मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (एनडीएस-ओएम हेतु पहुँच मानदंड) निदेश, 2025
आरबीआई/विबाविवि/2024-25/127 07 फरवरी, 2025 सरकारी प्रतिभूति बाजार में सभी प्रतिभागी महोदया/महोदय, एनडीएस-ओएम हेतु सेबी-पंजीकृत गैर-बैंक ब्रोकरों की पहुँच कृपया खुदरा निवेशकों के कारोबार की सुविधा हेतु नेगोशिएटेड डीलिंग सिस्टम-ऑर्डर मैचिंग (एनडीएस-ओएम) इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) में पंजीकृत गैर-बैंक ब्रोकरों की पहुँच उपलब्ध कराने के संबंध में दिनांक 07 फरवरी, 2025 के 204-25 हेतु द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य के एक भाग के रूप में घोषित विकासात्मक एवं विनियामकीय नीतियों पर वक्तव्य के पैरा 2 का संदर्भ लें। दिनांक 18 अक्तूबर, 2024 के भारतीय रिज़र्व बैंक (एनडीएस-ओएम हेतु पहुँच मानदंड) निदेश, 2024 का संदर्भ भी आमंत्रित किया जाता है, जिसमें रिज़र्व बैंक ने एनडीएस-ओएम प्लेटफॉर्म पर पहुँच हेतु मानदंड निर्दिष्ट किए हैं। 2. इस संबंध में एनडीएस-ओएम हेतु पहुँच मानदंडों में आवश्यक परिवर्तन किए गए हैं। संशोधित पहुँच मानदंडों को मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (एनडीएस-ओएम हेतु पहुँच मानदंड) निदेश, 2025 में समेकित किया गया है और दिनांक 18 अक्तूबर, 2024 के भारतीय रिज़र्व बैंक (एनडीएस-ओएम हेतु पहुँच मानदंड) निदेश, 2024 का अधिक्रमण करते हुए जारी किया गया है। 3. इस परिपत्र में निहित निदेश भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की 45यू के साथ पठित धारा 45डबल्यू के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों और इस संबंध में उसे समर्थ बनाने वाली सभी शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किए गए हैं। 4. ये निदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। भवदीया, (डिम्पल भांडिया) भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं.विबाविवि.एमआईओडी.13/11.01.051/2024-25, दिनांक 07 फरवरी, 2025 मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (एनडीएस-ओएम हेतु पहुँच मानदंड) निदेश, 2025 भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (इसके बाद इसे अधिनियम कहा जाएगा) की धारा 45यू के साथ पठित की धारा 45डबल्यू के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक (जिसे इसके बाद रिज़र्व बैंक कहा जाएगा) एतद्द्वारा भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार में कारोबार में भाग लेने या कारोबार करने के लिए पात्र सभी व्यक्तियों के लिए, दिनांक 18 अक्तूबर, 2024 के भारतीय रिज़र्व बैंक (एनडीएस-ओएम हेतु पहुँच मानदंड) निदेश, 2024 का अधिक्रमण करते हुए, निम्नलिखित निदेश जारी करता है। 1. संक्षिप्त नाम, सीमा, प्रारंभ और प्रयोज्यता। ए) इन निदेशों को मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (एनडीएस-ओएम हेतु पहुँच मानदंड) निदेश, 2025 कहा जाएगा। बी) ये निदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। 2. परिभाषाएँ: इन निदेशों में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो: ए) "अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान" का अर्थ होगा- भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्जिम बैंक), राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी), भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) और राष्ट्रीय अवसंरचना वित्तपोषण और विकास बैंक (एनएबीएफआईडी); बी) "बैंक" का अर्थ होगा- बैंकिंग कंपनी (स्थानीय क्षेत्र बैंक, भुगतान बैंक और लघु वित्त बैंक सहित) जैसा कि बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 5 के खंड (सी) में परिभाषित है या "क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक", "संबंधित नया बैंक" या "भारतीय स्टेट बैंक" जैसा कि क्रमशः धारा 5 के खंड (जेए), (डीए) और (एनसी) में परिभाषित है, या "सहकारी बैंक" जैसा कि उक्त अधिनियम की धारा 56 के साथ पठित धारा 5 के खंड (सीसीआई) में परिभाषित है; सी) "नामित निपटान बैंक (डीएसबी)" का अर्थ होगा- क्लियरिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा नियुक्त एक बैंक, जो अपने प्रतिभूति निपटान खंड के सदस्यों के निधि दायित्वों के निपटान के लिए जो रिज़र्व बैंक के साथ चालू खाता नहीं रख रहे हैं; डी) "सीधी पहुँच" का अर्थ एनडीएस-ओएम तक पहुँच होगा जिसमें एक इकाई जो लेनदेन के लिए एक पार्टी है, सीधे प्लेटफॉर्म पर/को लेनदेन निष्पादित/रिपोर्ट करती है और इस तरह के लेनदेन अपने स्वयं के सहायक जनरल लेजर (एसजीएल) खाते में निपटाए जाते हैं; ई) "इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म (ईटीपी)" का वही अर्थ होगा जो समय-समय पर यथासंशोधित 05 अक्टूबर 2018 के इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2018 की धारा 2(1)(iii) में दिया गया है; एफ़) "सरकारी प्रतिभूति" का वही अर्थ होगा जो सरकारी प्रतिभूति अधिनियम, 2006 की धारा 2(एफ) में दिया गया है; जी) "अप्रत्यक्ष पहुँच" का अर्थ एनडीएस-ओएम तक पहुँच होगा जहां एक इकाई किसी अन्य इकाई के माध्यम से अपने लेनदेन करती है जिसकी एनडीएस-ओएम तक सीधी पहुँच है और जो इस तरह के लेनदेन के निपटान के लिए जिम्मेदारी लेती है; एच) "नेगोशिएटेड डीलिंग सिस्टम-ऑर्डर मैचिंग (एनडीएस-ओएम)" का अर्थ होगा- सरकारी प्रतिभूतियों में लेनदेन के लिए 05 अक्टूबर 2018 के इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2018 के तहत रिज़र्व बैंक द्वारा अधिकृत ईटीपी; आई) "गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी" का वही अर्थ होगा जो अधिनियम की धारा 45-आई(एफ़) में इसे सौंपा गया है। जे) “स्टॉक ब्रोकर कनेक्ट” का तात्पर्य ऐसी पद्धति से होगा जिसके माध्यम से कोई स्टॉक ब्रोकर अपने उन व्यक्तिगत घटकों/ग्राहकों को एनडीएस-ओएम तक पहुँच प्रदान करता है जो भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) में पंजीकृत डिपोजिटरियों में डीमैट खाते बनाये रखते हैं। प्रयुक्त शब्दों और अभिव्यक्तियों, जो इन निदेशों में परिभाषित नहीं हैं, का वही अर्थ होगा जो अधिनियम में या सरकारी प्रतिभूति अधिनियम, 2006 के तहत दिया गया गया है। खंड – I : पहुँच 3. समय-समय पर यथासंशोधित भारत सरकार/राज्य सरकारों/रिज़र्व बैंक द्वारा जारी लागू नियमों/दिशानिर्देशों के अनुसार सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करने के लिए पात्र कोई व्यक्ति/संस्था या तो सीधी पहुँच के माध्यम से या अप्रत्यक्ष पहुँच के माध्यम से या इन निदेशों के अनुसार स्टॉक ब्रोकर कनेक्ट के माध्यम से एनडीएस-ओएम पर पहुँच के लिए पात्र होगी। खंड – II : एनडीएस-ओएम तक सीधी पहुँच 4. पात्र संस्था निम्नलिखित संस्थाएं एनडीएस-ओएम तक सीधी पहुँच के लिए पात्र होंगी बशर्ते वे इन निदेशों में निर्धारित सभी अपेक्षाओं और शर्तों को पूरा करें: ए) बैंक; बी) स्टैंडअलोन प्राथमिक डीलर; सी) आवास वित्त कंपनियों सहित गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियां; डी) अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान; ई) म्यूचुअल फंड; एफ़) भविष्य निधि; जी) पेंशन फंड; एच) बीमा कंपनियां; आई) विनियमित बाजार अवसंरचना संस्थान (एमआईआई), सरकारी प्रतिभूतियों में अपनी निपटान गारंटी निधि का निवेश करने के लिए, जैसा कि रिज़र्व बैंक, ऐसे नियमों और शर्तों के अधीन जो वह निर्धारित कर सकता है, विशेष रूप से अनुमति दे सकता है,; और जे) कोई अन्य संस्था जिसे रिज़र्व बैंक विशेष रूप से अनुमति दे सकता है। 