मांग/नोटिस मुद्रा बाज़ार के परिचालन पर मास्टर परिपत्र - आरबीआई - Reserve Bank of India
मांग/नोटिस मुद्रा बाज़ार के परिचालन पर मास्टर परिपत्र
आरबीआइ/2012-13/98 2 जुलाई 2012 सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)/ महोदय मांग/नोटिस मुद्रा बाज़ार के परिचालन पर मास्टर परिपत्र भारतीय रिज़र्व बैंक ने मांग/नोटिस मुद्रा बाज़ार के संबंध में समय-समय पर अनेक दिशा-निर्देश/अनुदेश/निर्देश जारी किए हैं । इस संबंध में पात्र संस्थाओं को एक ही जगह पर सभी वर्तमान अनुदेशों को उपलब्ध कराने की दृष्टि से उक्त विषय से संबंधित सभी अद्यतन दिशा-निर्देशों/अनुदेशों/निर्देशों को शामिल करते हुए सभी बाजार सहभागियों और अन्य संबंधित संस्थाओ के लिए एक मास्टर परिपत्र तैयार किया गया है । यह नोट किया जाए कि यह मास्टर परिपत्र मांग/नोटिस मुद्रा बाज़ारों से संबंधित कार्य में संलग्न पात्र संस्थाओं के परिचालन के संबंध में परिशिष्ट में सूचीबद्ध सभी अनुदेशों/दिशा-निर्देशों का समेकित व अद्यतन रूप है । यह मास्टर परिपत्र /en/web/rbi/notifications/master-circulars पर भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर भी उपलब्ध करा दिया गया है । भवदीय (के.के. वोहरा) अनुलग्नक : यथोक्त मास्टर परिपत्र विषय-वस्तु की तालिका
मांग/नोटिस मुद्रा बाज़ार के परिचालन पर मास्टर परिपत्र मुद्रा बाज़ार ऐसी अल्पावधि वित्तीय परिसंपत्तियों के प्रयोजनार्थ बाज़ार है जो मुद्रा के समान एवजी परिसंपत्तियां हैं । मुद्रा बाज़ार लिखत की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि वह तरल है और उसे कम लागत पर जल्द ही मुद्रा के रूप में बदला जा सकता है तथा उससे उधारदाता की अल्पावधि अतिरिक्त निधि एवं उधारकर्ताओं की आवश्यकताओं की पूर्ति करने में संतुलन स्थापित होता है । मांग/नोटिस मुद्रा बाज़ार भारतीय मुद्रा बाज़ार का एक महत्वपूर्ण अंश होता है । मांग मुद्रा बाज़ार के अंतर्गत निधियों का एक दिवसीय (ओवरनाइट) आधार पर लेनदेन किया जाता है, तथा, नोटिस मुद्रा बाज़ार में निधियों का लेनदेन 2 से 14 दिन की अवधि के लिए किया जाता है । वर्तमान में मांग/नोटिस मुद्रा बाज़ार के अंतर्गत अनुसूचित वाणिज्य बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) सहकारी बैंकों (भूमि विकास बैंकों को छोडकर) तथा प्राथमिक व्यापारियों (पीडी), को उधारकर्ता व उधारदाता (अनुबंध ।) दोनों के रूप में शामिल किया जाता है । 3.1. अनुसूचित वाणिज्य बैंकों, सहकारी बैंकों और प्राथमिक व्यापारियों के लिए मांग/नोटिस मुद्रा बाजार में बकाया उधारों तथा उधार लेन-देनों, दोनों के संबंध में विवेकपूर्ण सीमाएँ नीचे दर्शायी गयी हैं :
3.2. बैंकेतर संस्थाओं ( प्राथमिक व्यापारियों को छोड़कर) को मांग/नोटिस मुद्रा बाज़ार में परिचालन करने की अनुमति नहीं है । 4.1. पात्र सहभागी मांग/नोटिस मुद्रा बाज़ार में ब्याज दरें तय करने के लिए स्वतंत्र है । 4.2. देय ब्याज का परिकलन आय मुद्रा बाज़ार और डेरिवेटिव्ज संघ (फिमडा) की पुस्तिका के आधार पर किया जाएगा । 5.1. मांग/नोटिस मुद्रा बाज़ार में सौदे कार्य-दिवस में सायं 5.00 बजे तक एवं शनिवार को अपराह्न 2.30 बजे तक या समय-समय पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्दिष्ट किए अनुसार किए जा सकते हैं । 6.1. पात्र सहभागी फिमडा द्वारा सुझाए गए प्रलेखन अपना कर सकते हैं । 7.1. मांग/नोटिस मुद्रा में स्क्रीन-आधारित (तयशुदा लेन-देन प्रणाली एनडीएस-कॉल) पर किए जाने वाले सभी सौदों के लिए अलग से रिपोर्टिंग अपेक्षित नहीं है । सभी तयशुदा लेनदेन प्रणाली (एनडीएस) के सदस्यों को एनडीएस पर अपने मांग/नोटिस मुद्रा बाज़ार सौदों (एनडीएस-कॉल पर किए जाने वाले सौदों को छोड़कर) की रिपोर्टिंग प्रस्तुत करनी आवश्यक है । सौदों की रिपोर्ट 15 मिनट के अंदर एनडीएस पर की जानी है, चाहे लेनदेन की मात्रा कुछ भी हो अथवा प्रति-पक्ष एनडीएस का सदस्य हो या नहीं । यदि एनडीएस का कोई सदस्य बार-बार अपने सौदों की रिपोर्टिंग नहीं करता है तो उस सदस्य द्वारा रिपोर्ट न किए गए सौदों को अवैध माना जाएगा । 