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भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 8 जुलाई 2024 के आदेश द्वारा दि महाबलेश्वर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, महाबलेश्वर, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘एक्सपोजर मानदंड तथा सांविधिक/ अन्य प्रतिबंध- शहरी सहकारी बैंक’ तथा ‘पूंजी पर्याप्तता संबंधी विवेकपूर्ण मानदंड-शहरी सहकारी बैंक’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 4 जुलाई 2024 के आदेश द्वारा नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, भिवंडी, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘जमा खातों का रखरखाव – प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 4 जुलाई 2024 के आदेश द्वारा कृष्णा सहकारी बैंक लिमिटेड, सतारा (बैंक) पर ‘एक्सपोज़र मानदंड तथा सांविधिक/ अन्य प्रतिबंध- शहरी सहकारी बैंक’ पर भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 4 जुलाई 2024 के आदेश द्वारा आबासाहेब पाटिल रेंदाल सहकारी बैंक लिमिटेड, रेंदाल, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचा के अंतर्गत जारी विशिष्ट निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज विनियमित संस्थाओं अर्थात (i) वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित) और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों; (ii) सहकारी बैंकों (शहरी सहकारी बैंकों/राज्य सहकारी बैंकों/केन्द्रीय सहकारी बैंकों); तथा (iii) गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों (आवास वित्त कंपनियाँ सहित) के लिए धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन पर तीन संशोधित मास्टर निदेश जारी किए।
क. स्रोत प्रतिभूति 7.72% जीएस 2025 5.22% जीएस 2025 8.20% जीएस 2025 8.20% जीएस 2025 5.15% जीएस 2025 7.59% जीएस 2026 ख. अधिसूचित राशि (राशि करोड़ ₹ में) 1,000 4,000 3,500 1,000 2,000 1,000 नियत प्रतिभूति 6.67% जीएस 2050 7.40% जीएस 2035 7.54% जीएस 2036 8.24% जीएस 2033 6.67% जीएस 2035 7.36% जीएस 2052 ग. i. प्राप्त प्रस्तावों की संख्या 2 10 7 1 10 8 ii. प्रस्तावित स्रोत प्रतिभूति की कुल राशि (अंकित मूल्य करोड़ ₹ में) 279.329 1,830.000 3,512.000 1,000.000 2,315.945 1,450.000 iii. स्वीकृत प्रस्तावों की संख्या 0 7 3 0 5 0
अवधि 4-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 75,000 प्राप्त प्रस्तावों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 37,220 स्वीकृत राशि (₹ करोड़ में) 37,220 कट ऑफ दर (%) 6.49 भारित औसत दर (%) 6.49 कट ऑफ दर पर प्राप्त प्रस्तावों के आंशिक स्वीकृति का प्रतिशत लागू नहीं
भारतीय रिज़र्व बैंक ने जुलाई-सितंबर 2024 की संदर्भ अवधि के लिए तिमाही सेवाएं और मूलभूत सुविधा संभावना सर्वेक्षण (एसआईओएस) के 42वें दौर की शुरुआत की। यह सर्वेक्षण मांग स्थितियों, वित्तीय स्थितियों, रोजगार स्थितियों तथा मूल्य स्थिति से संबंधित संकेतकों के समूह पर गुणवत्तापूर्ण प्रत्युत्तरों के आधार पर भारत में सेवाओं और मूलभूत सुविधा क्षेत्र की चुनिंदा कंपनियों की वर्तमान तिमाही (2024-25 की दूसरी तिमाही) के लिए कारोबारी स्थिति तथा आगामी तिमाही (2024-25 की तीसरी तिमाही) के लिए उनकी संभावना का आकलन करता है। इसमें बाद की दो तिमाहियों (2024-25 की चौथी तिमाही और 2025-26 की पहली तिमाही) के लिए प्रमुख मापदंडों से संबंधित संभावना को भी शामिल किया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने जुलाई-सितंबर 2024 की संदर्भ अवधि के लिए भारतीय विनिर्माण क्षेत्र के त्रैमासिक औद्योगिक संभावना सर्वेक्षण (आईओएस) के 107वें दौर की शुरुआत की है। इस सर्वेक्षण में वर्तमान तिमाही (2024-25 की दूसरी तिमाही) के लिए कारोबारी मनोभाव और आगामी तिमाही (2024-25 की तीसरी तिमाही) के लिए प्रत्याशाओं का आकलन किया जाता है, जो मांग की स्थितियों, वित्तीय स्थितियों, रोजगार की स्थितियों तथा मूल्य स्थिति से संबंधित संकेतकों के समूह पर गुणवत्तापूर्ण प्रत्युत्तरों पर आधारित होता है। इसमें बाद की दो तिमाहियों (2024-25 की चौथी तिमाही और 2025-26 की पहली तिमाही) के लिए प्रमुख मापदंडों से संबंधित संभावना को भी शामिल किया गया है।
(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 0.00 - - I. मांग मुद्रा 0.00 - - II. ट्राइपार्टी रेपो 0.00 - - III. बाज़ार रेपो 0.00 - - IV. कॉरपोरेट बॉण्ड में रेपो 0.00 - -
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: जुलाई 19, 2024