5. एनडीएस-ओएम तक सीधी पहुँच प्राप्त करने के लिए आवश्यकताएं एनडीएस-ओएम तक सीधी पहुँच प्राप्त करने के लिए पात्र संस्थाएं निम्नलिखित आवश्यकताओं को पूरा करेंगी: ए) रिज़र्व बैंक के साथ एसजीएल खाता; बी) रिज़र्व बैंक या नामित निपटान बैंक के साथ चालू खाता; और सी) क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (सीसीआईएल) के प्रतिभूति निपटान खंड की सदस्यता। 6. एनडीएस-ओएम तक सीधी पहुँच प्राप्त करने के लिए आवेदन इन निदेशों के पैराग्राफ (4) के अनुसार एनडीएस-ओएम तक सीधी पहुँच के लिए पात्र और इन निदेशों के पैराग्राफ (5) में निर्धारित आवश्यकताओं को पूरा करने वाली संस्थाएं, एनडीएस-ओएम तक सीधी पहुँच प्राप्त करने के लिए मुख्य महाप्रबंधक, वित्तीय बाजार विनियमन विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, 9वीं मंजिल, केंद्रीय कार्यालय भवन, शहीद भगत सिंह मार्ग, मुंबई – 400001 को अनुबंध में दिए गए प्रारूप में आवेदन कर सकती हैं। ऐसी संस्थाएं, वैकल्पिक रूप से, भुगतान प्रणालियों के लिए समय-समय पर यथासंशोधित अभिगम मानदंड (मास्टर निदेश डीपीएसएस.सीओ.ओडी.सं.1846/04.04.009/2016-17, दिनांक 17 जनवरी, 2017) के अंतर्गत निर्धारित प्रक्रिया के माध्यम से एनडीएस-ओएम तक सीधी पहुँच प्राप्त करने की मांग कर सकती हैं। 7. एनडीएस-ओएम तक सीधी पहुँच प्रदान करना ए) रिज़र्व बैंक, इस बात से संतुष्ट होने के बाद कि आवेदक पात्रता मानदंडों को पूरा करता है, उसमें निर्धारित नियम और शर्तों के अधीन, एनडीएस-ओएम तक सीधी पहुँच प्रदान कर सकता है। बी) पहुँच प्रदान करते समय रिज़र्व बैंक
सी) किसी संस्था को प्रदान की गई एनडीएस-ओएम तक सीधी पहुँच हस्तांतरणीय नहीं है और यदि इकाई को इन निदेशों के प्रावधानों या किसी अन्य नियम या विनियमों या पहुँच की शर्तों का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है तो रिज़र्व बैंक अतिरिक्त शर्तें लगा सकता है। डी) रिज़र्व बैंक किसी संस्था को जारी एनडीएस-ओएम तक सीधी पहुँच को, सुनवाई का उचित अवसर देने के बाद, निलंबित/समाप्त कर सकता है, यदि वह संतुष्ट है कि:
ई) एनडीएस-ओएम तक सीधी पहुँच प्रदान करने या अस्वीकार करने या सीधी पहुँच को समाप्त करने के संबंध में रिज़र्व बैंक का निर्णय अंतिम होगा। खंड – III : एनडीएस-ओएम तक अप्रत्यक्ष पहुँच 8. सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करने के लिए पात्र कोई भी व्यक्ति/संस्था एनडीएस-ओएम तक अप्रत्यक्ष पहुँच प्राप्त कर सकती है यदि: ए) यह इन निदेशों के पैराग्राफ 4 के अनुसार एनडीएस-ओएम तक सीधी पहुँच के लिए पात्र संस्था नहीं है; या बी) यह इन निदेशों के पैराग्राफ 5 के अनुसार एनडीएस-ओएम तक सीधी पहुँच प्राप्त करने की आवश्यकताओं को पूरा नहीं करती है; या सी) इसे एनडीएस-ओएम तक सीधी पहुँच प्रदान नहीं की जाती है। 9. एनडीएस-ओएम तक अप्रत्यक्ष पहुँच एक ऐसी संस्था के माध्यम से होगी जिसकी एनडीएस-ओएम तक सीधी पहुँच है, और जो अप्रत्यक्ष पहुँच चाहने वाली संस्था द्वारा किए गए लेनदेन को निपटाने के लिए जिम्मेदारी संभालने के लिए सहमत है। 10. कोई भी संस्था जिसे समय-समय पर यथासंशोधित एसजीएल खाता: पात्रता मानदंड और परिचालन दिशानिर्देश (अधिसूचना संख्या आईडीएमडी.सीडीडी.एस788/11.22.001/2021-22, दिनांक 22 सितंबर, 2021) के संदर्भ में एसजीएल और एक घटक खाता, दोनों बनाए रखने की अनुमति है, अपने विवेक से, सीधी पहुँच के बजाय एनडीएस-ओएम तक अप्रत्यक्ष पहुँच का विकल्प चुन सकती है। खंड – IV: स्टॉक ब्रोकर कनेक्ट 11. पात्र निवेशक: कोई भी व्यक्तिगत निवेशक जो सेबी-पंजीकृत डिपॉजिटरी में डीमैट खाता बनाए रखता है। 