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मौद्रिक नीति निर्णय वर्तमान और उभरती समष्टि-आर्थिक स्थिति के आकलन के पश्चात, मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (6 दिसंबर 2024) की अपनी बैठक में यह निर्णय लिया है कि: • चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत नीतिगत रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर यथावत् रखा जाए।
(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 596,951.64 6.54 5.00-6.90 I. मांग मुद्रा 12,150.79 6.53 5.10-6.75 II. ट्राइपार्टी रेपो 435,140.30 6.54 6.39-6.75 III. बाज़ार रेपो 148,181.85 6.54 5.00-6.90 IV. कॉरपोरेट बॉण्ड में रेपो 1,478.70 6.69 6.65-6.85 ख. मीयादी खंड I. सूचना मुद्रा** 232.58 6.57 6.25-6.65 II. मीयादी मुद्रा@@ 545.00 - 6.75-7.80 III. ट्राइपार्टी रेपो 352.00 6.70 6.65-6.75 IV. बाज़ार रेपो 1,164.35 6.58 6.55-6.85 V. कॉरपोरेट बॉण्ड में रेपो 0.00 - -
भारतीयरिज़र्व बैंक ने दिनांक 4 दिसंबर 2024 के आदेश द्वारा दि कुलितलई को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, तमिलनाडु (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा ‘पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचा (एसएएफ)’ के अंतर्गत जारी विशिष्ट निदेशों और ‘शेयर पूंजी और प्रतिभूतियों के निर्गम और विनियमन – प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक’ पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 4 दिसंबर 2024 के आदेश द्वारा दि बापटला को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, आंध्र प्रदेश (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/ संस्थाओं, जिनमें उनके हित हों, को ऋण और अग्रिम’, ‘एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक/ अन्य प्रतिबंध - यूसीबी’ तथा ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) ’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 5 दिसंबर 2024 के आदेश द्वारा जिला सहकारी बैंक लिमिटेड, मिर्ज़ापुर (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26ए के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹5.00 लाख (पाँच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारत सरकार ने 6 दिसंबर 2024 को आयोजित की जाने वाली नीलामियों के माध्यम से निम्नलिखित विवरण के अनुसार सरकारी प्रतिभूतियों की बिक्री (निर्गम/ पुनर्निर्गम) की घोषणा की है।
(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 5,97,526.38 6.30 5.00-6.80 I. मांग मुद्रा 11,409.18 6.42 5.10-6.60 II. ट्राइपार्टी रेपो 4,32,238.60 6.30 6.24-6.62 III. बाज़ार रेपो 1,52,284.90 6.31 5.00-6.80 IV. कॉरपोरेट बॉण्ड में रेपो 1,593.70 6.45 6.40-6.55
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत सीकर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सीकर, राजस्थान को दिनांक 26 अक्तूबर 2018 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-I/D-2/12.27.215/2018-19 के माध्यम से 9 मई 2019 तक छह महीने की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे समय-समय पर संशोधित किया गया तथा पिछली बार इसे दिनांक 29 अगस्त 2024 के निदेश DOR.MON/D-47/12.27.215/2024-25 द्वारा 9 दिसंबर 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जनहित में, उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 9 दिसंबर 2024 को कारोबार की समाप्ति से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 29 नवंबर 2024 को समाप्त सप्ताह के लिए आरक्षित मुद्रा पर आंकड़े आज जारी किए।
नीलामी का परिणाम 91 दिवसीय 182 दिवसीय 364 दिवसीय I. अधिसूचित राशि ₹7000 करोड़ ₹6000 करोड़ ₹6000 करोड़ II. प्राप्त प्रतिस्पर्धी बोलियां (i) संख्या 102 62 88 (ii) राशि ₹ 23634.100 करोड़ ₹ 22334.650 करोड़ ₹ 19692.150 करोड़
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: मई 02, 2025