हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 25 जनवरी 2024 के आदेश द्वारा नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, शिवपुरी (मध्य प्रदेश) पर यूसीबी पर एक्सपोजर मानदंड और सांविधिक/ अन्य प्रतिबंध तथा अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 18 जनवरी 2024 के आदेश द्वारा नासिक जिला सरकारी एंड परिषद कर्मचारी सहकारी बैंक नियामित, नासिक (महाराष्ट्र) (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
दिसंबर 2023 के दौरान सेवाओं के निर्यातों और आयातों का मूल्य निम्नलिखित सारणी में दिया गया है।
भारत सरकार ने 2 फरवरी 2024 को आयोजित की जाने वाली नीलामियों के माध्यम से निम्नलिखित विवरण के अनुसार सरकारी प्रतिभूतियों की बिक्री (पुनर्निर्गम) की घोषणा की है।
(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 488,900.96 6.73 5.00-7.05 I. मांग मुद्रा 13,194.75 6.79 5.00-6.86 II. ट्राइपार्टी रेपो 328,800.25 6.70 6.64-7.00 III. बाज़ार रेपो 146,430.96 6.77 6.25-6.90 IV. कॉरपोरेट बॉण्ड में रेपो 475.00 7.05 7.05-7.05 ख. मीयादी खंड I. सूचना मुद्रा** 578.50 6.89 6.20-7.00 II. मीयादी मुद्रा@@ 775.00 - 6.60-7.50 III. ट्राइपार्टी रेपो 1,475.00 6.79 6.70-6.80 IV. बाज़ार रेपो 2,679.27 6.94 6.83-7.10 V. कॉरपोरेट बॉण्ड में रेपो 0.00 - -
भारतीय रिज़र्व बैंक देश भर में भुगतान के डिजिटलीकरण की सीमा का पता लगाने के लिए मार्च 2018 को आधार मानकर एक समग्र भारतीय रिज़र्व बैंक - डिजिटल भुगतान सूचकांक (आरबीआई-डीपीआई) 1 जनवरी 2021 से प्रकाशित कर रहा है। सितंबर 2023 के लिए यह सूचकांक 418.77 रहा, जबकि मार्च 2023 के लिए यह 395.57 था, जिसकी घोषणा 27 जुलाई 2023 को की गई थी। इस अवधि के दौरान आरबीआई-डीपीआई सूचकांक, विशेष रूप से देश भर में भुगतान सक्षमकर्ताओं, भुगतान निष्पादन और उपभोक्ता केंद्रितता में वृद्धि के कारण, सभी मापदंडों में बढ़ा है। अपने आरंभ से सूचकांक शृंखला निम्नानुसार है:
जनवरी 2024 माह के दौरान अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और लघु वित्त बैंकों को छोड़कर) की ऋण और जमा दरों के संबंध में प्राप्त आंकड़े तालिका 1 से 7 में दर्शाए गए हैं।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: जुलाई 19, 2024