12. पात्र स्टॉक ब्रोकर ए) सेबी में पंजीकृत स्टॉक ब्रोकर, सेबी के सामान्य / विशिष्ट अनुमोदन के अधीन; और बी) स्टॉक ब्रोकर का किसी संस्था के साथ एक समझौता है जो सीसीआईएल के प्रतिभूति निपटान खंड का सदस्य (इसके बाद "समाशोधन सदस्य") है जिसके अनुसार समाशोधन सदस्य स्टॉक ब्रोकर के घटकों/ग्राहकों द्वारा किए गए लेनदेन के निपटान के लिए जिम्मेदारी संभालने के लिए सहमत है। 13. एनडीएस-ओएम के लिए सेबी में पंजीकृत डिपॉजिटरी में डीमैट खाते बनाए रखने वाले अपने व्यक्तिगत घटकों/ग्राहकों तक पहुंच प्रदान करने के इच्छुक पात्र स्टॉक ब्रोकर, अनुबंध-2 में दिए गए प्रारूप में मुख्य महाप्रबंधक, वित्तीय बाजार विनियमन विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, 9वीं मंजिल, केंद्रीय कार्यालय भवन, शहीद भगत सिंह मार्ग, मुंबई – 400001 को आवेदन कर सकते हैं। 14. रिज़र्व बैंक, इस बात से संतुष्ट होने के बाद कि आवेदक पात्रता मानदंडों को पूरा करता है, आवेदक को अपने घटकों/ग्राहकों को एनडीएस-ओएम तक पहुंच प्रदान करने की अनुमति दे सकता है, जो उसमें निर्धारित किसी नियम और शर्तों के अधीन होगी। 15. ऐसी अनुमति प्रदान करते समय रिज़र्व बैंक, अन्य बातों के साथ-साथ, ए) कोई भी अतिरिक्त जानकारी या आवेदक से कोई स्पष्टीकरण मांग सकता है, जो उसकी राय में प्रासंगिक है और आवेदक ऐसी अतिरिक्त जानकारी और स्पष्टीकरण प्रस्तुत करेगा; और बी) अन्य विनियामकों या एजेंसियों या किसी अन्य प्राधिकरण से कोई अतिरिक्त जानकारी/सिफारिश प्राप्त कर सकता है, जो उसकी राय में आवेदन के निपटान के लिए प्रासंगिक है। 16. स्टॉक ब्रोकर को दिया गया अनुमोदन हस्तांतरणीय नहीं है। यदि किसी संस्था को इन निदेशों के प्रावधानों या सुविधा का उपयोग करने के लिए किन्हीं अन्य नियमों या विनियमों या शर्तों का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है तो रिज़र्व बैंक ऐसे कदम उठा सकता है जो आवश्यक हो सकते हैं, जिसमें अतिरिक्त शर्तें लगाना शामिल है। 17. रिज़र्व बैंक, स्टॉक ब्रोकर को दिए गए अनुमोदन को, सुनवाई के लिए उचित अवसर प्रदान करने के बाद, निलंबित/समाप्त कर सकता है, यदि वह संतुष्ट है कि: ए) संस्था एनडीएस-ओएम तक अपने घटकों/ग्राहकों तक पहुंच प्रदान करने के लिए पात्र नहीं रह गई है; या बी) संस्था ने रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किसी वैधानिक प्रावधान या किसी नियम या विनियम या निदेश या आदेश या अनुदेश का उल्लंघन किया है; या सी) संस्था ने समय-समय पर यथासंशोधित भारतीय रिज़र्व बैंक (बाजार दुरुपयोग रोकथाम) निदेश, 2019, दिनांक 15 मार्च 2019 के अंतर्गत परिभाषित बाजार दुरुपयोग किया है; या डी) संस्था ने स्टॉक ब्रोकर कनेक्ट की सुविधा को मंजूरी देते समय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित किसी भी नियम या शर्तों का उल्लंघन किया है; या ई) पहुंच का जारी रहना सार्वजनिक हित या देश की वित्तीय प्रणाली के लिए हानिकारक है। 18. अपने घटकों/ग्राहकों को एनडीएस-ओएम तक पहुंच प्रदान करते समय, स्टॉक ब्रोकर इस संबंध में रिज़र्व बैंक द्वारा जारी सभी विनियामक अनुदेशों के साथ-साथ रिज़र्व बैंक द्वारा यथानिर्दिष्ट अन्य नियमों और शर्तों का अनुपालन सुनिश्चित करेगा। ऐसी सुविधा का प्रावधान इस संबंध में सीसीआईएल द्वारा जारी परिचालन दिशानिर्देशों के अनुसार होगा। 19. बाजार अवसंरचना की मजबूती सुनिश्चित करने और वित्तीय बाजारों का विकास या जनहित में या सार्वजनिक हित में या देश की वित्तीय प्रणाली के हित के लिए विनियमित करने की आवश्यकता पर विचार करते हुए, स्टॉक ब्रोकर को सुविधा का अनुमोदन/अस्वीकृत/समाप्त करने के संबंध में रिज़र्व बैंक का विवेकाधिकार होगा। स्टॉक ब्रोकर के आवेदन को स्वीकृत या अस्वीकार करने या समाप्त करने के संबंध में रिज़र्व बैंक का निर्णय अंतिम होगा। डिम्पल भांडिया |