7.2. एनडीएस पर रिपोर्टिंग समय कार्य-दिवस में सायं 5.00बजेतकतथाशनिवारकोअपराह्न 2.30 बजे तक या समय-समय पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्दिष्ट किए अनुसार होगा । 7.3. मांग/नोटिस मुद्रा संबंधी लेनदेनों की रिपोर्टिंग में स्थिरता आ जाने और दिनांक11 दिसंबर 2004 से मांग/नोटिस/मीयादी मुद्रा लेनदेनों के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक को फ़ैक्स भेजे जाने की प्रथा को बंद कर दिया गया है । तथापि, गैर-एनडीएस सदस्यों के बीच किए जाने वाले सौदों की रिपोर्ट पहले जैसे ही भारतीय रिज़र्व बैंक के वित्तीय बाज़ार विभाग (एफ़एमडी) को भेजा जाना जारी रहेगा (अनुबंध-।।) । 7.4 यदि आवश्यकता पड़ी तो भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा पात्र सहभागियों से फ़ैक्स द्वारा मुद्रा बाज़ार संबंधी लेनदेनों की जानकारी मांगी जा सकती है । (पैरा 2 देखें) ।. संस्थाओं की सूची जिन्हें मांग/नोटिस मुद्रा बाज़ार में उधारदाता व उधारकर्ता दोनों के रूप में भाग लेने की अनुमति दी गई है (क) अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर); (पैरा 7.3 देखें) मांग/नोटिस/मीयादी मुद्रा बाज़ार लेनदेनों से संबंधित दैनिक विवरणी सेवा में मुख्य महाप्रबंधक
प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता परिभाषाएं इन दिशा-निर्देशों में जब तक प्रसंगवश अन्यथा अपेक्षित न हो तब तक : 1. ''मांग मुद्रा'' का तात्पर्य है एक दिवसीय निधि । 2. ''नोटिस मुद्रा'' से अभिप्रेत है 2 से 14 दिनों तक निधियों में किए जाने वाले सौदे । 3. "मीयादी मुद्रा" का तात्पर्य है 15 दिन से 1 वर्ष तक निधि में किए जाने वाले सौदे । 4. ''पखवाड़े'' का निर्धारण रिपोर्टिंग शुक्रवार के आधार पर होगा और इसका तात्पर्य शनिवार से अगले शुक्रवार तक की अवधि है, जिसमें उक्त दोनों दिन शामिल हैं । 5. ''बैंक'' या ''बैंकिंग कंपनी'' से अभिप्रेत है बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (1949 का 10) की धारा 5 के खंड (सी) में यथापरिभाषित बैंकिंग कंपनी या उसके खंड (डीए), खंड (एनसी) एवं खंड (एनडी) में क्रमश: यथापरिभाषित ''तदनुरूपी नया बैंक'', ''भारतीय स्टेट बैंक'' या ''अनुषंगी बैंक'', जिसके अंतर्गत उक्त अधिनियम की धारा 56 के साथ पठित धारा 5 के खंड (सीसीआइ) में यथापरिभाषित ''सहकारी बैंक'' भी शामिल है । 6.''अनुसूचित बैंक'' का तात्पर्य है भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की द्वितीय अनुसूची में समाविष्ट बैंक । 7. ''प्राथमिक व्यापारी'' से अभिप्रेत ऐसी वित्तीय संस्था से है जो दिनांक 29 मार्च 1995 के ''सरकारी प्रतिभूति बाज़ार में प्राथमिक व्यापारी संबंधी दिशा-निर्देश'' समय-समय पर यथासंशोधित के अनुसरण में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्राथमिक व्यापारी होने के संबंध में जारी किया गया वैध प्राधिकार पत्र धारण करती हो । 8. ''पूंजी निधियों'' का तात्पर्य संस्था के अद्यतन लेखापरीक्षित तुलन-पत्र में प्रकट किये गये टियर I और टियर II का जोड़ है । 9. भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 के अनुसार प्राथमिक व्यापारियो के लिए शुद्ध स्वाधिकृत निधि की गणना कंपनी के पिछले तुलन पत्र में प्रदत्त इक्विटी पूंजी और मुक्त प्रारक्षित निधि के जोड़ के रूप में की जाएगी जिसमें से (i) हानि का संचयी शेष; (ii) आस्थगित राजस्व व्यय; तथा (iii) अन्य अमूर्त आस्तियाँ कम की जाएगी । साथ ही, इसमें से ये राशि भी कम की जाएगी - (1) ऐसी कंपनी द्वारा (i) अपनी अनुषंगी, (ii) उसी समूह की कंपनी, (iii) अन्य सभी गैर-बैंकिंग कंपनियों में निवेश तथा (2) डिबेंचरों, बॉण्डो, बकाया ऋण और अग्रिमों का अंकित मूल्य (किराया खरीद और पट्टे सहित) तथा (i) ऐसी कंपनियों की अनुषंगी, तथा उसी समूह की कंपनियों, में उक्त (क) के 10 प्रतिशत से अधिक की जमा राशि । परिपत्रों की सूची
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